हतप्रभ रहना मुहावरे का अर्थ || hatprabh rehna muhavare ka arth

हतप्रभ रहना मुहावरे का अर्थ hatprabh rehna muhavare ka arth – स्तब्ध रहना ‌‌‌या प्रभाहीन, कांतिहीन ।

दोस्तो जब कोई व्यक्ति किसी कारण से सुन्न हो जाता है । जैसे की बेहोश होना या फिर किसी तरह की चेष्टा नही रहती है । तो इसे सुन्न होना कहा जाता है। तो इस तरह से जब कोई सुन्न हो जाता है या निश्चेष्ट हो जाता है तो स्तब्ध ‌‌‌रहना कहा जाता है ।

आपने देखा होगा की जब किसी व्यक्ति का सब कुछ नष्ट हो जाता है तो वह दुख में सुन्न हो जाता है । तो ऐसी स्थिति में इसे स्तब्ध  रहना कहा जाता है । और इसे ही हतप्रभ रहना कहा जाता है ।

‌‌‌इस मुहावरे के अन्य अर्थ –

दोस्तो वैसे तो हतप्रभ रहना मुहावरे का अर्थ स्तब्ध रहना रहना ही होता है। मगर इसके अलावा भी कभी कभार इसके अन्य अर्थ बता दिए जाते है । जैसे की प्रभाहीन और कांतिहीन होना । वैसे आपको बता दे की प्रभाहीन होने का मतलब है  जिसमें तेज न हो और कांतिहीन का मतलब है जिसमें तेज ‌‌‌न हो । तो इस तरह से जीस व्यक्ति में तेज नही होता है वह शांत हो जाता है और एक सुन्न व्यक्ति की तरह बैठा रहता है । यह आपको मालूम है । दोस्तो अब जो व्यक्ति सुन्न बना बैठा रहता है उसे स्तब्ध रहना कहा जाता है । और यही कारण है की इस मुहावरे का अर्थ स्तब्ध रहना ही होता है ।

अब रही बात की ‌‌‌आपको ‌‌‌जब किसी प्रशन में यह मुहावरा पूछा जाता है तो आप कोनसा उत्तर करोगे । तो स्थिति में आपको सबसे पहले स्तब्ध रहना ही उत्तर करना चाहिए । क्योकी इस मुहावरे का सटिक अर्थ यही है । अगर यह नही दिया गया है तो फिर आप कांतिहीन या प्रभाहीन कर सकते हो । तो इस स्थिति में आपका उत्तर गलत नही होगा ।

‌‌‌हतप्रभ होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग || hatprabh rehna muhavare ka vakya mein prayog

  • जब से राम के घर में आग लगी है वह हतप्रभ हो गया है ।
  • बेटे के मर जाने के कारण से रमिया हतप्रभ हो गई है खाना भी सही तरह से नही खा रही है ।
  • जैसे ही लालवती को पता चला की उसके पति की मौंत हो गई है वह वही पर हतप्रभ होकर गिर पड़ी ।
  • रजनी को पता नही क्या हो ‌‌‌जाता है वह बार बार हतप्रभ होती है ।
  • धन चोरी हो जाने के कारण से हिरालाल हतप्रभ रह गया ।
  • धनवान सेठ के घर से कुछ ही रूपय चोरी हुए थे और वह उतने में भी हतप्रभ रह गया ।

हतप्रभ रहना मुहावरे पर कहानी || hatprabh rehna muhavare par kahaani

अभी से लगभग 70 से 80 वर्षों के बिच की बात है । हम जीस गाव में रहते थे वहां पर एक सेठ रहा करता था । ‌‌‌जिसका नाम धनमल था । सेठ के पास धन की काफी अधिक अधिकता थी उसके जितना धन आस पास के गाव के लोगो के पास तक नही देखने को मिलता था । और यही कारण था की लोग उसे धनमल कहते थे ।

हालाकी इस बारे में मुझे तो कुछ मालूम नही है बल्की पिताजी कई बार इस बात को हमे बताते रहते थे । पिताजी कहते थे की जो धनमल ‌‌‌था उसके पास इतना अधिक धन था की वह अपनी कुल 3 पीढियो को आसानी से घर बैठे खिला सकता था । हालाकी इसका कारण यह भी था की धनमल कभी भी अपने धन को खर्च नही करता था । ‌‌‌जब किसी चिज की अधिक जरूरत होती थी तभी वह अपने पैसो को खर्च करता था । इस तरह का था हमारे गाव का धनमल ।

