पैरों तले जमीन खिसकना का मतलब और वाक्य में प्रयोग व कहानी

पैरों तले जमीन खिसकना मुहावरे का अर्थ pairo tale zameen khisakna muhavare ka arth होश उडना

दोस्तो ‌‌‌जब कोई व्यक्ति अपनी उमीद के विपरीत कुछ कार्य होता देख लेता है या कह सकते है की जब असंभव जैसे कार्यो को काई करते देख लेता है तो उसे यकिन नही होता है की यह कार्य हो रहा है । इस तरह ‌‌‌के कार्य देख कर वह हक्का बक्का रह जाता है जिसे होश उडना कहा जाता है । और जब कभी किसी कारण से होश उड जाते है तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

पैरों तले जमीन खिसकना का मतलब और वाक्य में प्रयोग व कहानी

पैरो तले जमीन खिसकना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग pairo tale zameen khisakna muhavare ka vakya me prayog

  • ‌‌‌राजवीर जैसे भले आदमी के मुंह से गलत शब्द सुन कर हर किसी के पैरो तले जमीन खिसक गई ।
  • जब अध्यापक को पता चला की राहुल अपने माता पिता के बिमार होने का बहाना बन कर घर पर रह रहा है तो अध्यापक के पैरो तले जमीन खिसकते देर नही लगी ।
  • अपने बेटे को खुन करते देख कर रामलाल के पैरो तले जमीन खिसक गई ।
  • ‌‌‌रातो रात जब ‌‌‌मेरे एक करोड रूपय चोरी हो गए तो मेरे तो पैरो तले जमीन खिसक गई ।
  • पिताजी के द्वारा दिए गए स्कुल फिस के रूपय जब चोरी हो गए तो राहुल के पैरो तले जमीन खिसकने लगी ।
  • जब राम ने सर्कस में शेर जैसा किरदार दिखाया तो गाव के लोगो के पैरो तले जमीन खिसक गई ।
  • गाव का कोई भी तुम्हे काम का ‌‌‌नही समझता है तुम कुछ ऐसा करो की हर किसी के पैरो तले जमीन खिसक जाए ।
  • कालुराम के नोकरी लगने की खबर पा कर मेरे तो पैरो तले जमीन खिसक गई ।
  • मैं कुछ ऐसा करूगा की आपके पैरो तले जमीन खिसकते देर नही लगेगी ।

पैरो तले जमीन खिसकना मुहावरे पर कहानी  pairo tale zameen khisakna muhavare par kahani

‌‌‌प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक बहुत ही घमंडी राजा रहा करता था ।  क्योकी उस राजा की भुजाओ मे बहुत बल था वह कभी भी किसी से नही हारता था । जिसके कारण से राजा को अपने आप पर अच्छा घमंड था । घमंड होने के कारण से राजा अपनी प्रजा के सामने भी घमंड दिखाता रहता था ।

साथ ही राजा अपनी ‌‌‌प्रजा के लोगो के साथ बुरा करता था । यानि जो भी राजा को घमंडी कहता राजा उसे अच्छी सजा दे देता । जिसके कारण से राजा का सामना कोई नही कर सकता था । क्योकी लोगो को पता था की अगर राजा के समाने बोलेगे तो उन्हे सजा मिल जाएगी और साथ ही उनका जीवन भी नष्ट हो जाएगा ।

इस तरह का राजा होने के कारण से ‌‌‌वह अपने अलावा किसी दुसरे की सुनता भी नही था । यहां तक की वह दुसरो का निरादर किया करता था । इसी तरह से एक बार उस राज्य मे एक साधु आया था । साधु दिखने मे बहुत ही हट्ठा कट्ठा था, साथ ही साधु ज्ञानी भी था ।

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वह राजा के राज्य से होकर अगले राज्य जा रहा था । मगर बिच मे राजा के सैनिकों ने साधु का ‌‌‌अच्छा मजाक बना दिया । यह देख कर साधु को बहुत ही बुरा लगा । जिसके कारण से साधु सैनिकों की सिकायत लेकर राजा के पास जाने लगा था ।

