अंधेर नगरी चौपट राजा का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

अंधेर नगरी चौपट राजा मुहावरे का अर्थ andher nagari chaupat raja muhavare ka arth – जहाँ राजा या मालिक मूर्ख होता है वहाँ अन्याय तो होगा ही

दोस्तो कहा जाता है की जिस घर मे अंधेरा होता है उस घर मे कुछ भी अच्छा नही होता है । इसी तरह से जब अंधेरा घर मे न होकर किसी नगर मे होता है‌‌‌ तो वहा पर भी कुछ सही नही होता ‌‌‌है ।

इस तरह से जब कोई किसी नगर का ऐसा राजा या मालिक हो जिसे ज्ञान न हो यानि वह मुर्ख होता है । तब इस तरह के नगर मे हर गलत कार्य होते है क्योकी मालिक ही उन कार्यों को रोकता नही है। इस तरह से कह सकते है की जहा मालिक ही मुर्ख होता है वहा अन्याय तो होता ही है । ‌‌‌इसे ही अंधेरी नगरी चौपट राजा कहा जाता है ।

अंधेर नगरी चौपट राजा का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

अंधरी नगरी चौपट राजा का वाक्य मे प्रयोग andher nagari chaupat raja ka vakya prayog

  • बैंक मैनेजर जब मुर्ख होता है तो वहा धन रखने वालो के साथ अन्याय तो होता ही है क्योकी अंधेरी नगरी चौपट राजा ।
  • महेश जब से गाव का सरपंच बना है गाव मे कुछ भी सही नही हो रहा है यही तो है अंधेरी नगरी चौपट राजा ।
  • जब से रामलाल शहर मे थानेदार बना है सभी बदमाश खुले आम चोरी डकैती करते है यही है अंधेरी नगरी चौपट राजा ।
  • ‌‌‌हम लोगो ने मुखिया ही ऐसा चुना है जिसके कारण आज गाव ‌‌‌में हर तरफ गलत काम हो रहा है क्योकी अंधेरी नगरी चौपट राजा ।
  • चारो तरफ चोरी डकैती होते देख कर मुझे पता चल गया की यहा अंधेरी नगरी चौपट राजा वाली बात है ।
  • महेश ने अपनी कंपनी मे ऐसा मैनेजर रखा ‌‌‌जिसे कुछ नही आता इसी कारण से महेश की कंपनी ‌‌‌डूब गई सच कहा ‌‌‌है  अंधेरी नगरी चौपट राजा ।

अंधेरी नगरी चौपट राजा पर कहानी andher nagari chaupat raja per story

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक ‌‌‌बहुत ही धनवान सेठ रहा करता था । सेठ बहुत ही नरम स्वभाव का था पर उसके पास अक्ल की कोई कमी नही थी । जिसके कारण से वह हर समस्या को बैठे बैठे हल कर सकता था । इस तरह का राजा उस नगर मे होने के कारण से नगर के लोगो को किसी भी चिज की कमी नही होती थी । ‌‌‌

वहा के लोगो मे हर वर्ष नए राजा को चुनने की परमपरा थी । इसके लिए लोग वोटिग करते और जिसको भी लोग ज्यादा पंसद करते वही उस नगर का राजा बनता था । उस नगर मे कई वर्षो से वह सेठ ही राजा बन रहा था क्योकी वह बहुत ही अच्छा और अक्लमद था ।

जिसके कारण से लोगो को किसी और को चुनने की जरूरत ही नही पडती ‌‌‌थी । सेठ के घर मे उसके दो बेटे थे और सेठ की पत्नी रहा करती थी । सेठ के बेटे भी काफी बडे थे और उनका भी विवाह हो चुका था । सेठ के दोनो बेटो मे से छोटा बेटा बडा अक्लमद था ।

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इसके विपरीत बडे बेटे को किसी चिज के बारे मे पता नही था । इस तरह से कह सकते है की बडा बेटा मुर्ख था । जब दोनो ‌‌‌बडे होने लगे तो दोनो मे आपस मे अनबन होने लगी । जिसके कारण से दोनो एक दुसरे को पंसद नही करते थे ।

इसी बिच एक दिन सेठ की अचानक मृत्यु हो गई थी । तब गाव के लोगो को इस बारे मे पता चला तो उन्हे बहुत ही दुख हुआ । इस तरह से सेठ के मर जाने के बाद मे उस नगर में कोई सासन करने वाला नही रहा था ।

तब लोगो ‌‌‌ने सोचा की अगर इस नगर मे कोई सासन करने वाला नही होगा तो इस नगर का बुरा हाल हो जाएगा । जो लोग आज तक अपराध नही करते थे वे भी अपराध करने लगेगे ।

इस कारण से गाव के लोगो ने एक दिन मिटीग बैठा कर यह फैसला लिया की जो भी कोई इस नगर का राजा बनना चाहता है वह अपना नाम हमे लिखा दे ताकी हम उनके नाम की ‌‌‌वोटिग कर सके । इस तरह से फिर गाव मे दो लोगो ने अपना नाम लिखवा दिया था ।

तब कुछ लोगो ने सेठ के दोनो बेटो से कहा की आप भी नाम लिखा दो और आपके पिता इस नगर का राजा रह चुके ‌‌‌है इस कारण से आप ही जितोगे । इस तरह से फिर उन लोगो ने दोनो भाईयो को एक दुसरे के विपरीत खडा कर दिया था ।

