मेंढकी को जुकाम होना मुहावरे का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

मेंढकी को जुकाम होना मुहावरे का अर्थ mendaki ko jukam hona muhavare ka arth – अनहोनी होना

दोस्तो आप लोगो को पता है की जो भी कार्य होता है वह हो सकता है तभी वह कार्य होता है । पर कभी कभी कुछ ऐसे कार्य हो जाते है जिनकी आसा नही की जा सकती है । कहने का अर्थ है की जब कभी ऐसे कार्य ‌‌‌होते है जो नही होने चाहिए थे या फिर उनके होने का सही समय नही हुआ है तब उस कार्य को अनहोनी कहा जाता है । इस तरह से जब कभी अनहोनी होती है मेंढकी को जुकाम होना कहा जाता है ।

मेंढकी को जुकाम होना मुहावरे का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

मेंढकी को जुकाम होना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌आज रामलाल के साथ मेंढकी को जुकाम होने वाली बात हो जाती अगर मैं वहां पर न होता ।
  • तुम तो ऐसी बाते कर रहे हो जैसे मेंढकी को जुकाम होने वाली है ।
  • इतनी उम्र हो जाने के बाद भी तुम खिलोनो से खेल रहे हो इसे तो मेंढकी को जुकाम होना कहते है ।
  • ‌‌‌भरी जवानी मे बिचारी का पति मर गया इसे तो मेंढकी को जुकाम होना कहते है ।
  • भवानी सिंह की छोटी सी गलती के कारण से उसके साथ मेंढकी को जुकाम होने वाली बात हो गई ।
  • लखन सिंह के यहां तो आज मेंढकी को जुकाम हो गई क्योकी उसका इकलोता ‌‌‌बेटा जो मर गया ।
  • ‌‌‌गुंडो ने बिचारे को इस तरह से पिटा की ‌‌‌इसे तो मेढकी को जुकाम होना कह सकते है ।

मेंढकी को जुकाम होना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक ऐसा आदमी रहा करता था । जिसका उस नगर मे नाम था और लोग हर कार्य मे उसकी राय जरूर लिया करते थे । उस आदमी का नाम रामकिसन था ।

रामकिसन अपने बेटे के साथ रहा करता था । रामकिसन का बेटा भी अपने पिता ‌‌‌की तरह ही था । वह भी स्वभाव मे बहुत ही शांत था और लोगो से अच्छी अच्छी बाते किया करता था ।

इस कारण से गाव के लोग उसे भी महान व्यक्ति कहा करते थे । रामकिसन का वह इकलोता बेटा था और उसके कोई बेटी भी नही थी । इस कारण से रामकिसन ने उसे बडी अच्छी परवरिश दी ।

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जिसके कारण से जैसे ही वह बडा ‌‌‌हुआ ‌‌‌तो उसे काम करने के लिए अच्छा साधन मिल गया था । यानि उसे ऐसी जगह पर काम मिला था जहा पर लोग काम करने के लिए कडी मेहन्त किया करते थे ।

वह एक बैंक मे मनेजर के तोर पर काम किया करता था । बैंक मे काम करने के लिए उसे रोजाना शहर जाना पडता था क्योकी वह बैंक शहर मे ही थी । इस कारण से वह अपने गाव ‌‌‌से पैदल यात्रा कर कर शहर जाता और फिर अपना काम किया करता था ।

पर कुछ ‌‌‌दिनों के बाद मे रामकिसन ‌‌‌के बेटे को शहर जाने के लिए साधन मिलने लगा था । इस कारण से वह उस साधन मे ही शहर जाता और काम कर कर अपने घर आ जाया करता था । वह साधन एक बस थी जो रोजाना उनके नगर मे से होकर जाया करती थी ।

उस नगर से शहर जाने मे ‌‌‌काफी समय लगता क्योकी नगर शहर से काफी दूरी पर था । और साथ ही बिच मे जंगल से होकर भी जाया जाता था । ‌‌‌शहर जाते समय एक दिन लोगो ने देखा की उस जंगल मे कुछ लूटेरे बस की तरफ आ रहे है । और जैसे ही वे सभी लूटरे बस की तरफ आ गए तो उस बस मे बैठे सभी लोगो को लूट कर ले गए थे ।

उस दिन उस बस मे रामकिसन का बेटा नही ‌‌‌था । पर एक दिन की बात है रामकिसन का बेटा जिस बैंक मे काम किया करता था उस बैंक मे कुछ लूटरे आ गए । जिन्होने रामकिसन के बेटे से सारा धन देने को कहा ।

