पत्थर की लकीर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पत्थर की लकीर मुहावरे का अर्थ patthar ki lakeer muhavare ka arthअमिट या स्थिाई बात

दोस्तो कुछ लोग ऐसे होते है जो एक बार कुछ कह देते है तो वे उस बात से मुकरते नही है चाहे उनके प्राण भी क्यो न चले जाए । अपनी बात पर अडे रहते है । ऐसे लोगो के द्वारा कही गई बातो को पत्थर की ‌‌‌लकीर कहा जाता है । जिस तरह से पत्थर की लकीर कभी भी मिट नही सकती है उसी तरह से उनके द्वारा कही गई बात कभी भी टल नही सकती है । अर्थात अपनी बातो पर स्थाई रहते है ।

पत्थर की लकीर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पत्थर की लकीर मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग  Use in sentence

  • ‌‌‌तुम मेरी बात को पत्थर की लकीर समझो मै तुम्हारी मदद करुगा ।
  • अडियल सेठ की हर एक बात पत्थर की लकीर होती है ।
  • रमेशबाबू ने अगर एक बार कुछ कह दिया तो कभी भी वे उससे मुकरते नही है चाहे वह मर ही क्यो न जाए ।
  • मै तुम्हारी बातो पर कैसे विश्वास कर लू तुम्हारी बाते क्या पत्थर की लकीर है ।
  • ‌‌‌अगर तुम पत्थर की लकीर के समान बात कहोगे तो मै मान लूगा की तुम कभी मेरा बुरा नही करोगे ।

पत्थर
की लकीर मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

‌‌‌प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक सेठ रहता था । सेठ बहुत ही धनवान होने के साथ साथ लोगो मे उसका नाम भी था । यहां तक की अगर गाव के लोगो को किसी चिज की जरुरत होती तो वे सेठ के पास आकर ही मदद मागते थे । सेठ भी उन्हे कभी भी मना नही करता था । साथ ही जब भी गाव के लोगो को कोई फैसला लेना होता तो ‌‌‌वे सेठ के पास आकर ही उस समस्या को सुलझाते थे ।

इसी तरह से सेठ उनका पालन हार बन गया था । और लोगो को जब भी किसी से परेशानी होती या फिर किसी के बिच मे झगडा हो जाता तो वे सेठ के पास आने लग गए और सेठ भी उनकी मदद करने लग गया था । इस कारण समय के साथ लोग भी सेठ की हर एक बात मानने लगे थे ।

एक समय ‌‌‌ऐसा आ गया जब अगर सेठ लोगो से कुछ कह देता तो लोग उनकी बात मान लेते थे । यहां तक की अगर कोई अपराध कर देता तो सेठ उसे सजा सुनाता और अपराधी अपना अपराध मान कर सजा स्वीकार कर लेता था ।

गाव मे लोग तो और भी अमीर थे पर सेठ ने लोगो का दिल जित रखा था । इस कारण वे लोग सेठ के पास आकर मदद मागते थे किसी और के पास ‌‌‌नही जाते थे । इसी तरह से एक दिन गाव मे सेठ से ‌‌‌कोई अपराध हो गया था तो सेठ ने स्वयं ही लोगो को बुलाकर अपना अपराध स्वीकार कर लिया था ।

सेठ को लोग इतना मानते थे की जिसके साथ गलत हुआ था उसने भी मना कर दिया की सेठ से कोई गलती नही हुई है यह तो मेरी ही गलती है । तब सेठ ने उसे समझाया और कहा की मैने ‌‌‌आज तक आप लोगो को सजा दी है पर आज मै स्वयं सजा मागना चाहता हूं । सेठ के सजा मागने पर किसी ने उन्हे सजा नही दी ।

तब सेठ ने स्वयं को ही सजा दे दी और गाव के लोगो को कहा की आप लोग मुझे सजा नही देते तो क्या मै अपने आप को सजा दे दूगा । सेठ ने अपने आप को सजा के तोर पर जगल जाने को कहा और लोगो से कहा ‌‌‌की मै अपनी गलती के पाप ‌‌‌को मिटाने के लिए हमारे पास जो जगल है वहां जाकर रहुगा और वह भी पांच वर्षो तक ।

लोगो ने उन्हे खुब समझाया पर सेठ नही माना और जगल के लिए रवाना हो गया था । लोगो को पता था की सेठ की हर एक बात पत्थर की लकीर है वे कभी भी अपना फैसला नही बदलेगे । पर लोगो को डर भी था की जगल मे अगर ‌‌‌किसी जिव जन्तु ने ‌‌‌उन्हे ‌‌‌कुछ नुकसान पहुंचा दिया तो क्या होगा ।

