ओखली में सिर देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ओखली में सिर देना मुहावरे का अर्थ okhli me sir dena muhavare ka arth – जान बुझकर किसी मुसिबत मे पडना ।

दोस्तो किसी को पता होते हुए भी की हम यह कार्य करेगे तो हमे बहुत मुसीबतो का सामना करना पडेगा और हम पर बहुत कष्ट आ जाएगे । फिर भी वह उस काम को करता है । तो ऐसे लोगो के लिए ‌‌‌इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है क्योकी ऐसे लोग बिल्कुल ओखली मे कुटे जाने वाले अनाज की तरह ही होते है  ।

क्योकी जब अनाज को ओखली मे कुटा जाता है तो उन्हे बहुत बारीक कुटा जाता है । ठिक उसी तरह से जब किसी पर मुसीबत आ जाती है तो वह बहुत कष्ट खाता है । उसकी स्थिती ओखली मे ‌‌‌सिर देने के जैसी ‌‌‌हो जाती है । इसी कारण से इस मुहावरे को ओखली मे सिर देना कहते है ।

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
 ओखली में सिर देना जान बुझकर किसी मुसिबत मे पडना ।
ओखली में सिर देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ओखली में सिर देना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌ महेश ने ओखली मे सिर देकर अपने आप को ही ‌‌‌जेल बन्द करवा दिया ।
  • राम ने ओखली मे सिर दिया इसी कारण से वह आज पुलिस थाने मे है ।
  • तुम क्यो इन जैसे को मुह लगकर अपने आप का ओखली मे सिर दे रह हो ।
  • अगर तुम स्वंय ओखली मे सिर देना चाहते हो तो हम क्या कर सकते है ।
  • अगर तुम पुलिस के साथ इस तरह से उलझोगे तो यह ओखली मे सिर देने के समान होगा ।
  • पहले तो तुमने ही उसे छेडकर ओखली मे सिर दिया और अब ‌‌‌वह मारने लगा तो तुम माफी माग रहे हो ।

ओखली में सिर देना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

‌‌‌एक समय की बात  है किसी नगर मे राजेश नाम का एक आदमी रहता था वह बहुत ही घुस्सेलू था । इस कारण अगर कोई उसे कुछ भी कह देता था तो वह उसे मारने के लिए चला जाता था । इस कारण गाव के कई लोग तो उससे बोलते ही नही थे ।

अगर कोई सामने वाला उसी की ‌‌‌तरह होता तो ही वह उससे लड सकता था । राजेश के घर मे उसकी मां के अलावा और कोई भी नही था । राजेश के पिता बहुत ही धनवान थे इस कारण उनके मरने पर वह सारा धन उसका हो गया था । एक यही भी कारण था की गाव के लोग उससे कुछ बोलते नही थे ।

क्योकी गाव के लोग समझते थे की हम इसकी बराबरी नही कर सकते है । ‌‌‌इसी तरह से एक दिन राजेश अपने गाव से शहर की तरफ जा रहा था और जाते समय वह लोगो को बेवजह गालिया देने लग गया था । उस दिन लोगो को भी बहुत घुस्सा आ गया इस कारण वे उसे मारने लगे और उसे अच्छा सबक ‌‌‌सिकाया ।

इस तरह से राजेश ने लोगो को छेडकर आपना सिर ओखली मे दे दिया । जब गाव के लोगो ने उसे छोड दिया ‌‌‌तो राजेश वहा से शहर की तरफ जाने लगा था । समय के साथ साथ राजेश शहर मे पुहंच गया था । अब राजेश अपने आप को तोप समझता था और वह जिस शहर मे गया था ।

उस शहर मे एक बहुत बडा गुंडा था जो राजेश के जैसो को तो ऐसे ही मार देता था । इस कारण से शहर का कोई भी आदमी उसके सामने ‌‌‌बोलता नही था । राजेश वहा पर नया था इस ‌‌‌कारण ‌‌‌उसे उस गुंडे के बारे मे नही पता था ‌‌‌।

जब राजेश शहर पहुंचा तो वहां से वह गुंडा जा रहा था तो उस गुंडे की जीप से राजेश पर कुछ किचड पर गया था । जिससे कारण राजेश ने उसे गालिया देना ‌‌‌शुरु कर दिया था । तब उसे किसी ने कहा की बेटा तुम चुप रहो वरना यह तुम्हे जान से मार देगा । तब राजेश उसे भी गालिया देने लगा था ।

