ख्याली पुलाव पकाना का अर्थ, वाक्य व कहानी

ख्याली पुलाव पकाना मुहावरे का अर्थ khayali pulav pakana muhavare ka arth – असंभव बाते करना

दोस्तो अगर किसी के पास कुछ न हो और वह अपने से बढ कर किसी चिज को लाने की बाते करता हो । तो इस तरह से वह उसके लिए लाना असंभव होता है । और जो उसके लिए असंभव है वह उसके लिए बाते करना भी असंभव है तो ‌‌‌जो लोग इस तरह की असंभव बाते करते हो उन लोगो के लिए ही इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है । और कहा जाता है की यह तो केवल ख्याली पुलाव पकाता रहता है ।

ख्याली पुलाव पकाना का अर्थ, वाक्य व कहानी

ख्याली पुलाव पकाना ‌‌‌का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌अगर इसी तरह से ख्याली पुलाव पकान से कोई अमीर बन जाता तो इतना परिश्रम करने की जरुरत ही नही पडती ।
  • तुम तो ख्याली पुलाव पकाते रहते हो इस तरह से यह काम थोडे होगा इसके लिए मेहन्त करनी पडती है ।
  • प्रसांत ने तो ख्याली पुलाव पकाने की हद ही कर दी वह कह रहा था की वह इस राज्य का राजा बनेगा भला यह कैसे हो सकता है ।
  • अगर तुम इसी तरह से ख्याली पुलाव पकाते रहोगे तो समय आने पर बहुत पछताने लगोगे ।
  • महेश ने तो ऐरोप्लेन लोने की बात कह दी है यह ख्याली पुलाव पकाना नही है तो और क्या है ।
  • जब देखो तुम ख्याली ‌‌‌पुलाव पकाते रहते हो कुछ काम भी कर लिया करो ।
  • ‌‌‌राजेश ने सारी जिन्दगी ख्याली पुलाव पकाने मे निकाल दी और जब उसे पैसो की जरुरत पडने लगी तब वह पछताने लगा ।

ख्याली पुलाव पकाना ‌‌‌ ‌‌‌मुहावरे पर कहानी Idiom story

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे अर्जुन नाम का एक आदमी रहता था । वह नाम का ही अर्जुन था उसे कुछ भी नही आता था । उसके घर मे उसके माता पिता के अलावा और कोई भी नही रहता था । उसके पिता गाव के अच्छे लोगो मे से एक थे और हर समय लोगो के साथ उठते बैठते थे ।

उसके पिता अपने खेतो मे ‌‌‌ही काम करते थे और जब भी किसी को काम कराना होता तो वे उसके पास मजदुरी करने के लिए चले जाते थे । इस तरह से इतनी मेहन्त कर कर अर्जुन के पिता ने उसे पाला था । ‌‌‌वह इतना पढा लिखा नही था ।

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वह अपने पिता के साथ ही काम करने के लिए जाया करता था । कुछ दिनो तक तो वह अपने पिता के साथ रोजाना काम करने लिए जाता था पर समय के साथ वह काम करने मे ढिला पड गया था । उसके पिता का इतना नाम होने के कारण वह गाव मे लोगो के साथ उठा बेठी करता था ‌‌‌और लोगो को ज्ञान भी ‌‌‌देने लग जाता था ।

अगर कोई उससे पूछ लेता की तुम क्या करना चाहते हो तो वह अपने से बढ कर सपने बोलने लग जाता था । उसकी बातो को सुनकर लोग उसे कहते की इस तरह से ख्याली पुलाव पकाने से कुछ भी नही होगा अगर तुमने ऐसा कर दिया तो हम तुम्हारी बात को मान लेगे ।

धिरे धिरे समय बितता गया और उसकी माता की‌‌‌ मृत्यु हो गई थी । ‌‌‌इसके बाद उसके घर मे उसके पिता के अलावा और कोई भी नही रहता था । साथ ही अब उसके पिता की उर्म भी ज्यादा हो गई थी । इस कारण से अब वे अपने खेत के अलावा कही पर भी काम नही करते थे । ‌‌‌उनका बेटा यानि अर्जुन ही कही जाकर कमा लेता था। अर्जुन की एक आदद खराब थी वह अपने से बढ चढ कर बाते ‌‌‌करने लग जाता था । इसी तरह से एक बार गाव मे कुछ लोग आए थे वे लोगो को ज्ञान देने लगे थे की आप अपने खेत मे सब्जियो की फसल बोओगे ओ आपको बहुत ही फायदा होगा ।

जिससे आप अपने मन की सब इच्छाओ की पूर्ती कर सकते हो। जब वे लोग चले गए तो कुछ दिनो के बाद जब लोगो ने ‌‌‌अर्जुन पूछना शुरु किया की भाई आज कल क्या‌‌‌ करते हो तो वह कहता की फिलहाल तो कुछ नही करता हूं ।

