जंगल में मंगल मुहावरे का अर्थ और वाक्य व कहानी

जंगल में मंगल मुहावरे का अर्थ jangal mein mangal hona muhavare ka arth  — वीरान स्थान में रौनक होना या वीरान स्थान से भी आनन्द की प्राप्ति होना ।

दोस्तो अगर किसी स्थान पर हम जा रहे है तो उस स्थान पर पहले यही देखते है की क्या वहां जाने के बाद में हमे खुशी मिल सकती है या फिर कह सकते है की उस स्थान पर आनन्द मिल सकता है या नही ।

और जंगल जो होता है वह एक ऐसा स्थान होता है जो की पूरा का पूरा वीरान होता है और मंगल खुशी को दर्शाता है । तो इस तरह से जंगल में मंगल मुहावरे का अर्थ वीरान स्थान में रौनक होना या वीरान स्थान से भी आनन्द की प्राप्ति होना होता है ।

जंगल में मंगल मुहावरे का अर्थ और वाक्य व कहानी

जंगल में मंगल होना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग  || jangal mein mangal hona use of idioms in sentences in Hindi

 

1.        राजस्थान के बहुत से इलाके जिलो में बदल जाने के कारण से जंगल में मंगल हो गया ।

2.        यूपी मे पहले कोई रहना पसंद नही करता था मगर जब से योगी जी की सरकार आई है मानो जैसे यूपी में जंगल मे मंगल हो गया हो ।

3.        योगी सरकार ने आकर यूपी में ऐसे ऐसे काम किए जिसके कारण से मानो जंगल में मंगल हो गया हो ।

4.        लंका में रावण का राज चलता था मगर श्री राम के चरण पड़ते ही मानो जैसे जंगल में मंगल हो गया हो ।

5.        जंगल में श्री राम भक्त हनुमान को राम नाम जपते देखा तो जैसे मानो सभी को ऐसा लगा की जंगल में मंगल हो रहा है ।

6.        प्रत्येक बार यही आस रहती है की इस बार नई सरकार आएगी तो गांवो का विकाश करेगी और जंगल में मंगल होगा मगर सब कुछ पहले जैसा ही रहता है ।

7.        गाव के धनमल सेठ की बेटी का विवाह था तो पूरे गांव को दूल्हन की तरह सजा दिया और अच्छी रौनक सौनक के साथ विवाह पूरा किया गया मानो जैसे जंगल मे मंगल हो गया हो ।

जंगल में मंगल होना मुहावरे पर कहानी ||  jangal mein mangal hona story on idiom in Hindi

दोस्तो बहुत समय पहले की बात है जब एक जंगल हुआ करता था । और उस जंगल के बारे में कहा जाता था की यहां पर अनेक तरह के जानवर रहते है और साथ ही यह भी कहा जाता था की यहां पर बुरी आत्मा रहती है इस कारण से उस जंगल की और जाने से हर कोई डरता था ।

आस पास के गाव के जो लोग थे वे रात होते ही अपने घरो में बिल्ली की तरह छीप जाते थे और बहार नही निकलते थे । क्योकी उनको यह लगता था की अगर बाहर निकला गया तो क्या पता जंगल की बुरी आत्मा हमे पकड़ ले । और इसी डर ने लोगो को कई वर्षों तक अपने काबू में रखा था ।

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मतलब यह है की जैसे जैसे पीढ बित रही थी वैसे वैसे इस तरह का डर बढता जा रहा था । हालाकी ऐसा नही हुआ था की किसी ने भी बुरी आत्मा को देखा था । बल्की वे रात को तरह तरह की आवाज जरूर सुनते थे और जंगल था जहां पर जानवर रहते थे बिल्ली भी थी और अन्य तरह के जानवर भी थे जो की रात के समय में चिल्लाते और रोते रहते थे ।

