मिट्टी का माधो मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मिट्टी का माधो मुहावरे का अर्थ mittee ka madho muhavare ka arthमुर्ख होना

दोस्तो जब कोई किसी ऐसे व्यक्ति को कुछ काम दे देता है जो ‌‌‌उसे करना भी नही जानता हो जैसे एक ग्वार को पढाई लिखाई का काम दे देते है तो वह उस काम ‌‌‌नही कर सकता है । ‌‌‌क्योकी वह मुर्ख होता है यानि पढाई लिखाई न समझने वाला । ऐसे ही लोगो को ‌‌‌अगर कुछ काम दे दिया जाए तो वे लोग मुर्ख कहलाते है और इसी तरह के मुर्ख लोगो के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है । यहां पर मुर्ख लोगो का अर्थ ऐसे लोगो से है जो किसी काम को न समझते हो । ‌‌‌अगर इस तरह के लोग हो तो उसे मिट्टी का माधो कहा जाता है ।

मिट्टी का माधो मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌तुमने मेरा काम एक मिट्टी के माधो को दिया है मुझे तुमसे यह उमीद नही थी ।
  • यह काम किसी अच्छे आदमी को ही देना जो ‌‌‌इसे करना जानता हो पहले की तरह मिट्टी के माधो को मत दे देना ।
  • इस मिट्टी के माधो से यह काम नही होगा तुम किसी और से करा लो ।
  • आप इसे मिट्टी का माधो समझते हो पर यह तो इस काम मे माहिर है ।
  • राहुल तो मिट्टी का माधो है जो भी काम देता हूं वह  पूरा नही होता ।
  • रामलाल तुम्हारा बेटा क्या मिट्टी का माधो है जो इतना अच्छा काम देने पर भी नही कर सका ।

मिट्टी का माधो मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

कुछ समय पहले की बात है किसी गाव मे रामलाल नाम का एक आदमी रहता था । जिसके दो बेटे थे । वह अपने बेटो के साथ बहुत ही खुश रहता था । इसके अलावा रामलाल के घर मे उसकी पत्नी भी रहती थी । गाव के लोगो की तुलना मे रामलाल बहुत ही धनवान था ।

इस कारण उसे जब भी किसी चिज की जरुरत होती तो वह आसानी से ‌‌‌लेकर आ जाता था । रामलाल ने अपने दोनो बेटो को पढने के लिए विधालये भेजान शुरु कर दिया था । कुछ दिनो तक तो दोनो ही विधालय जाते थे पर बादमे बडा बेटा विधालय ‌‌‌नही जाता था ।

तब रामलाल ने उसे बहुत समझाया पर उसे कुछ भी समझ मे नही आया था । तब रामलाल ने सोचा की अगर यह नही जाना चाहता है तो कोई बात ‌‌‌मेरे साथ कोई काम कर लेगा । इस तरह से सोचकर रामलाल अपने बेटे को घर पर ही रखने लगा था ।

जब रामलाल के बेटे बडे हो गए तो उसके पिता ने उन दानो को काम करने के लिए भेज दिया था । तब रामलाल का छोटे ने अपने पिता से कहा की मै तो नोकरी करुगा । अपेन बेटे से ऐसी बाते सुनकर रामलाल ने उसे नोकरी करने को ‌‌‌कह दिया था ।

जिसके कारण वह कुछ ही दिनो के बाद नोकरी लग गया था और अपना काम करने लगा था । धिरे धिरे समय बितता गया और रामलाल की मृत्यु हो गई थी । जिसके कारण जो भी रामलाल करता था वह सब उसका बडा बेटा करने लगा था । रामलाल लोगो से काम करवाता था और उन्हे पैसे देता था यानि वह एक ठेकेदार था । ‌‌‌

अब रामलाल का बडा बेटा पढा लिखा तो था नही पर थोडा बहुत उसे पढना आता था । इस कारण से उसने वही काम करना शुरु कर दिया था। एक बार की बात है रामलाला का छोटा बेटा अपनी ओफिस मे काम कर रहा था ।

तब उसके बॉस ने उसे बुलाकर कहा की तुम ऐसे आदमी को जानते हो क्या जो ठेकेदार हो । तब उसने कहा की मेरा भाई है जो ‌‌‌यह काम अच्छी तरह से कर लेगा । ‌‌‌उसके बॉस ने उस पर विश्वास कर कर उसे कह दिया की एक घर बनवाना है। जिसका काम मै तुम्हारे भाई को दे रहा हूं जरा सही तरह से करना ।

