सिर पीटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग और कहानी

सिर पीटना मुहावरे का अर्थ sir pitna muhavare ka arth — पछताना, पश्चात्ताप करना ।

जब भी मानव कुछ गलत कर देता है तो उसे उस समय यह पता नही होता है की आखिर मैंने गलत क्या किया है । मगर जब उसे पता चलता है की उसने कुछ गलत किया है तो वह पछताने लग जाता है और इसी  स्थिति में वह अपने सिर को पीटता है और कहता है की मैं मुर्ख जो मैंने इतना बड़ा गतल काम कर दिया तो इस तरह से मानव पछताने लगता है या फिर कहसकते है की मानव पश्चात्ताप करने गलता है ।

 क्योकी ​इस स्थिति में सिर को पीटा जाता है तो इसका मतलब हुआ की सिर पीटना मुहावरे का अर्थ पछताना, पश्चात्ताप करना ही होता है और यही पर इस मुहावरे का वाक्य में प्रयोग किया जाता है ।

सिर पीटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग और कहानी

सिर पीटना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग  ||sir pitna  use of idioms in sentences in Hindi

1.            राजवीर की माता को गांठ का कैंसर था तो लोगो ने उसे काफी अधिक सलाह दी की रामकिसन डॉक्टर को उसे दिखा दो मगर उसने ऐसा नही किया और आज उसकी माता की बुरी तरह से मोत हो गई तो अब राजवीर सिर पीट रहा है ।

2.            सुरज चौकोदार का काम करता था मगर एक रात वह आराम से सो गया और उसी समय चौर घर में चोरी कर कर चला गया अगले दिन इस चोरी का जिम्मेदार लोगो ने सुरज को ठहराया तो वह सिर पीटने लगा ।

3.            राजेश विदेश से काफी सारा धन कमा कर लेकर आया था और इस बारे में उसने पूरे गाव में बता दिया और उसी रात को सारा धन चोरी हो गया और तब राजवीर सिर पीटने लगा ।

4.            राजू 10 वी कक्षा में था और बिना पढाई किए ही पेपर देकर आ गया और रिजेल्ट आने पर वह फैल हुआ तो सिर पीट रहा है ।

5.            पहले तो बच्चे पढते नही है और जब परिक्षाओ में फेल आ जाते है तो सिर पीटने लग जाते है ।

6.            कंचन जब 12 वी कक्षा में थी तभी हमने उसे काफी समझाया था की पढाई कर ले मगर नही और आज वह फैल आ गई तो सिर पीट रही है ।

7.            गाव के लोगो ने तो मनोज को काफी समझाया की गुंडो के साथ न रहे मगर आज जब गुंडो ने मनोज को ही पकड़ा दिया तो सिर पीटने में लगा है ।

सिर पीटना मुहावरे पर कहानी ||  sir pitna story on idiom in Hindi

दोस्तो बहुत समय पहले की बात है रामलाल नाम का एक आदमी हुआ करता था जो की कुछ ठिक ठाक पढा हुआ था यानि 8 वी पास था । आपको बता दे की उस समय इतना पढ लेना मतलब बहुत अधिक पढ लेना था । मगर कहते है की जो ज्यादा पढता है उसे उतनी ही जल्दी नोकरी मिल जाती है ।

मगर आपको बता दे की रामलाल के साथ ऐसा कुछ नही हुआ । क्योकी वह नोकरी की तलास में पुरे दो वर्षों तक फिरता रहा मगर उसे नोकरी नही मिली और नोकरी न मिलने के कारण से रामलाल काफी अधिक दुखी रहता था ।

उधर उसके घर के लोग थे जो की काफी अधिक गरीबी में थे और सही तरह से खाना तक नही मिल पाता था और उनकी यह स्थिति देख कर रामलाल को काफी अधिक बुरा लगता था । और आपको बता दे की रामलाल जो था वह चाहता था की उनक यह गरीबी दुर हो जाए । मगर ऐसा न तो पहले हुआ था और न ही रामलाल के नोकरी लगने के कारण से हुआ था ।

