पसीना बहाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

खून पसीना बहाना मुहावरे का अर्थ होता है pasina bahana muhavare ka vakya prayog – दिन रात मेहनत करना ।जब आप किसी काम को पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं तो उसे कहते हैं पसीना बहाना । खून पसीना बहाना मुहावरे का अर्थ क्या है

आपने किसान को देखा  होगा हर किसान सुबह जल्दी खेत मे जाता है और वहां पर अनाज उगाता है और उसके बाद शाम को देर तक काम करके घर लौटता है तो किसान के लिए ‌‌‌यह कहा जा सकता है कि वह दिन रात पसीना बहाता है। दोस्तों कोई भी सफलता हो बिना पसीना बहाए नहीं मिलती है। हालांकि यह बात अलग है कि हर इंसान पसीना समान रूप से नहीं बहाता है। ‌‌‌कुछ लोग गलत कार्य से सफलता हाशिल करते हैं तो उनको पसीना बहाने की बजाये पैसा अधिक बहाने की आवश्यकता होती है।

पसीना बहाना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग || pasina bahana muhavare ka vakya prayog

  • ‌‌‌किसान दिन रात खेत के अंदर पसीना बहाते हैं लेकिन उसके बाद भी उनको अच्छा फायदा नहीं मिलता है।
  • इस बार खेत मे बहुत अधिक पसीना बहाया लेकिन ओले पड़ने से सारी फसल खराब हो गई ।
  • ‌‌‌पुलिस अपराधियों को पकड़ने के लिए पसीना नहीं बहाती है। सब हराम की खाने की सोचते हैं ।
  • ‌‌‌चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था को खून पसीना बहाकर उंचा उठाया है। यही वजह है कि वहां पर लगभग हर चीज का प्रोडेक्सन होता है।
  • यदि देश को उंचा उठाना है तो सबको ईमानदारी से काम करना होगा और खून पसीना बहाना होगा ।
  • ‌‌‌यदि आपको परीक्षा के अंदर पास होना है तो पसीना तो बहाना ही होगा । वरना तो आपको फैल होने से कोई नहीं रोक सकता है।
  • ‌‌‌इस दुनिया मे लक्ष्य केवल उन्हीं लोगों को मिलता है जो खून पसीना बहाना जानते हैं। जो सब कुछ पड़े पड़े हाशिल कर लेना चाहते हैं वे कभी भी सफल नहीं हो सकते हैं।

‌‌‌खून पसीना बहाना मुहावरे पर कहानी || essay on idioms in Hindi

रमेश टीचर की परीक्षा की तैयारी कर रहा था।वह पहली बार टीचर की परीक्षा दे रहा था। उसने काफी मेहनत की थी हालांकि उसे अभी पूरा यकीन हो चुका था कि उसका नंबर आ जाएगा । जैसे जैसे परीक्षा के दिन नजदिगा आते जा रहे थे उसके मन मे अजीब सी घबराहट बढ़ती जा रही थी। ‌‌‌वह जानता था कि उसका परिवार बेहद गरीब है ।और वे बड़ी मुश्किल से उसके खर्च के लिए पैसे निकाल पाते हैं। वह काफी तैयारी कर रहा था। नंबर आने की आश के साथ परीक्षा मे बैठा कुछ ही देर मे पेपर आ गया तो पेपर को देखकर ही उसका चेहरा सफेद हो गया ।

‌‌‌क्योंकि इस पेपर के अंदर उसे केवल 30 प्रश्न ही आते थे और बाकी के प्रश्न पता नहीं कहां कहां से आये थे । रमेश यह जान चुका था कि वह असफल होगा लेकिन पेपर को जैसे तैसे पुरा किया और माता पिता के सामने आकर बोला कि मां अभी भी मैं कामयाब नहीं हो पाउंगा । इसके अंदर वक्त लग सकता है।

‌‌‌उसकी मां ने उसको सांत्वना दी और कहा कि बेटा एक दिन तू जरूर कामयाब होगा । रमेश घरवालों की मदद करना चाहता था तो एक छोटी मोटी नौकरी करली । वह 8 घंटे नौकरी करता था। और शाम को जैसे ही घर के अंदर आता । बस अपनी किताबों को उठाता और पढ़ने के लिए बैठ जाता । ‌‌‌रात 1 बजे तक पढ़ता ही रहता ।उसके बाद सो जाता । एक दिन उसका रिजेल्ट भी आ गया और उसका चैयन नहीं हुआ । खैर यह सब वह पहले से ही जानता था।

‌‌‌वह बिल्कुल भी निराश नहीं हुआ ।इस बार परीक्षा की तैयारी करने के लिए उसने जमकर पसीना बहाया और एग्जाम जब निकट आया तो वह नौकरी से छूटी लेकर तैयारी करने लगा । इस बार भी उसे यकीन था कि उसका नंबर आ जाएगा ।

‌‌‌एग्जाम मे जब पेपर को देखा तो उसे बहुत अधिक खुशी हुई कि उसे लगभग हर प्रश्न आता है उसने जल्दी से पेपर किया और अपने घरवालों को बताया कि अबकि बार उसका नंबर आ जाएगा ।  ‌‌‌इस बार वह बहुत अधिक खुश था।इसी खुशी के अंदर दो महिने पता नहीं कब निकल गए और एक दिन रिजेल्ट आया तो पूरे अखबार के अंदर अपना नंबर देखा उसे नंबर नहीं मिला । उसे समझ नहीं आया कि उसका नंबर कैसे नहीं आया ।

