टांग अड़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

टांग अड़ाना मुहावरे का अर्थ tang adana muhavare ka arth – दखल देना

दोस्तो कुछ लोग ऐसे होते है जिनको कुछ भी नही आता पर वे ऐसे दिखावा करते है की हमे सब कुछ आता है और हर बात पर दखल देने लग जाते है की यह काम इस तरह से नही होगा यह काम तो इस तरह से होगा । इसे ही टांग अडाना कहते है ‌‌‌क्योकी जिस तरह से टांग अडाने से कोई भी व्यक्ति रास्ता पार नही कर पाता है । उसी तरह से जब कोई किसी काम मे दखल देता है तो वह काम रुक जाता है । और इस कारण से इस मुहावरे को टांग अडाना बनाया गया है ।

टांग अड़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

टांग अड़ाना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌तुम्हे कुछ आता भी है की नही इसी तरह से हर बात पर टाग अडाते रहते हो ।
  • तुम क्या मुर्ख हो जो हर बात पर टाग अडाते हो अपना काम कर लो ।
  • मुश्किल से तो इस काम को करना शुरु किया था पर तुमने आकर उसमे भी टांग अडा दी ।
  • ‌‌‌आजकल जब भी कोई नोकरी ‌‌‌की तैयारी करने के लिए बैठता है ‌‌‌तो कोई न कोई टांग अडा ही देता है ।
  • जब भी मै घर से बाह जाता हूं तुम टांग अडा देते हो आखिर तुम चाहते क्या हो ।

class="wp-block-heading has-vivid-red-color has-text-color">टांग अड़ाना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

‌‌‌कुछ समय पहले की बात है फुलचंद नाम का एक आदमी अपने गाव मे रहता था । फुलचंद के माता पिता कोई भी नही ‌‌‌थे पर उसके पिता ने उसे 5 कक्षा तक पढाया था और गाव मे उतना भी कोई नही पडा लिखा था । इस कारण फुलचंद अपने आप को तोप समझता था और जब भी लोग कुछ काम करते तो वह वहां जाकर उन लोगो ‌‌‌को शिक्षा देने लग जाता ‌‌‌था की यह काम इस तरह से नही होगा ।

इसी तरह से फुलचंद करता रहा और यही उसकी आदद बन गई थी । फुलचंद को गाव के लोग कुछ नही कहते थे क्योकी गाव के लोगो को भी लगता था की इसे सब पता है । धिरे धिरे समय के साथ साथ लोगो के बेटे भी पढने लगे और उनमे से अनेको ने तो फुलचंद से ज्यादा पढाई कर ली थी ।

जिससे ‌‌‌लोगो मे फुलचंद की चर्चा कम होने लगी थी । फुलचंद की चर्चा ना हो पर जब भी वह कही जाता तो वह पहले की तरह ही लोगो को ज्ञान देने लग जाता था । क्योकी वह तो अब उसकी आदद बन गई थी इस कारण वह अपने आप को रोक नही पाता था ।

‌‌‌एक बार फुलचंद अपने घर पर ही था की उसे पता चला की गाव मे कुछ लोग आए है और जो गाव के लोगो को बता रहे है की अगर आप सब मिलकर खेतो मे ‌‌‌अच्छी फसल उगाओगे तो सरकार आपकी मदद करेगी । साथ ही जब आपके खेतो मे फसल पक जाएगी तो सरकार आकर आपकी फसल यहीं से खरीद लेगी और वह भी अच्छे दामो मे ।

उसे इस बारे मे पता ‌‌‌चलते ही वह उन लोगो के पास चला गया था और पता लगाने लगा की आखिर बात क्या है । उन लोगो ने एक घण्टे तक भाषण दिया था और बादमे वहां से चले गए । तब लोगो ने आपस मे पुछा की ये लोग क्या कह रहे थे ।

तभी फुलचद वहा था और वह बोल पडा की कहने को तो कुछ भी कह रहे थे पर आप इन लोगो की बात मे मत आ जाना । वरना आप ‌‌‌लोगो को तो पता भी नही चलेगे का आपकी फसल किस कारण से कम हो गई और इतने सस्ते मे कैसे बिक गई ।

तभी जो लडके बहुत पढे लिखे थे वे बोल पडे की चाचा आप इस काम मे अपनी टाग मत अडाओ ये जो कह रहे थे वह बात सच है । आज के समय मे ऐसा होने लगा है । इस तरह से गाव के लोगो को उन लडको ने समझाया तब जाकर ‌‌‌उन्हे समझ मे आया था ।