जिसके कारण से लोगो को यह लगता था की मानो जैसे जंगल में बुरी आत्मा रो रही हो । मगर ऐसा कुछ था नही । मगर लोगो को इस बारे में सोच कर भी डर लगता था । मगर कहते है की जो सत्य होता है वह लोगो के सामने आ ही जाता है । और आपको बात दे की एक बार ऐसा हुआ था की लोगो को यह पता चल गया की उस जंगल मे क्या है और क्या नही ।

दरसल एक बार की बात है एक साधु हुआ करता था जो की अपने ज्ञान को बाटने के लिए आस पास के गावो में ही नही बल्की दूर दूर जाता रहता था । मगर उसे अभी तक शांति की प्राप्ति नही हुई थी क्योकी वह एक ऐसे स्थान को देख रहा था जहां पर वह लोगो को ज्ञान दे सके और वहां के लोगो को ज्ञान की ज्यादा जरूरत है ।

और इसी बात को ध्यान में रखते हुए साधू तरह तरह के गाव में चला जाता था । और आपको बता दे की जब साधू इस गाव में हाता है जहां पर पास में ही जंगल था ।

तो साधू को यह पता चला की लोगो के ​मन में एक अजीब  सा डर है ओर जब साधू ने लोगो से इस बारे में पूछा तो लोगो ने बताया की वह जो जंगल है वहां पर बूरी आत्मा रहती है ओर यही कारण है की हम उनसे डर रहे है ।

इतना सुन कर साधू को लाग की लोग सच कह रहे है इस कारण से साधू ​ने बिना कुछ सोचे ही जंगल में जाने का फैसला लियाऔर वह जंगल में चला गया । वहां पर जाने के बाद में साधू ने देखा की यहां पर तो जानवर रहते है जो की रात को रोते रहते है और चिल्लाते रहते हे और यही कारण है की लोगो को लग रहा है की बुरी आत्मा जो है वह इस तरह से चिल्ला रही है और बोल रही है ।

इस तरह से लगने के कारण से साधू ने अगले दिन लोगो को इस बारे में बताया । मगर लोगो को यकिन नही हुआ । तब साधू ने कहा की ठिक है आज से दस दिन तक मैं उसी जंगल में रहने के लिए जा रहा हूं और 11 वे दिन आप सभी के सामने आ जाउगा और उस दिन आपको मेरे साथ दिन के अंदर उस जंगल में जाना होगा ।

ओर यह सुन कर लोगो ने कहा की महाराज ठिक है अगर आप वहां से जीवित रह कर आ जाते है तो हम भी आपकी बात मान लेगे । और इस तरह से कहने के बाद में साधू उसी पल जंगल में रहने के लिए चला गया था और एक दिन बिता तो किसी तरह की आवाज आनी बंद हो जाती है ।

क्योकी साधू जो था वह जानवरो को शिक्षा देने लग गया था । अब लोगो को समझ में नही आ रहा था की आखिर बात क्या है । कुछ लोग सोचने लगे की साधू महाराज को आत्मा ने पकड़ लिया है । ओर कुछ लोग ओर ही कुछ कहने लगे थे ।

दूसरे दिन भी साधू के बारे में किसी को कुछ पता नही चला और वे इसी तरह से सोच विचार कर रहे थे । और इसी तरह से पूरे दस दिन तक चलता रहा मगर किसी को यह समझ में नही आ रहा था की साधू जीवित है की नही। हैरानी की बात तो यह रही थी की जंगल से अब किसी भी तरह की आवाज नही आ रही थी और इसी कारण से लोगो को यह समझ में नही आ रहा था की आखिर बात क्या है ।

अगले दिन की बात है साधू पास के गांव में आ जाते है और वहां पर आने के बाद में लोगो को कहते है की मैंने अपना वादा पूरा किया अब एक बार मेरे साथ जंगल में चलकर देखो । लोग जो थे वे साधू को देख कर ही हैरान थे तो उनकी बातो को कैसे सून पाते थे ।

इस कारण से साधू ने फिर से कहा मगर अब भी लोग डरे हुए ​थे । मगर तभी एक वृद्ध आदमी आता है ओर वह कहता है की हमने वादा किया है तो इसे निभाना भी होगा चाहे इसमें हमारी जान भी क्यो न चली जाए । और इस तरह से कहने पर साधू और गाव के लोग जंगल में चले गए ।