दरसल आपको ता दे की रामलाल को जो नोकरी मिली थी वह और किसी की नही बल्की एक चोकरीदारी की थी ।

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दरसल उस समय शहर में एक कोलोनी हुआ करीत थी जहां पर काफी अधिक घर थे ओर वहां पर वही लोग रहते थे जो की दूसर किसी गाव के थे और शहर में काम कर रहे थे ।

इस तर हसे उस कोलोनी में बहुत से लोग रहते थे और रामलाल को वहां पर चौकीदार बनने का काम मिला था । रामलाल मना नही कर पाया और उसने इस काम को करने के लिए हां कह दी थी क्योकी उसकी घर की जिस तरह की स्थिति थी उसके अनुसार तो रामलाल को जो काम मिल जाए वही सही था ।

रामलाल जो था वह इस काम को प्राप्त करने के कारण से ज्यादा खुश तो था नही । क्योकी काम के कारण से उसका केवल घर ही चल पाता था । और उसे इतने ही रूपय मिलते थे जो की हमेशा कम रहते थे ।

मगर फिर भी रामलाल को मजबूर होकर यह काम करना पड़ रहा था और इसका सबसे बड़ा कारण तो यही थी की रामलाल जो था उसे यह काम करने के लिए जो पैसे थे वे काफी जरूरी थे क्योकी इन्ही पैसो के कारण से उसका घर चल जाया करता था सभी का आराम से पेट भर जाता था ।

सिर पीटना मुहावरे पर निंबंध  sir pitna essay on idioms in Hindi

मगर आपको बता दे की यह पैसे इतने ज्यादा नही थी जिसके कारण से रामलाल पैसो को बचा सके बल्की यह तो उसे कम ही पड़ते थे  ।

अब बात करे रामलाल की ड्यूटी की तो वह अपनी इस जिम्मेदारी को काफी अच्छी तरह से पूरी करता था । वह ज्यादातर दिन मे ही काम करता था जिसके कारण से उसे किसी तरह की परेशानी नही होता थी और वह आराम से अपना काम कर लेता था ।

मगर कहते है की यह जो काम होता है वह कब बदल जाए कहा जा नही सकता है । और ऐसा ही रामला के साथ हुआ था । क्योकी रामलाल जो था उसे एक दिन पता चला की उसकी ड्यूटी दिन से बदल कर रात को हो चकी है । और अब रामलाल के लिए काम करना काफी कठिन होने वाला था ।

क्योकी आपको भी पता है की रात के समय में ही यह ड्यूटी ज्यादा खतरनाक होती है एक तो अनजान आदमी को कोलोनी के अंदर जाने नही दिया जा सकता है अगर किसी तरह का गलत काम हो जाता है तो इसका दोष भी रामलाल को लगता है और इस तरह से रामलाल जो था वह अब काफी पेरशानी में फसने वाला था ।

उसने एक महिने तक इस काम को पूरी तर हसे सही सही कर दिया था । मगर जैसे ही एक महिना हुआ तो एक दिन रामलाल के काम पर बड़ी मुसीबत आ गई थी ।

दरसल आपको बता दे की रामलाल जो था वह काम करते समय कभीभी आराम से सोता नही था मगर एक दिन की बात है राजवीर दिन भर काम कर चुका था और रात को भी उसे अपनी ड्यूटी करनी थी तो इस स्थित में रामलाल के लिए यह काम करना काफी कठिन हो गया था ।

वह आधी रात तक आराम से जग कर काम करता था और तभी उसकी आंख लग गई और इसी बिच में उस कोलोनी में कुछ चोर आ गए और उन्होने चोरी करनी शुरू कर दी और काफी समय बित जाने पर वे चोर चोरी कर कर वहां से फरार हारे गए । और रामलाल जो था वह आरामा से सो रहा था और उसे इस बारे में कुछ पता तक नहीथा ।

अगले दिन जब कोलोनी में हल्ला मच्चा की घर में चोरी हुई है तो सभी ने सीसीटीवी देखा और उन्हे पता चला की चार चोर कोलोनी मेंआए थे और चोरी कर कर चले गए है ।