इसी तरह से जब उन लोगो ने फसल खरीदनी शुरु की तो भी फुलचंद उसमे अपनी टांग अडाने लगा था की आप लोग यह क्या कर रहे हो ये लोग आपको ठग रहे है । उस दिन उसकी किसी ने भी नही सुनी । तब कुछ लोगो ने उसे कहा की फुलचंद तुम अपना काम करो तुम्हे पता तो कुछ है नही और इसी तरह से हर काम ‌‌‌मे अपनी टांग अडाने लग जाते हो ।

तब फुलचंद चुप चाप अपने घर चला गया था । कुछ दिनो के बाद किसी के घर मे शादी थी उस शादी मे फुलचंद को भी बुलाया था और वह भी उस शादी मे गया था । वहां पर जाकर वह लोगो को कहने लगा की आप इस तरह से शादी मत करो और इस तरह से कह कर लोगो को काम करने से एक जगह रोक लिया था । ‌‌‌

बारात आ गई पर किसी ने भी उनके स्वागत की तैयारी नही कि जब किसी ने तैयारी नही की तो एक बडा आदमी फुलचंद के पास जाकर बोलने लगा की फुलचंद तुम्हे यहां पर बुलाया तो आकर चले जाओ न क्यो इन लोगो के काम मे टांग अडा रहे हो ।

टांग अड़ाना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

ऐसा कहने पर वह चिड गया और कहने लगा की मैने इन लोगो को काम करने से कब रोका ‌‌‌है तभी वे लडके बोल पडे की चाचा आप तो हमेशा से ही हर काम मे टांग अडाते आ रहे हो पर किसी ने आपको कुछ नही कहा पर अब समय बदल गया है । जब सब ‌‌‌बोल पडे तो फुलचंद ने अपनी गलती मान ली और वहां से चुप चाप चला गया था । इस तरह से आप इस कहानी का अर्थ समझ गए होगे ।

टांग अड़ाना मुहावरे ‌‌‌पर ‌‌‌निबंध Essay on idiom

‌‌‌साथियो आज का समय ऐसा है की कोई भी अपने काम मे किसी दुसरो की दखल देना बरदाश नही करता और इस बिच मे उसे कोई आकर कहे की इसे इस तरह से करो तो वह भडक जाता है । इसी को टांग अडाना कहते है । इस संसार मे इस तरह के लोगो की कोई कमी नही है । आपको इस तरह के लोग हर जगह पर मिल जाएगे ।

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‌‌‌इस तरह के लोगो मे से ज्यादातर लोग तो ऐसे होते है जिनको कुछ भी पता नही होता है  । फिर भी वे लोगो को सलाह देने लग जाते है की इस काम को इस तरह से करो। आज के समय मे कोई भी उनकी नही सुनता और कहता है की तुम अपने काम से काम रखो क्यो हमारे काम मे टांग अडाते हो । इस तरह से इस तरह के लोगो की कोई कमी नही ‌‌‌है । इस तरह से आप इस मुहावरे का सही आर्थ समझ गए होगे ।

टांग अड़ाना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of tang adana in Hindi

दोस्तो आज के इस समय में जो लोग हमारे आस पास रहते है वे हमारे काम में दखल देते रहते है और यह सब आपने देखा होगा । जब आप किसी तरह का काम करते है तो दूसरे उस काम में दखल देते है और आपको अलग अलग तरह की राय देने लग जाते है । हालाकी उनका इस काम में दखल देने का कोई मतलब नही होता है ।

जैसे की आप अध्ययन कर रहे है तो दूसरे लोग आपको आकार ज्ञान देने लग जाते है की तुम इस तरह से मत पढो इस तरह से पढो । तो यह जो कुछ है वह एक तरह से दखल देना होता है और इस तरह से जो लोग दखल देने का काम करते है सच में उन लोगो के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है ।

दरसल यह जो मुहावरा है जिसे हम टांग उड़ाना के नाम से जानते है इसका तात्पर्य उसी स्थिति से होता है जब मानव दखल देने लग जाता है । अब आपको भी पता है की आज के इस युग में ऐसा कोई नही है जो की किसी की दखल देना पसंद करता हो । तो इस तरह से जो लोग दखल देने का काम करते है उन्हे बंद कर देना चाहिए । वैसे इस मुहावरे के बारे मे आप समझ गए होगे ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।