जंगल में जाने के बाद में लोगो को एक अलग ही अनुभव हुआ । उनके मन में अचानक से खुशी की लहर उठने लगी थी । लोग खुश होने लगे थे लोगो को समझ में नही आ रहा था की आखिर बात क्या है । क्योकी ऐसी खुशी उन्हे कभी भी महसुस नही हुई थी ।

इस कारण से लोग साधू बाबा से कहने लगे की आप सत्य कह रहे है यहां पर कोई आत्मा नही है । तब साधू ने कहा की यहां पर आत्मा नही बल्की जानवर है और इस तरह से फिर साधू ने लोगो को पूरी सच्चाई ओर लोगो को कहा की जानवर ही यह सब करते थे ।

और यह सुन कर लोग हैरान पर हैरान रह गए । क्योकी लोग इतने वर्षों तक भ्रम में थे । मगर अब रात होने को थी तो लोग वहां से जाने लगे और साधू बाबा को भी कहने लगे की आओ हमारे गाव में रहो ।

मगर साधू ने मना कर दिया और कहा की आज से यह जंगल ही मेरा घर है । और इस तरह से फिर साधू जो थे वे वही पर रहने लगे और लोग अपने घर चले गए थे ।

अगली सुबह सभी लोग साधू के पास जाते है तो साधू उन्हे ज्ञान देता रहता है और लोगो को एक अलग ही खुशी मिलती है और यह सब देख कर लोग भी आपस में बात करने लगे की जंगल में मंगल होने लगा है ।ओर यही कारण था की वहां पर लोग जो थे वे बार बार आते रहते थे ।

इस तरह से जंगल में एक तरह की सतसंग चलने लगी थी जिसके कारण से लोगो को खुशी  मिलती थी और लोग कहते थे की जब साधू बाबार आए है तब से जंलग में मंगल होने लगा है ।

और इस तरह से लोग फिर साधू के पास रहते और उन्हे वहां पर कुटिया बना कर दे दी और रोजाना ज्ञान हासिल करने के लिए आने लगे थे और आस पास के लोग भी वहां पर आने लगे थे और इस तरह से साधू फिर उसी जंगल में अपना ज्ञान देने लगे थे और लोगज्ञान ग्रहण करने लगे थे ।

इस तरह से दोस्तो जंगल में मंगल होता था ।

जंगल में मंगल मुहावरे पर निबंध || jangal mein mangal hona essay on idioms in Hindi

साथियो आज के समय में अगर कही पर भी आपको खुशी मिल रही है तो आपको उस खुशी को अपने अंदर समा लेना है । क्योकी आज हर कोई दुखी और इस दुखी दुनिया में थोडी सी खुशी बहुत ही अच्छ ही होती है ।

आपने कहानी पढी थी की जब साधू बाबा जंगल में आते है तो वहां पर पता नही क्या करते है की लोगो को अलग ही खुशी मिलने लग जाती है । मतलब जो जंगल लोगो को भूतो का घर लगता था वहां पर अब खुशी मिल रही है तो आप समझ लिजिए की यह केवल ज्ञान के कारण से होता है । क्योकी अगर भगवान का नाम जपा जाता है तो सब कुछ खुशी में ही बदल जाता है ।

ठिेक वैसे ही होता है जैसे की साधू के द्वारा किया गया था । मतलब साधू ने उस जंगल में रह कर भगवान की आराधना की थी जिसके कारण से वहां पर एक अलग ही खुशी आ जाती है और जब भी लोग वहां पर आते है तो वह खुशी उन्हे महसुस होती थी । इसके साधू की बाते सुन कर भी उन्हे ऐसा लगता था जैसे की मानो वे खुश हो रहे है और इसे ही जंगल में मंगल होना कहा जाता है  ।

इस तरह से आप इस मुहावरे के अर्थ को समझ गए होगे ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।