उल्टी पट्टी पढ़ाना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

उल्टी पट्टी पढ़ाना मुहावरे का अर्थ ulti patti padhana muhavare ka arth – गलत कह कर बहकाना

दोस्तो अगर किसी व्यक्ति को आपने कुछ कहा था और फिर वह व्यक्ति आपके द्वारा कही गई बात को किसी अन्य को वैसी की वैसी न कह कर उसमे कुछ परीर्वतन कर देता है यानि अपने उसे कुछ और कहा और वह ‌‌‌किसी को कुछ और कहता है ।

ऐसा वह इस कारण से कहता है ताकी सामने वाला बहक जाए और वह आपसे झगडा करे । इस तरह से जब भी कभी कोई व्यक्ति किसी को किसी भी कारण से बहकाने लग जता है तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

उल्टी पट्टी पढ़ाना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌उल्टी पट्टी पढ़ाना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • जब से रामू ने मेरे भाई को उल्टी पट्टी पढ़ाई है तब से मेरा भाई मुझे बुरा समझने लगा है ।
  • आज इसे किसने उल्टी पट्टी पढ़ा दी जो यह अपने माता पिता से झगडा करने लगा है ।
  • महेश ने तो मेरे बेटे को खुब उल्टी पट्टी पढाई पर मेरा बेटा समझदार था इस कारण से उसकी बातो मे नही आया ।
  • चंद्रीका ने गाव के लोगो को उल्टी पट्टी पढ़ा कर किसना को बुरी साबित कर दिया ।
  • अगर तुम इसी तरह से लोगो की उल्टी पट्टी पढाने पर ‌‌‌उनकी बातो मे आने लगे तो एक दिन तुम दोनो भाईयो मे लडाई ‌‌‌पक्का होगी ।
  • अभी अभी हिमांशु इसके पास आकर गया था जरूर उसी ने इसे उल्टी पट्टी पढ़ाई होगी ।

उल्टी पट्टी पढ़ाना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक धनवान राजा रहा करता था । राजा का नाम शेरखान ‌‌‌था । राजा शेरखान बहुत ही बहादूर और किसी से न डरने वाला था । अगर उसकी मोत भी उसके सामने आ जाती तो भी वह दूश्मनो का सामना करने से नही डरता था । वह तो अपनी हार कभी भी नही मानता था ।

इस तरह के राजा होने के कारण से उसका राज्य भी सही तरह से सुरक्षित चल रहा था । राजा बलवान और ज्ञानि होने के साथ साथ ‌‌‌दयालू भी था । वह अपने राज्य की प्रजा को कभी भी निराश नही होने देता था ।

उनकी हर समस्या मे मदत करता था । जिसके कारण से उस राज्य की प्रजा भी राजा के साथ थी । राजा के दो बेटे थे जिनका नाम महावीर और बलवंत था । राजा के दोनो बेटे शिक्षा लेने के लिए एक ही गुरू के पास गए थे ।

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पर वहा पर उनके लिए ‌‌‌दो अलग अलग प्रकार के गुरू थे । महावरी को एक ऐसा गुरू मिला जो बहुत ही ज्ञानी था व सच्चाई का साथ देने वाला था । पर बलवंत को इस तरह का गुरू मिला जो उसके पिता यानि शेरखान से नफरत करता था ।

जिसके कारण से बलवंत को वह गुरू गलत शिक्षा देने लगा था । और उसे बुरा बनाने मे लग गया था । यह बात उस गुरूकुल ‌‌‌मे सबसे उपर वाले गुरू को पता नही थी । उन दोनो की शिक्षा पूरी हो जाने के कारण से दोनो भाई मे देखने मे फर्क दिख रहा था ।

तब महावीर और बलवंत अपने अपने गुरू की ही बात पर चलने लगे थे । इस तरह से समय बितत गया और अब राजा शेरखान की उम्र होने लगी थी । ‌‌‌तब एक दिन राजा शेरखान के राज्य पर ‌‌‌किसी ने हमला कर दिया था ।

जिसके कारण से राजा की पूरी सेना नष्ट होने लगी थी । तब राजा के दोनो बेटे यानि बलवंत और महावीर भी युद्ध कर रहे थे । पर इस युद्ध मे राजा शेरखान को किसी ने पिछे से वार कर कर मार दिया था । क्योकी युद्ध हो रहा था इस कारण से किसी को भी पता नही चला की राजा शेरखान ‌‌‌को किसने मारा है ।

इस तरह से राजा शेरखान के दोनो बेटे भी बडे बलवान थे इस कारण से उन्होने उस युद्ध मे जित हासील कर ली । पर उन्हे बादमे पता चला की उनके पिता की मृत्यु हो गई । अपने पिता के बारे मे जान कर दोनो बेटे बहुत ही दुखी ‌‌‌हो गए साथ ही राज्य की सारी प्रजा भी दुखी थी ।

क्योकी राज्य का राजा ‌‌‌मर गया था । इस कारण से राजा किसी और को बनाने की भी बात होने लगी थी । पिता के मरने के तिन चार दिनो के बाद ही बलवंत और महावीर की मां ने यह घोषण कर दी की वह अपने दोनो बेटो मे से जिसके पास भी राजा के गुण होगे उसे ही राजा बनाएगी ।

इस कारण से वह अपने दोनो बेटो की परीक्षा लेने लगी थी । तब उन्हे ‌‌‌देखने को मिला की महावीर बहुत ही बलवान है और दयालू भी । अगर उसके सामने कोई पशु भी आ जाता है तो वह उसकी भी हिफाजत कर लेता है । उस समय वहा पर दोनो भाईयो के गुरू भी आए थे ।