‌‌‌बाद मे पता चला कि उससे कम नंबर वाली लड़की को उसकी जगह पर चुन लिया गया है। उसे इस शासन की स्थिति समझ आ चुकी थी। उसे यह पता चल चुका था कि लोग उतने ईमानदार नहीं होते जितने की वे दिखते हैं। ‌‌‌उसी दिन से उसने नौकरी की तैयारी करनी छोड़ दी । वह जान गया कि ऐसी तैयारी का क्या भरोशा जहां पर काबिलियत का कोई मतलब नहीं है बस चैक और जैक से सब कुछ चलता हो और उसके बाद अपने विरान खेत के अंदर टूबवैल खुदवाई और खेती करने लगा ।

‌‌‌अब वह नौकरी वालों से भी ज्यादा कमाता है। भले ही उसको सम्मान की नजर से नहीं देखते हैं लेकिन उसे इसकी परवाह नहीं है। वह कहता है कि वह यहां पर सम्मान प्राप्त करने के लिए नहीं आया है। ना ही उसे इसकी ख्वाइस है।  ‌‌‌इस कहानी का मतलब यही है कि जो खून पसीना बहाना जानता है ।उसके लिए ही सफलता बनी है।

‌‌‌खून पसीना बहाने पर लेख

‌‌‌खून पसीना बहाने पर लेख

दोस्तों प्राचीन काल के अंदर यह कहा जाता था कि खून पसीने की कमाई काफी मीठी होती है लेकिन आजकल खून पसीने की कोई खाना ही  नहीं चाहता है। भगवान क्रष्ण ने कहा था कि ऐसा कलयुग आए गा जहां पर भाई भाई को काट देगा और सारे रिश्ते समाप्त हो जाएंगे । अब खून पसीना बहाने की बजाय ‌‌‌लोग एक दूसरे को काटना पसंद करते हैं।आज कल के लोग कूर्सी के लिए खून खूब बहाते हैं लेकिन उसमे दूसरों का खून होता है। आजकल आप राजनिति के अंदर देख सकते हैं। वहां पर खूब खून बहाया जाता है लेकिन खून सिर्फ मूर्खों का बहता है नेता लोग तो उसके दम पर शासन करते हैं।

‌‌‌बहुत से लोगों को पसीना बहाने की बजाये चोरी करना मार देना और घूस लेना अच्छा लगता है। और उस घूस के पैसे से मस्ती की जाती है । दारू पी जाती है गर्लबार मे उडाया जाता है। खैर इंडिया मे ऐसे बाबू भी हैं जो घूस लेकर 500 करोड़ बना लेते हैं। ‌‌‌यह लोग खून पसीना बहाने के लिए कितनी घूस लेते हैं समझ नहीं आता है।पर यह उनका दोष नहीं होता है जो मन के गुलाम होते हैं उनके अंदर कभी विवेक आ ही नहीं सकता है। उन्हें यह लगता है कि एक दूसरे को मार देना सही ही है।

‌‌‌खून पसीना बहाना मुहावरा का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of pasina bahana in Hindi


दोस्ता आपको अब तक यह मालूम चल गया होगा की ‌‌‌खून पसीना बहाना मुहावरे का अर्थ बहुत अधिक मेहनत करना होता है । मगर क्या आपने सोचा है की आखिर ऐसा क्यो कहा जाता है । तो दोस्तो यह सब इस मुहावरे में ही छीपा है ।
आप जरा गोर से देखे की खून पसीना ‌‌‌बहाने को कहा जा रहा है । मगर मसीने की तुलना में खून काफी मुल्यवान होता है । और इसे पसीने की तरह नही बहाया जाता है । मगर जब खून को भी इसी तरह से पसीने की तरह बहाया जाता है तो इसका मतलब है की काफी अधिक परिश्रम हो रहा है । क्योकी पसीना केवल परिश्रम करने से ही आता है । और यही कारण होता है की

‌‌‌दोस्तो खून पसीना बहाने का मतलब बहुत अधिक मेहनत करना होता है ।
जीवन में मेहनत के बारे में आपको क्या ही बताए । हम जब बचपन में होते है तब से अध्ययन करने में अपना समय बिताते है । और इसी तरह से पूरा जीवन चला जाता है मरग अध्ययन पूरा नही हो पाता है । मगर इस बीच एक अच्छी जॉब हासिल हो जाती है तो ‌‌‌जीवन में सब कुछ अच्छा हो जाता है । और यही कारण है की कहा जाता है की मेहनत रंग लाई है । और यह सब खून पसीना बहाने के कारण से ही होता है ।

पसीना बहाना मुहावरे का अर्थ आपको कैसा लगा नीचे कमेंट करके बताएं ।

पसीना बहाना को इस तरह से समझने का प्रयास करे

दोस्तो पसीना कब बहता है आपको अगर पता नही है तो आप अपने पिता से इस बारे में पूछ सकते है । अगर नही तो आपने कभी न कभी खेत में काम किया होगा। दरसल जो लोग गाव मे रहते है वे खेतो के अंदर काम करते है और खुब पसीना बहाते है । मगर इस तरह से मेहनत करने पर ही पसीना आता है और यह आपको पता होगा । अगर पसीना बहाना हो तो खुब मेहनत करनी चाहिए । जैसे की फोजी बनने के लिए काफी मेहनत की जरूरत होती है उसी तरह से मेहनत का होना जरूरी है ।

दोस्तो अगर आप अपने जीवन में खुब मेहनत करते है तो जाहिर होगा की किसान की तरह पसीना तो बहेगा ही और इस तरह से आप समझ सकते है की पसीना बहाना मुहावरे का अर्थ मेहनत करनाहोता है और वह भी बहुत अधिक मेहतन ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।