दाने दाने को तरसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाने दाने को तरसना मुहावरे का अर्थ daane daane ko tarasna muhavare ka arthभोजन प्राप्त होना या भोजन होने के कारण ‌‌‌भूखा रहना

दोस्तो अगर किसी के पास किसी कारण से भोजन न हो तो वह अपना पेट नही भर सकता है । पेट न भरने के कारण वह भुखा रहता है । उसे खाने के लिए कुछ भी न मिलता ‌‌‌हो तो इस तरह से रहने वाले के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है और कहा जाता है की यह तो दाने दाने के लिए तरस रहा है ।

जिस तरह से अगर किसी के पास अनाज का एक भी दान न हो तो वह सोचता है की काश मेरे पास दाने होते तो मै अपना पेट भर लेता तब उसके लिए यह मुहावरा बना है की दाने दाने के लिए ‌‌‌तरसना यानि भोजन के लिए तरसना ।

दाने दाने को तरसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाने दाने को तरसना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌लॉक डाउन मे अनेक लोग तो दाने दाने के लिए तरसने लगे ।
  • गाव मे बाढ आ जाने के कारण पुरा गाव दाने दाने के लिए तरसना लेगा था ।
  • पिता के मर जाने के बाद राहुल दाने दाने के लिए तरसने लगा ।
  • अगर पहले काम कर लेते ‌‌‌तो आज दाने दाने के लिए नही तरसना पडता ।

दाने दाने को तरसना मुहावरे पर कहानी Idiom story

‌‌‌प्राचिन समय की बात है महावीर नाम का एक आदमी अपने गाव मे रहता था । ‌‌‌उसका एक बेटा था जिसका नाम मनोज था । वह बहुत ही आलसी तरह का लडका था और उसका पिता उसे कभी कुछ नही कहता था । अपने पिता के न कहने के कारण ही वह दिन व रात सोता ही रहता था। उसके घर मे उन दोन के ‌‌‌अलावा और कोई भी नही था । महावीर अपने ‌‌‌खेत मे काम करता और अपना और अपने बेटे का पेट भरता था ।

महावीर बहुत ही दयालू आदमी था । अगर उसके पास कुछ नही भी होता तो भी वह लोगो की मदद कर देता था । उसे इससे कोई भी लेना देना नही था की क्या लोग उसके बुरे समय मे उसकी मदद ‌‌‌करेगे । इसी तरह से उन दोनो का ‌‌‌जीवन चल रहा था की एक दिन महावीर ‌‌‌शहर गया था ।

कुछ ही समय मे गाव के लोगो को खबर मिली की महावीर का एक्सीडेंट हो गया है ।यह सुनकर कुछ लडके उसके बेटे के पास गए और उसे भी यह खबर दी । मनोज ने जब खबर सुनी तो उसे बहुत दुख हुआ और वह रोने लगा । गाव के लोग शहर गए हुए थे और उन्होने वहां जाकर पता लगाया की महावीर बच जाएगा की नही । ‌‌‌

उन्हे पता चला की महावीर बहुत ही गभीर है । और कुछ समय बाद उन्हे पता चला की महावीर अब हमारे बिच नही रहा । अपने पिता के मर  जाने के कारण वह ‌‌‌भी बहुत दुखी था और गाव के लोगो ने किसी तरह से उसके पिता को अंतिम संस्कार करवाया । कुछ महीनो तक तो वह इसी तरह से उदास रहता रहा पर कुछ दिनो के बाद वह ‌‌‌पहले कह तरह ही आराम करने लगा था ।

उस वर्ष सभी लोगो ने अपने खेतो मे फसल बोई थी पर उसने नही बोई थी । इस कारण वह कुछ महीनो तक तो अपने पिता का कमाया हुआ खाता रहा पर जब वह खत्म हो गया तो वह दाने दाने के लिए तरसने लगा था । वह अपना पेट भी नही भर पाता था । तब उसने लोगो से कुछ ‌‌‌अनाज उधार ले लिए थे ।

लोगो ‌‌‌को लगा की अपने पिता के मर जाने के कारण इसने अपने खेत मे फसल नही बोई है अगली बार जब बोयगा तो हम हमारा अनाज वापस ले लेगे । इस तरह से वह कभी अपना पेट भर ‌‌‌पाता तो कभी नही । इसी तरह से पुरा वर्ष बित गया था पर जब अगली बार ‌‌‌बारीस हुई तो उसने अपने खेत मे फसल के लिए बिज गेर दिए थे ।