अब गाव मे कुल ‌‌‌चार लोग सासर करने के लिए खडे थे । और जब लोगो ने अपना राजा चुना तो वह सेठ का बडा बेटा था । क्योकी लोगो ने सोचा की सेठ का बडा बेटा होने के कारण से इसे छोटे बेटे से ज्यादा अच्छी तरह से पता होगा ।

इस तरह से सोच कर लोगो ने उसे अपना राजा चुन लिया था । ‌‌‌सेठ के बडे बेटे को सासन करने के बारे मे कुछ पता नही था और वह अपने भाई की मदद लेना नही चाहता था । इस कारण से वह जैसे नगर चलता है चलने दिया जाए ऐसा सोचने लगा ।

इस कारण से उस नगर मे धिरे धिरे चोरिया होने लगी । और कुछ लोग लडाई झगडे करने लगे थे । इस तरह से दो तिन महिने बित जाने के बाद वहा के ‌‌‌बलवान लोग कमजोरो को डरा धमकाने लगे थे उनसे धन लूटने लगे थे ।

इस तरह से फिर उस नगर मे सब गलत कार्य होते जा रहे थे । साथ ही जब भी सेठ के बडे बेटे यानि राजा के पास मदद मागने लोग जाते तो निर्दोष होते हुए भी उन्हे ही सजा मिल जाती थी ।

जिसके कारण से लोग उस उसके पास जाते भी नही थे । क्योकी जो बलवान ‌‌‌होते या गुनेहगार होते वह राजा को कुछ पैसे देकर अपने पक्ष मे कर लेते और निर्दोष को सजा दिलवा देते थे । इस तरह से वहा रहने वाले भले लोगो के साथ अन्याय होने लगा था ।

जब इस तरह की हालत बाहर से आने वाले लोग देखते तो वे सोचते की ‌‌‌सेठ के मर जाने के बाद यह नगर अंधरी नगरी चौपट राजा हो गया । इस तरह से फिर उस गाव के भेले लोग भी अपने आप को कोशने लगे की उन्होने ऐसे मुर्ख को जितवा दिया जिसके कारण से आज ऐसा हो रहा है ।

इसी तरह से जब अगला वर्ष आया तो लोगो ने सेठ के छोटे बेटे को जितावा दिया । जिसके कारण से धिरे धिरे लोगो के ‌‌‌कष्ट कम हो गए । और फिर लोगो को अच्छी तरह से समझ मे आ गया की अगर वे किसी अच्छे को राजा नही बनाएगे तो यहां अंधेरी नगरी चौपट राजा होगा ।

इस तरह से फिर जब भी वहा के लोग किसी को अपना राजा चुनते तो कई बार सोचते थे । इस तरह से आपको इस कहानी से यह पता चला होगा की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

‌‌‌अंधेरी नगरी चौपट राजा पर निबंध andher nagari chaupat raja par nibandh

साथियो जब किसी राज्य मे राजा मुर्ख हो ‌‌‌जिसे राज्य चलाने के बारे मे कुछ पता नही होता । यानि वह अज्ञानी होता है । तो ऐसा राजा होने के कारण से उस राज्य की प्रजा पर हमेशा ही कष्ट छाए रहते है । क्योकी उस नगर मे चारो तरफ अन्याय ही होता है । इसे ही अंधेरी नगरी ‌‌‌चौपट राजा कहा जाता है ।

इस तरह से जिस किसी भी राज्य मे अगर कोई मुखिया हो या राजा हो तो वह ऐसा होना चाहिए जो ज्ञानी हो न की वह मुर्ख हो । क्योकी एक ज्ञानी ही लोगो की अच्छी तरह से मदद करेगा । क्योकी मुर्ख अंधेरे होने का प्रतिक हो जाता है ।

क्योकी जब अंधेरा होता है तब ही चोर ‌‌‌डकैती व अन्य ‌‌‌गलत कार्य होते है । और मुर्ख राजा होने पर भी इसी तरह से गलत कार्य होते रहते है । क्योकी तब गलत कार्य करने वालो के लिए दिन मे भी अंधेरा ही होता है । इस कारण से वे फिर खुले आम अन्याय करते रहते है । इस तरह से कह सकते है की अंधेरी नगरी चौपट राजा का अर्थ है जहाँ राजा या मालिक मूर्ख होता है वहाँ अन्याय तो होगा ही ।

अंधेर नगरी चौपट राजा मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of andher nagari chaupat raja in Hindi

दोस्तो कहते है की अगर अगर घर में मुखिया सही होता है तो वह पूरा का पूरा घर सही तरह से चलता है और घर के मुखिया को घर का राजा कहा जाता है । उसी तरह से अगर देश का राजा यानि पीएम अगर सही होता है और देश की उन्नती चाहता है तो वह भी देश को काफी उंचाईयो तक लेकर जा सकता है ।

मगर जब राजा ही मुर्ख होता है या राजा चौपट होता है तो वह कभी भी देश को आगे नही बढा सकता है बल्की नष्ट ही करता है । इस कारण से हमेशा एक अच्छे राजा का चुनाव करना हमारी जिम्मेदारी होती है ।

मगर जहाँ राजा या मालिक मूर्ख होता है वहाँ अन्याय तो होगा ही और यह बात आपको पता है क्योकी आपने इसे अभी समझा है तो आप इसी बात से यह भी समझ ले की andher nagari chaupat raja muhavare ka arth – जहाँ राजा या मालिक मूर्ख होता है वहाँ अन्याय तो होगा ही होता है ।

‌‌‌ऐसे मुहावरों की लिस्ट की लींक निचे दी जा रही है जो बहुत बार अनेक स्थानो पर प्रयोग मे बाती है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।