हजामत बनाना मुहावरे का अर्थ hajamat banana muhavare ka arth – ठगना ।
दोस्तो आज की इस दुनिया मे हर कोई किन्ही लोगो को ठग कर अपनी तिजोरी भरने की सोच रखते है । ऐसे लोगो के द्वारा जब किसी को ठग लिया जाता है । तब उस आदमी के लिए कहा जाता है की आज तो इसकी हजामत बन गई यानि यह ठग लिया गया है । इस तरह से किसी भी कारण से ठगा जा सकता है ।
क्योकी आज कल हर चिज मे मिलावट होती है झुट बाजी चलती है । जिसके कारण से हर किसी को ठग लिया जाता है । यहा ठगने का अर्थ है की उससे वस्तु की किमत ज्यादा ले ली जाती है और वह वस्तु उतनी किमत की होती नही है । इस तरह से जहां पर ठगा जाता है वही पर इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।
हजामत बनाना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence
- भाई ये आदमी पता नही किस किस की हजामत बना चुका है अगर तुम भी इससे समान लेने जाओगे तो यह तुम्हारी भी हजामत बना देगा ।
- महेश के पिता की आज मैंने हजामत बना दी और उन्हे पता भी नही चला ।
- रविप्रकाश ने अपने भाई की हजामत बना कर 2000 रूपय ले लिए ।
- अगर तुमने गाव के लोगो की हजामत बनाना बंद नही किया तो अच्छा नही होगा ।
- तुमने लोगो की हजामत बना कर मेरी बनी बनाई इज्जत मिट्टी मे मिला दी ।
- तुम्हे समान बेचना है तो सही तरह से बेचो इस तरह से हजामत बना कर कब तक लोगो को समान बेचते रहोगे ।
- महेश साहुकार की हजामत बनाते हुए पकडा गया तो साहुकार ने उसे बहुत पिटा ।
हजामत बनाना मुहावरे पर कहानी Idiom story
प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक सेठ रहा करता था । सेठ की लोगो मे खुब इज्जत थी । और जब भी कोई काम होता तो लोग सेठ को ही पहले बताया करते थे और आने के लिए कहा करते थे । सेठ भी बहुत दयालू था वह भी लोगो के यहां जाकर उनके शुभ कार्य मे अपना योगदान दिया करता था ।
इस तरह से सेठ भी लोगो की मदद करता था । जिसके कारण से हर कोई उससे मदद मागने के लिए आ जाता था । सेठ ने अपने गाव मे एक बहुत बडी किराने की दुकान खोल रखी थी । जिसमे उसने गाय के लिए खल और मनुष्यो के लिए जो भी उपयोगी समाना होता है वह सब रखता था ।
हाथ बटाना मुहावरे का मतलब और वाक्य व कहानी
हक्का-बक्का रह जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
हाथ खींचना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग
हाथ लगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग व कहानी
हवा हो जाना मुहावरे का मतलब या अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
इस तरह से सब समान रखने के कारण हर कोई उससे समान लेकर जाता था । साथ ही कुछ लोग को जितना भी समान ले जाना होता वह सब एक साथ ले जाते थे । अगर किसी के पास समान ले जाने के लिए पैसे नही होते तो वह सेठ उन्हे ऐसे ही दे देता था और कहता की जब पैसे हो तो दे देना ।
इस तरह से समान बचने के कारण गाव के ज्यादातर लोग उसके पास ही जाते थे । सेठ के घर मे उसका एक बेटा और पत्नी रहा करती थी । सेठ ने अपने बेटे को पढने के लिए भी भेजा था ताकी वह मेरा यह काम देख सके । इस तरह से सेठ ने उसे पढने के लिए गाव मे ही डाला था ।
सेठ का बेटा स्कुल जाता और पढ कर आ जाता था । जब वह बडा हो गया तो सेठ ने उसे अपनी दुकान मे रहने को कहा और उससे समान दिलाने लगा था । ताकी उसे पता चल जाए की दुकान को किस तरह से चलाया जाता है ।
सेठ भी वही पर रहता था और हिसाब किताब वही करता था । सेठ का बेटा तो केवल समान देता था । धिरे धिरे सेठ के बेटे को काम करते हुए दो वर्ष बित गए थे और दो वर्षो के बाद एक दिन सेठ बिमार हो गया था ।
इस कारण से उसने अपनी दुकान अपने बेटे के हलवाले कर दिया था ताकी वह समान बेच सके और लोगो को किसी और दुकान मे जाने का मोका भी न मिले । सेठ के बेटे के जब दुकान हाथ मे आ गई तो उसने एक महिने तक तो समान सही बेचा पर फिर उसे लगने लगा की इस तरह से तो हमारा कभी भी ज्यादा फायदा नही होगा ।
इस कारण से उसने फिर सभी समानो की कुछ किमत बडा दी थी । किमत बढा देने के कारण भी लोग उसकी दुकान से ही समान खरीद रहे थे । इस कारण से उसे लगा की लोगो को बिलकुल भी पता नही चला की यह समान की किमत बढा चुका है ।
इस कारण से उसने दुकान के समान की किमत और बढा दी पर इस बार किमत बढ जाने के कारण से कुछ लोगो को लगने लगा की यह समान बेच कर लोगो की हजामत बनाता है । इस कारण से वे लोग दुसरी दुकान पर जाने लगे थे ।
इस तरह से उसने तिन महिनो तक किया और अभी भी उसका पिता बिमार था इस कारण से वह बादमे भी दुकान सम्भाल रहा था । इस कारण से उसने पैसे ज्यादा कमाने के लिए समान मे मिलावट करने लगा था ।
जिसके कारण से ज्यादातर लोगो को लगने लगा की आजकल सेठ की दुकान के समान मे स्वाद कुछ अलग आने लगा है । जब इस बारे मे वे दुसरे लोगो से बात करते तो वे कहते की तुम्हारे जरूरी है क्या की तुम उसी दुकान से समान लो इस गाव मे और भी दुकान है उससे ले लो ।
तब वे लोग कहते की हां यह बात तो है । इस तरह से कुछ लोग उसकी दुकान पर कम हो गए थे । पर उसे इस बात से कोई भी फर्क नही पड रहा था । इस तरह से एक दिन की बात है ।
उस दिन सेठ का बेटा सुबह सुबह अपनी दुकान के समान मे मिलावट कर रहा था । यह नजारा सेठ के प्रिय ग्राहक ने देख लिया तब उसने सेठ के बेटे से कहा की तुम अपनी दुकान के समान मे मिलावट कर रहे हो । यह सुन कर सेठ के बेटे ने कहा की तुम्हे इस बात से कोई लेना देना नही की मैं मेरी दुकान मे क्या करता हूं ।
