तलवे चाटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

तलवे चाटना मुहावरे का अर्थ talve chatna muhavare ka arth – खुशामद करना

दोस्तो अगर किसी व्यक्ति को किसी से काम हो और वह ‌‌‌अपना काम कराने के लिए सामने वाले की हां मे हां मिलाता है कहने का अर्थ है की जैसा वह कहता है वैसा ही वह व्यक्ति कहाता है । इस तरह से वह उस आदमी की ‌‌‌खुशामद करना है । इस तरह से खुशामद करने को ही तलवे चाटना कहते है ।

यहां इस मुहावरे का अर्थ इस तरह से भी समझ सकते है की मानव का जो पैर का तलवा होता है अगर कोई उस पर नाक ‌‌‌रगडता है यानि उसके कहे अनुसार करता है उसकी चापलूसी करता है । तो इस तरह से करने को ही तलवे चाटना कहते है ।

तलवे चाटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

तलवे चाटना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌महेश ने उस अधिकारी के तलवे चाटे तब जाकर उसने उसे नोकरी दी ।
  • उसने कई महीनो तक सेठ के तलवे चाटे फिर भी सेठ ने उसके लिए कुछ नही किया ।
  • जब तक राजनीतिक मे तलवे नही चाटे जाते वे उपर की पोस्ट पर नही पहुच पाते है ।
  • अगर तुम्हे काम करना हो तो करो नही मत करो मै तुम्हारे तलवे नही चाटने वाला ।
  • ‌‌‌अगर तुम आज उसके तलवे चाट लोगे तो जिवन भर आराम करोगे ।
  • महेश ने अपने बॉस के तलवे चाटे थे तभी तो उसके बोस ने उसे अपने साथ रख रखा है ।

तलवे चाटना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे कालूराम नाम का एक आदमी रहता था । उसके घर मे उसके पिता के अलावा और कोई भी नही था और वह भी कुछ दिनो पहले मर गए थे । जब उसके पिता मरे थे तो वह बहुत ही दुखी था ।

उसके पिता गावो मे जाने माने लोगो मे से एक थे पर उनके पास पैसे नही थे । वे ‌‌‌इतने गरीब होने के कारण ही उसके बेटे को कोई काम नही मिला और उसके पास खाने को भी कुछ नही था । तब उसने सोचा की क्यो न गाव के सेठ के पास जाकर काम माग लिया जाए ।

ऐसा सोचकर वह सेठ के पास गया और वहां जाकर उसने सेठ से काम मागा । तब सेठ ने उससे कहा की तुम्हे काम तो दिला दुगा पर इसके लिए तुम्हे पहले ‌‌‌मरे पास काम करना होगा । और वह भी दो समय के खाने के अलावा और कुछ भी नही लेकर ।

‌‌‌सठ की बात सुनकर कालूराम सोच मे पड गया और सेठ से कहा की मै कल आपको बताउगा । सेठ के पास से वह जाकर गाव के लोगो से पूछा तो गाव के लोगो ने उसे कहा की सेठ की जानकारी तो बहुत है पर वह आसानी ‌‌‌से किसी को नोकरी नही लगाता है ।

तब गाव के लोगो ने उसे यह भी कहा की अगर तुम्हे नोकरी चाहिए तो तुम्हे उसके तलवे चाटने पडेगे । गाव के लोगो की बात सुनकर कालूराम को बूरा लगा पर फिर उसने सोचा की नोकरी पाने के लिए यह तो करना ही होगा । वरना मै इसी तरह से कभी खाली पेट रहता रहूगा ।

ऐसा सोचकर वह अगले ‌‌‌दिन सेठ के पास गया और सेठ से कहा की मै आपके पास काम करने के लिए तैयार हूं । यह सुनकर सेठ ने कालूराम से कहा की जैसा मै लोगो से कहूगा तुम्हे ही वैसा ही लोगो से कहना होगा । यानि मेरी हां मे हां मिलानी होगी चाहे फिर मै गलत भी क्यो न कह रहा हूं ।

सेठ की बात सुनकर कालूराम ने कहा की आप ‌‌‌जैसा कहोगे मै वैसा ही करुगा । अगले दिन से ही सेठ ने उसे अपने साथ रखना शुरू कर दिया था । अब सेठ जैसा लोगो से कहता था वह भी उनसे वैसा ही कहता था ।

