आँख बचाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य और एक कहानी

आँख बचाना मुहावरे का अर्थ aankh bachana muhavare ka arth  – कतराना या नज़र बचाकर निकल जाना।

दोस्तो आपने चोर का नाम सुना होगा । यह वह होता है जो की चोरी करता है । और चोर हमेशा ही पुलिस से और लोगो से बचा कर चोरी करता रहता है । और वह अनेक बार पुलिस से नजर बचाकर निकल जाता है । मगर‌‌‌ यह हमेशा नही होता है कभी न कभी तो चोर पकड़ जाता है । मगर कुछ भी कहो चोर जो होता है वह नजर बचाकर निकलने में माहिर होता है ।

तो इस तरह से जब कोई व्यक्ति किसी भी कारण से दूसरो से नजर बचाकर निकल जाता है तो इसे आंख बचाना कहा जाता है । अब आपको यह भी बता दे की नजर बचा कर निकल जाने को कतराना भी ‌‌‌कहा जाता है जिसके कारण से इस मुहावरे का अर्थ कतराना भी होगा । तो दोस्तो कुल मिलकार हमारा कहना है की इस मुहावरे का अर्थ कतराना या नज़र बचाकर निकल जाना दोनो ही होते है ।

आंख बचाना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग || aankh bachana sentence in hindi

  • किसन साहब जब से सेठ जी से उधार धन लिया है तब से सेठ जी से आंख बचाता रहता है ।
  • ‌‌‌बैंक में चोरी हो रही थी और पुलिस वहां पर पहुंची ही थी मगर चोर पुलिस से आंख बचा कर निकल गया ।
  • आधी रात को चोर लोगो से आंख बचाकर हमारे घर में आया और सब कुछ चोरी कर कर ले गया ।
  • अक्षर गुन्हेगार लोगो से आंख बचाकर गुन्हा करता है ।
  • इस तरह का गलत काम कोई लोगो से आंख बचा कर ही कर सकता है ।
  • ‌‌‌अगर महेश ने कुछ गलत किया है तो यह सब उसने लोगो से आंख बचा कर ही किया होगा ।
  • मैं कुछ गलत तो कर नही रहा हूं जो मुझे आपसे आंख बचाने की जरूरत है ।

आंख बचाना मुहावरे पर कहानी || story on aankh bahana idiom

दोस्तो आज के समय में आपको मालूम है की बहुत से ऐसे लोग है जो की हमेशा लोगो से बच कर गुन्हा करते रहते है । वैसे ही दुनिया ‌‌‌में जिस किसी कार्य को गलत माना जाता है वह केवल लोगो से बच कर ही किया जा सकता है । क्योकी जब लोगो को इस बारे में पता चल जाता है तो थाना ‌‌‌अधिकारी उसे पकड़ कर सजा दिला देता है । ऐसे ही एक कहानी है जिसके बारे में आपको मैं बता रहा हूं ।

कहानी उस समय शुरू होती है जब हमारे देश पर राजा महाराजाओ का ‌‌‌सासन हुआ करता था । दरसल दोस्तो उस समय एक ऐसा राजा हुआ करता था जिनका नाम सुनते ही ऐसा लगता था की मानो कोई पर्वत हो । क्योकी राजा का नाम पर्वतराज था । और ऐसे राजा के समाने भला कोन जुर्म कर सकता है ।

मगर कहते है की चाहे किसी भी स्थान पर क्यो न चले जाओ कुछ लोग तो ऐसे मिल जाते है जो की जुर्म ‌‌‌करते रहते है । मगर उनके बारे में किसी को पता नही होता है ।

मगर इस तरह के लोग ज्यादा समय तक बचे नही रह सकते है । वैसे ही आपको बता दे की पर्वतराज के राज्य में एक बार चोरी होने लगी थी। मगर लोगो को एक वर्ष तक तो इस बारे में पता तक नही चला था की उनका कुछ चोरी हो रही है । आपको बता दे की चोर इतना ‌‌‌अधिक सातिर था की वह जब भी चोरी करता था तो किसी तरह का कोई सुराग नही छोड़ता था ।

