अंगूठा चूमना मुहावरे का अर्थ क्या होगा और वाक्य प्रयोग

अंगूठा चूमना मुहावरे का अर्थ angutha chumna muhavare ka arth – चापलूसी करना या खुशामद करना ।

दोस्तो आपने एक छोटे बच्चे को देखा होगा वह समय समय पर अपना अंगूठा चुसता है । क्योकी उसे ऐसा लगता है की अंगूठा चुसने से उसे फायदा हो रहा है । इसी कारण से वह बार बार अपना अंगूठा ‌‌‌चुसता रहता है । इसी तरह से वर्तमान में लोग अपना फायदा करने के लिए दूसरो की हां में हां मिलाते है । वै जैसा कहते है उन लोगो के लिए वही सही होता है अगर कभी कहते है की यह गलत है तो ऐसे लोग कहेगे की हां यह गलत है ।

 वही अगर कहते है की यह सही है तो ऐसे लोग कहेगे की हां यही सही है । इस तरह से हां में ‌‌‌हां मिलाई जाती है । और इस तरह से जब कोई व्यक्ति अपने जीवन में करता है तो इसे चापलूसी करना कहा जाता है। इसके साथ ही इसे एक और नाम से जाना जाता है जो की खुशामद करना होता है। और यही पर इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

अंगूठा चूमना मुहावरे का अर्थ क्या होगा और वाक्य प्रयोग

‌‌‌अंगूठा चुमना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग

  • सरपंच साहब से काम करवाने के लिए हर बार मुझे अंगूठा चुमना पड़ता है ।
  • महेश तो लोगो का अंगूठा चुम कर अपना काम निकलवा लेता है और हमे यह आता नही तो हमारा कोन काम करेगा ।
  • ‌‌‌किसन अधिकारी का अंगूठा चुमता रहा जिसके कारण से ही उसे इतनी जल्दी प्रमोशन प्राप्त हो गया ।
  • अगर आपके बेटे को नोकरी चाहिए तो नेता लोगो का अंगूठा चुमना पड़ेगा ।
  • जॉब में अधिक पैसे ‌‌‌कराने के लिए किसन को बार बार अपने बॉस का अंगूठा चुमना पड़ा ।
  • ‌‌‌नोकरी पाने के लिए किसन ने काफी लोगो का अंगूठा चुमा ।

‌‌‌अंगूठा चुमना मुहावरे पर कहानी

प्राचीन समय की बात है किसी नगर में रामानन्द नामक एक आदमी हुआ करता था जो की बहुत ही नेक आदमी था । वह कभी भी किसी के सामने  झूकना पसंद नही करता था । बल्की वह हमेशा गर्व से रहता था । अगर रामानन्द को कुछ चाहिए होता तो भी वह किसी के सामने झूकता नही था । रामानन्द की ‌‌‌इसी आदद ने उसे गाव का सबसे गरीब आदमी बना रखा था ।

अब रामानन्द के घर में उसकी पत्नी और बेटा रहा करते थे । रामानन्द का बेटा अभी छोटा था मगर यह सब देख कर उसे समझ में आ रहा था की पिताजी की एक आदद ने गाव के लोगो के सामने ‌‌‌हमे गरीब का गरीब बना रखा है । ‌‌‌मगर वह यह भी मानता था की वह जो कुछ कर रहे हे वह सत्य है ।

क्योकी हमे थोडे से फायदे के सामने किसी के सामने झूकना ‌‌‌सही नही है । रामानन्द के बेटे का नाम किशोर था । और किशोर जहां पर अध्ययन करता था वहां पर रामानन्द की इसी आदद के कारण से ‌‌‌उसे काफी अधिक अच्छा माना जाता था । ‌‌‌और एक शिक्षक की नजरो में वही सही होता है जो की सही रूप से कुछ हासिल करता है ।

‌‌‌ठेस लगना / पहुँचाना मुहावरे का अर्थ ‌‌‌

कंठ (गला) भर आना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

तैश में आना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग (taish me aana muhavare ka arth)

आँसू पोंछना मुहावरे का अर्थ / aansu pochna muhavare ka arth

अंग-अंग मुस्कुराना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

इस कारण से किशोर को हमेशा ही शिक्षक कहते की बेटा चाहे जो हो जाए मगर अपने लाभ के लिए किसी किहां में हां मत मिलाना । वराना जो तुम्हारे पिता ने इतने समय से टाला था वह तुम कर दोगे । ‌‌‌किशोर को यह सब अच्छी तरह से समझ में आ रहा था । ‌‌‌और किशोर जैसे जैसे बड़ा होता जाता वह भी अपने पिता के नियम पर चलने का नियम बनाने लगा था ।

इस तरह से समय बितता जा रहा था और रामानन्द का बेटा किशोर अपनी उम्र से बढता जा रहा था । इस तरह कई वर्षों के बाद में जब किशोर बड़ा हो गया और उसने अपने स्कूली जीवन में अध्ययन समाप्त कर लिया था उस ‌‌‌समय की बात है । किशोर के पिता यानि रामानन्द किशोर से कहने गले की बेटा कुछ बन जाओ तो हम गरीबी मुक्त हो जाएगे ।

यह तो किशोर को भी पता था की गरीबी के कारण से आज उसके माता पिता और वह स्वयं कितनी तकलीफ में है । इस कारण से किशोर ने सोचा की वह एक अच्छी नोकरी करेगा । इस कारण से वह अध्ययन करने ‌‌‌लगा । और एक वर्ष बित जाने के बाद मे उसका पहला पेपर आया जिसे पास कर कर वह जॉब लग सकता था । मगर ऐसा नही हुआ क्योकी पहली बार में उससे पेपर पास नही हुआ ।

जिसके कारण से किशोर कुछ निरास हो गया था । मगर उसने हार नही ‌‌‌‌‌‌मानी बल्की वह दो गुनी मेहनत के साथ अध्ययन करने लगा था । समय बितता जा रहा था और किशोर की मेहनत देख कर सभी दंग रह रहे थे । क्योकी वह इतना अध्ययन कर रहा था की उसके जीतना तो कोई आस पास भी नही करता था ।

यह देख कर सभी को लगा की किशोर की जॉब लग जाएगा । मगर ऐसा नही हुआ । दरसल दूसरी बार किशोर ने पेपर ‌‌‌पास कर लिया था । मगर अब कमी थी तो केवल एक चीज की और वह इंटरव्यू की थी । जिसमें उसे पास नही किया गया था । मगर अब किशोर को लगने लगा था की वह नोकरी लग सकता है ।

जिसके कारण से फिर से उसने जम कर तैयारी की और वह और अधिक मेहनत के साथ अगला पेपर बडी आसानी से पास कर लेता है । मगर फिर से इंटरव्यू ‌‌‌में वह पास नही होता है । मगर उसने हार नही मानी मगर उसके साथ जब बार बार ऐसा होने लगा तो किशोर के सरपंच ने उससे कहा की बेटा ऐसे नोकरी नही लगने वाली ।

बल्की इंटरव्यू को पास करने के लिए पैसे लगते है । यह सुन कर किशोर को समझ में आ गया की वह बार बार रिजेक्ट क्यू हो रहा है । क्योकी वह पैसे ‌‌‌देता नही था और न उसके पास किसी तरह की सिफारिस थी । जिसके कारण से वह इंटरव्यू को पास कर सके । और उसे समझ में आ गया था की उसकी जगह बार बार किसी और को दे दी जाती है ।

मगर यह गलत था यह किशोर को मालूम था । मगर वह कुछ न कर ‌‌‌सकता ‌‌‌था । तब किशोर ने अपने पिता को इस बारे में कहा तो उसके पिता ने भी कह ‌‌‌दिया की बेटा हमारे पास किसी तरह की सिफारिस नही है और सिफारिस कराने के लिए हमे बड़े लोगो की चापलूसी करनी होगी जो की हम कर नही सकते है ।

यह सुन कर किशोर ने कहा की पिताजी तो मैं नोकरी कैसे लगूगा। तब रामानन्द ने कहा की तुम मेहनत करते रहो फल तुम्हे कभी नक भी अवश्य मिल जाएगा । इस बात को 6 ‌‌‌वर्ष ‌‌‌और बित गए मगर किशोर को अभी भी नोकरी नही मिली थी । बल्की वह पहले की तरह की इंटरव्यू से निकाला जाने लगा था ।

