पलक झपकना का अर्थ और वाक्य

पलक झपकना मुहावरे का अर्थ palak jhapakna muhavare ka arth — थोड़ी नींद आना।

दोस्तो आप दिन में अपने पलको को कितने समय के लिए झपकाते है । जाहिर होगा की आपने गिना नही होगा । मगर जब भी आप पलक को झपकाते है तो इसमें कितना समय लगतार है शायद कुछ सेकेण्ड का भी नही लगता है । तो इसका मतलब है की पलक झपकने में बहुत ही कम यसा जरा सा समय लगता है ।

और उसी तरह जब मानव थोड़ी सी नींद लेता है तो वह बहुत ही कम समय लेती है । मतलब ज्यादातर लोग 8 घंटे सोते है । मगर जब कोई थोड़ा सा सोता है जिसमें बहुत ही कम समय तक के लिए निंद आती है तो यह पलक झपकने के बराबर पानी जाती है ।

और इस तरह से थोड़ी सी नींद आने को ही पलक झपकना कहा जाता है। यानि पलक झपकना मुहावरे का अर्थ थोडी नींद आना होता है ।

पलक झपकना का अर्थ और वाक्य

पलक झपकना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग  || palak jhapakna use of idioms in sentences in Hindi

1.        चौकीदार की जरा सी पलक झपकी ही थी की चौर ने सब कुछ चुरा लिया और फरार हो गया ।

2.        अगर ड्यूटी के समय तुम्हारी पलके झपकनी नही चाहिए वरना नौकरी से निकाल दिए जाओगे ।

3.        पुलिसकर्मी की पलक झपकी ही थी की आंख खुली तो नजर आया की चोर जेल में नही है ।

4.        यह एक सातीर चोर है अगर इसके सामने पलके झपकी तो यह गायब हो जाएगा ।

5.        रमेंश ने कहा की मैंने तो अभी भोज किया ही था और जरा सी पलके झपकी ही थी की आप आ गए ।

6.        पलक झपकने पर पता चला की मुझे तो शहर में काम करने के लिए जाना है ।

7.        इधर अध्यापक कक्षा में पढा रहे है और बच्चो की पलक झपक रही है ।

8.        अरे रामू कल रात को सोए नही थे क्या जो अब पलक झपका रहे हो ।

9.        जब ज्ञान मिल रहा था तो तुम क्या पलके झपका रही थी ।

10.      साधू बाबा लोगो को ज्ञान दे रहे थे और इधर रामू पलक झपकाने में बीजी था ।

11.      रात के समय काम करने वाले लोग अक्षर पलक झपका लेते है ।

पलक झपकाना मुहावरे पर कहानी || palak jhapakna story on idiom in Hindi

दोस्तो एक बार की बात है जब शर्दी का समय था तो सभी शर्दी के कारण से काफी परेशान थे क्योकी ठंड बहुत ही अधिक चल रही थी । जो की सभी लोगो को परेशान कर रही थी । अब गाव के अंदर एक स्कूल हुआ करता था जहां पर बच्चे पढने के लिए आते थे ।

मगर ठंड के कारण से बच्चे भी पढने के लिए कम आने लगे थे । समय बितने का सभी को इंतजार था तभी सर्दी के कारण से सरकार ने सभी बच्चो की छुट्टी कर दी थी । जिसके कारण से सभी बच्चे खुश हो गए और जैसे शर्दी जरा सी कम हुई थी तो बच्चे जो थे वे पढने के लिए स्कूल में आने लगे थे ।

और अब शिक्षक भी बच्चो को सही तरह से पढाने लगे थे। तो इस तरह से शिक्षण अच्छी तरह से चलने लगा था । धिरे धिरे दिन बितने लगे और सर्दी चली गई थी अब नाम मात्र की सर्दी हुआ करती थी ।

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एक दिन की बात है अध्यापक कक्षा में पढाने के लिए गए थे तो उन्होने देखा की कुछ बच्चे है जो की पढने में आज रूची नही ले रहे है। मगर फिर भी अध्यापक ने बच्चे को पढना जरूरी समझा और उन्हे पढाने लगा था ।

इसी तरह से पढाते हुए समय बित रह था मगर बिच मे अध्यापक की नगर राहुल नाम के एक लड़के पर गई जो की कक्षा में निंद ले रहा था । तब अध्यापक ने जोर से कहा की क्यो राहुल यह निंद लेने का स्थान है क्या । तभी राहुल की आंखे खुल गई और वह अध्यापक से कहने लगा की गुरूजी गलती हो गई ।

अध्यापक ने भी बच्चा समझ कर माफ कर दिया । और फिर से बच्चो को पढाने लगे थे । इसी तरह से समय चल रहा था और बच्चे जो थे वे पढ रहे थे । मगर तभी फिर से अध्यापक की नजर रमेश नाम के लड़के पर गई जो की निंद ले रहा था ।

और यह देख अध्यापक ने उसे भी दकाल मारते हुए कहा की क्यो यहां पर सोने के लिए आए हो क्या । तब रमेश ने कहा की गुरूजी गलती हो गई ।

अध्यापक ने फिर से माफ किया और फिर सेपढाने लगा था । करीब 20 मिनट के बाद में अध्यापक ने फिर से देखा की संतोष जो है वह निंद ले रहा है और यह देख कर अध्यापक गुस्सा हो गए और संतोष से कहा की मैं यहा पर तुम सभी को पढा रहा हूं और देखो संतोष पलक झपका रहा है  ।

और यह सुन कर संतोष की निंद उड गई और उसने कुछ नही कहा । तब अध्यापक को समझ में आ गया की जरूर कुछ बात है तभी बच्चे जो है वे निंद ले रहे है और यह सोच कर अध्यापक ने रमेश और राहुल और संतोष को खड़ा किया और कहा की तुम तीनो आज पलक झपका रहे हो और इसका कारण क्या है ।

तब तीनो ने कहा की कल रात को घर के पास में एक जागरण था तो हम सभ वहां पर थे और इसी कारण से आज हम कलाश में पलक झपका रहे है । और यह सुन कर अध्यापको को समझ में आ गया की बच्चे आखिर क्यो ऐसा कर रहे है ।

तब अध्यापक ने बच्चो से कहा की तुम सभी अभी छोटे हो तो इतने समय तक रात को जगना नही चाहिए । और इस तरह कर अध्यापक ने तीनो से कहा की तुम्हे काफी निंद आ रही है तो तुम घर चले जाओ और कल आ जाना ।

 और इस तरह से फिर संतोष, रमेश और राहुल तीनो घर चले गए और घर पर पहुंचते ही उनके माता पिता ने कहा की इतने समय में ही घर क्यो आ गए ।

पलक झपकना मुहावरे का अर्थ

तब उन्होने कहा की हम कलाश मे पलक झपकने में लगे थे तो अध्यापक ने हमे देख कर घर भेज दिया और यह सुन कर माता पिता ने कहा तो फिर आराम से सो जाओ और अपने माता पिता की बात सुन कर तीनो सो गए । और अपनी नींद को पूरा करने लगे थे ।

इस तरह से दोस्तो इस कहानी में यह समझ में आता है की पलक झपकाना मुहावरे का अर्थ निंद आना होता है । मगर यह निंद कम समय के लिए ही होता है ।

अत इसका मतलब थोडी निंद आना है ।

अगर कुछ पूछना है तो कमेंट कर दे ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।