उल्टी गंगा बहाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

उल्टी गंगा बहाना मुहावरे का अर्थ  ultee ganga bahaana muhaavare ka arth – अनहोनी होना ।

दोस्तो अगर किसी से काई गलती हो जाती है । जो उससे नही होनी चाहिए थी जो गलत ही रहे तो हम कहेगे की वह तो उल्टी गंगा बहा रहा है । आज के समय मे हर किसी से ‌‌‌गलतिया तो होती ही रहती है ।‌‌‌जिसके कारण उसके साथ साथ किसी और का भी बुरा होता है । जिसे अनहोनी कहते है यानि जो नही होनी चाहिए थी ।‌‌‌अगर किसी अध्यापक से ऐसी गलती हो जाती है तो ऐसा कहा जाएगा की उस अध्यापक से अनहानी हो गई जो वह ऐसा करने लगा जिसके साथ साथ बच्चो का भी बुरा हो गया है ।

‌‌‌मुहावरा (idiom in Hindi)‌‌‌अर्थ (Meaning in Hindi)
उल्टी गंगा बहानाअनहोनी होना
उल्टी गंगा बहाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

उल्टी गंगा बहाना मुहावरे का वाक्य प्रयोग || ulti ganga bahana use of idioms in sentences in Hindi

  • ‌‌‌पहले भारत देश मे अनेक प्रकार की संस्कृति थी पर आज वह सब मानो गायब हो गई है मानो जैसे उल्टी गंगा बह रही हो ।
  • आज के समय मे अध्यापक ही विधाथी को गाईढ से पडने की सलाह दे रहे है मानो जैसे उल्टी गंगा बह रही हो ।
  • आज के समय मे हर किसी के घर मे झगडा हो रहा ‌‌‌मानो उल्टी गंगा बहने लगी हो ।
  • राधेश्याम को घर का काम करते देखकर मेने कहा की भाई आपके घर मे उल्टी गंगा कब से बहने लगी ।
  • राहुत अपने भाई के घर नही जाता था एक दिन वह अपने भाई के पास गया तो उसके भाई ने कहा की आज यह उल्टी गंगा केसे बहने लगी ।  

‌‌‌उल्टी गंगा बहाना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी || story on idiom ulti ganga bahana in Hindi

एक गाव मे दिपक नाम का एक लडका रहा करता था । उसके घर मे उसकी माता व पिता के अलावा कोई भी नही रहता था । दिपक के चार दोस्त थे जो उसके सबसे अच्छे साथी थे । दिपक कुछ नही करता  था और सारे दिन अपने घर मे ही पडा रहाता । दिपक के चारो दोस्त कुछ न कुछ काम करते ही रहते थे  ।

दिपक बहुत ही अच्छा लडका ‌‌‌था वह किसी को भी कुछ नही कहता था । इस कारण गाव के लोग उसे अच्छा बताते थे । पर वह कुछ नही करता था तो गाव के लोग उसे कामचोर भी कहते थे । ‌‌‌एक दिन की बात है दिपक गाव मे अपने दोस्तो के घर गया तो वापस आते समय गाव के लोग उसे कहने लगे की बेटा तुम भी काम कर लिया करो तुम्हारे सभी दोस्त काम करने के लिए जाते है ।

तब दिपक ने कहा की कोई अच्छा काम नही मिल रहा है जब मिल जाएगा को कर लुगा । तब गाव के लोगो ने कहा की जितने दिनो तक ‌‌‌अच्छा काम नही मिल जाता उतने दिनो तक छोटा मोटा ही काम कर लेना चाहिए । तब दिपक ने कहा की हां तो मे चलता हूं ।

घर जाने के बाद मे उसके पिता ने कहा की तुम कल से मेरे साथ काम पर जाना सारा दिन घर पर पडे रहते हो। तुम्हारे सारे दोस्त तो काम पर जाते है पर तुम्हे नही जाना है । ऐसा सुनकर दिपक ‌‌‌कहने लगा की मै आपके साथ काम करने के लिए नही जाउगा मै तो कोई अच्छा काम करुगा ।

ऐसा कहरक कर वह वहा से कही और चला गया । कुछ दिनो के बाद मे उसकी माता का देहांत हो गया जिसके कारण दिपक का पिता घर से बाहर काम ‌‌‌करने के लिए नही जा सका । ‌‌‌दिपक‌‌‌ का पिता ने गाव के लोगो से कुछ रुपय लेकर घर का खर्चा चलाने लगा था ।

एक माह के बाद मे जब गाव के लोगो ने कहा की अब घर कितने दिनो तक बेठे रहोगे तुम काम पर चले जाया करो और अपने बेटे को भी साथ ले जाया करो । अगले ही दिन दिपक के पिता ने कहा की दिपक तुम भी मरे साथ काम पर चला करो ।

तुम्हारी ‌‌‌मां के मरने पर बहुत से रुपय उधार ले लिए है । और जिन्हे वापस भी देना है । तब दिपक ने सोचा की काम तो करना ही होगा तो क्यो न खुद का काम सुरु किया जाए । तो उसने अपने पिता से कहा की मै मेरा खुद का काम सुर करुगा ।

