तेली का बैल होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

तेली का बैल होना मुहावरे का अर्थ teli ka bail hona muhavare ka arth – ऐसा व्यक्ति जो हर समय काम करता रहता हो ।

दोस्तो आज इस संसार मे ऐसे लोगो को देखना कम ही नसीब होता है जो हर समय काम करते रहते हो । और जो व्यक्ति ऐसे होते है जो हर परिस्थिती मे काम करते रहते हो उनको सर्दी गर्मी जैसे मौसम से कुछ लेना देना नही होता है । इस तरह के लोगो के लिए ही इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

तेली का बैल होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

तेली का बैल होना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • अभी जितना आराम करना हो कर लो जब परिक्षा आएगी तो मैं भी तुमको तेली का बैल ‌‌‌बना दुगी ।
  • बहन की शादी मे रोहिताश को तेली का बैल बनना पडा ।
  • रामू तो इस तरह से काम कर रहा है जैसे कोई तेली का बैल हो ।
  • जब से रामलाल के पिता बिमार हो गए है तब से रामलाल तेली का बैल बन कर उनकी सेवा मे लगा है ।
  • इसके घर की हालत ही ऐसी है की इसको अपने घर के लोगो का पेट भरने के लिए तेली का बैल ‌‌‌बनना पड जाता है ।
  • भाई मेरा तो मानना है की जीवन मे कितने भी कष्ट क्यो न आ जाए पर कभी तेली का बैल न बनना पड जाए ।
  • शराबी पिता ने इतना कर्जा ले लिया की राजपाल को तेली का बैल बन कर उसे उतारना पडा ।

‌‌‌तेली का बैल होना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे बलवन्त नाम का एक आदमी रहा करता था । उसके घर मे उसके माता पिता के अलावा उसकी पत्नी रहा करती थी । बलवन्त के पिता के पास धन की कोई कमी नही थी । वह गाव ‌‌‌के अमीरो मे गिना जाता था । साथ ही बलवन्त ‌‌‌के पिता बहुत ही अच्छे आदमी थे ।

उन्होने कभी भी किसी को भला बूरा तक नही कहा । यही कारण था की गाव का कोई भी व्यक्ति उन्हे किसी काम के लिए मना नही किया करते थे । धिरे धिरे समय बितता गया और जब बलवन्त के पिता की उम्र हो गई तो उनकी मृत्यु हो गई थी ।

अब बलवन्त के घर मे उसकी माता और पत्नी ही रहा करती थी । ‌‌‌पिता के मर जाने के कारण से बलवन्त को लगने लगा की अब मेरे पास पैसो की कोई कमी नही है और कोई भी मुझे काम करने के लिए नही कहेगा । इसी कारण से वह आराम से अपने घर मे पडा रहने लगा था ।

दम भरना का मतलब और वाक्य व कहानी

टूट पड़ना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

आग में कूदना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ खाली होना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

हाथ तंग होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व निबंध

जब पिता के मरने के बाद बलवन्त ऐसे ही घर मे रहने लगा तो उसकी मां को लगा की अपने पिता के मर जाने के कारण से यह ‌‌‌दुखी है । ऐसा सोच कर उसकी मां ने भी उसे काम करने के लिए नही कहा ।

जिसके कारण से बलवन्त को लगा की मां को भी कुछ लेना देना नही की मैं काम करू की नही । इस तरह से सोच सोचकर बलवन्त इतना कामचोर बन गया था की अगर उसकी पत्नी और मां उससे कहने भी लग जाते की काम करने के लिए क्यो नही जा रहे हो तो वह अपनी ‌‌‌मां और पत्नी दोनो की बात नही सुनता था ।

यह देख कर बलवन्त की पत्नी सोच मे पड गई की जब हमारे पास पैसे नही होगे तो यह तो मुझे भूखा मार देगा । ऐसा सोच कर बलवन्त की पत्नी ने एक योजना बनाई और उस योजना को बलवंत की मां को बता दी थी ।

तब योजना के अनुसार एक दिन बलवंत की पत्नी ने उसे रोटी नही दी । ‌‌‌जिसके कारण से बलवंत ने अपनी मां से कहा की मां यह मुझे रोटी नही दे रही है । तब उसकी मां ने कहा की बेटा मेने ही इसे मना किया था क्योकी तु कमा कर कुछ लाता नही है और मेरा ही खाता रहता है ।

इसी कारण से मैं तुम्हे कुछ नही दुगी और मरने के बाद मे भी यह सब तेरी पत्नी का ही होगा । जब बलवंत ने अपनी मां ‌‌‌की यह बात सुनी तो उसकी बोलती बंद हो गई थी । अगले ही दिन जब बलवंत को फिर से रोटी नही मिली तो वह फिर लडाई करने लगा था ।

फिर भी उसे दो तिन दिनो तक भुखा रहना पडा तो वह अपने आप काम करने के लिए कहने लगा था । तब बलवंत की मां ने उससे कहा की जो हमारा खेत है उसमे तुम्हे फसल बोनी है अगर तुमने इस बार ‌‌‌अच्छी फसल बो ली तो मैं तुम्हारे नाम ही सारी जायदाद कर दुगी वरना तुम्हारी पत्नी के नाम भी हो सकती है ।

