आस्तीन का सांप होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आस्तीन का सांप होना मुहावरे का अर्थ ‌‌‌aasteen ka saamp hona muhaavare ka arth – कपटी मित्र ।

दोस्तो अगर कोई किसी के पास रहकर ‌‌‌उसका मित्र होने का नाटक करता है और उसके पिछे पिछे उसे ही हानी पहूंचाने के बारे मे सोचता है तो ऐसे लोगो के लिए ही इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है । ‌‌आस्तीन का साप होना ही एक अर्थ लेकर आता है और ऐसे मित्र के रुप की और संकेत करता है जो आपका बुरा चहाता है और आपको हानी पहूंचाने मे पिछे नही हटता है । इस मुहावरे का सिधा अर्थ ही कपटी मित्र है ।

आस्तीन का सांप होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आस्तीन का सांप होना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग  || aasteen ka saanp hona use of idioms in sentences in Hindi

‌‌‌उस पर भरोसा करने से अच्छा है मै मर जाउ वह तो आस्तीन का साप है ।

जब विजय को पता चला की रिशाल आस्तीन का साप है तो उसे बहुत घुस्सा आया ।

राजनीतिक मे हर कोई आस्तीन का साप है किसी पर भी भरोसा नही किया जा सकता ।

जब भरत को राजेश ने मारा तब उसे पता चला की जिस पर वह इतना विस्वास करता था वह ‌‌‌तो आस्तीन का साप निकला ।

इस आस्तीन के साप को मेरी नजारो से दुर ले जाओ वरना मै इसे मार डालूगा ।

आस्तीन का सांप होना मुहावरे पर कहानी ||  aasteen ka saanp hona story on idiom in Hindi

‌‌‌प्राचिन समय की बात है धर्मवीर नाम का एक राजा था । उसके घर मे उसी पत्नी व दो छोटे बच्चे थे । धर्मवीर नाम का ही धर्मवीर नही था वह लोगो की मदद भी करता था । धर्मवीर के इसी कारण से उसके ही राज्य के कुछ लोग उसके महल मे दुश्मन बनते गए थे । क्योकी वह लोगो की बहुत सेवा करता था और अपने मंत्रियो ‌‌‌की के लिए ‌‌‌कुछ भी नही लगता था ऐसा उनके मंत्रियो को लगता था ।

धर्मवीर के अनेक दुश्मन थे और अनेक राजा उसे मारना चहाते थे । इस कारण अनेक राजा उस पर युद्ध भी कर देते थे तो भी वे कुछ नही कर सकते थे । क्योकी राजा के महल मे कोनसा रास्ता कहा पर जाता है उसका पता उसे ही पता था । और साथ ही राजा बहुत ‌‌‌ही बलवान था और उसकी सेना तो इतनी शक्तिशाली थी की वे किसी को अपने राज्य मे प्रवेश तक नही करने देती थी ।

इन्ही कारणो से कोई भी उसका कुछ भी नही बिगाड सकता था । समय बितता गया और राजा के दोने बेटे बडे हो गए । तब राजा ने अपने प्रिय मंत्री जिसका नाम रामलाल था उससे कहा की इन दोनो को अब युद्ध के ‌‌‌लिए तैयारी किया जाए । अपने राजा का आदेश मान कर मंत्री उनको युद्ध के लिए तैयार करने लगा ।

मंत्री राजा के पास हमेशा से ही काम करता था और वह चाहने लगा की अगर राजा के पुत्र न होते तो मै राजा के बाद इस राज्य का नया राजा बन जाता । मंत्री की नजर राजा के राजघहाने पर थी । ‌‌‌रामलाल का एक पुत्र था जो राजा के पुत्रो से बडा था । एक बार रामलाल का पुत्र व राजा के पुत्र तलवारबाजी कर रहे थे की रामलाल के पुत्र से राजा के एक पुत्र का हाथ कट गया ।

राजा के पुत्र का हाथ कट जाने पर राजा ने मंत्री से कहा की आपके पुत्र से यह गलती हो कैसे गई क्या आपके पुत्र को पता नही है की यह दोनो ‌‌‌राजा के पुत्र है इस गलती की इसे सजा तो मिलेगी पर मृत्यु न मिलकर इसने जो गलती की है उसी तरह की सजा इसे मिलेगी । मंत्री कुछ भी नही कर सकता था उसे राजा का आदेश मानना ही पडता था ।

तब राजा ने कहा की इस लडके के हाथ पैर दोनो काट दिया जाए । राजा के आदेश की पालना करते हुए राजा के सेनिको ने उसके हाथ पैर ‌‌‌कटने ही वाले थे की मंत्री ने राजा के सामने ‌‌‌विनती की कि ऐसा अन्याय मत करे महाराज मेरे पुत्र ‌‌‌से जो भी गलती हुई है उसकी सजा मै अपने उपर लेने के लिए तैयार हूं ।

मंत्री की बात सुनकर राजा का क्रोध सांत हुआ और कहा की मंत्री तुम्हारे मेरे पर बहुत ऐहसान है इस कारण मै इसे छोड दुगा और इसके बदले इसे हमेशा ‌‌‌मेरे पुत्र हिफाजत करनी होगी । मंत्री राजा की इस बात को सुनकर बहुत ही खुश हो गया था । तब से मंत्री ने सोच लिया की राजा मेरे पुत्र के हाथ पैर काटने वाला था तो मै ही उसके सारे खानदान को खत्म कर दुगा ।