इसी कारण सेठ के घर वालो ने भी उन्हे रोकने की कोशिश की पर उन्होने किसी की भी नही सुनी । तब उनके घर के लोगो को भी पता चल गया की सेठ किसी की भी बात नही सुनेगे । इस तरह से सेठ जगल मे रहने के लिए ‌‌‌चला गया ।

जंगल मे उस समय आदिवासी रहते थे और सेठ के जाने पर आदिवासियों ने सेठ पर हमला बोल दिया और सेठ को पकड लिया । सेठ को इस बात से कोई गम नही था की आदिवासी उन्हे मार देगे । सेठ का बचने का भी कर्तव्य बनता है इस कारण उन्होने आदिवासियों से बचने के बार मे सोचा ।

तब सेठ ने आदिवासियों से कहा की अगर आप ‌‌‌लोग मुझे कुछ भी नुकसान नही पहुंचाओगे तो मै आप लोगो की पांच वर्षो तक मदद करता रहुगा और आप लोगो का पेट भरता रहुगा ।

आदिवासियों ने उनकी एक भी नही सुनी वे उन्हे मारने ही वाले थे की आदिवासियों के सरदान ने कहा की आप हो कोन तब सेठ ने अपना नाम बताया तो सरदार को पता चल गया की यह नजदिक गाव का सेठ है । उसे पता था की यह बहुत चतुर है और इसकी बात पत्थर की लकीर है ।

पत्थर की लकीर मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

इस कारण उन्होन सेठ की बात मान ली और जिसके कारण सेठ ने पांच वर्षो तक आदिवासियों का पेट भरा था । जब पांच वर्ष हो गए तो सभी आदिवासियों को विश्वास हो गया था की सेठ के द्वारा कही गई बाते पत्थर की लकीर होती है । और उन्होने उसे पांच ‌‌‌वर्षो के बाद छोड दिया था । इस तरह से आप इस कहानी से समझ गए होगे की पत्थर की लकीर होना किसी कहते है ।

पत्थर की लकीर मुहावरे ‌‌‌पर ‌‌‌निबंध Essay on idiom

‌‌‌साथियो आज के समय मे अपनी बात पर डटे रहने वाले लोगो की सख्या बहुत ही कम होती है अगर इन लोगो के बिच कुछ लोग ऐसे आ जाए जो अपनी बात पर डटे रहते है और जैसा एक बार कह देते है हमेशा उसी पर चलते है । तो उन लोगो के द्वारा कही गई बातों को पत्थर की लकीर कहा जाता है ।

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आज की इस दुनिया मे ऐसे लोगो का ‌‌‌मिलना बहुत ही मुश्किल है । क्योकी आज तो हर कोई अपना पेट भरने मे लगा रहता है जिसके लिए वे कुछ भी करने को तैयार है । ऐसे लोग अपनी बातो पर कैसे डटे रह सकते है ।

इस तरह के लोगो के लिए इस मुहावरे का प्रयोग नही किया जा सकता है । इस मुहावरे का तो सही अर्थ ही ऐसी बात से है जिस पर हमेशा डटे रहे । ‌‌‌अर्थात् अमिट या स्थिाई बात । इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

पत्थर की लकीर मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of patthar ki lakeer muhavare in Hindi

दोस्तो एक बात को आपको हमेशा ध्यान रखना है की जब आपसे कोई मुहावरा पूछा जाता है तो उसकी गहराई को समझना होता है ।

जैसे की इस मुहावरे में पत्थर की लकीर की बात की जा रही है तो आप एक बात को समझाइए क्या आप पत्थर की लकीर को मिटा सकते है । आप चाहे कितना भी प्रयास कर ले आप अपने पूरे जीवन में इस पत्थर की लकीर को नही मिटा सकते है और यह आप इस मुहावरे से समझ सकते है ।

अब क्योकी लकीर मिट नही रही है तो आप यह समझे की लकीर अब स्थाई हो चुकी है और इसी तरह से इस मुहावरे का तात्पर्य स्थाई बात से हो जाता है । क्योकी आप मुहावरे से समझ सकते है की यह स्थाई होने की बात करता है तो इसका मतलब हुआ की इसका अर्थ अमिट या स्थिाई बात से होता है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।