काँप उठना (kap uthana) मुहावरे का अर्थ

काँप उठना मुहावरे का अर्थ kap uthana muhavare ka arth – अधिक डर जाना ।

दोस्तो जब आप रात को किसी अनजान जगह का सफर करते हुए कही पर जाते हो । और आपको रास्ते में ऐसा कुछ देखने को मिल जाता है जीसे आपने पहले नही देखा है । तो आप ऐसा कुछ देख कर काफी अधिक डर जाएगे । जैसे की आपने रास्ते में भूत को देख ‌‌‌लिया है । तो आप उस भूत को देख कर काफी अधिक डर जाते है । और आप इतने अधिक डरते है की आप वापस भी भागने लग सकते हो । तो इस तरह से किसी भी कारण से अधिक डरने को ही कांप उठना कहा जाता है ।

काँप उठना (kap uthana) मुहावरे का अर्थ

कांप उठना मुहारे का वाक्य में प्रयोग

  • डॉक्टर साहब की सुई को देख कर मयक कांप उठा ।
  • रास्ते में डरावनी आत्मा ‌‌‌को देख कर रामू कांप उठा और वापस अपने घर में भाग गया ।
  • भाई तु चोर है और तुम्हे रात को ही अपने काम पर जाना पड़ता है अगर तुम रात में कुछ देख कर कांप उठोगे तो कैसा चलेगा ।
  • हजारी के घर में चोर घुस आया मगर हजारी के घर में बिल्ली रो रही थी जिसकी आवाज सुन कर चोर कांप उठा और बिन चोरी किए ‌‌‌ही वापस भाग गया ।
  • सुनसान जंगल से जाना है और वह भी रात का सफर मैं तो आज काम उठूगा ।
  • पुलिस को देख कर गुनेहगार कांप उठा ।

‌‌‌कांप उठना मुहावरे पर कहानी

दोस्तो प्राचीन समय की बात है किसी नगर में राजाराज नामक एक सेठ हुआ करता था । जो की धनवान काफी अधिक था । राजाराज के धन के बारे में आस पास के गावो और शहरो में भी काफी अधिक चर्चा हुआ करती थी । मगर वह स्वयं ही इस बारे में कहता की मेरे पास इतना अधिक धन है की ‌‌‌अगर किसी ने चुरा लिया तो उसका जीवन सफल हो जाएगा ।

मगर जब चोर चोरी करते हुए पकड़ा गया तो वही मेरे पास उम्र भर काम करता है । इसके साथ ही राजाराज कहता की अगर किसी ने मेरे घर से चोरी कर ली तो यह सभी नोकर भी उसी के हो जाएगे । इस तरह से राजा राजा ‌‌‌खुली घोषणा करता था की मेरे घर से कोई चोर है तो चोरी ‌‌‌कर ले ।

मगर दोस्तो जब राजाराज ऐसा कह रहा था तो इसके पिछे कुछ न कुछ कारण ही होगा । क्योकी राजाराज ने अपने घर में धन कहा पर रखा है इस बारे में खोजने में ही चोर को उम्र भर का समय लग सकता था । इस बारे में राजाराज के घर के सदस्यो तक को नही मालूम था । ‌‌‌जब इस तरह की बातो को आस पास के लोगो ने सुना की लोग ‌‌‌कहते है की उसके घर में कोई चोरी ही नही कर सकता है । तो वही के एक पास शहर में एक गुंगा चोर रहा करता था ।

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 दरसल वह गुंगा नही था मगर उसे लोग गुंगाचोर ‌‌‌कहते ‌‌‌थे । उसके बारे में गाव के सभी लोगो को मालूम था । क्योकी वह वहां का एक प्रसिद्ध चोर था । ‌‌‌मगर किसी ने उसकी सकल नही देखी थी बल्की उसका नाम ही सुन रखा था । गुंगा चोर से अधिक तो वहां के लोग उसके नाम से डरते थे । और यही कारण था की सभी अपने पास धन तक नही रखते थे । क्योकी सभी को मालूम था की अगर उनका धन गुंगाचोर पक्का चुरा लेगा ।

‌‌‌इस तरह का चोर होने के बाद भी वह राजाराज का धन चुराने में असफल रहा था । मगर आप इस चोरी की कहानी के बारे में जान कर काफी अधिक चौक जाओगे । क्योकी गुंगाचोर के साथ ऐसा कुछ हुआ जो की किसी हसी मजाक से कम नही होगा ।

‌‌‌दरसल जैसे ही गुंगा चोर को उसके साथियो ने कहा की आप राजाराज के यहां पर चोरी नही कर सकते हो तो गुंगा चोर कहने लगा की मैं चोरी कर कर आपको दिखा दूगा । और इसी बात को अपनी जीद में ले ली । ‌‌‌जिसके कारण से गुंगा चोर राजाराज के यहां चला गया और वहां पर जाकर चोरी ‌‌‌करने की योजना करने लगा था ।

