आटे दाल का भाव मालूम होना का अर्थ, वाक्य व कहानी

आटे दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का अर्थ aate daal ka bhav maloom hona muhavare ka arth – कठिनाईयो का ज्ञान होना ।

दोस्तो जब किसी व्यक्ति पर घर की जिम्मेदारियां आ जाती है तो उसे अपना घर चलाने के लिए कमाना पडता है । जब वह कमाने के लिए रोजाना जाता है तो उसे रोज कुछ न कुछ ‌‌‌कठिनाईयो का समाना करना पडता । क्योकी पहले तो वह अपने पिता की कमाई पर रहता था और जब वह स्वयं कामाने लग जाता है । तब उसे यह पता चल जाता है की कमाना कितना मुश्किल है । और इसी कारण से वह फिर एक भी रुपया बेफिजुल के खर्च नही करता है । इस तरह से आने वाली कठिनाईयो को ही आटे दाल का भाव मालूम होना ‌‌‌कहते है ।

आटे दाल का भाव मालूम होना का अर्थ, वाक्य व कहानी

आटे दाल का भाव मालूम होना ‌‌‌मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌पिता के मर जाने के कारण घर की जिम्मेदारियां निभाते हुए राजेश को आटे दाल का भाव मालूम हो गया ।
  • जब से विवाह हुआ है तब से मुझे आटे दाल का भाव मालूम हो गया है ।
  • जब तुम कमाने लगोगे तो तुम्हे आटे दाल का भावा मालूम पड जाएगा अभी तो बापूजी की होठल मे खा रहे हो ।
  • लगता है की सुरेश की शादी करनी होगी तभी इसे आटे दाल का भाव मालूम पडेगा ।
  • जब से बिचारे का विवाह हुआ है इसे आटे दाल का भाव मालूम हो गया है हमारे साथ बेठता भी नही है ।
  • अगर इसी तरह से तुम पैसे ‌‌‌खर्च करते रहोगे तो जब मै नही रहुगा तो तुम्हे आटे दाल का भाव मालूम पड जाएगा ।

आटे दाल का भाव मालूम होना ‌‌‌मुहावरे पर कहानी Idiom story

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक ‌‌‌घनश्याम नाम का एक आदमी रहता था । उसके नाम के अनुसार उसके पास धन ‌‌‌इतना नही था पर वह आराम से अपना पेट भर सके इतना उसके पास था । उसका ‌‌‌एक बेटा और पत्नी थी । वह उन दोने के साथ ही रहता था ।

उसके पास जब भी पैसे आते तो वह उन्हे बचाकर अपने बेटे के लिए रख लेता था । ताकी जब वह बडा हो जाए तो उसकी पढाई मे काम आ सके । इस कारण से वह ज्यादा काम करता था । धिरे धिरे समय के साथ ‌‌‌घनश्याम का बेटा बडा हो गया था और वह पढने के लिए शहर जाने लगा था ।

उसका पिता उसे रोजाना शहर भेजता था । इस कारण ‌‌‌से उसे तो आटे दाल का भाव मालूम था । क्योकी शहर जाने के लिए पैसो की जरुरत पडती थी फिर भी वह अपने बेटे के भविष्य के लिए कष्टो को झेलता रहता था । समय के साथ ‌‌‌घनश्याम का बेटा और बडा हो गया था ।

अब वह शहर मे ही रहकर पढाई करने लगा था । और उसके पिता व मां गाव मे ही अकेले रहते थे । उसके पिता ‌‌‌रोजाना काम करने के लिए जाया करते थे और ‌‌‌जिससे उन्हे पैसे मिलते थे । ‌‌‌जिससे वे दोनो पति पत्नी भी पेट भरते थे और अपने बेटे को भी शहर भेजते थे ।

एक बार ‌‌‌घनश्याम के बेटे ने अपने पिता को पत्र भेजा की मुझे पैसो की जरुरत है आप पैसे भेज दो । जब उसके पिता ने वह पत्र देखा तो उसने सोचा की अभी तो मेरे पास इतने रुपय ‌‌‌है नही मै कहा से भेजुगा ।

इस कारण से उसके पिता ने उसे वापस पत्र लिखा और कहा की कुछ दिनो के बाद मै तुम्हे पैसे भेज दूगा । तभी से ‌‌‌घनश्याम रात्री मे देर तक काम करने लगा था । इस तरह से काम कर कर उसने अपने बेटे को पैसे भेजे ।

उसे नही पता था की उसका बेटा पैसो से पढता है की उन्हे उडाता है । ‌‌‌घनश्याम ‌‌‌का बेटा जो भी उससे मागता वह उसे मिल जाता था इस कारण से वह पैसे उडाने लगा था । इसी तरह से एक बार वह अपने पिता के पास पैसे लेने के लिए आया था ।