इतना कह कर उसके बॉस ने उसे फाईल दे दी थी । जैसे ही रामलाल का बेटा अपने घर पहुंचा तो अपने बडे भाई से कहा की आपके लिए एक काम है । अगर यह काम सही तरह से होगा ‌‌‌तो ‌‌‌समय समय पर और भी काम मिलते रहेगे ।

तब रामलाल के बडे बटे ने ठेकेदार का काम शुरु किया ही था और उसे ‌‌‌वही पहला काम मिल गया था । कुछ दिन बित गए तब रामलाल के छोटे बेटे के बॉस को पता चला की मैने जिसको घर बनाने के लिए काम दिया है वह तो मिट्टी का माधो है ।

‌‌‌तब उसके बॉस ने उसे बुलाया और कहा की तुम्हारे भाई को काम आता भी है की नही । क्योकी वह तो बिलकुल भी पढा लिखा नही है । अगर उसने मेरा काम खराब कर दिया तो तुम्हारी नोकरी चली जाएगी । ‌‌‌इतना कह कर दोनो उसके पास गए तो उन्हे पता चला की इसने तो घर का बेहाल कर दिया है ।

मिट्टी का माधो मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

यह देखकर बॉस ने रामलाल के छोटे बेटे को नोकरी ‌‌‌से निकाल दिया था और उसके भाई से वह काम ले लिए और ‌‌‌उसे पैसे भी नही दिए । तब रामलाल के छोटे बेटे को पता चल गया की यह तो मिट्टी का माधो है और मेने इसे काम देकर अपना ही नुकसान कर लिया है ।

इस तरह से मिट्टी के माधो होने के कारण उसे कुछ भी समझ मे नही आया और सारा काम गलत हो गया था । इस तरह से आप ‌‌‌लोगो को समझ मे आ गया होगा की इस कहानी का क्या मतलब निकलता है ।

मिट्टी का माधो होना मुहावरे पर निबंध Essay on idiom

साथियो अगर कोई मुर्ख हो तो उसे जो भी कार्य दिया जाए तो वह उसे पूरा नही कर पता है और किसी के समझाने पर भी उसे कुछ समझ मे नही आत है। इस तरह के मुर्ख लोगो के लिए ही इस मुहावरे का प्रयोग किया ‌‌‌जाता है और कहा जाता है की यह तो मिट्टी का माधो है ।

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इस तरह के मुर्ख लोग आपको कही पर भी मिल सकते है । इस तरह के लोगो को अगर कुछ समझाया भी जाए तो उसे कुछ भी समझ मे नही आता और दिया गया काम सब गलत ही गलत कर देते है । इस तरह के ज्यादातर लोग तो ग्वार होत है जिनको पढाई का कुछ भी नही पता होता है ।

‌‌‌कुछ लोग तो बचपन से ही ऐसे होते है बिल्कुल भोले भाले उन्हे किसी से कुछ नही लेना देना। यहां तक की उन लोगो को अगर कोई काम दे देत है तो वह उसे करने लग जाते है । चाहे फिर उसे वह काम आता हो या नही । कहने का अर्थ है की मिट्टी का माधो वही होता है जो मुर्ख होता है जिसको ज्ञान का पता नही होता है ।

मिट्टी का माधो मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of mittee ka madho in Hindi

दोस्तो मिट्टी से अगर हम किसी व्यक्ति की प्रतिमा को बना दे और उसे घर में लेकर जाए और कहे की यह एक मनुष्य है तो क्या सच में यह एक मनुष्य है तो इसका उत्तर होगा नही ।

क्योकी यह मिट्टी से बना हुआ एक पुतला होता है जो की न तो सोच समझ सकता है ओर न ही कुछ कर पाता है और इस तरह से जो सोच समझ नही सकता है उसे मुर्ख कहा जाता है ।

अब अगर mittee ka madho की बात करे तो यह भी मुर्खों की श्रेणी में ही आता है क्योकी आपको पता है की यह ​भी मिट्टी से बना होता है । और यही कारण है की अगर हम mittee ka madho की बात करते है तो यह एक मुहावरा है और इसका अर्थ मुर्ख व्यक्ति से होता है । यानि दोस्तो mittee ka madho muhavare ka arth – मुर्ख होना होता है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।