मचल उठना मुहावरे का मतलब और वाक्य में प्रयोग और कहानी

मचल उठना मुहावरे का अर्थ machal uthana muhavare ka arth — जिद करना ।

दोस्तो बच्चे जो होते है वे कई बार क्या करते है की बाजार साथ जाते है तो कुछ लेने के लिए जिद करने गल जाते है। कहते है की नही मुझे तो यही चाहिए तारे इस तरह से बार बार जीद की जाती है और यह सब देखने के कारण से माता पिता को वह सब दिलाना भी पड़ता है ।

तो इस तरह से जिद करना जो हो उसे ही मचल उठना कहा जाता है । मतलब यह है की चाहे किसी भी मारण से और कोई भी जिद करता है तो इसे मचल उठना कहते है और इसका मतलब हुआ की मचल उठना मुहावरे का अर्थ जिद करना होता है ।

मचल उठना मुहावरे का मतलब और वाक्य में प्रयोग और कहानी

मचल उठना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग   || machal uthana use of idioms in sentences in Hindi

1.        बाजार में छोटी सी गुडिया देख कर बच्ची मचल उठी ।

2.        घुमने के लिए मेले में गए थे मगर वहां पर बच्चे ने पता नही क्या देख लिया जो की मचल उठा ।

3.        इस लडके का क्या करे यह सुबह से एक गुडिया के लिए मचल उठा है ।

4.        कंचन मिठाई खाने की काफी शोकिन है और जब भी मिठाई देखती है तो खाने के लिए मचल उठती है ।

5.        घर के बाहर गुल्फी वाला फिर रहा है और यह देख कर राजेश मचल उठा ।

6.        बच्चो का अच्छा है जब कोई वस्तु नही  मिलती है तो मचल उठते है और वस्तु मिल जाती है ।

मचल उठना मुहावरे पर कहानी || machal uthana story on idiom in Hindi

दोस्तो एक बार की बात है हमारे घर मे एक बेटी है जिसका नाम संगिता है और हव हमेशा हमारे साथ रहती है । जब भी उसकी मां बाजार में जाती है या फिर कही और जाती है तो संगिता उसके साथ ही जाती है । एक बार की बात है संगिता जो थी वह अपनी मां के साथ बाजार गई थी ।

 दरसल रिश्तेदारो में कही विवाह आ रहा था तो संगिता की मां जो थी वह शोपीग करने के लिए बाजार गई थी । और अपने साथ कुल 3000 हजार रूपय लेकर गई थी और उसे लगा की इतने रूपय में सब कुछ आ जाएगा ।

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और वह शहर चली गई । इसके साथ ही उसने संगिता को भी साथ ले लिया । संगिता जो थी वह पहली बार बाजार जा रही थी तो वह खुशी थी । बाजार में पहुंचने के बाद में संगिता की मां जो थी वह तरह तरह की दुकान में जाकर अपने लिए कपडे देखने लगी क्योकी महिला है

तो उसे आसानी से पकडे पसंद नही आए करीब चार से पांच दुकानो में फिरने के बाद में संगिता की मां को पहनने के लिए एक साडी पसंद आ गई और उसने जब उसकी किमत पूछी तो वह करीब 2000 हजार रूपय की थी । और यह देख कर संगिता  की मां ने उसे खरीद लिया ।

इसके बाद में संगिता और उसकी मां किसी दूसरी दुकान में पहुंचे वहां पर पहुंचते ही संगिता जो थी उसे एक गुडिया दिख आई और उसे देख कर अपनी मां से कहने लगी की मम्मी मुझे वह चाहिए मगर संगिता की मां ने उसकी बातो पर कान न दिया ।

मगर संगित कम नही थी वह बार बार कहने लगी तो आखिर में थक हार कर संगिता की मां मान गई और कहा की ठिक है चलो तुम्हे लेकर दे ही देती हूं । इसके बाद में संगिता की मां ने दुकानदार से उस गुडिया की किमत पूछी तो वह हैरान हो गई थी ।

क्योकी उसकी किमत जो थी  वह 560 रूपय थी और इतनी महगी लेने के लिए संगिता की मां के पास पैसो की कमी हो रही थी और इस कारण से संगिता की मां ने उसे नही लिया ।

मगर यह देख कर संगिता ​मचल उठी और कहा की मुूझे तो वही चाहिए और इस तरह से करते हुए वह रोने भी लगी थी । जब इस तरह से हुआ तो पास ही खडे लोगो ने कहा की बहन ज क्यो बच्चो को रूला रही हो ।

और इस तरह से कहने पर संगिता की मां को समझ में आ गया की जब तक इसे गुडिया नही दिलाई गई तब तक यह इसी तरह से मचल डठती रहेगी । और आखिर में संगिता की मां ने उसे वह गुडिया दिला दी अब बाकी जो कुछ रूपय बचे थे उससे छोटा मोटा समान लेकर घर आ गई  ।

घर आने के बाद में सभी को संगिता के बारे में बताया गया की किस तरह से एक गुडिया के लिए वह मचल उठी थी और यह सब होने के कारण से संगित का जो मां थी वह काफी गुस्से में थी । मगर क्या हो सकता था एक बच्ची थी जिसके कारण से घर के सभी लोगो ने उसी का पक्ष लिया था ।

 इसके बाद में क्या हुआ की जब भी संगिता की मां जो थी वह बाजार जाती थी तो वह समझ जाती की अगर संगिता को साथ लिया गया तो पता नही वह कुछ देख ले और फिर मचल उठे और यह सब होने के कारण से संगिता की मां ने उसे साथ नही लिया और वह अकेली ही जाती थी ।

मगर यह सब संगिता को अच्छा नही लगा क्योकी वह अपनी मां के साथ जाना चाहती थी जिसके कारण से वह तो मचल उठी और यह सब देख कर सभी ने कहा की बच्चो का क्या है यह तो ऐसे ही मचल उठते है ।

मचल उठना मुहावरे का अर्थ

तुम चली जाओ इस तरह से कहने पर संगिता की जो मां थी वह बाजार चली जाती थी और संगिता घर पर ही रह जाती थी । और इस तरह से फिर संगिता को घर पर ही रहना पडता था ।

दोस्तो इस कहानी से यह समझ में आता है की जो यह बच्चे होते है वे बडे शरारती होते है क्योकी वे कुछ भी देख लेते है तो उसे लेने के लिए मचल उठते है और जब तक उन्हे वह नही दिलाया जाता है तब तक चुप भी नही होते है ।

 और आपको भी पता है की उनकी सारी इच्छा को पूरा नही किया जा सकता है । इस कारण से इसे बहुत बार नजर अंदाज कर दिया जाता है ।

तो दोस्तो कहानी में जो यह मचल उठना है वह एक मुहावरा हे और उसका अर्थ होता है जिद करना । जैसे की संगिता ने गुडिया लेने की जिद की थी ।

आशा है की आप मुहावरे को अच्छी तरह से समझ गए होगे । अगर कुछ पूछना है तो कमेंट कर देना ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।