तब उस आदमी ने सोचा ‌‌‌की यह उस गुंडे को गालिया देकर अपना सिर ओखली मे दे रहा है तो मै क्या कर सकता हूं । उस दिन उस गुंडे को सुनाई नही दिया इस कारण वह वहां से चला गया था । इसी तरह से राजेश को तो बडावा मिल गया था की उसने मेरी बात का जबाब नही दिया ।

राजेश समझ रहा था की वह गुंडा मुझ से डर गया है । इस कारण जब राजेश ‌‌‌को वह गुंडा फिर दिखा तो वह उसे जाकर मारने लगा और उसे गालिया देने लगा था । तब उसे अनेक लोग वहा ‌‌‌से लेजाने की की कोशिश कर रह थे फिर भी वह नही ‌‌‌जा रहा था ।

तब उस गुंडे को क्रोध आ गया और तब उस गुंडे ने उसे पकड कर अपनी गाडी मे बैठा लिया और फिर अपने साथ ले गया था । जब गुंडा अपने अडे पर पहुंच गया तो ‌‌‌फिर उस गुंडे ने राजेश को बहुत मारा और दो तिन दिनो तक मारता ही रहा । बादमे उस गुंडे ने उसे अपने साथ ‌‌‌रखना शुरु कर दिया।

ओखली में सिर देना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

जिसके कारण वह गुंडा जहा भी जाता तो राजेश उसके साथ जाता था । धिरे धिरे राजेश को पता चल गया था की मैने इस गुडे से झगडा मोल लेकर अपना सिर ओखली मे दे दिया । पर अब क्या हो सकता ‌‌‌था इस कारण राजेश उसी के साथ रहने लगा था । अगर वह वहां से भागने की कोशिश करता तो वह मारा जाता इस कारण वह वहां से भाग भी नही पाता था ।

इस तरह से राजेश ने अपने आप को खतरे मे डाल दिया और अपना जीवन नष्ट कर दिया था । इस तरह से  आप इस कहानी का अर्थ समझ गए होगे ।

‌‌‌ओखली मे सिर देना मुहावरे पर निबंध Essay on idiom

साथियो आज के समय मे हर कोई समझ गया है की जो हमसे बलवान हो उसके सामने हमे कभी भी नही बोलना चाहिए चाहे फिर वह गलत ही क्यो न हो । बल्की हमे चुप चाप रहना चाहिए और इसी तरह से अनके लोग रहते है ।

कुछ लोग इसके बिलकुल उलटे होते है यानि वे लोग हर किसी ‌‌‌को ‌‌‌कुछ न कुछ कह देते है जिसके कारण वे बहुत बडी मुसीबत मे पड जाते है । क्योकी जब वह छोटे और कमजोरे के सामने ‌‌‌गाली गलोच करता है । तो वे लोग उसे कुछ नही कहते है पर जब वह अपने से बलवान के सामने ऐसे गाली गलोच करता है तो जो बलवान होता है वह उसे पिट देता है ।

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ऐसे लोगो को अगर समझाया भी जाए तो वे ‌‌‌नही समझते है । इस तरह के लोगो की सख्या भी बहुत ज्यादा है । इस तरह के लोग आपको अपने आस पास भी देखने को मिल जाएगे । इस तरह के लोगो के लिए ही कहा जाता है की इसने तो उससे ‌‌‌पगा लेकर अपने आप का सिर ओखली मे दे दिया ।

क्योकी वह एक मुस्ल की तरह ही होता है जो उसे बार बार पिट देता है इस कारण से सोच समझ कर बोलना चाहिए । इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

ओखली में सिर देना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of okhli me sir dena in Hindi

दोस्तो इस मुहावरे को समझने के लिए आपको पता होना चाहिए की ओखली क्या होती है । और इसके बारे मे अगर आपको पता नही है तो आप निचे दिए गए विडियो के माध्यम से देख सकते है की ओखली क्या होती है ।

इस तरह से आपको उपर एक ओखली के बारे में जानकारी दी है ।

आप इस विडियो के माध्यम से समझ सकते है की ओखली वह होती है जिसमें अन्न को डाला जाता है और फिर उसे कुटा जाता है । और अगर ऐसी वस्तु में आप या फिर कोई अपना सिर डालता है तो आप समझ ले की उसका हाल क्या होता है ।

मतलब जिस तरह से ओखली से बारीक बारीक अन्न बन जाता है वैसे ही सिर की हालत हो जाएगी और इससे पता चलता है की ओखली में सिर डालना जान बुझकर किसी मुसिबत मे पडने के समान होता है और ही कारण है की आखली में सिर डालना मुहावरे का तात्पर्य या सही अर्थ okhli me sir dena muhavare ka arth – जान बुझकर किसी मुसिबत मे पडना होता है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।