तब लोगो को तो पता चल गया था की कालूराम सेठ की चापलूसी कर रहा है । अगर सेठ उससे यह भी कह देता की तुम मेरे पैरो मे पड जाओ तो वह भी वह कर लेता था । इस तरह ‌‌‌से सेठ ने ‌‌‌उसे अपना गुलाम बना लिया था ।

इस तरह से कालूराम सेठ के पास काम करने लगा था और चाहता था की सेठ उसे जल्दी से कही नोकरी लगवा दे ताकी सेठ की चापलूसी से दूर हो सकू । इसके लिए वह दिन और रात सेठ के लिए हर वह काम करता जो सेठ उसे कहता था ।

समय बित गया और एक दिन सेठ ने उससे कहा की तुम मेरे ‌‌‌पैर की जुती को साफ करो । तब कालूराम ने वह भी काम कर दिया था । जिसके कारण सेठ ने सोचा की यह तो मेरे नोकर से भी बहतर कहना मानता है ।

तब सेठ ने उससे कहा की कल तुम शहर चले जाना और इस पते पर तुम्हे काम मिल जाएगा । सेठ के कहने पर वह अगले ही दिन शहर चला गया और उसे ‌‌‌उस पते पर काम मिल गया । काम मिल जाने की ‌‌‌खुशी मे कालूराम ने गाव के लोगो को मिठाई बाटनी शुरु कर दि थी ।

तब गाव के लोग उससे कहते थे की तुम्हे नोकरी तो मिल गई पर नोकरी पाने के लिए तुम्हे सेठ के तलवे चाटने पडे  । लोगो की बात अब कालूराम को कोई असर नही करता था । क्योकी उसे भी पता था की उसने सेठ के तलवे चाटे थे इस कारण से ही उसे नोकरी ‌‌‌मिली है ।

तलवे चाटना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

तब वह सेठ के पास जाकर उन्हे भी धन्यवाद देने लगा । तब कालूराम को समझ मे आ गया था की अगर वह इस तरह से नोकरी भी करेगा तो उसे फायदा होगा । ऐसा सोचकर वह अपने बॉस की चापलूसी करने लगा था । इस तरह से कालूराम ने नोकरी पाई थी । इस तरह से आप इस कहानी का अर्थ समझ गए होगे ।

‌‌‌तलवे चाटना मुहावरे पर निबंध Essay on idiom

साथियो जब कोई व्यक्ति किसी के कहने के अनुसार करने लग जाता है यहां तक की अपनी इज्जत भी खोकर उसके पेरो मे पडा रहता है । तो इस तरह से रहने को ही तलवे चाटना कहते है । यह मुहावरा उन लोगो के लिए ही प्रयोग मे लाया जाता है जो अपना काम निकालने के लिए किसी की हां मे ‌‌‌हां मिलाते हो यानि उसनी खुशामद करते हो ।

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इस तरह के लोगो की कोई कमी नही है क्योकी आज के समय मे हर कोई अपना काम बनवाने के लिए सामने वाले का आदर करने लगता है उसे ही सही बाताता है । यानि उसके कहने के अनुसार ही चलने लग जाता है ।

उसे यह पता होता है की अगर वह इस तरह से सामने वाले की खुशामद करेगा ‌‌‌तो उसका काम पूरा हो जाएगा । इस तरह से हर कोई किसी कारण से ही दुसरो के तलवे चाटते है । इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

तलवे चाटना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of talve chatna in Hindi


दोस्तो सच कहे तो आज के इस संसार में इस तरह के लोग बहुत है जो की दुसरो के तलवे चाटने का काम करते है ।

इसका मतलब यह नही है की आप जाओ और किसी के तलवो को चाटने गल जाओ । दरसल यह मुहावरा उन लोगो को दर्शाने का काम कर रहा है जो की खुशामद करते हो यानि हां में हां मिलाते हो इस तरह के लोगो के लिए इस मुहावरे का प्रयोग होता है ।

और आपको यह तो पता ही है की इस तरह के जो लोग होते है वे आज के इस संसार में बहुत ही अधिक है । हालाकी सच कहे तो यह संसार इन्ही का है क्योकी इन्हे पता है की किस तरह से जॉब में सफल होना है ओर किसी तरह से प्रमोशन प्राप्त करना है ।

यह अपना काम आसानी से ​करवा लेते है और जो लोग सही होते है और मेहनत करते है वे अपना काम सही तरह से नही कर पाते है । सच कहा है की यह लोग असल में तलवे चाटते रहते है । अत इस मुहावरे का तात्पर्य खुशामद करने से होता है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।