उस समय उनके पास पैसे नही थे । तब वह अपने पिता से लडने लगा की आपके पास पैसे है की नही अगर नही है तो आप मुझे पढाते ही क्यो ‌‌‌हो । इस तरह से लडते देखकर उसकी मां ने अपने पति से कहा की इसका विवाह करने का समय आ गया है ।

उसा पति समझ गया था इस कारण से उसने उसका विवाह करवा दिया था । कुछ ही समय बिता था की ‌‌‌‌‌‌घनश्याम की मृत्यु हो गइ थी । और ‌‌‌घनश्याम की बहु के पेट मे एक बेटा पल रहा था ।

इस तरह से घर का सारा खर्चा उसके बेटे पर आ गया था । इस कारण वही बाद मे अपना ‌‌‌घर चला‌‌‌ने के लिए कमाने लगा था । इस तरह से वह रोजाना कमाने के लिए जाने लगा था फिर भी घर नही चल पा रहा था। इस कारण से वह देर रात तक काम करता था ।

आटे दाल का भाव मालूम होना ‌‌‌मुहावरे पर कहानी Idiom story

यह देखकर उसके दोस्त उससे कहते की भाई तु तो अपने पिता से कित तरह से पैसे मगवाता था और वहां पर उन्हे उडा देता था । जब तुम स्वयं कमाने लगे हो तब तुम्हे ‌‌‌आटे दाल का भाव मालूम पडा है ।

इसी तरह से गाव के लोग भी यही बाते करते थे की जब तक पिता था तब तक तो आराम से अपना जिवन गुजारता था और ‌‌‌अब कुछ समय भी इधर उधर फिरने को नही मिलता है ‌‌‌अब इसे आटे दाल का भाव मालूम हो गया है । इस तरह से आप भी समझ गए होगे की इस मुहावरे का अर्थ क्या है । ‌‌‌

आटे दाल का भाव मालूम होना मुहावरे पर निबंध Essay on idiom

साथियो जिस तरह से जब ‌‌‌किसी की शादी हो जाती है तो उसका एक परिवार हो जाता है । इस कारण से वह अपने घर मे कभी आटा लाता है तो कभी दाल लाता है । इस तरह से लोन के कारण उसे पता चल जाता है की आटे दाल का भाव क्या हो रहा है ।

यानि उसे आटा दाल लाने मे बहुत कठिनाई आने ‌‌‌आने लगती है । ‌‌‌क्योकी पहले तो वह अपने अकेले के लिए ही कमाता था और जब शादी हो जाती है तो उसे अपने परिवार के लिए कमाना पडता है । जिसके कारण उसके सिर पर घर की जिम्मेदारियां आ जाती है ।

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जब परिवार बन जाता है तो उसे बहुत से पैसो की जरुत पडती है । इस तरह से उन सभी आवश्यकताओ की पूर्ती करने के लिए उसे दिन व रात ‌‌‌मेहनत करनी पडती है । फिर भी वे आवश्यक्ता पूरी नही होती है । जिसके कारण उसे बहुत कठिनाईयो का सामना करना पडता है ।

इस तरह से आने वाली कठिनाईयो को ही आटे दाल का भावा मालूम होना कहते है । इस दूनिया मे अनेक लोग ऐसे भी है जो पहले तो अपने पिता की कमाई पर ऐस करते है ।

पर जब वे स्वयं कमाने लग जाते ‌‌‌है तो वे सारे एयसो आराम भूल जाते है । इस तरह से जब वे स्वयं कमाने लग जाते है तो उन्हे आटे दाल का भाव मालूम पडता है यानि कठिनाईयो का पता चलता है । इस तरह से आप समझ गए होगे।

आटे दाल का भाव मालूम होना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of aate daal ka bhav maloom hona in Hindi

दोस्तो जीवन में हर कोई अपना अपना काम करता है । जैसे की आप अध्ययन करने का काम करते है और हम आपको अध्ययन करवाने का काम करते है मगर सभी को अपने जीवन में किसी न किसी तरह की परेशानी का जरूर सामना करना पड़ता है । और सभी को इन कठिनाईयो को पार करते हुए ही अपने जीवन को जीना पड़ता है ।

अब आपको भी पता है की जब लोग युवावस्था मे होते है या फिर यह कहे की छोटी उम्र में होते है तो उन्हे जीवन को किस तरह से जीना है और इसे जीना कितना कठिन है इस बारे में पता नही चलता है । मगर जब व्यक्ति स्वयं के पैरो पर खड़ा हो जाता है और अपने जीवन को स्वयं जीने लग जाता है तब उसे इन कठिनाईयो का ज्ञान होता है और इस तरह से कठिनाईयो का ज्ञान होना ही इस मुहावरे का तात्पर्य होता है । इसका मतलब हुआ की aate daal ka bhav maloom hona muhavare ka arth – कठिनाईयो का ज्ञान होना होता है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।