पर बहुत जल मे इस गाव के साथ साथ शहर का अमिर आदमी बन जाउगा और साथ ही मेरे पास इतने वाहन होगे की आप जैसे लोग तो उसमे आराम से कही पर भी जा सकेगे । फिर भी मेरे पास वाहन की कमी नही होगी । इस तरह से बढ चढ कर बाते करने के कारण भी लोग उसे कुछ नही कहते ‌‌‌थे ।

बल्की कुछ लोग तो उसे कहते की तुम कुछ भी कर सकते हो । ऐसा वे इस कारण से कहते थे क्योकी उसके पिता बहुत ही अच्छे आदमी थे । जब उसके पिता को उसकी इस बात के बारे मे पता चला तो उन्होने उससे कहा की बेटा इस तरह से लोगो ‌‌‌को अपने सपने नही बताने चाहिए ।

तब अर्जुन ‌‌‌ने अपने पिता को चुप करवा दिया था । ‌‌‌अर्जुन के पिता की उर्म हो जाने के कारण वे कुछ भी नही कर सकते थे । इस कारण से ‌‌‌वे चुप हो गए और आराम से उसके बारे मे जो भी पता चलता वे चुप चाप सुनते रहते थे ।

फिर जब भी लोग अर्जुन के बारे मे उसके पिता को बताते तो वे कहते की अगर वह यह सब कर लेता तो आज पता नही हम कहा होते । फिर जब भी लोगो से वह असंभव बाते करता तो लोग उसे कहते की इस तरह से ख्याली पुलाव पकाने से कुछ नही होता ।

ख्याली पुलाव पकाना ‌‌‌ ‌‌‌मुहावरे पर कहानी Idiom story

अगर ऐसे ही कोई अमीर बन जाता तो आज यहां अमिर लोगो की कोई कमी नही होती । इस तरह से अर्जुन को लोगो ने बार बार कहा तो उसे पता चल गया की अब लोगो के सामने ऐसी वैसी बाते करने से कुछ भी नही होगा ।

‌‌‌फिर भी वह अपनी हरकत से बाज नही आया और ऐसी ही असंभव बाते करता रहता और लोग कहते रहते की इस तरह से ख्याली पुलाव पकाने से कुछ नही होगा । इस तरह से आप समझ गए होगे की इस कहानी का अर्थ क्या है ।

ख्याली पुलाव पकाना मुहावरे पर निबंध Essay on idiom

‌‌‌साथियो जैसा ‌‌‌की इस मुहावरे के नाम से ही पता चलता है की जिस तरह से अपने ख्याल मे पुलाव पकाते है तो उससे कुछ नही होता और उसे हम छु तक नही सकते । कहने का अर्थ है की वह केवल ख्याल मे ही चल सकता है हकीकत नही है । जब वह हकीकत नही है तो वह असंभव है ।

इसी तरह से जब कोई अपने ख्याल से ऐसी बाते करता रहता ‌‌‌जो उसके लिए असंभव हो । तो असंभव बाते करने को ही ख्याली पुलाव पकाना कहा जाता है । इस तरह से इस मुहावरे का प्रयोग भी वही पर होता है जहां पर कोई ऐसी बाते करता है जो उसके लिए सच हो पाना नामुमकिन हो ।

इस तरह के ख्याली पुलाव पकाने वाले लोगो की कोई कमी नही है । ये लोग आसानी से देखने को मिल जाते है ‌‌‌इस तरह से आप यह तो समझ गए होगे की इस मुहावरे का अर्थ असंभव बाते करना होता है ।

ख्याली पुलाव पकाना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of khayali pulav pakana in Hindi

दोस्तो आप इस मुहावरे के माध्यम से इसके अर्थ को इतनी अच्छी तरह से समझ सकते है की आप इसे पल भर में याद कर लेगे  ।

दरसल ख्याली शब्द ख्याल के अंदर होने वाली बातो को दर्शाता है । जैसे की आप मन ही मन में सोचते है तो यह ख्याल है । और इस तरह से ख्याल में पुलाव को पकाने का मतलब है की आप असंभव करने की कोशिश कर रहे हो । क्योकी आपको पता है की मन ही मन में सोच कर कभी भी पुलाव को पकाया नही जा सकता है और ऐसा करने का मतलब है की असंभव करना  ।

अब क्योंकी मानव जो होता है वह बहुत बार असंभव बाते करता रहात है जो की कभी भी हो नही सकती है और यह भी​ बिल्कुल ख्याली पुलाव पकाने की तरह ही होता है ओर इसी बात के माध्यम से समझ में आता है की khayali pulav pakana muhavare ka arth – असंभव बाते करना होता है ।

‌‌‌निचे कुछ मुहावरों की लिंक दी जा रही है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

कान भरना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

अपना उल्लू सीधा करना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

चिराग तले अंधेरा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

अक्ल पर पत्थर पड़ना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मेप्रयोग

हृदय भर आना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌ अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

पानी में आग लगाना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

सौ सुनार की एक लुहार की मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

अपना हाथ जगन्नाथ मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

अंत भला तो सब भला मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

अक्ल का दुश्मन मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

अन्धों में काना राजा मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।