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मगर दोस्तो कहते है ना की जतना अधिक धन होता है ‌‌‌मानव उतना ही अधिक धन से जुड़ा होता है और जब धन दूर चला जाता है तो मानव को काफी दूख होता है । और ऐसी स्थिति में बहुत से लोग तो सुन्न हो जाते ‌‌‌है । सुन्न एक ऐसी स्थिति में है जहां पर व्यक्ति अपनी खोई हुई चिज के बारे में ही सोचता है आस पास क्या हो रहा है उससे इसका कोई मलतब नही ।

यहां तक की खाना भी नही खाता है और किसी की बातो की और ध्यान भी नही देता है । कुछ इस तरह से होने को बेहोस होना भी कहा जा सकता है । ‌‌‌कुछ इस तरह से ही धनमल हो गया था । जरा उस समय की बात है जब हमारे पिताजी विद्यालयो में अध्ययन करने के लिए जाया करते थे । तो एक दिन हमारे गाव में कुछ चोर घुस आए थे । मगर उनके बारे में किसी को पता तक नही चला था ।

क्योकी वे दिन के समय में कपड़े बचेने के लिए आए थे । उनके पास अच्छी अच्छी ‌‌‌पौसाके थी । जिसके कारण से जो भी कोई उनसे कपड़े देखता वह खरीदना जरूर चाहता था । मगर वे चोर जो की कपड़े बेचने वाले के भेष में आए थे वे कहते की इनकी किमत हर किसी से नही दी जाती है । ये राजा महाराजाओ के लिए जहां से कपड़े तैयार होते थे वहां से आए है । और यही कारण था की गाव में हर कोई नही खरीद पाता ‌‌‌था ।

मगर उन चोरो की बात सुन कर जो लोग धनवान थे वे कपड़े तुरन्त खरीद लेते थे और सोचते की राजा महाराजाओ के यहां जो दर्जी कपड़े बनाता है आज मैं भी वही के कपड़े पहनने वाला हूं । ‌‌‌हालाकी अब बारी थी चोर जो की कपड़े बचेने के लिए आए थे उनको पैसे देने के लिए तो जैसे ही वे लोग पैसे लेने के लिए जाते तो चोर उन पर नजर बनाए रखते थे । जिसके कारण से चोर को पता चल जाता था की पैसे कहा रखे हुए है ।

और कुछ इस तरह से ही धनमल के यहां पर हुआ था । दरसल धनमल जो था वह धनवान तो था ही और जब ‌‌‌चोर उनके घर में कपड़े बेचने के लिए गया था तो धनमल की पत्नी ने उन्हे अपने घर में बुला लिया और फिर उनसे कपड़े खरीदने लगे । गाव में सबसे अमीर होने के कारण से उन्होने अच्छे अच्छे कपड़े खरीदे ।

और पैसे लेने के लिए जैसे ही धनमल की पत्नी अंदर गई पिछे से चोर अपनी नजर बनाए हुए थे । जिसके कारण ‌‌‌से चोर को पता चल गया की धनमल के यहां किस कमरे में पैसे रखे हुए है । और इसी बात का फायदा उन्होने चोरी करने में उपयोग हुआ ।

दरसल जब चोर रात को धनमल के यहां आए तो तुरन्त उन्होने उसी कमरे का ताला तोड़ा जहां पर धनमल ने पैसे रखे थे । और फिर चोर पैसे लेकर उस गाव से तुरन्त फरार हो गए थे । तब चोर ने ‌‌‌धनमल के कुल 20,000 रूपय ही चुराए थे । हालाकी उस समय 20,000 रूपय भी आज के 80 लाख के करीब जा पहुंचे थे ।

हालाकी धनमल के पास और भी पैसे थे मगर वह बाकी के पैसे अपने बिस्तर के निचे रखता था । और इस बारे में धनमल के अलावा उसकी पत्नी को भी नही मालूम था । ‌‌‌हालाकी धनमल अपनी पत्नी को पैसे अलग से दिए रहता था और यह 20,000 रूपय वही थे । जब धनमल सुबह उठा तो उसने देखा की उसके कमरे पर ताला नही लगा हुआ है ।

तब धनमल ने चारो और देखा तो उन्हे ताला नही मिला । तब धनमल ने अपनी पत्नी से इस बारे में पूछा तो उसने कहा की मैंने तो कल रात लॉक लगाया था । मगर न जाने ‌‌‌अब कहा चला गया है  । तब धनमल उस कमरे के अंदर गया और उसने अपने पैसे देखे तो उसे पता चला की पैसे चोरी हो गए है ।

यह देखकर धनमल वही पर बैठ गया ‌‌‌और कुछ बोल नही रहा था । तब धनमल की पत्नी अंदर गई और उसने धनमल से कहा की क्या हुआ । तब धनमल ने किसी तरह का उत्तर नही दिया । तब धनमल की पत्नी ने अपने ‌‌‌पैसे संभाले तो उसे पता चला की पैसे चोरी हो गए है ।