अब आप कहेगे की सर जी ऐसा कैसे हो सकता है की चोर लोगो का मुल्यवान वस्तु की चोरी करता था मगर किसी को एक वर्ष तक इस बारे में पता तक नही चला था । तो दोस्तो आपको बता दे की जो चोर था वह धन की चोरी नही करता था । बल्की ‌‌‌वह चोर लोगो के घरो से अन्न की चोरी करता था ।

वैसे आपके मन में अब आ रहा होगा की अन्न चोरी हो जाने के कारण से भी लोगो को पता क्यो नही चल पाता था । तो इसके पीछे का कारण यह था की चोर किसी घर से तो थोड़ा अन्न ही चोरी करता था । जैसे की 10 बोरी में अन्न रखा है तो चोर एक बोरी चोरी कर लेता है । और ‌‌‌किसी न किसी घर से तो चोर सारा अन्न चुरा लेता था और फिर उस घर में आग लगा देता था ।

अब आग लग जाने के कारण से सभी को लगता की आग लगने के कारण से ही अन्न की चोरी हुई थी । और यही कारण था की कोई पर्वतराज के पास जाकर इस बारे मे सुचना देना उचित नही समझता था ।

मगर हद तो तब हो गई जब बार बार लोगो के ‌‌‌साथ ऐसा होने लगा था । दोस्तो फिर क्या हुआ की उस नगर की प्रजा में इस बात को लेकर काफी अधिक अफवा फैली और कुछ लोग कहते की हमारे राज्य पर अग्नि देव का क्रोध है और इसी कारण से ऐसा हो रहा है । और कुछ लोग ऐसा कहते थे की इस नगर में कोई आग का भूत है जो की ऐसा कर रहा है ।

और कुछ लोग सकारात्मक सोच ‌‌‌रखते हुए कहते की इनमे से कोई भी कारण नही है बल्की लोग घर में जिससे रोशनी करते है उसी के कारण से आग लगती है । दरसल उस समय तेल का दिया बनाया जता था और उससे रोशनी की जाती थी । जिसके कारण से वह अनाज पर गिर जाता था और अनाज जल जाता था ।

मगर ऐसा कुछ नही हुआ । और इस बारे में जब राजा पर्वतराज को पता ‌‌‌चला तो राजा पर्वतराज ने  इस बात को गंभीरता से लिया और अगले ही वर्ष जो भी अन्न राज्य में हुआ था वह सुरक्षित हिसाब किताब करते हुए अपने गोदाम में रखवा दिया था । और वहां पर सेनिको का काफी अधिक मजबुत ‌‌‌पहरा लगा दिया । जिसके कारण से लोगो को यह देखने को मिला की जो अन्न है वह चोरी नही हुआ और ‌‌‌किसी के घर में आग नही लगी । तब लोगो को मालूम चल गया की जरूर कोई है जो की सारा अन्न चुराता है ।

अब राजा की पकड़ में वह चोर नही आ रहा था तो राजा ने पुरी प्रजा के सामने अलान किया की अगर चोर में हिम्मत है तो इस अनाज को चुरा कर दिखा दे । अब क्योकी चोर जो था वह प्रजा में ही था तो उसने इस बात को ‌‌‌सुन लिय और इस बात को ‌‌‌गंभीरता से लेते हुए राजा के गोदाम से अन्न की चोरी करने की योजना बना ली ।

अब इस बात को एक वर्ष बित गया मगर राजा को यह तक पता नही चला की उसके गोदाम से चोरी हो गई है । क्योकी चोर ने सेनिको से आंख बचा कर चोरी कर ली । और इस बारे में तो राजा को तब पता चला जब अनाज ज्यादा रखा ‌‌‌गया था वह लोगो को वापस दिया गया था ।

क्योकी वापस देते समय अनाज कम था । क्योकी राजा को पता था की चोर अनाज की चोरी कर लेता है और आग लगा देता है । मगर राजा को यह नही मालूम था की चोर बहुत सारे अनाज में से थोड़ा सा अनाज भी चोरी कर लेता है ।

हालाकी इस बारे में राजा ने लोगो को नही बताया । क्योकी ‌‌‌राजा को पता चला की अगर इस बारे में प्रजा को बताया गया तो प्रजा ‌‌‌समझेगी की राजा की हिफाजत से चोर चोरी कर लेता है और राजा को पता तक नही चला था ।