 मगर राजाराज ने अपने घर को इस तरह से बना रखा था की उसके अंदर क्या हो रहा है किसी को कुछ पता नही चलता था । और यही कारण था की गुंगा चोर को दो दिनो तक यह पता चल लग सका की वह कैसे चोरी कर पाएगा । ‌‌‌इस कारण से गुंगा चोर बिना किसी योजना के ही राजाराज के घर के अंदर चला गया था ।

 मगर जैसे ही राजाराज के घर कें अंदर गुंगा चोर पहुंचा तो वह सब कुछ देख कर हैरान हो गया था । क्योकी राजाराज के घर में चारो और दरवाजे थे । यह देख कर गुंगाचोर को कुछ ‌‌‌समझ में नही आ रहा था की वह किस दरवाजे से अंदर जाए । मगर फिर उसने एक दरवाजे को चुना और अंदर चला गया था । जैसे ही गुंगा चोर पहले दरवाजे से अंदर चला गया वह बंद हो चुका था । मगर चोर डरा नही बल्की वह अंदर बढता जा रहा था । मगर जैसे जैसे गुंगा चोर अंदर जाता जो दरवाजे बंद हो रहे थे वे वापस भी खुल जाते ‌‌‌थे ।

क्योकी यह एक तरह का भ्रम था । जो की राजाराज ने चोर से बचने के लिए बना रखा था । मगर फिर भी गुंगा चोर को जैसे ही दुसरा दवाजा पार करता डरावनी आवाजे आने लगी । जैसे मानो की यह घर कोई भुतिया हो । मगर अब भी गुंगा चोर डरा नही बल्की वह आगे बढता हुआ अगला दरवाजा पार करता है तो वह देखता है की एक ‌‌‌सफेद कपड़े पहने हुए ओरत है और जो लाईट जल रही थी वह भी ‌‌‌बुझने लगी थी । इस तरह से होता रहा ।

यह देख कर राजा राज कांप उठा । ‌‌‌मगर फिर भी वह अंदर की ओर जा रहा था । काफी समय बित जाने के बाद में गुंगा चोर एक ऐसे स्थान पर जा पहुंचा जहां पर काफी बड़ा हॉल था । और बिच में धन रखा हुआ था । यह देख कर गुंगा चोर खुश हुआ और वह सोचने लगा की वह अब इस धन को चुरा लेगा । मगर जैस ही गुंगा चोर धन लेकर दरवाजे को पार करने वाला था उसके ‌‌‌सामने एक भूत के ‌‌‌भैष में महिला आई जो की उस पर हमला करने लगी थी ।

और इस तरह से राजा राज ने डिजाईन किया गया था की वह महिला देखने मे सच में भूत लग रही थी । मगर असल में वह महिला थी । जिसे देख कर गुंगा चोर डर गया और दूसरे दरवाजे से भागने की सोची । दरसल उस हॉल में कुल 44 दरवाजे थे । और फिर जैसे ही ‌‌‌वह दूसरे दरवाजे से भागने लगा तो उसे कुछ आदमी दिखाई दिए जो की जोर जोर से विलाप कर रहे थे ।

उन्हे देख कर गुंगा चोर डरता हुआ उनके पास गया तो उन्होने कहा की हम अब मर चुके है । क्योकी हम भी यहां पर चोरी करने के लिए आए थे । मगर 44 वे दरवाजे में जैसे ही पहुंचे तो वहां पर एक खतरनाक जानवर ‌‌‌ने हमे मार ‌‌‌दिया । यह सब सुन कर गुंगा चोर कांप उठा और वह अगला दरवाजा पार करने के बारे में काफी अधिक सोचने लगा था । मगर तभी वे लोग भी गुंगा चोर पर हमला करने के लिए तैयार हो गए ओर कहा की हमें अब आपको मारना होगा तभी हमारी मुक्ती होगी ।

यह सुन कर गुंगा चोर डर के मारे अपने आप को बचाने के लिए भागने लगा । मगर ‌‌‌वह अब वापस उसी हॉल में आकर फस जाता था । इस तरह से चल रहा था और गुंगा चोर ‌‌‌का डर के मारे बुरा हाल हो चुका था ।  जिसके कारण से उसने धन को वही पर फैक दिया और अपने प्राण बचा कर भागना चाहा । मगर कुल 2 दिनो तक ऐसे ही भागने के कारण से वह उस महल से बाहर निकल पाया था ।

मगर जैसे ही महल से निकला तो सामने ‌‌‌राजाराज मिल गया और वह उस पर हसंने लगा और कहा की तुमने मेरा धन नही चुराया । यह सुन कर गुंगा चोर बोलने लगा की राजाराज मुझे माफ कर दो मैं आपका धन चुराने के लिए आया हूं । वे जो पिछे शेतान है वे मुझे कच्चा खा जाएगे । ‌‌‌मुझे उनसे बचा लो । यह सुन कर राजाराज हसंने लगा और कहा की कोन वहां पर कोई नही है वह केवल धन का भूत है । ‌‌‌और तुम ‌‌‌उन्हे देख कर कांप उठे हो । ओर इस तरह से कह कर राजाराज हंस रहा था ।