जब साधु राजा के पास पहुंच कर उसके ही सैनिकों को बुरा भला कहने लगा तो राजा को लगा की वह उसका निरादर कर रहा है । इस कारण से राजा ने भी अपने सैनिकों की तरह साधु का खुब ‌‌‌निरादर किया ।

क्योकी राजा को अपने आप पर घमंड था की उसे कोई नही हरा सकता है जिसके कारण से उसने साधु के बारे मे एक भी बार नही सोचा और उसे इतना जलील किया की साधु को लगा की राजा का घमंड तोडना होगा ।

उसी समय साधु ने राजा से कहा की हे मुर्ख राजा तुम अपने आप के बलवान होने पर बहुत अधिक घमंडी हो रहे ‌‌‌रहे हो । मैं तुम्हारा घमंड चकना चुर कर दूगा । अपने आप को मुर्ख सुन कर राजा को बहुत ही क्रोध आ गया और उसने साधु को हलके मे ले लिया और कहा की साधु तु मेरा कुछ नही बिगाड सकता मैं राजा हू और तुम एक साधारण भिखमगे हो ।

यह सुन कर साधु ने राजा से कहा …………… हे मुर्ख राजा तुम यह भुल रहे हो ‌‌‌की तुम्हे शिक्षा देने वाला भी एक साधु था । मगर राजा नही समझ सका और उसने साधु से कहा की तुम जब चाहो मेरे से युद्ध कर लेना मै तुम्हे पल भर मे हरा दुगा ।

 तब साधु ने मन ही मन सोचा की इसमे तो बहुत अधिक घमंड है इस घमंड को नष्ट करना होगा क्योकी यह अपनी प्रजा से भी ऐसे ही पेश आता है । यह सोच कर ‌‌‌साधु ने राजा से कहा की अगर मैं तुम्हे हरा दुगा तो तुम्हारा पूरा राज्य मेरा होगा । यह सुन कर राजा हंसने लगा और सोचा की एक साधु मुझे हराएगा ।

 आज तक मुझे बडे बडे शूरवीर नही हरा ‌‌‌पाए तो यह साधु है ही क्या । यह सोच कर राजा ने कहा की ठिक है तो कब युद्ध करना है । मगर अब भी साधु कहने लगा की पहले मैं ‌‌‌तुम्हारे हर एक सैनिक को बंदी बनाना चाहुगा क्योकी तुम्हारा पता नही हारने के बाद बदल जाओ ।

साधु की यह बात सुन कर राजा फिर हंसने लगा और कहा की ठिक है । यह कह कर राजा ने अपने सारे सैनिकों को साधु की बात मानने को कह दिया। साथ ही राजा से साधु ने वचन दिलवाया की अगर वह हार जाएगा तो वह इस राजा की ‌‌‌गद्दी पर नही बैठेगा ।

क्योकी राजा साधु को ऐसा वैसा ही समझ रहा था । जिसके कारण से वह साधु की हर बात मानता गया । जब साधु ने राजा से युद्ध करना शुरू किया तो पहले साधु हारता गया । जिसके कारण से राजा का घमंड और बढने लगा ।

यह सब नजारा राजा की प्रजा अच्छी तरह से देख रही थी । अब जैसे ही साधु को लगा ‌‌‌की राजा थकने लगा है तो साधु ने अपना खेल दिखाना शुरू किया और राजा पर वार पर वार किए । जिसके कारण से राजा बचने की कोशिश करता रहा । मगर अंत मे राजा को साधु के पैरो मे गिरना पड गया ।

यह नजारा देख कर सभी के पैरो तले जमीन खिसक गई । तब राजा भी मन ही मन सोचने लगा की मैने तो साधु को ऐसा वैसा ही समझ ‌‌‌लिया और इसने मुझ जैसे बलवान को पल भर मे हरा दिया । क्योकी राजा साधु के पैरो मे गिर गया था जिसके कारण से साधु ने उसकी जान बख्श दी और कहा की अब से तुम्हारा राज्य मेरा है और तुम मेरे सेवक हो ।