इस कारण से बलवंत का गुरू उसे गलत कह कर कर बहकाने लगा था । तब उसने कहा की अगर तुम्हारी माता ने तुम्हे राजा नही बनाया तो यह ‌‌‌तुम्हारे साथ अन्याय होगा । इस तरह से कह कर बलवंत को बहका दिया था ।

जिसके कारण से बलवंत ने भी सोच लिया की वही राजा बनेगा । पर आखिर मे रानी ने फैसला सुना दिया की महावीर ही इस राज्य का नया राजा है । यह फैसला सुन कर बलवंत वहा से चला गया ।

तब उसके पिछे पिछे उसका गुरू भी चला जा रहा था । यह ‌‌‌रानी देख रही थी तब रानी ‌‌‌को लगा की यह अभी निराश होगा की उसे राजा नही बनाया गया फिर इसे मैं समझा दुगी । इस तरह से रानी मन ही मन सोचने लगी थी ।

जब बलवंत महल मे चला गया तो गुरू भी पिछे जाकर उसे बहकाने लगा और कहा की अगर तुमने अपने भाई को मार दिया तो इसके बादमे तुम ही इस राज्य के नए राजा होओगे ‌‌‌। तब बलवंत ने कहा की मैं राजा बनने के लिए अपने बाई को नही मार सकता ।

इस तरह से फिर भी गुरू ने बलवंत को बहकाना नही छोडा जिसके कारण से बलवंत ने अपने भाई की हत्या करने की सोच ली थी । और जब रात्री हुई तो वह अपने भाई को मारने के लिए उसके कक्ष मे भी चला गया था ।

पर वहा जाने के बाद वह सोच मे डुब गया ‌‌‌तब उसे अपने भाई की अच्छाई याद आने लगी थी । जिसके कारण से वह निराश होकर वहा से वापस चला गया था । यह रानी ने देख लिया था ।

जिसके कारण से रानी ने बलवंत को रोक लिया और उसे पूछने लगी की तुम इस समय अपने भाई के कमरे मे क्या कर रहे थे । तब बलवंत को लगा की मैं जुर्म कर रहा था इस कारण से मुझे मेरा‌‌‌ जुर्म कबूल कर लेना चाहिए ।

इस तरह से फिर बलवंत ने अपना सारा जुर्म कबूल कर लिया और साथ ही उसने यह भी बता दिया था की वह अपने गुरू के बहकाने के कारण से ऐसा गलत कार्य करने वाला था । यह जान कर रानी ने ‌‌‌अगले ही दिन एक सभा बुलवाई जिसमे उसने अपने बेटे के जुर्म की बात की साथ ही वह इस तरह से किसके ‌‌‌कहने पर कर रहा था इसका भी जिक्र कर लिया था ।

उल्टी पट्टी पढ़ाना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

जब गुरू से पूछा गया की उसने राजा के बारे मे बलवंत को बहकाया था क्या तब उसने साफ साफ मना किया । पर बलवंत के कहने पर गुरू दोषी ठहर गया जिसके कारण से रानी ने उस गुरू को सजा के तोर पर कारावास मे डाल दिया था ।

साथ ही बलवंत को महावीर का मंत्री बना ‌‌‌दिया और कहा की अगर किसी भी कारण से महावीर पर कोई आच आई तो इसके जीमेदार तुम होगे । इस तरह से फिर बलवंत भी महावीर की रक्षा करने लगा था ।

तब बलवंत को उसके भाई यानि राजा महावीर ने कहा की तुम्हारे गुरू ने तुम्हे उल्टी मट्टी पढाई थी जिसके कारण से ही तुम्हे यह सजा मिली है। इस तरह से फिर बलवंत ‌‌‌किसी के भी बहकावे मे नही आने की बात कहने लगा और फिर महावीर के साथ साथ रहता था ।

इस तरह से फिर उनका जीवन चलने लगा था । इस तरह से आपको समझ मे आ गया होगा की इस कहानी से मुहावरे का अर्थ गलत कह कर बहकाना होता है ।

उल्टी पट्टी पढ़ाना मुहावरे पर निबंध || ulti patti padhana essay on idioms in Hindi

दोस्तो उल्टी शब्द का प्रयोग किया गया है तो यहां पर गलत को दर्शाता है  मतलब जब कोई व्यक्ति कुछ गलत करता है या फिर गलत करने की कोशिश करता है तो ऐसे में उल्टी शब्द का प्रयोग किया जा सकता है ।

कुछ ऐसे लोग होते है जो की गलत कह कर बहकाने का काम करते है और जो व्यक्ति गलत कह कर बहकाने का काम करता है वही पर इस मुहावरे का प्रयोग करते हुए कहा जाता हे की यह तो इसे उल्टी पट्टी पढा रहा है । इसका मतलब हुआ की गलत कह कर बहकाना इसका अर्थ है और इसे आप अच्छी तरह से समझ सकते है ।

अगर वाक्य में प्रयोग की बात करे तो मान ले की आपका मित्र आपको कुछ गलत बाते बता कर किसी न किसी तरह से बहकाने का काम कर रहा है तो ऐसे में आप अपने मित्र को कह सकते है क्यों मुझे उल्टी पट्टी पढा रहे हो । तो इस तरह से वाक्य में प्रयोग हो सकता है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।