मगर क्या हो रहा था यह गुंगे चोर को नही मालूम पड़ा । मगर जैसा की नियम था राजाराज ने गुंगे चोर को अपना नोकर बना लिया और फिर अपना मन चाह काम करवाने लगा था  । जैसे जैसे एक वर्ष बिता तब तक गुंगे चोर को यह मालूम हो गया की ‌‌‌उस धन का कोई भूत नही है बल्की असल में वे लोग है ।

और ऐसा पता चलने के कारण से गुंगे चोर ने फिर से चोरी करने की ‌‌‌सोची और अब पूरी योजना थी और योजना के साथ उस हॉल में पहुंच गया और धन लेकर वापस आने लगा तो उसने देखा की वे जो भूत बना कर उसे डरा रहे थे वे आ गए है । यह देख कर भूत भी डर गए क्योकी वे सोचने ‌‌‌लगे की गुंगा चोर यहां कैसे ।

मगर अब गुंगा चोर ने तुरन्त उन पर हमला किया और सबसे अंतिम में जो व्यक्ति ‌‌‌बचा गुंगा चोर ने उसे बंदी बना लिया और सारे दरवाजो को आसानी से पार कर धन लेकर फरार हो गया । इस तरह से गुगा चोर वह धन भी चुरा ले गया जिसे किसी ने नही चुराया था । और जब इस बारे में आस पास में ‌‌‌बात फैली तो सभी गुंगा चोर के नाम से डरने लगे थे ।

मगर इसके बाद में फिर कभी भी राजाराज ने किसी चोर को धन चोरी करने का न्यौता नही दिया । क्योकी उसे पता चल गया था की इस संसार में अच्छे अच्छे चोर है । क्योकी राजाराज एक पल में सड़क पर आ गया था । क्योकी ‌‌‌वह ‌‌‌अपने घमंड के कारण सारा धन वही पर रखता ‌‌‌था । मगर यह तो गुंगे चोर को ही पता था की पहली बार चोरी करने जाने पर वह किस तरह से कांप उठा था

‌‌‌कांप उठना मुहावरे पर कहानी

‌‌‌कांप उठना मुहावरे पर निबंध

दोस्तो आज इस धरती पर जब भी कोई बच्चा जन्म लेता है तो उसे किसी भी तरह के डर के बारे में पता नही होता है । उसे यह तक पता नही होता है की डर क्या है । मगर उसके माता पिता आस पड़ोस के लोग उसके साथ ऐसी बाते कहने लगते है जिसके कारण से बच्चा धिरे धिरे डर को समझने लग ‌‌‌जाता है । आज भुतो को कोई नही मानता होगा ।

मगर एक बच्चे से कहा जाता है की अगर रोने लगोगे तो भूत आ जाएगा । हालाकी बच्चे ने कभी भूत देखा भी नही है मगर उसे इस तरह से कह कर डराया जाता है । और फिर बच्चा समझता है की भूत उसे खा जाएगा । और ऐसा कहा जाता है की अगर रोओगे तो भूत खा जाएगा । ‌‌‌तो इस तरह से छोटी सी उम्र के बच्चे को डराया जाता है । और जब वह बड़ा होता जाता है तो वह डर को समझता है और डरने भी लगता है । क्योकी उसके जीवन में जो कुछ होता है वह उसे बताता है की डर क्या है ।

और इस तरह से फिर वह अपनी उम्र में डरता भी है । आज कोई भी रात को अपने घर से बाहर नही निकलता है । और ‌‌‌इसके पिछे का कारण केवल डर ही होता है । क्योकी सभी को लगता है की उनको डर लग रहा है। हालाकी डर कुछ नही होता है बल्की यह मन का भ्रम होता है ।

‌‌‌मगर जैसा की हमने कहा की डर लगता है तो कभी कभी ऐसी स्थिति होती है जब अधिक डर लग जाता है । और इसी डर के कारण से मानव धुजने लग जाता है । यानि वह हिलने लग जाता है तो इसे कांपना कहा जाता है ।

आपने देखा होगा की जब मानव को ठंड लगती है तो वह कुछ कुछ हिलता या धुजता है । तो यही कांपना होता है । और ‌‌‌कुछ ऐसा ही मानव जब डर जाता है तब कांपता है और यही कारण है की अधिक डर जाने को कांप उठना कहा जाता है ।

इस तरह से हमने यहां पर कांप उठना मुहावरे को पूरी तरह से समझाने का प्रयास किया है और हमे आसा भी है की आप इस मुहावरे को समझ गए होगे ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।