मगर अब राजा पर्वतराज भी कम नही था । वह इस बात के कारण से काफी परेशान हो रहा था और चोर को पकड़ने की अलग अलग तरह से कोशिश करता जा रहा था । मगर चोर सातिर ‌‌‌था जिसके कारण से चोर राजा के पकड़ में नही आया । इसी तरह से छ महिने और बित गए । और अब प्रजा में शांति थी क्योकी किसी का अनाज चोरी नही हो रहा था ।

मगर अब चोर अनाज की चोरी करना छोड़ देता है बल्की वह लोगो के घरो में जाता है और उनसे आंखे बचा कर तेल की चोरी कर लेता है । और यह तो राजा के महल   ‌‌‌से शुरू हुआ था ।

दरसल एक दिन की बात है राजा को एक पत्र लिखा हुआ मिला जिसमें लिखा था की राजा साहब मैं एक चोर हूं और आपने मुझे चुनौति दी की अनाज चोर कर के दिखा दे । तो मैंने चोरी कर लिया । और अब मैं आपको फिर से सुचना दे देता हूं की मैं आपके महल से चोर करने वाला हूं  । और यह पत्र मिलने के   ‌‌‌बाद में राजा ने महल की सुरक्षा के लिए और सेनिको को लगा दिया ।

मगर एक महिना बित गया राजा को यह तक पता नही चला की उसके महल से कुछ चोरी हुआ है की नही । दरसल राजा के महल से और कुछ नही बल्की तेल की चोरी हुई थी । और यह तेल वह था जिसे जला कर रात के समय में रोशनी की जाती थी । मगर राजा की सातिरता ‌‌‌धरी की धरी रह गई ।

आँख बचाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य और एक कहानी

और जब इसी तरह से अंत में होता रहा तो राजा को पता चला की चोर काफी सातिर है । और उससे जितना आसान नही होगा । मगर तभी उसे एक ख्याल आया की अगर चोर को ही नोकरी दे दी जाए तो चोर की चोरी छुट जाएगी और वह सही तरह से अपना जीवन जी सकता है ।

तभी राजा ने घोषणा कर दी की जो भी इस नगर में ‌‌‌उसे बता दे की चोर जो भी कोई है वह मुझसे मिले और उसे पकड़ा नही जाएगा और उसे नोकरी दी जाएगी । यह सुन कर प्रजा काफी हक्का बक्का रह गई । क्योकी चोर को नोकरी यह खबर लोगो को पसंद नही आई । मगर राजा के समाने कोई कुछ नही बोला ।

एक समय के बाद में राजा को पत्र मिला जिसमें लिखा था की राजा साहब मैं ‌‌‌आपकी बात का यकिन नही कर सता हूं  । क्योकी आप न्यायकर्ता है ओर मैं एक चोर हूं । हां अगर आप मुझे नोकरी देना चाहते है तो मैं काम करने के लिए तैयार हूं । मगर आपको यह पता नही होगा की आखिर मैं कोन हूं । राजा यह सुन कर समझ गया की चोर काफी सातिर है उसे पकड़ना मुमकिन तक नही है ।

मगर राजा ने चोर की ‌‌‌बात मान ली और फिर चोर को एक खुफिया काम दे दिया । जिसमें राजा अपने दुश्मन राजा के बारे में चोर से सब कुछ पता करने की कोशिश करता रहता था । और यह काम चोर इतनी सावधानी से करता था की अन्य दुश्मन राजाओ से आंख बचा कर सब कुछ हासिल कर लेता और उन्हे पता तक नही चलता था । और इस बात का फायदा राजा ‌‌‌पर्वतराज को हुआ । साथ ही प्रजा को भी हुआ था । तो इस तरह से चोर की चोरी छुट गई और उसे नोकरी मिल गई और राजा के पास एक अच्छा आदमी काम करने लग गया ।

तब राजा को समझ में आ गया की चोर लोगो की आंखो से बच कर यह सब करने में काफी सातिर है तभी वह मेरी पकड़ में नही आया । तो दोस्तो इस कहानी से आपको यह समझ ‌‌‌में जरूर आया होगा की आंख बचाने का मतलब नजर बचा कर निकल जाना होता है ।