क्योकी रामकिसन उस बैंक का मनेजर था इस कारण से उसका फर्ज बनता था की वह बैंक की सेफ्टी करे । इस कारण से उसने अपनी चालाकी दिखाने के लिए उन ‌‌‌लूटेरो को पकड लिया और उनसे लडने लगा ।

तब रामकिसन के बेटे को लगा की अगर वह ऐसा करेगा तो बाकी लोग भी लूटेरो के साथ लडाई करने लगेगे जिसके कारण से लूटेरे डर कर भाग जाएगे पर ऐसा नही हुआ । तब लूटेरो ने रामकिसन के बेटे को बहुत बुरी तरह से पिटा जिसके कारण से उसके हाथ पाव पूरी तरह से टूट गए थे । ‌‌‌

उसके बाद मे लूटेरे बैंक को लूट कर वहां से फरार हो गए थे । तब बैंक मे जो लोग थे उन्होने रामकिसन के बेटे को सम्भाला और किसी तरह से ‌‌‌उसका दवाखाने मे दाखिल करा कर उसके घर के लोगो के पास सुचना पहुंचा दी की आपके बेटे ने लूटेरो के साथ लडाई की जिसके कारण से उसके हाथ पाव टूट गए है ।

जब यह खबर ‌‌‌रामकिसन के पास पहुंची तो वह विलाप करने लगा । जिसके कारण से आस पास के लोग वहां पर आ गए । तब लोगो ने भी रामकिसन से पूछा की क्या हुआ तुम क्यो विलाप कर रहे हो। तब रामकिसन ने उन लोगो को भी बताया की उसके बेटे के साथ क्या हुआ है ।

जब आस पास के लोगो को भी पता चल गया तो वे रामकिसन के साथ उसके ‌‌‌बेटे से मिलने के लिए चले गए थे । तब रामकिसन के बेटे को देख कर वे लोग कहने लगे की इसके साथ तो मेंढकी को जुकाम होने वाली बात हो गई ।

साथ ही उसकी यह हालत देख करे वे लोग भी दुखी हो गए थे । आखिर मे उन्होने रामकिसन के साथ उसके बेटे को घर ले आए । जिसके कारण से गाव के बाकी लोग भी उससे मिलने के लिए ‌‌‌जाने लगे थे । और जब कोई व्यक्ति उसे देखने के लिए नही जाता तो वह कहता की रामकिसन के बेटे को क्या हुआ है ।

मेंढकी को जुकाम होना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

तब सामने वाला व्यक्ति कहता की उसके साथ तो बहुत बुरा हुआ है । उसके साथ तो मेढकी को बुखार होना वाली बात हो गई । इस तरह से फिर गाव के लोग आपस मे बात करते थे । फिर रामकिसन का बेटा ‌‌‌पुरी तरह से ठिक नही हुआ था । कुछ समय बाद मे भी रामकिसन का बेटा जब ठिक हो गया तो वह आराम से इधर उधर फिरने लगा था ।

जब लूटेरे बैंक मे आए थे तब  उसने बाहदुरी दिखाई इस कारण से उसकी नोकरी नही गई और फिर रामकिसन का बैंटा पहले की तरह ही बैंक मे काम करता और अपना जीवन चलाता था । इस तरह से आपको समझ मे आ गया होगा ‌‌‌की मेंढकी को जुकाम होने का अर्थ अनहोनी होना होता है ।

मेंढकी को जुकाम होना मुहावरे पर निबंध || mendaki ko jukam hona essay on idioms in Hindi

दोस्तो अगर आप दिन रात पानी के अंदर ही रहते है तो विज्ञान के अनुसार आप एक ऐसे व्यक्ति बन जाएगे जिससे आपको पानी किसी तरह से नुकसान नही पहुंचा पाएगा ।

जैसे की मेंढक की बात की जाए तो वह दिन रात पानी में रहता हे मगर कभी भी उसका जुकाम नही होता है क्योकी पानी उसे किसी तरह का नुकसान नही पहुंचा पाता है ।

तो अगर मुहावरे के अनुसार कभी ऐसा हो जाए की मेंढकी यानि मेंढक जाति की मादा को जुकाम हो जाए तो यह मानव के जीवन में अनहोनी होने के समान माना जाता है ।

क्योकी ऐसा कभी हो ही नही सकता है और ऐसा हो जाए तो मतलब साफ है की यह अनहोनी हो चुकी है और इससे आप समझ सकते है की मुहावरे का सही अर्थ अनहोनी होना होता है ।

वैसे यह तो आप उपर अच्छी तरह से समझ सकते है क्योकी हानी के माध्यम से भी आपको इसके बारे मे अच्छी तरह से जानने को मिला था । तो अब अगर कुछ पूछन है तो कमेंट कर देना ।

‌‌‌निचे कुछ मुहावरों की लिंक दी जा रही है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।