मगर धनमल की पत्नी ने अपने आप को संभाला और अपनी पति धनमल से कहा की न जाने कैसे पैसे चोरी हो गए । मगर धनमल कुछ नही बोल रहा था । काफी समय हो जाने के बाद भी धनमल नही बोल रहा था तो उसकी पत्नी रोने लगी ओर कहने लगी की पैसे ही तो चोरी हुए है ओर आप ‌‌‌हतप्रभ रह गए । आपके पास और पैसे होगे । यह तो कम ही पैसे जो की चोरी हो गए । तो आप इस बात के लिए हतप्रभ थोड़े रह सकते हो ।

मगर धनमल कुछ नही बोल पाया था । जब इस बारे मे गाव के कुछ लोगो को पता चला तो वे धनमल के पास आ गए और उसे संभालने के लिए कहा की भाई धनमल पैसो का क्या है वह तो वापस आ जाएगे । और ‌‌‌तुम्हारे 20,000 रूपय ही तो चोरी हुए है और तुम जैसा धनवान आदमी इतने पैसो के लिए भी हतप्रभ रहने लगेगा तो कैसे चलेगा ।

हतप्रभ रहना मुहावरे पर कहानी  hatprabh rehna muhavare par kahaani

मगर धनमल कुछ नही बोल रहा था । बल्की वह अब रोने लगा था  । ‌‌‌कुछ समय बित जाने के बाद में धनमल ने कहा की आप लोग अपने अपने घर पर जाओ मैं सही हूं । गाव के लोगो को ऐसा कहने के कारण से गाव के सभी लोग अपने अपने घर चले गए थे।  ‌‌‌और पिछे से धनमल अपना काम करने लगा था ।

मगर पैसे चोरी होने के कारण से धनमल के ‌‌‌चेहरे पर पहले वाली चमक नही थी । बल्की वह दुखी था । मगर तभी पत्नी को पता चला की कल जो लोग आए थे उन्होने ही पैसे चोरी किए होगे । मगर उसने इस बारे में धनमल को नही बताया क्योकी उसे लगा की धनमल उस पर चिलाने लग जाएगा ।

‌‌‌मगर समय के साथ साथ धनमल अपना पहले जैसा काम करने लगा था । इस तरह से धनमल के घर में चोरी हुई थी। और चोरी होने के कारण से वह सुन्न हो गया और उसके चेहरे की चमक खत्म हो गई थी ।

‌‌‌हतप्रभ रहना मुहावरे पर निबंध

साथियो हतप्रभ रहना एक ऐसा मुहावरा है जिसका प्रयोग मानव के जीवन में होता है और खास कर इस तरह की स्थिति में होता है जब मानव सुन्न रहता है या फिर कह सकते है की मानव ‌‌‌के स्तब्ध रहने की स्थिति में इसका प्रयोग किया जाता है ।

दोस्तो वैसे तो आपको बता दे की यह मुहावरा ‌‌‌विशेष रूप से उदासी जैसी स्थिति में उपयोग किया जाता है । दोस्तो मानव के जीवन में अनेक तरह के ऐसे पल आते है जब मानव दुखी होता । जैसे की मानव के पैसे चोरी हो जाते है तो मानव दुखी हो जाते है और कुछ लोग ऐसे होते है जो की इतने अधिक दूखी हो जाते है की एक सुन्न व्यक्ति बन कर बैठ जाते है । सुन्न ‌‌‌होने का मतलब होता है आस पास क्या हो रहा पता न होना । और वह अपने दूख में ही खोया रहता है । तो इस तरह से होने को सुन्न होना कहा जाता है । दोस्तो इस तरह की स्थिति में मानव बहुत बार आता है और इसे स्तब्ध रहना कहा जाता है ।

और जो व्यक्ति इस तरह की स्थिति में आता है उसकी कांतिहीन हो जीत है । ‌‌‌क्योकी खुशी खत्म हो जाती है और इसे ही प्रभाहिन या कांतिहीन होना कहा जाता है । और यह स्तब्ध होने की स्थिति में होता है और यही कारण है की इस मुहावरे का अर्थ स्तब्ध होना होता है

इस कारण से दोस्तो जब भी आपको इस मुहावरे के बारे में पूछा जाता तो आपको बिना सोचे समझे स्तब्ध मुहावरे का ‌‌‌उत्तर कर देना ।

यहां पर हमने अनेक तरह के ऐसे मुहावरो के बारे में बताया है । और आप किसी खास मुहावरे के बारे में जानना चाहते है तो उपर सर्च बार में उस मुहावरे को सर्च करे । इसके अलावा आप कमेंट में भी अपना उत्तर पूछ सकते है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।