यह सुनकर दिपक के पिता ने कहा की ठिक है । अगले ही दिन दिपक अपने दोस्तो से कुछ ‌‌‌रुपय उधार लेकर ‌‌‌ठंडे की दुकान खोली थी । जब उसके दोस्तो को पता चला की दिपक ने शर्दी मे ठंडे की दुकान खोली है तो वे उसके पास जाकर कहने लगे की भाई शर्दी मे ठंडे की दुकान खोली है ऐसे उल्टु गंगा बहाने से कुछ लाभ नही हो सकता है ।

‌‌‌उल्टी गंगा बहाना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी

अपने दोस्तो की बात सुनकर वह ‌‌‌उस दुकान को हठाकर बिज की दुकान खोल ली । तब उसके पिता ने कहा की इस समय बिज कोन लेगा । तुम तो उल्टी गंगा बहा रहे हो जिससे कुछ नही होगा । ‌‌‌इस तरह से किस काम को सुरु करने से लाभ होगा इसके बारे मे दिपक को कुछ भी पता नही था और जिसके बारे मे पता था वह सुरु करता गया जिससे उसे हानी होती रही । ‌‌‌इस तरह से आप समझ गए होगे की इस कहानी का क्या अर्थ है ।

उल्टी गंगा बहाना मुहावरे पर निबंध || essay on idioms ulti ganga bahana in Hindi

साथियो आज के समय मे अगर किसी से जाने अंजाने मे गलती हो जाती है जिससे उसे हानी होती है तो उल्टी गंगा बहाना कहा जाता है। इस तरह के लोग कहुत है जिनको यह नही पता है की किस काम को केसे व कब करना है । वे तो बस जैसे सुनते है वेसे करने लग जाते है ।

उनको यह नही पता ‌‌‌की इस काम को कैसे करने से हमे लाभ होगा और कैसे करने से हानी होगी । जैसे एक आदमी गर्मी मे गर्म पानी बेचता है और शर्दी मे ठंडा । शर्दी मे वह ठंडे की दुकान खालता है । ऐसे लोगो को यह नही पता की अगर इस काम को गर्मी मे चलू करेगे तो कितना लाभ होगा ।

जब उसे इस काम मे लाभ नही दिखता तो वे इस काम को फिर ‌‌‌कभी नही चलाते है । इस तरह से अनेक लोगो को नही पता होता की किस काम को कब करना चाहिए । अगर कोई उसे कह देता है तो वह उस काम को सही तरह से कर सकता है वरना उल्टी गंगा बहती रहती है ।

‌‌‌अगर कोई अध्यापक बच्चो को किताबो से न पढाकर गाईड से पडाने लग जाता है तो वह बच्चो को गलत तरिके से पडा रहा है । क्योकी उसे यह नही पता की गाईड से पडाने से क्या हानी हो रही है । ऐसे लोग बस अपना लाभ देखते है। इस तरह से ऐसे लोग उल्टी गंगा बहाने मे लगे रहते है । जिसका अर्थ है जो नही होना चाहिए ‌‌‌वह हो रहा है । इस तरह से आप समझ गए होगे की उल्टी गंगा बहाना मुहावरे का अर्थ क्या है ।

उल्टी गंगा बहाना का तात्पर्य क्या होता है || what does it mean to ulti ganga bahana in Hindi


अभी तक हमने इस लेख में इस मुहावरे के बारे में बता की है । वैसे आपको फिर से बता दे की उल्टी गंगा कब बहने वाली है इसके बारे में भी कुछ कहा गया है । पुराणो में बताया जा चुका है की जब गंगा नदी उल्टी बहने लगेगी तब इस धरती का अंत होना शुरू हो जाएगा । तो

‌‌‌दोस्तो यह एक तरह की अनहोनी होती है । और इस तरह की अनहोनी होना कोई शुभ बात नही होती है ।
और यही कारण होता है की जब भी अनहोनी होने की बात होती है तो इसे उल्टी गंगा बहना कहा जाता है । तो इस तरह से दोस्तो जब भी आपके जीवन में या किसी के जीवन में भी अनहोनी होने की बात होती है । या अनहोनी हो जाती है‌‌‌तो इसे उल्टी गंगा बहना कहा जाता है । तो आप समझ सकते है की उल्टी गंगा बहना क्या होता है ।

वैसे दोस्तो आपको इसका एक उदहारण भी दे सकते है । जैसे की मेरा एक मित्र है वह अपना काम करने के लिए रोजाना दूसरे शहर में जाया करता था । मगर एक दिन उसका ऐक्सीडेंट हो जाता है । तो यह एक तरह की अनहोनी होती ‌‌‌है तो हम इसे उल्टी गंगा बहना कह सकते है । तो इस तरह से उल्टी गंगा बहना मुहावरे का अर्थ होता है अनहोनी होना ।
अब आप समझ चुके है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।