मक्खन लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मक्खन लगाना मुहावरे का अर्थ makhan lagana muhavare ka arth – चापलूसी करना ।

दोस्तो अगर कोई अपने काम के लिए किसी के आगे पिछे फिर रहा है और उसके जैसे कहने पर वह वैसा ही करता आ रहा है । कहने का अर्थ है की उसके कहने पर ही सब काम करता है । तो ऐसे लोगो के लिए इस मुहावरे का ‌‌‌प्रयोग किया जाता है और इस तरह के लोगो के ऐसे करने को मखन लगाना कहते है ।

क्योकी जिस तरह से ब्रेड पर थोडा थोडा कर कर उस पर मखन लगाया जाता है । जिसे लगाने मे बहुत समय बित जाता है और जब मखन लग जाता है तब ही उसका उपयोग लेते है । उसी तरह से जब कोई आदमी मखन लगा देता है तो उसका काम बन जाता है ‌‌‌। इस कारण इस मुहावरे का अर्थ चापलूसी करना होता है ।

‌‌‌मुहावरा ‌‌‌हिंदी में (idiom in Hindi)मतलब‌‌‌ ‌‌‌या अर्थ (Meaning in Hindi)
 मक्खन लगाना  चापलूसी करना ।
मक्खन लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मक्खन लगाना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌महेंद्र का तो कहना ही क्या वह तो कुछ ही समय मे मखन लगा देता है और अपना काम करवा लेता है ।
  • मैने पुलिस को खुब मखन लगाया तब जाकर उन्होने मुझे छोडा वरना मै वही पर सडता रहता ।
  • जब तक मेरा काम नही होगा मै यहां से नही जाउगा और रही बात मखन लगाने की जो मै नही लगाउगा ।
  • सुरेश ने तिन वर्षो तक बॉस को मखन लगाया तब जाकर उसका प्रमोशन हुआ ।
  • अगर इसी तरह से मखन लगाते रहोगे तो तुम्हारा काम सेठ कर देगा ।
  • आजकल किसी से मदद मागने के लिए ‌‌‌भी उसे मखन लगाना पडता है ।

‌‌‌मखन लगाना मुहावरे पर कहानी Idiom story

किसी समय की बात है राजेश नाम का एक लडका अपने गाव मे रहता था । वह बहुत ही गरीब था इस कारण उसे काम की हमेशा जरुरत पडती रहती थी । उसके घर मे उसकी मां के अलावा एक छोटी बहन और रहती थी ।

पिता के न होने के कारण राजेश को ही अपने घर के खर्चो को निकालने के लिए काम करना पडता । ‌‌‌इस कारण वह काम करने के लिए जगहो जगहो पर जाता था । गाव मे उसे कभी काम मिलता और कभी नही मिलता था । इस कारण उसे किसी ने कहा की तुम काम करने के लिए शहर चले जाओ ताकी वहां पर काम मिल जाए और तुम्हे पैसे भी मिलते रहे ।

उसकी बात सुनकर राजेश को लगा की यह जो कह रहा है वह सही कह रहा है । इस कारण वह ‌‌‌अगले ही दिन शहर चला गया और शहर मे जाने के बाद वह काम को ढूंढने के लिए इधर उधर फिरने लगा था । उसे कही पर भी काम नही मिला था ।

क्योकी सभी लोग अपने लोगो को ही काम पर लगवाते थे । दुसरो को तो वे अंदर भी नही जाने देते थे जिसके कारण उन्हे काम कहां से मिल पाता था । शहर मे राजेश का एक दोस्त रहता था ‌‌‌इस कारण दो तिन दिनो तक फिरने के बाद राजेश अपने दोस्त के पास चला गया ।

राजेश ने अपने दोस्त के पास जाकर कहा की मुझे नोकरी चाहिए तुम कुछ करो । राजेश का दोस्त भी नोकरी करता था इस कारण उसने कहा की नोकरी तो मिल जाएगी पर इसके लिए तुम्हे एक माह के पैसे देने होगे ।

तब राजेश ने खुब सोचा ‌‌‌तब उसके दोस्त ने कहा की यह पैसे मै नही रखूगा बल्की मेरे उपर जो है उसे दुगा । तब राजेश ने कहा की मेरे पास पैसे नही है । अगर तुम चाहो तो ऐसे ही नोकरी लगा दो वरना मै अपने गाव वापस चला जाउगा ।

‌‌‌राजेश उसका दोस्त होने के कारण उसे लगा की इसके लिए कुछ करना ही होगा । ऐसा सोचकर अगले दिन उसने राजेश को ‌‌‌अपने साथ अपनी ओफिस मे ले गया और वहा पर काम लगवाने के लिए अपने ‌‌‌बॉस को खुब मखन लगाया ।

तब जाकर राजेश को नोकरी मिली थी । ‌‌‌नोकरी मिल जाने के कारण राजेश वहां पर काम करने लगा था । उसे वहां पर काम करते हुए बहुत समय बित गया तब ‌‌‌उसे उसके दोस्त ने कहा की भाई तुम ऐसा करो की हमारे बॉस की चापलूसी किया करो जिसके कारण तुम्हारा ‌‌‌प्रमोशन होता रहेगा ।