तभी से मंत्री रामलाल राजा धर्मवीर का विश्वास जितने लगा और उस पर हमला बूलाकर उसे ‌‌‌अपने उपर ले लिया । इससे राजा बहुत ही खुश हो गया और एक दिन जब राजा को लगने लगा की मंत्री अब हमारा ही है वह ‌‌‌मेरे साथ विश्वास घात नही कर सकता है तो राजा ने उसे अपने महल के खुफिया रास्ते के बारे मे बताया जो महल से राज्य के बाहर जाता ‌‌‌था ।

उस रास्ते के बारे मे बताकर राजा ने कहा की इस बात को अपने ‌‌‌पास ही रखना होगा । तब रामलाल मंत्री ने राजा से कहा की आप जो चहाते हो वैसा ही होगा । जब मंत्री को लगने लगा की राजा अब उस पर पुरा विश्वास करने लगा है तो वह राज्य से बाहर जाकर दुसरे राज्य के राजा के साथ होकर उसे मारने की योजना बनाने लगा । और ‌‌‌एक दिन राजा के राज्य पर दुसरे राज्य के राजा ने हमला ‌‌‌बोल दिया ।

राजा के सेनिक उन सब को डाट रहे थे की महल मे जो ‌‌‌खुफिया रास्ता ‌‌‌था उससे ‌‌‌कुछ सेनिक राजा के महल मे ‌‌‌आ गए और उसके पुरे खानदान को खत्म कर दिया । तभी राजा पर हमला होने वाला थी की मंत्री वहा पर आ गया और उसने राजा की हिफाजत करने का ढोग किया ।

आस्तीन का सांप होना मुहावरे पर कहानी

उस समय राजा को लगा की मंत्री उसी हिफाजत कर रहा है पर मंत्री को ‌‌‌पता था की राजा को सामने से नही मार सकते तब उसने राजा पर पिछे से वार किया । तब राजा को पता चला की जिस पर मेने सबसे ज्यादा विश्वास किया था वह ही आस्तिन का सांप निकला ।

तभी मंत्री ने कहा की ‌‌‌मै पहले से ही तुम्हारे बेटे पत्नी को मार चुका हूं । इस तरह से राजा के साथ उसके मंत्री ने ही छल कपट‌‌‌ कर कर राजा को मार ढाला । इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

‌‌‌आंस्तिन का सांप होना मुहावरे पर निबंध || aasteen ka saanp hona essay on idioms in Hindi

साथियो इस संसार मे हर कोई एक दुसरे का दुश्मन बना फिरता है और यह चहाता है की उसे किसी तरह से मार ढाले । और इस तरह से बुरा चहाने वाले इस संसार मे बहुत है जो लोग अपने दुश्मन के साथ मित्रता करने का ढोग करते है और समय मिलने पर उसे ही मार ढालते है ।

‌‌‌ऐसे लोग जब किसी के मित्र बन जाते है तब वे लोग उसका मन जितने मे लग जाते है जिसके कारण उसके मित्र को लगने लग जाता है की यह हमारा सच्चा मित्र है इससे हमे कोई भी हानी नही है तो वे अपने बारे मे सब कुछ उसे बता देते है जिसके बारे मे उसने कभी भी किसी को नही बताया ‌‌‌था ।

जब उन लोगो को पता चल जाता है ‌‌‌कि यह कोनसी चिज कहा पर रखता है और कब कहा जाता है तो वे उसे हानी पहूंचाने लग जाते है और समय आने पर उन्हे हानी पहूंचा देते है । इसी तरह से अनेक लोग जिनके साथ होते है उसे ही धोका देकर उसे रास्ते पर ला देते है और खुद उसकी जगह चले जाते है ‌‌‌ऐसे लोगो को आस्तिन का सांप कहा जाता है ।

इस तरह के लोग केवल अपने बारे मे ही सोचते है । ‌‌‌उनको किसी और से ‌‌‌कुछ लेना देना नही होता है और जब भी उन्हे मोका मिलता है तब उन्हे वे निचे गिरा देते है । जिस तरह से राजा के मंत्री ने ही उसे मार ढाला ‌‌‌था ।

इसी तरह के लोगो को आस्तिन का साप कहा जाता है जिसका सिधा सा अर्थ ही ऐसे मित्र से है जो कपट ‌‌‌करते है इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

आस्तीन का सांप होना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of aasteen ka saanp hona in Hindi

दोस्तो मेरे अनुसार जो लोग ऐसे होते है जो की पास रह कर भी धोका देने का काम करते है वे जीवन में किसी काम के नही होते है उन्हे तो बहार फैक देना चाहिए । क्योकी ऐसे लोगो को समाज में कपटी मित्र कहा जाता है ।और कपटी मित्र किसी का अपना नही हो ‌‌‌सकता है और यह बात आपको भी पता है।

मगर आपको यह नही पता है की आस्तीन का सांप होना मुहावरे का तात्पर्य ऐसे ही लोगो से होता है जो की कपटी मित्र होता है । क्योकी यह बिल्कुल सांप की तरह होते है जो की कभी भी एक अच्छे मित्र बन ही नही सकते है । और ऐसे लोगो का हमारे जीवन में कोई काम नही होता है तो ‌‌‌इन आश्तीन के सांप को जीवन से अलग कर देना चाहिए । और आप इस बात को समझ सकते है ।

हालाकी आपको बता दे की एक सच्चा दोस्त हमेशा मदद करेगा और एक कपटी मित्र हमेशा नुसाकन करेगा और यह बात आपको पता है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।