‌‌‌पिछले वर्ष उसके खेत मे फसल नही बोई गई थी इस कारण अबकी बार उसके खेत मे फसल बहुत ही अच्छी थी । यह देखकर मनोज व उसके गाव के लोग बहुत ही खुश थे की अबकी बार तो मनोज के सबसे ज्यादा अनाज होगा । वह गाव कुछ पहाडी इलाके के नजदीक था। जिसके कारण जब भी ज्यादा वर्षा हो जाती तो लोगो की सारी फसल नष्ट हो जाती थी ।

इस बार वही हुआ वर्षा इतनी तेज थी की ‌‌‌गाव के लोगो की सारी फसल नष्ट हो गई । इस कारण कुछ दिनो के बाद सभी लोग दोन दाने के लिए तरसने लगे थे । तब लोग मनोज के पास आते और कहते की तुम हमारा अनाज कब वापस दोगे ।

दाने दाने को तरसना मुहावरे पर कहानी Idiom story

तब मनोज भी उन लोगो से कहता की मै खुद दाने दाने के लिए तरस रहा हूं । पिछली बार फसल बोई नही थी और अबकी बार बोई तो पानी के ‌‌‌साथ बह गई। ‌‌‌अब मै अपना पेट ‌‌‌भी नही भर सकता तो आपको कहा से दुगा । इस तरह से मनोज दाने दाने के लिए तरसने लगा था । इस तरह से आप इस कहानी का अर्थ समझ गए होगे ।

दाने दाने को तरसना मुहावरे पर ‌‌‌निबंध Essay on idiom

‌‌‌साथियो इस तरह के मुहावरे का प्रयोग ज्यादातर उन लोगो के लिए ही होता है जो कोई काम नही करते क्योकी जो लोग काम करते है उनको तो आराम से अपना पेट भरने को मिल जाता है पर जो लोग काम नही करते वे रोजाना अपना पेट कैसे भर सकते है ।

इसी कारण से एक समय ऐसा आता है की वे दाने दाने के लिए तरसने लग जाते है ‌‌‌कहने का अर्थ यही है की उन लोगो के पास भोजन नही होने के कारण वे अपना पेट नही भर पाते और सोचते है की किसी तरह  से हमारे पास भोजन आ जाए तो अच्छा रहे ।

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तब जाकर उन्हे पता चलता है की हमारे काम न करने के कारण ही हम आज इस तरह से दाने दाने के लिए तरसते रहते है । क्योकी इस संसार मे कोई भी ऐसा नही ‌‌‌है जिसको कुछ ‌‌‌किय बिना ही भोजन मिलता रहे । हर कोई कुछ न कुछ करता ही रहता है । इस बिच जो लोग काम नही करते उनके पास तो भोजन कहा से आएगा । इस तरह के लोगो को उस समय अक्ल आती है ।

इस तरह के लोग इस संसार मे बहुत है जो पहले तो किसी और पर निर्भर रहकर ‌‌‌अपना पेट भरते है पर समय के साथ रोजान उन्हे भोजन कोई नही दे सकता । इस तरह से आप इस मुहावरे का सही तरह से अर्थ समझ गए होगे ।

दाने दाने के लिए तरसना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of dane dane ko tarasna in Hindi

दोस्तो आज के समय में ऐसा बहुत ही कम मिल सकता है कोई इस धरती पर रहता हो और वह भूखा रह कर अपना जीवन गुजार रहा हो ।

हालाकी कुछ ऐसे मिल सकते है मगर उनको भी किसी न किसी तरह से भोजन मिल ही जाता है । जैसे की हम किसी की मदद कर दे तो इस तरह से भी उसको भोजन मिल जाता है । इसके अलावा उसे किसी अन्य तरह से भी भोजन मिल सकता है । तो इस तरह से जो भोजन मिल रहा है वह उसका पेट भरने का काम करता है और यह आपको भी पता है ।

मगर दोस्तो अगर किसी को खाना नही मिलता है यानि भोजन नही मिल पाता है तो इसका मतलब हुआ की वह भूखा रहता है । और आपको बता दे की भोजन न मिलने के कारण से जब कोई भूखा रहता है तो इस मुहावरे का प्रयोग हम कर सकते है ।

क्योकी इस मुहावरे का तात्पर्य उस स्थिति से होता है जब भोजन प्राप्त न होना या भोजन न होने के कारण ‌‌‌भूखा रहने की बात होती है। और अब आपको यह समझ में आ चुका होगा की इस मुहावरे का वाक्य में प्रयोग आपको किस स्थान पर करना है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।