सड़क नापना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग और कहानी

सड़क नापना मुहावरे का अर्थ sadak napna muhavare ka arth— बेकार में इधर उधर घूमना ।

दोस्तो सड़क जो होती है वह काफी लंबी चोटी होती है और एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाती रहती है । अगर सड़क को नापा जाए तो इधर उधर घूमना होता है और इस तरह से घूमते हुए ही सड़क को नापा जा सकता है।

मगर सड़क को नापना आज के समय में बेकार होता है क्योकी यह रिकोल्ड में दिया गया है की सड़क कितनी लंबी है । मगर फिर भी सड़क को नापा जाता है तो यह बेकार काम होता है ।

तो इस तरह से सड़क को नापने के लिए इधर उधर घूमना होगा और यह काम भी बेकार होता है या व्य​र्थ होत है । तो इस बात से कह सड़क नापने का मतलब बेकार में इधर उधर घूमना होता है ।

सड़क नापना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग और कहानी

सड़क नापना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग ||  sadak napna use of idioms in sentences in Hindi

1.        अरे वह तो दिन भर सड़क नापता रहता है ।

2.        राजू के पिता स्कूल के अध्यापक है और राजू दिन भर सड़क नापता रहता है ।

3.        आज के समय में बहुत से बच्चे सड़क नापते रहते है ।

4.        अरे मुर्ख क्यो सारे दिन सड़क नापते रहते हो समय पर अध्ययन कर लिया करो ।

5.        अगर तुम इसी तरह से सड़क नापते रहे तो भविष्य में काफी परेशानी होगी ।

6.        महेश लोगो को कभी भी सड़क नापता हुआ नही दिखा क्योकी वह हमेशा पढता रहता है ।

7.        जब सुरज ने स्कूल में पढना छोड़ दिया तो पिता ने कहा की तुम दिन भर सड़क नापते रहोगे उससे अच्छा है मेरे साथ काम करने चलो ।

8.        रजनी स्कूल जाने के बहाने घर से निकल जाती है मगर दिन भर सड़क नापकर वापस घर आ जाती है ओर घर वालो को लगता है बेटी पढ कर आई है ।

9.        बहुत से विद्यार्थी कॉलेज मे सड़क नापने के लिए जाते है।

सड़क नापना मुहावरे पर कहानी || sadak napna story on idiom in Hindi

दोस्तो एक बार की बात है एक गाव हुआ करता था जिसमें एक स्कूल था । वहा पर वैसे तो बहुत सारे बच्चे थे मगर उनमे से कुछ बच्चे ऐसे भी थे जो की अपने माता पिता को यह कह कर घर से निकल जाते थे की स्कूल जाने वाला हूं और छुट्टी होने पर घर आउगा ।

 मगर वही पर स्कूल जाने की बजाए वह इधर उधर फिरते रहते थे और उनमे से कुछ लड़किया भी थी । अगर उन विद्यार्थी की बात करे तो उनमे से एक रजनी भी थी जो की हमेशा घर से जाती थी और स्कूल में जाकर अध्ययन करती थी ।

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मगर कहते है की गलत साथ जो होता है वह जीवन को बर्बाद कर देता है और इसी तरह से रजनी ने रमिया नाम की एक लड़की से दोस्ती कर ली जो की पढने में बिल्कुल भी मन नही लगाती थी वह तो हमेशा खेलने में ही ध्यान रखती थी तो रजनी जो थी उसकी दोस्त थी जिसके कारण से वह भी उसके साथ रहती थी और साथ ही दोनो स्कूल जाने लग जाती थी।

मगर एक दिन की बात है पता नही रमिया को क्या चजा और उसने स्कूल में प्रवेश करने से मना कर दिया और साथ में रजनी को भी ले लिया और दोनो फिर स्कूल से कुछ दूर आगे चले गए और वहां जाकर खेलने लग गए थे ।

उस और गाव के बहुत ही कम लोग जाते थे तो दोनो लड़की मजे से खलती थी दोनो बालका ही तो थी तो उन्हे यह पता नही था की जो वह कर रही है वह सही है की नही क्योकी उन्हे खेलने से आनन्द की प्राप्ति होने लगी थी तो उन्हे तो यह सब अच्छा लगता रहा ।

मगर कहते है की जो नही पढते है वे फैल हो जाते है और यह बात भी सच होती है । रजनी और रमिया स्कूल तो जाती नही थी तो दोनो को ज्ञान कहा से मिल पाता था और ज्ञान न मिलने के कारण से दोनो ही पढाई में कमजोर रह गई मगर फिर भी दोनो ने पेपर दिया था और जब इसका रिजेल्ट आ गया तो रजनी फैल हो गई और उसके साथ ही रमिया भी फैल हुई ।

अब घर के लोगो को यह समझ में नही आ रहा था की जब रजनी हमेशा स्कूल में जाती थी तो फिर फैल कैसे हो गई अब उन्हे तो यही लगा की अध्यापक जो है उन्होने जानबुझ कर इन्हे फैल किया है और इस बाता को अपने मन में बिठा कर रजनी के पिता स्कूल में पहुंच गए और वहां पर जाकर कहने लगे की आने मेरी बेटी को फैल कैसे किया ।

तब अध्यापक ने कहा की पहली बात तो जब कोई बच्चा स्कूल में नही आता है तो वह फैल ही होगा और दूसरा एग्जाम में कुछ लिखा ही नही था तो फिर पास कैसे कर देते थे । और यह सुन कर रजनी के पिता को पता चला की रजनी स्कूल नही जाती है ।

अब यह सब जानने के बाद में रजनी के पिता ने घर जाकर अपनी पत्नी से कहा यानि रजनी की मां के पास से कहा की बेटी को स्कूल में क्यो नही भेजती हो तब रजनी की मां ने कहा की यह तो हमेशा स्कूल में जाती थी और यह सब सुन कर रजनी के पिता को समझ में नही आया की आखिर बात क्या है स्कूल भी जाती थीऔर स्कूल भी नही जाती थी ।

तब दोनो को लगा की रजनी जो है वह कुछ छीपा रही है और फिर पिता ने रजनी को डाटा और पूछा की बात क्या है तब रजनी ने कहा की मैं रमिया के साथ खेलने लग जाती थी और स्कूल नही जाती थी । यह सुन कर रजनी के पिता ने कहा की यही बात है तुम पूरे दिन सड़क नापती रहती थी और स्कूल गई नही और फैल हो गई ।

सड़क नापना मुहावरे का अर्थ

क्योकी यह सब रमिया के कारण से हुआ था तो रजनी के पिता ने रमिया के माता पिता को जाकर कहा की आपकी बेटी स्कूल जाने की बजाए सड़क नापती रहती थी और उसके साथ ही मेरी बेटी हो गई और आज दोनो फैल हेा गए ।

अब रमिया के पिता को भी यह सब पता नही था तो वे भी गुस्सा हो गए और रमिया को बहुत डाटा  । मगर अब क्या हो सकात था अब तो अगले वर्ष के समय का ही इंतजार था ।

मगर अगले साल जब दोनो ने फिर से अध्ययन करना शुरू किया तो रजनी और रमिया को उनके माता पिता हमेशा स्कूल में छोड़ने जाने लगे ताकी दोनो दिन भर सड़क नापते न फिरे यानि बेवजह इधर उधर न फिरे । ओर इस तरह से फिर रजनी और रमिया पढने लगी थी ।

तो इस तरह से दोस्तो कहानी से समझ सकते है की इस मुहावरे का अर्थ क्या होता है ओर आप कुछ पूछना चाहते है तो कमेंट कर देना ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।