तब उसे समझ में आ गया की अगर गरीबी से मुक्त होना है तो नोकरी चाहिए और नोकी चाहिए तो खुशामद या चापलूसी करनी होगी । मगर किशोर को समझ में नही अया की वह किस व्यक्ति की मदद ले की वह ‌‌‌नोकरी लग सके । तब उसे याद आया की सरपंच साहब ही मेरा यह काम कर सकते है । तभी किशोर सरपंच के साथ साथ रहने लगा था और जैसा सरपंच साहब किशोर को कहते वह वैसा ही करने लगा था। इस तरह से एक वर्ष तक किशारे के सरपंच साहब ‌‌‌का ‌‌‌अंगुठा चुमने के बाद में सरपंच ने उसे एक व्यक्ति से मिलाया जो की एक अधिकारी ‌‌‌था ।

तब उस अधिकारी ने कहा की तुम्हे नोकरी तो मिल जाएगी मगर यह नोकरी बहुत ही छोटी होगी । ‌‌‌मगर किशोर को अब पता चल गया था की यह नोकरी भी उसके लिए फायदेमंद होगी जिसके कारण से उसने सरपंच साहब की मदद से वह नोकरी हासिल कर ली थी । इस तरह से किशोर नोकरी लग गया था ।

‌‌‌अंगूठा चुमना मुहावरे पर कहानी

 मगर इससे ज्यादा फायदा नही होता था क्योकी अधिक आय प्राप्त नही होती थी । जिसके कारण से किशोर को लगा की वह अधिक ऊंची ‌‌‌पोस्ट पर लगेगा तभी उसे अच्छी आय प्राप्त हो सकती है । इस कारण से फिर किशोर ने अपने बॉस ‌‌‌का अंगुठा चुमना शुरू कर ‌‌‌दिया और वह इसी तरह से कुल दो वर्षों तक करता रहा । जिसके कारण से बॉस को लगा की किशोर तो बड़ा अच्छा आदमी है ।

यह मेरी हर बात को सही मानता है और मेरी हां में हां मिलाता है । इस तरह से ‌‌‌सोच कर किशोर के बॉस ने किशोर को प्रमोशन दे दिया । जिसके कारण से किशोर बहुत ही खुश हुआ । और वह अभी की तरह बॉस की हर बात को मानने का वादा करने लगा था । समय बितता गया मगर किशोर अब नही बदला बल्की वह बॉस ‌‌‌का अंगूठा चुमने में माहिर बन गया था ।

क्योकी उसे पता था की यही एक कारण है । जिससे वह ‌‌‌अच्छी पोस्ट को प्राप्त कर सकता है । और ऐसा ही होता रहा । क्योकी समय समय पर किशोर की आय बढने लगी थी । जिसके कारण से किशोर के पिता रामानन्द को समझ में नही आया की बेटा इतनी जल्दी तरकी कैसे कर रहा है । जिसके कारण से रामानन्द ने अपने बेटे किशोर से पूछा तो उसने कहा की पिताजी इस गरीबी को दूर ‌‌‌करने के लिए ही तो यह मेरे साथ हो रहा है ।

इसमें हम सब का फायदा हो रह है तो आपको जान कर क्या करना है । इस तरह से कहने पर किशारे के पिता को समझ में आ गया की यह जरूर अपने बॉस की चापलूसी करने में लगा है। तभी तो इसे प्रमोशन पर प्रमोशन प्राप्त हो रहे है। इस तरह से फिर रामान्नद ने किशोर से कहा की ‌‌‌मैं जीस काम से दिनो से दूर रहा आज तुम उसी रास्ते पर चल रहे हो । जो की सही नही है । इस तरह से कह कर पिता अपना काम करने लगा ।

मगर किशोर को समझ में आ गया की आज का समय ही यही हो गया की हम जैसे नेक दिल लोगो को ‌‌‌अंगुठा चुमना ही पड़ता है । इस कारण से फिर किशोर अपने जीवन में ऐसा ही करता रहा ।

इस ‌‌‌तरह से किशारे अंगूठा चुसना हुआ अच्छी जॉब को पता रहा ।

अंगूठा चुसना मुहावरे पर निबंध

‌‌‌दोस्तो वर्तमान का समय ऐसा हो गया की जब तक किसी बड़े व्यक्ति के आगे पिछे नही फिरते उसकी हां में हां नही मिलते तब तक वह हमारा काम नही करता है । जिसके कारण से लोग ऐसा ही करने लगे है । यानि लोग बड़े लोगो की चापलूसी करने से भी नही कतराते है। और ऐसा ही करते रहते है । ‌‌‌और यही नतीजा है की कुछ लोग जल्द ही अपने जीवन में सक्सेज हो जाते है ।