अपने दोस्त की बात मानकर वह अगले ही दिन अपने बॉस की चापलूसी करने लगा । फिर राजेश को जहां भी उसका बॉस दिखाई देता तो वह उसके गुण गाने लग जाता था । जिससे उसके बॉस को लगा की यह तो बहुत ही अच्छा लडका है मेरे गुण गाता है ।

इसी कारण से उसके बॉस ने उसे प्रोमसन दे दिया । ‌‌‌इस तरह से प्रमोशन मिल जोने के कारण राजेश को समझ मे आ गया था की अगर वह अपने बॉस की चापलूसी करता रहेगा तो वह उसके पैसे और बढाता रहेगा । फिर राजेश हमेशा ही अपने बॉस के बारे मे अच्छा अच्छा फैलाने गला था ।

जिससे वह कुछ ही समय मे उपर चढ गया था । अब उसके पास इतने पैसे आने लगे थे की वह एक ही वर्ष मे ‌‌‌अमीरो की तरह रहने लगा था । यह देखकर गाव के लोगो ने सोचा की राजेश तो शहर जाकर बहुत ही धनवान हो गया है इस कारण गाव के लोग भी अपने बेटो को शरह भेजने लगे थे ।

उनके बेटे शहर तो चले गए पर उन्हे नोकरी नही मिली इस कारण कई ‌‌‌लडके तो अपने गाव वापस आ गए थे । साथ ही जिन लडको को शहर मे नोकरी मिल गई थी उनके ‌‌‌ज्यादा पैसे नही बनते थे । तब गाव के लडको ने राजेश के बारे मे पता लगया तो उन्हे पता चला की राजेश तो अपने बॉस की चापलूसी करता है इसी कारण से वह इतनी जल्दी अमीर बन गया है ।

‌‌‌मखन लगाना मुहावरे पर कहानी Idiom story

तब उन लोगो ने भी अपने बॉस को मखन लगाना शुरु कर दिया था । जिससे वे भी कुछ उपर चढ गए थे । तब ‌‌‌उन ‌‌‌लडको ने गाव मे जाकर सब को बताया ‌‌‌की राजेश ने तो अपने बॉस को मखल लगाया । तब जाकर उसे प्रमोशन पर प्रमोशन मिलते जा रहे है जिससे ही वह धनवान हुआ है ।

इस तरह से लोगो को समझ मे आ गया था की मखन लगाना किसे कहते है । इस तरह से आप भी इस कहानी का अर्थ समझ गए होगे ।

‌‌‌मखन लगाना मुहावरे पर निबंध Essay on idiom

साथियो अगर कोई किसी के गुण जाता है और उसके कहे अनुसार करता है चाहे वह कुछ भी कहे । उसे यह नही ‌‌‌लेना देना की यह सही है की गलत । अगर वह गलत भी करता है तो उसके गुण गाता है । यानि उसे ही सही बताता है और उसकी ही बात करता है ।

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इस तरह से उसके बारे मे सोचने और करने को उसकी ‌‌‌चापलूसी करना कहते है। और चापलूसी करने को ही मखन लगाना कहते है। इस तरह से मखन लगाकर अनेक लोगो ने अपना काम बनाया है । क्योकी उन्हे पता है की अगर वे मखन नही लगाएगे तो सामने वाला उसका काम नही करेगा ।

इस कारण वे जैसे तैसे कर कर अपना काम बनवा लेते है । इस तरह के लोगो की इस संसार मे कोई कमी नही है । ‌‌‌इस तरह के लोग आपको आसानी से देखने को मिल जाएगे । ‌‌‌इस तरह से आप मखन लगाना मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

मक्खन लगाना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of in Hindi

दोस्तो मुहावरो की दुनिया में मक्खन को काफी बुरा माना जाता है और कहा जाता है की कभी कोई किसी को मक्खन न लगाना चाहिए । अगर आपने पूरे लेख को सही तरह से पढा है तो आप हमारी इस बात को अच्छी तरह से समझ सकते है ।

अगर नही समझ पा रहे है तो पहले समझे की इसका तात्पर्य क्या होता है ।

दोस्तो जिस तरह से किसी ब्रेड पर मक्खन लगानया जाता है तो पहले तो ब्रेड को लगता है की हम उसके लिए अच्छा कर रहे है मगर असल मे हम फिर उसे खा जाते है । मतलब हम अपना काम निकालते है । ठिक ऐसे ही चापलुसी करना होता है । क्योकी जब चापलूसी की जाती है तो सामने वाले को भी ऐसा ही महसुस होता है मगर असल में चापलूसी करने वाला व्यक्ति अपना काम निकाल रहा होता है ।

हालाकी इसे समझने के अनेक तरीके हो सकते है मगर आप इस आधार पर समझ सकते है की मक्खन लगाना मुहावरे का सही अर्थ makhan lagana muhavare ka arth – चापलूसी करना होता है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।