मुँह काला करना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मुँह काला करना मुहावरे का अर्थ muh kala karna muhavare ka arth – कलंकित होना

दोस्तो जब कोई व्यक्ति ऐसा कार्य कर देता है जो अच्छा नही माना जाता है । यानि वह कार्य बहुत बुरा माना जाता है जिसके कारण से उसे करने वाले की इज्जत नही रहती है । साथ ही इनमे से कुछ कार्य ऐसे होते है जिनको ‌‌‌करने से कलंक लग जाता है । जिस तरह से जुर्म करने के कारण कलंक लग जाता है । इसी तरह के कार्य करने के कारण जो बदनामी या कलंक लगता है तो इसे मुँह काला करना कहा जाता है ।

मुँह काला करना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मुँह काला करना मुहावरे ‌‌‌का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ठगाखोरी का काम करकर आपने अपना ही मुँह काला कर लिया ।
  • हमारे खानदान मे कभी भी किसी ने गलत काम नही किया है और आज मैंने गलत काम कर कर अपने खानदान का मुँह काला कर दिया ।
  • इस निच हरकत को करकर तुमने हमारा मुँह काला कर दिया ।
  • खून कर कर तुमने अपने साथ साथ हमारा भी मुँह काला कर ‌‌‌दिया है ।
  • महेश ने शराबी पी कर गाव के लोगो को गालिया देकर ‌‌‌तुमने तो अपना ही मुँह काला कर लिया ।
  • गांजा बेचकर तुमने तो हमारा मुँह काला कर दिया ।
  • बेचारे कितने अच्छे थे पर इसके बेटे ने यह निच काम कर कर इनका तो मुँह काला कर दिया ।

‌‌‌मुँह काला करना मुहावरे पर कहानी Idiom story

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे सुखलाल नाम का एक लडका रहता था । उसके घर मे उसके अलावा ‌‌‌उसके माता पिता रहते थे।  सुखलाल के पिता के पास बहुत धन दोलत थी इस कारण से वे जब भी हो लोगो की मदद कर दिया करत थे ।

गाव के लोगो की इतनी साहयता करने के कारण गाव के लोग सुखलाल ‌‌‌के परिवार को बहुत ही अच्छा मानने लगे थे । लोग कहते की सरीफ की मिसाई तो सुखलाल के पिता है जो लोगो की मदद भी करते है और कभी भी उन्होने गलत काम तक नही किया है ।

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सुखलाल के पिता लोगो की इतनी मदद करते थे की उनके घर मे अनाज तक गेर देते थे । साथ ही जिन लोगो को काम नही मिलता वे उन्हे काम भी ‌‌‌दिलवा देते थे । उसके पिता के पास धन के साथ साथ बहुत सारी जमीन भी थी जिस पर वे फसल उगाते और धन कामते थे । सुखलाल के पिता के पास इना धन होने के कारण से उन्होने उसे शहर पढने के लिए भेज रखा था और वह वहां पर पढाई कर रहा था।

जब सुखलाल ने अपनी पढाई पूरी कर ली तो वह नोकरी की तैयारी करने के लिए वही ‌‌‌पर रहने लगा था । एक दिन की बात है सुखलाल शहर मे इधर उधर जा रहा था तो उसके पास कुछ गुंडे आ गए थे । गुंडो ने सुखलाल से कहा की जितने भी पैसे है वह सब निकालो ।

तब सुखलाल उन से डर गया और उसने पैसे निकाल कर उन्हे दे दिए थे । साथ ही उन गुंडो ने और आस पास के लोगो को लूट लिया था ‌‌‌और लूट कर वहां से ‌‌‌भाग गए थे । यह देखर सुखलाल को लगा की अगर मैं भी एक गुंडा बन जाउगा तो लोग मेरे से भी डरने लगेगे ।

ऐसा सोचकर वह भी गुंडागिरी करनी शुरू कर दी थी । उसके पास पैसो की कोई कमी नही थी इस कारण से वह खा पि कर पहलवान सा बन गया था और पैसे देकर कुछ लोगो को अपने पास गुंडा रख लिया था । जिसके कारण ‌‌‌अब जब भी वह कही पर जाता तो वह उन लोगो को अपने साथ ले जाता था ।

धिरे धिरे सुखलाल का खोफ शहर मे इतना अधिक बढ गया की लोग उसके नाम से भी कापने लगे थे । एक बार की बात है वह गुंडा तो था ही तो उसने सरेआम शहर की बेंक मे डाका डाल दिया था । वह बैंक उस शहर की सबसे बडी बैंक थी ।