और यह जान कर सभी ने रामलाल के पास लगे सीसीटीवी को देखा तो सभी को पता चला की रामलाल तो आराम से सो रहा था और यह जान कर सभी ने रामलाल को काफी बुरा भला कहर दिया और जब रामलाल को यह पता चला की उसकी निंद के कारण से कोलोनी में चोरी हो गई है तो वह अपना सिर पीटने लग गया था । मगर अब क्या हो सकता था क्योकी चोरी तो हो गई थी ।

मगर कुछ ही समय में पुलिस अधिकारी आ गए ओर राजवीर को पकड़ कर थाने ले गए और वहां पर जम कर पूछताछ की और फिर रामलाल को छोड दिया और कहा की जब भी हम बुलाए तक तुम्हे आना होगा।

और फिर रामलाल को रोजाना पुलिस स्टेशन जाता है और पुलिस के द्वारा पुछे जाने वाले सारे सवालो के जबाब देता रहता है । आपको बता दे की इस घटना के कारण से रामलाल की जॉब भी हाथ से चली गई थी और जॉब न रहने के कारण से रामलाल के लिए यह काफी बुरा था ।

और उसे समझ में नही आया की क्या किया जाए । इस परेशानी के कारण से रामलाल अब सिर पीटने लगा था । मगर यह ता सभी को पता था की सिर पीटने से क्या होगा जो हो गया है वह बदला नही जाएगा ।

काफी समय बित जाने के बाद में रामलाल इस परेशानी से दूर हो सका था मगर अब रामलाल को वह काम नही मिला था जिसे वह पहले करता था बल्की अब तो उससे भी घटिया काम ही उसे मिल पतो थे । जैस की मजदूरी करना ।

हालाकी मजदूरी करना कोई धटिया काम तो नही है मगर चोकरीदार के काम से छोटा माना जाता है । और इस घटना से रामलाल को समझ में आया की कभी भी अपने जीवन में वह नही करना चाहिए ​जिसके कारण से उसे सिर पीटना पड़ जाए । और इसके बाद में रामलाल कभी भी अपने काम में जरा सी लापरवाही नही करता था और इसी तरहसे आगे रामलाल का जीवन बढता रहा ।

सिर पीटना मुहावरे पर निंबंध || sir pitna essay on idioms in Hindi

दोस्तो सिर पीटने का मतलब यह नही है की एक बड़े से लठ से सिर को पीटा जाए । बल्की आपको बता दे की सिर पीटने का मतलब उस स्थिति से होता है जहां पर मानव कुछ ऐसा कर देता है जिसके कारण से उसे पछावा या पश्चाताप करना पड़ जाता है ।

सिर पीटना मुहावरे पर निंबंध  sir pitna essay on idioms in Hindi

वैसे जीवन में बहुत से ऐसे लोग है जो की पहले गलत करते है और फिर अपने किए पर पछताते रहते है । मगर कुछ ऐसे भी लोग होते है जो की कुछ गलत करते नही है बल्की अपनी छोटी सी लापरवाही के कारण से उन्हे पछताना पड़ जाता है । जैसे की रामलाल था वह जब कुछ गलत नही करता है तो उसे किसी तरह की परेशानी नही होती है ।

मगर उसकी एक छोटी सी लापरवाही के करण से उसे काफी परेशानी आ जाती है और उस समय सिर पीटने का प्रयोग किया गया था । क्योकी सच में उस समय ​रामलाल के पछतावा हुआ था और जब पछतावा होने या पश्चाताप होने की बात होती है तो इस मुहावारे का प्रयोग किया जाता है ।

वैसे आपको बता दे की आप इस मुहावरे के अर्थ के बारे में तो जान चुके है मगर इसका प्रयोग करना चाहते है तो वही पर किया जाएगा जहां पर किसी पछतावा हो रहा है या फिर पश्चाताप हो रहा है । तो आप इस बारे में समझ सकते है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।