आंखे बचाना मुहावरे पर निबंध || Essay on Idioms to aankh bachana in Hindi

अगर आपने इस मुहावरे के बारे में पुरे लेख को अच्छी तरह से पढा है तो आपको यह मालूम चल गया होगा की आंख बचाना आखिर क्या होता है । जैसे की हमने कहानी में बताया की एक चोर होता है जो की चोरी करते समय ‌‌‌लोगो से बचकर निकल जाता था ।

आँख बचाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य और एक कहानी

और यह उसमें एक खुबी थी जिसके कारण से वह राजा पर्वतराज से भी नजर बचाकर निकल जाता था । और अंत में इसी खुबी के कारण से चोर को एक अच्छा काम मिला था । तो दोस्तो इस तरह से कहने का मतलब यह है की आज के समय में आपको ऐसे अनेक तरह के लोग मिल ‌‌‌सकते है जो की दूसरो से आंखे बचा ‌‌‌कर अपना काम कर लेते है । वैसे चोर हमेशा लोगो से और पुलिस से आंख बचा कर चोरी करता है और इस बात में कोई संका नही है ।

हालाकी अंत में चोर पकड़ा जाता है । मगर मेरे अनुसार अगर उसका कार्य या पैशा ही बदल दिया जाए तो यह सबसे बडी सजा होती है । क्योकी इससे चोर की चोरी मर जाती है । अगर हम चोर को जेल में ‌‌‌डालते है तो वह जेल से वापस निकल कर चोरी ही करेगा । हालाकी अगर उसे कोई काम दिया जाता है तो वह चोरी को छोड सकता है।

अब कमेंट में बता देना की आप किस कक्षा में अध्ययन करते हो ।

very very most important hindi muhavare

का वर्षा जब कृषि सुखाने का मतलब और वाक्य में प्रयोग व निबंध

नीम हकीम खतरे जान मुहावरे का मतलब और वाक्य में प्रयोग

अधजल गगरी छलकत जाए मुहावरे का मतलब और वाक्य व कहानी

जैसा देश वैसा भेष मुहावरे का मलतब और वाक्य मे प्रयोग

नौ दिन चले अढ़ाई कोस का मतलब और वाक्य में प्रयोग व कहानी

नेकी कर, दरिया में डाल का मतलब और वाक्य व निबंध

चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग व कहानी

आव देखा न ताव का अर्थ और वाक्य व निबंध

थोथा चना बाजे घना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

तेल देखो, तेल की धार देखो का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

आसमान पर मुहावरे aasman par muhavare

कंगाली में आटा गीला मुहावारे का मतलब और वाक्य व कहानी

भूखे भजन न होय गोपाला का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व ‌‌‌कहानी

साँच को आँच नहीं मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

ऐरा – गैरा नत्थू खैरा का मतलब और वाक्य में प्रयोग व निबंध

पर उपदेश कुशल बहुतेरे मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग व कहानी

आँख का अंधा गाँठ का पूरा का अर्थ और वाक्य में प्रयोग व कहानी

खाली दिमाग शैतान का घर का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

अपनी करनी पार उतरनी का मतलब और वाक्य में प्रयोग

खाली दिमाग शैतान का घर का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा का मतलब और वाक्य व निबंध

जैसी करनी वैसी भरनी का अर्थ और वाक्य में प्रयोग और कहानी

जंगल में मोर नाचा, किसने देखा का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

जितने मुँह उतनी बातें मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आधा तीतर आधा बटेर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

जान बची तो लाखों पाए का मतलब और वाक्य व कहानी

अकल बड़ी या भैंस का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व निबंध

जहाँ चाह वहाँ राह का मतलब और वाक्य व कहानी

घर का भेदी लंका ढाए का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग व निबंध

हाथ कंगन को आरसी क्या मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मन चंगा तो कठौती में गंगा का अर्थ और वाक्य व कहानी

न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

4 दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

जल में रहकर मगर से बैर मुहावरे का मतलब और वाक्य में प्रयोग

‌‌‌तीन लोक से मथुरा न्यारी का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

आगे नाथ न पीछे पगहा का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌आसमान से गिरा खजूर में अटका मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌नौ नकद, न तेरह उधार मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।