जब यह बात बलवंत ने अपने दोस्तो से कही तो उसके दोस्तो ने बलवंत से कहा की दोस्त एक वर्ष ही तो काम करना है तेली का बैल बनकर काम कर लो वरना अगर जायदाद पत्नी के हाथ हो गई तो वह दिन रात तुम्हे ‌‌‌ऐसा वैसा कहने लगेगी और तुम्हारी एक भी नही सुनेगी ।

इस तरह से बलवंत को उसके दोस्तो ने समझाया । जिसके कारण से बलवंत ‌‌‌ने काम करने के लिए अपने खेत मे फसल बो दी और यह सोच सोच कर काम करने लगा की अगर इस बार फसल अच्छी नही हुई तो मुझे जायदाद नही मिलेगी ।

इस तरह से वह पूरे वर्ष उसने इतना मन लगा कर काम किया ‌‌‌की देखने वाला कहता की वहां यह तो तेली के बैल की तरह काम कर रहा है । इस तरह से काम करने के बाद जब बलवंत के खेत मे फसल पक गई तो बलवंत ने फसल की कटाई कर ली और उसे फिर बेचकर आ गया था ।

तब बलवंत को बहुत पैसे मिले जितने तो उसके गाव मे किसी को भी नही मिले थे । तब जैसे ही वह पैसे लेकर अपनी मां ‌‌‌के पास गया तो वह अपनी मां से कहने लगा की मां मैंने गाव मे सबसे ज्यादा फसल मे पैसे कमाए है अब तो जायदाद मेरे ही नाम होनी चाहिए ।

तब उसकी मां हसने लगी और फिर कहा की बेटा इन पैसो का मैं क्या करूगी । यह सब तुम्हारा ही है मैं तो तुम्हे समझाना चाहती थी की अगर तुम इसी तरह से काम करने लगोगे तो ‌‌‌तुम्हारी जायदाद ‌‌‌बढती ही जाएगी कम नही होगी ।

इस तरह से समझाने के कारण से बलवंत को समझ मे आ गया की उसे हमेशा ही काम करना चाहिए । तब उसकी मां ने कहा की यह सब तुम्हारी पत्नी की ही योजना थी । तब जाकर तुमने एक वर्ष इस तरह से काम किया ।

‌‌‌तेली का बैल होना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

यह जान कर बलवंत बहुत खुश हुआ की उसकी पत्नी के कारण से आज वह ‌‌‌यही रास्ते पर आ गया है । उस समय के बाद मे बलवंत रोजाना अपने खेत मे जाता और कुछ न कुछ काम करता रहता था । जिसके कारण से उसके घर के सदस्य भी बहुत खुश थे ।

इस तरह से फिर गाव के लोग भी बलंवत से कहने ‌‌‌लगे की आज कल तो तुम तेली के बैल की तरह काम कर रहे हो आखिर बात क्या है । तब बलवंत कहता की हमे ‌‌‌हर समय काम करना चाहिए । जिसके कारण से हमारा ही फायदा है और हम स्वस्थ रहगे वह अलग बात है ।

इस तरह से फिर बलवंत को समझ मे आ गया की काम करना ही चाहिए चाहे कितने भी पैसे क्यो नहो जाए । इस तरह से आप लोगो को इस कहानी से मुहावरे का अर्थ समझ मे आ गया होगा ।

तेली का बैल होना मुहावरे पर निंबध || teli ka bail hona essay on idioms in Hindi

दोस्तो तेली का बैल होना एक ऐसा मुहावरा है जिसके बारे में आपने उपर काफी कुछ पढा है ओर पढ कर यह समझ लिया है की यह मुहावरा किसी ऐसे व्यकित के बारे में बात कर रहा है जो की हर समय काम ही काम करता रहता है ।

जैसे की आपको पता होगा की तेली के पास जो बेल होता है वह हमेशा काम में लगा रहता है तो अगर कोई व्यक्ति तेली का बेल है तो वह भी काम करता रहेगा । जैसे की मान ले की आप स्वयं ही दिन भर किसी न किसी तरह के काम में लगे रहते हो , आप दिन भर अध्ययन करते हो और जब अध्ययन नही करते हो तो आप किसी अन्य तरह का काम करते रहते हो । तो इसका मतलब हुआ की आप दिन भर काम करते हो और ऐसे में आपके लिए ही इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है और कहा जा सकता हे की आप तो तेली का बैल हो । कहने का मतलब है की जो व्यक्ति हर पल काम में लगा रहता है यह मुहावरा उसे ही दर्शाता है ।

‌‌‌निचे कुछ मुहावरों की लिंक दी जा रही है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

एड़ी चोटी का जोर लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आड़े हाथों लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक रगड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

गुड़ गोबर करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पौ बारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌पेट में दाढ़ी होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर खुजलाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मैदान मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर पर सवार होना ‌‌‌मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाने दाने को तरसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हां में हां मिलाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाँतों तले उँगली दबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पत्थर की लकीर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

टांग अड़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ पाँव फूलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक का बाल होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नमक मिर्च लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दंग रह जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाल में काला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पानी पानी होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लोहा लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

टेढ़ी खीर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पीठ दिखाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

फूला न समाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य का प्रयोग

बाल की खाल निकालना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मुँह की खाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

रंग जमाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌लोहे के चने चबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लकीर का फकीर होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।