अगर तुम्हे कुछ लेना है तो लो वरना निकलो यहा से । ऐसी बात करने के कारण से उस आदमी को बहुत बुरा लगा । तब तक सेठ भी बिलकुल ठिक हो गया था । इस कारण से वह ग्राहक सेठ के पास गया और उसे यह सब बाते बता दी थी ।
साथ ही यह भी कहा की जिसके कारण से तुम्हारी दुकान के बहुत ग्राहक टुट गए है । यह सुन कर सेठ ने उस आदमी से कहा की आप अब बेफिकर हो जाओ मैं वापस उस दुकान को सम्भालने लगुगा ।
तब एक दिन की बात है सेठ अपनी दुकान मे सिर ढक कर गया और पता लगाया की यह समान के साथ क्या करता है । जब सेठ ने अपने बेटे से समान खरीदा तो सेठ को पता चला की यह तो समान की बहुत ही ज्यादा किमत लेने लगा है । साथ ही उसे लगा की इसमे मिलावट बहुत ज्यादा है ।
तब सेठ ने उसे अपना चेहरा दिखाया और कहा की तुम लोगो की हजामत बना कर उन्हे समान बेच रहे हो । तभी गाव के कुछ लोग आ गए और वे भी सेठ से कहने लगे की आज कल तुम्हारी दुकान मे समान अच्छा नही मिलता है ।
पता नही आप लोग हमे ठगने लगे हो की नही । जब इस तरह से गाव के बहुत से लोगो ने कहा तो सेठ को क्रोध आ गया और उसने अपने बेटे से कहा की ये लोग कभी भी मेरे साथ ऐसा नही बोलते थे और तुमने लोगो को हजामत बना कर मेरी इज्जत मिट्टी मे मिला दी। और इतना कह कर उसे अपनी दुकान से बाहर निकाला और कहा की आज से तुम अपना कामओ और अपना खाओ ।
इतना सुनते ही उसका बेटा वहां से चला गया था । फिर सेठ ही उस दुकान मे समान बेचने लगा था । और धिरे धिरे लोगो की सख्या वापस बढने लगी थी क्योकी सेठ ने किमत घटा दी थी और समान भी अच्छा देने लगा था ।
इस तरह से आप लोगो को इस कहानी से समझ मे आ गया होगा की जब कोई किसी को ठगता है तो उसे ही हजामत बनाना कहा जाता है।
हजामत बनाना मुहावरे पर निबंध || hajamat banana essay on idioms in Hindi
दोस्तो हजामत शब्द के बारे में आपतो पता होगा की यह हजामत क्या होती है । दरसल आप अगर लड़का या पुरुष है तो आपको पता होगा की दाढी क्या है वही पर महिलाए और कन्या भी इस बारे में जानती है की पुरुष के चैहरे पर जो बाल आते है उसे ही दाढी मुछ कहा जाता है । जब किसी नाई से इस दाढी कोकटाया जाता है तो इसे ही हजामत बनाना कहा जाता है ।
मगर मुहावरो की दुनिया में हजामत बनाना का अर्थ ठगना से होता है ओर यह आपने उपर जो कुछ पढा है उसके माध्यम से जान गए होगे । जैसे की आपको पहले हमने समझाया की किस तरह से ठगना ही अर्थ है और फिर कहानी के माध्यम से बताया की ठगना अर्थ है ।
तो इसका मतलब यह होता है की जब भी कोई व्यक्ति किसी दूसरे को ठग लेता है तो इसका मतलब हुआ की वह दूसरे की हजामत बना चुका है और इस तहर से इस मुहावरे का प्रयोग आप कर सकते है ।
निचे बेस्ट हिंदी मुहावरे दिए गए है जो ज्यादातर प्रयोग मे आते है ।
काला अक्षर भैंस बराबर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
कान खड़े होना मुहावरे का अर्थ और वाकय मे प्रयोग
कान काटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग
कान का कच्चा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
कलम तोड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
एक अनार सौ बीमार मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
एक आँख से देखना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग
उँची दुकान फीका पकवान मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आस्तीन का सांप होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
उँगली उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आपे से बाहर होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आग में घी डालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आँखों में धूल झोंकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आँखें बिछाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आकाश पाताल एक करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
अगर मगर करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
पहाड़ टूट पड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आग लगने पर कुआँ खोदना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
श्री गणेश करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
टस से मस न होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
छोटा मुँह बड़ी बात मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग
चोली दामन का साथ मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
गुदड़ी का लाल मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
गागर में सागर भरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
कान पर जूं न रेंगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
आँखें फेर लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
घाट घाट का पानी पीना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
बालू से तेल निकालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
अंग अंग ढीला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग
अक्ल के घोड़े दौड़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग