पोल खोलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

पोल खोलना मुहावरे का अर्थ pol kholna muhavare ka arth — भेद खोलना या भेद प्रकट करना ।

दोस्तो पोल एक ऐसा शब्द होता है जिसका उपयोग मानव के जीवन में जो भेद होता है उसके लिए किया जाता है ।हालाकी पोल के अन्य अर्थ भी हो सकते है। मगर भेद के रूप में इसका उपयोग होता है ।

अब पोल खोलने की बात हो रही है और पोल का मतलब भेद से होता है तो इसका मतलब हुआ की पोल खोलना का अर्थ भेद खोलना होता है ।

वैसे यहां पर खोलने की बात हो रही है जिसे प्रकट करना कहा जाता है । और इस तरह से भेद प्रकट करना भी इस मुहावरे का अर्थ हुआ ।

अत कहा जा सकता है की भेद खोलना मुहावरे का अर्थ भेद खोलना या भेद प्रकट करना होता है ।

पोल खोलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य में प्रयोग

पोल खोलना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग  || pol kholna use of idioms in sentences in Hindi

1.        दिन पुलिस ने पुलिस ने महेश की पोल खोल दी की वह इतना जल्दी धनवान कैसे बन गया ।

2.        मुझे पता है की तुम कोई गलत काम करते हो मगर जिस इन मेरे हाथ में सबुत आएगे उस दिन मैं तुम्हारी पोल खोल दूगा ।

3.        जब मिडीया ने सरकार से रिश्ता तोड़ा तो चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस सभी पार्टी की पोल खोलकर रख दी ।

4.        न्यूज चैनल वालो ने कल सरकार की सारी पोल खोल दी ।

5.        चंदन ने शराब के नसे में अपने ही गलत कामो की पोल खोल दी ।

6.        राहुल दो नम्बर का काम करता था और एक दिन नसे की हालत में पुलिसवालो के सामने अपनी ही पोल खोल दी और वह पकड़ा गया ।

7.        चंद्रदेव आखिर कैसे अचानक शहर के बड़े आदमी बन गए इस बारे में भास्कर ने कल पोल खोल कर रख दी ।

पोल खोलना मुहावरे पर कहानी  || pol kholna story on idiom in Hindi

दोस्तो चंद्रदेव नाम का एक आदमी हुआ करता था जो की काफी गरीब था और उसके घर में उसके माता पिता के अलावा और कोई नही था । चंद्रदेव का परिवार इतना गरीब था की समय पर खाना तक नही मिल पाता था ।

मगर कहते है की एक दिन जरूर आता है जब किश्मत बदल जाती है और जो कुछ होता है वह जीवन में खुशिया फैला देता है और ऐसा ही कुछ चंद्रदेव के साथ हुआ था ।

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दरसल चंद्रदेव जो था वह पता नही ऐसा कौनसा काम करता था की अचानक से उसे पास पैसे आने लग गए थे और इस बारे में जब उसे माता पिता से पूछा जाता था तो कोई कुछ बताता नही था ।

करीब एक महिने के अंदर ही चंद्रदेव ने इतना रूपय कमा लिया की उसने एक नई कार खरीद ली और यह सब देख कर लोग काफी हैरान रह गए थे। कुूछ लोग तो यह कह रहे थे की चंद्रदेव कोई गलत काम कर रहा हैऔर कुछ कहता की इसकी लोटरी लगी है तो वही पर कुछ लोग कहते की इसे किस्तो पर कार को खरीदा है मगर हकिकत किसी को पता नही थी ।

धिरे धिरे समय बितता जा रहा था और करीब एक महिने के बाद में चंद्रदेव के पास काफी अधिक धन आ गया था । मगर किसी को इस बारे में पता नही था की आखिर इतना धन आ कहा से रहा है । और गाव के जो लोग थे वे इस बारे में जानने के लिए काफी परेशान हो रहे थे मगर कोई उनको भनक तक नही पड़ने देता है ।

चंद्रदेव चुपके चुपके इसी तरह का काम करता रहता था और अपने घर से बाहर भी नही निकलता था और यह सुन कर आप भी सोच रहे होगे की ऐसा कौनसा काम है ​जो की घर पर बैठे अमीर बना देता है ।

दरसल दोस्तो चंद्रदेव जो काम करता था वह बहुत से लोग करते है मगर यह लोगो को पता नही था की चंद्रदेव क्या करता है । मगर कहते है की सब बताने का भी एक समय होता है

और करीब 5 साल के बाद में चंद्रदेव के बारे में भास्कर के एक अखबार ने लिखा था की गाव का एक गरीब परिवार का आदमी जिसने 5 वर्ष में गरीबी से अमीरी की और कदम बढा लिया और आज महिने के 50 हजार से अधिक घर बैठे कमा रहा है । और यह खबर देख कर गाव के सभी चौक गए क्योकी इसमें जो किमत थी वह ज्यादा ही थी ।

 भास्कर के अखबार में और ज्यादा लिखा गया था की चंद्रदेव ने 5 साल पहले एक विडियो को देख कर शेयर बाजार में पैसे कमाने की योजना बनाई और उसने भी कोशिश की । मगर पहली बार काम करने के कारण से करीब 1 लाख रूपय का नुकसान हो गया था ।

 मगर कहते है की समय आता है और समय का पावर इतना ज्यादा होता है की व्यक्ति को कब अमीर बना दे पता नही चलता है । और इसके बाद में चंद्रदेव धिरे धिरे और पैसे कमाने लगा और इसी तरह से काम करते रहने के कारण से वह इसमें एक्सप्रियस हासिल कर लिया और फिर वह अपने जीवन में सफलता की और बढने लगा था और आज वह केवल शेयर बाजार को काम में लेकर महिने के 50 हजार तो ऐसे ही कमा लेता है ।

और यह जान कर लोगो में बात हुई की आज भास्कर के अखबार ने चंद्रदेव की पोल खोल दी और जिन लोगो को यह पता नही था की अखबार में क्या आया है तो वे जाकर अखबार देखने लगे थे । और चंद्रदेव के बारे में देख कर सभी कहते की आज अखबार वालो ने चंद्रदेव की पोल खोल दी ।

पोल खोलना मुहावरे का अर्थ

मगर तभी उड़ती हुई लोगो के पास खबर पहुचंने लगी की चंद्रदेव ने ही यह सब बाते अखबार में दी थी और अब चंद्रदेव से इस बारे में पूछने लगे थे तो वह बताने लगा था और कहता की इसमें नुकसान हो सकता है इस कारण से मैंने किसी को पहले नही बताया था । मगर एक दिन अखबार वालो के जीद करने पर बता दिया था और तभी यह आर्टीकल अखबार में आया है ।

तो इस तरह से लोगो को पता चला की आखिर इतना जल्दी सक्सेज होने का राज क्या था ।

कहानी से समझ गए होगे की पोल खोलना मुहावरे का अर्थ क्या होता है । अगर कुछ पूछना है तो कमेंट कर दे ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।