‌‌‌अंगूठा चुमना मुहावरे पर कहानी

क्योकी जीन लोगो को गरीब कहा जाता है उन लोगो की ऐसी पहचान नही होती है की वे बड़े लोगो से आसानी से बात कर सके । जैसे नेता लोग होते है वे केवल अपने ही लोगो का काम करवाते है । यहा पर अपने लोगो का मतलब जो लोग उन्हे वोट देते है वे ‌‌‌नही, बल्की ‌‌‌जो उनके खास होते है । जैसे एक ऐसा व्यक्ति जो हमेशा से ही नेताजी की खुशामद करता आ रहा है । क्योकी वोट तो पूरा देश देता है तो सभी काम थोडे होगा । बल्की खुशामद करने वालो के घरो में अन्न तक आ सकता है ।

‌‌‌आप जहां रहते हो वही का उदहारण ले सकते हो । वहां पर ऐसे बहुत से लोग है जो की बहुत ही जल्द तरकी करते जा रहे है । ‌‌‌कुछ लोग ऐसे है जीन्हे सरकार जल्द ही कुछ दे देती है । ‌‌‌सरकार उनका काम जल्दी ही कर देती है । तो इन सबका कारण केवल सिफारिस का ही होता है । क्योकी सिफारिस होने पर सब हो सकता है । और जब इस तरह की सिफारिस को प्राप्त किया जाता है तो बहुत मेहनत करनी होती है ।

यह परिश्रम की मेहनत नही बल्की खुशामद की मेहनत होती है । जैसे आज एक छोट ‌‌‌सा काम करवाने के लिए हमे लोगो के पिछे पिछे फिरना होता है। उनकी हां में हां मिलानी होती है यही तो खुशामद करना होता है । ‌‌‌और इस तरह से खुशामद करने की जहां पर बात होती है वही पर इस मुहावरे का प्रयोग होता है । यानि अंगूठा चुमना मुहावरे का अर्थ खुशामद या चापलूसी करना होता है ।

‌‌‌इस तरह का हमारा मुहावरा अंगूठा चुमना होता है ।

very very most important hindi muhavare

4 दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

जल में रहकर मगर से बैर मुहावरे का मतलब और वाक्य में प्रयोग

‌‌‌तीन लोक से मथुरा न्यारी का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

आगे नाथ न पीछे पगहा का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌आसमान से गिरा खजूर में अटका मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌नौ नकद, न तेरह उधार मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मान न मान मैं तेरा मेहमान का अर्थ और वाक्य व निबंध

न ऊधो का लेना न माधो का देना मुहावरे का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

न रहेगा बाँस न बजेगी बांसुरी का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

मुंह में राम बगल में छुरी का मतलब और वाक्य व कहानी

छछूंदर के सिर में चमेली का तेल मुहावरे का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व निबंध

घर की मुर्गी दाल बराबर का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

अंधेर नगरी चौपट राजा का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

लातों के भूत बातों से नहीं मानते का मतलब और कहानी

आगे कुआँ पीछे खाई का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

होनहार बिरवान के होत चिकने पात का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

खोदा पहाड़ निकली चुहिया का मतलब और वाक्य में प्रयोग व कहानी

आप भला तो जग भला का मतलब और वाक्य व कहानी

ताना मारना का मतलब और वाक्य व कहानी

तार तार होना मुहावरे का मतलब और वाक्य व निबंध

दाहिना हाथ होना का मतलब और वाक्य में प्रयोग

दौड़ धूप करना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

गुल खिलाना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

नींद हराम होना का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

उल्टी पट्टी पढ़ाना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नीचा दिखाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद का अर्थ और वाक्य व कहानी

ठिकाने लगाना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

नाच न जाने आंगन टेडा का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

राई का पहाड़ बनाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद का अर्थ और वाक्य व कहानी

‌‌‌नाक काटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

मिट्टी में मिलाना मुहावरे का मतलब और वाक्य व कहानी

नजर चुराना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चुल्लू भर पानी में डूब मरना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

बाल बाँका न होना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।