बैंक को लूटने की खबर पा ‌‌‌कर पुलिस वहां पर आने लगी थी पर जब तक पुलिस आती तब तक तो सुखलाल वहां से भाग गया था । बैंक लूट जाने के कारण से सरकार ने उसे पकडने का इनाम लगा दिया था । जिसके कारण से जब भी कोई उसे देखे तो वह पुलिस को खबर पहुंचा दे ।

इसी तरह से एक दिन एक आदमी ने पुलिस को फोन कर दिया ‌‌‌और कहा की वह वहां पर रहता ‌‌‌है । इस कारण से उस पुलिस वाले ने अकेले ही उसे पकडने की सोची और पकडने के लिए चला गया था । जिसके कारण से सुखलाल उससे भागने की बहुत कोशिश की पर जब उसने उसे नही छोडा तो उसने पुलिस वाले को मार दिया और फिर वहां से भाग गया था ।

अब पुलिस को मर देने के कारण सुखलाल ‌‌‌को सरकार ने ‌‌‌मारने का ओर्डर दे दिया ‌‌‌था की जब भी पुलिस वालो को वह दिखे तो वे ‌‌‌उसे जान से मार दे । उस दिन के बाद मे सुखलाल पुलिस से बच कर कभी इधर जाता तो कभी उधर जाता और इसी तरह से एक दिन वह अपने गाव मे पहुंच गया था । ‌‌‌

उसके पिछे पिछे पुलिस भी वहां पर आ गई और उसे वही पर दबोच लिया । जब गाव के लोगो ने पुलिस से पुछा की हमारे गाव के लडके को क्यो पकडा है तो पुलिस ने उन लोगो को सुखलाल के काम के बारे मे बता दिया था । जिसे जानकर गाव के लोग हैरान हो गए और सोचने लगे की पिता कैसा और बेटा कैसा ।

जब सुखलाल को ‌‌‌पुलिस ने पकड कर ले गए तो गाव के लोग बात करने लगे की इसने तो ऐसा काम कर कर अपने पिता का मुँह काला कर दिया । जब उसके पिता को अपने बेटे के बारे मे पता चला तो वह गाव के लोगो से नजरें झुका कर पुलिस के पास गया और अपने बेटे से मिला ।

तब उसके बेटे ने अपने पिता से कहा की आप मुझे यहां से ले जाओ । ‌‌‌ऐसा सुन कर सुखलाल के पिता ने उससे कहा की बेटा जब तुमने यह काम किया था तब तुमने मुझझे पुछा था क्या। इतना कह कर वह पुलिस के पास गया और बोलने लगा की साहब इस जैसे नालायक को सजा मिलनी ही चाहिए ।

‌‌‌मुँह काला करना मुहावरे पर कहानी Idiom story

क्योकी ऐसा काम हमारे पूरे खानदान ने नही किया और इसने कर कर हमारा मुँह काला कर दिया है । इतना कह कर ‌‌‌सुख लाल का पिता वहां से चला गया था । जब सुखलाल का पिता गाव मे पहुंचा तो कुछ लोगो ने कहा की आपने कैसे बेटे को जन्म दिया है एक गुंडे को ।

इस तरह से कई लोगो ‌‌‌का ताना सुन कर सुखलाल का पिता घर गया और फासी लगा ली थी । इस तरह से सुखलाल ने अपने पिता का मुँह काला कर दिया था जिसके कारण ‌‌‌से उन्होने अपने आप को मार दिया । इस तरह से आप इस कहानी से समझ गए होगे की मुँह काला करना मुहावरे का अर्थ क्या होता है ।

मुँह काला करना मुहावरे || muh kala karna essay on idioms in Hindi

दोस्तो muh kala karna एक मुहावरा है जिस पर आपने अभी अभी एक कहानी को पढा है और शायद आपने जिस कहानी को पढा है उसके कारण से आपको यह पता चल चुका है की इसका अर्थ क्या है ।

क्योकी कहानी में बताया गया था की सुखलाल गलत काम करता था जिसके कारण से उसे पुलिस ने पकड़ लिया और जब इस बारे में सुखलाल के पिता को पता चला तो उसने सुखलाल के लिए कहा की उसने ऐसा काम कर कर मुंह काला कर दिया है ।

क्योकी सुखलाल के पूरे खानदान ने ऐसा नही किया था मगर उसने ऐसा कर दिया जो की खनदान पर कलंक लगाने जैसा था और यह कर कर उसने कलंकित कर दिया ।

और यही सब गाव के लोग कहने लगे थे तो आप इस बात के आधार पर यह समझ सकते है की  muh kala karna muhavare ka arth – कलंकित होना होता है । और यह आपको अगर समझ में आ गया है तो कमेंट में जरूर बताए ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।