क्योकी साधु ने राजा से पहले ही यह बात मनवा ली थी । जिसके कारण से सेनिक भी साधु की तरफ हो गए । तब ‌‌‌राजा के पास भी कोई चारा नही बचा वह भी साधु का सेवक बन गया । इस युद्ध के बाद मे साधु ने राजा के राज्य पर पुरे 5 महिनो तक राज किया और फिर राजा को वह राज्य सौंपते हुए कहा की राजन् तुमने अपने बल पर बहुत घमंड किया था ।

जिसके कारण से ही मैने तुम्हारे साथ ऐसा किया । अब राजा को भी यह समझ मे आ गया ‌‌‌था की उसे बहुत घमंड था । जिसके कारण से राजा ने फिर साधु से कहा की साधु महाराज मैने आपके साथ बहुत बुरा किया था और मुझे अपने आप पर काफी अधिक घमंड हो गया था ।

यह सुन कर साधु ने राजा को वह राज्य सौंपते हुए कहा……………. ठिक है अब मै चलता हूं । क्योकी यह राज्य मेरा नही है मेरा तो प्रभु के अलावा हो भी ‌‌‌क्या सकता है । इतना कह कर साधु वहां से चला गया । जब इस बारे मे बाकी लोगो को पता चला तो फिर से उनके पैरो तले जमीन खिसक गई ।

पैरो तले जमीन खिसकना मुहावरे पर कहानी  pairo tale zameen khisakna muhavare par kahani

 क्योकी वे सोचते थे की साधु राजा बना है तो उसे जरूर राज्य चाहिए था, मगर ऐसा नही था । इस तरह से साधु ने राजा का घमंड तोड दिया और वह वहां से चला गया । जिसके कारण से फिर ‌‌‌राजा घमंड से मुक्त होकर अपना राज्य चलाने लगा । जिसके कारण से प्रजा को भी बहुत फायदा पहुंचा । इस तरह से इस कहानी से पता चल गया होगा की ‌‌‌मुहावरे का अर्थ क्या है ।

पैरो तले जमीन खिसकना मुहावरे पर निबंध pairo tale zameen khisakna muhavare par nibandh

साथियो आपको पता है की जब हमारे पैरो के तले जमीन नही रहती है तो हम निचे की तरफ जाने लगते है यानि ‌‌‌पृथ्वी के अंदर जाने लगते है । क्योकी गुरूत्वार्षण बल के कारण से हमे पृथ्वी पर पैर रखना ही पडता है । मगर जब पैरो के तले से अचानक जमीन खिसकती है तो हम हैरान हो जाते है और सोचने लगते है की यह क्या हो रहा है ।

इसी तरह से हैरान होने को होश उडना कहा जाता है । और जहां किसी कारण से होश उड जाता ‌‌‌है वहां इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है । इस कारण से इस मुहावरे का अर्थ होश उडना होता है ।

पैरों तले जमीन खिसकना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of pairo tale zameen khisakna in Hindi

सबसे पहले तो आपको बता दे की असल जीवन में ऐसा बहुत कम बार होता है की पैरो के निचे से जमीन खिसक जाए । हालाकी आप कह सकते है की ऐसा होता है क्योकी मैंने भी एक विडियो देखी थी जिसमें एक व्यक्ति जैसे ही पैर दूसरे स्थान पर रखता है तो वहां के स्थान की जमीन निचे खिसक जाती है ।

दरसल वहां पर पहले एक नाला था जो की खिसक जाता है तो ऐसा कई बार देखा जा सकता है ।

मगर जब भी ऐसा कभी होता है तो होश उड़ जाते है और यह आप समझ सकते है और इसी बात से यह भी समझ ले की pairo tale zameen khisakna muhavare ka arth – होश उडना होता है ।

इसका मतलब यह हुआ की जहां पर भी होश उड़ जाने की बात होती है वही पर इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।