हवा से बातें करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हवा से बातें करना मुहावरे का अर्थ hawa se baten karna muhavare ka arth – बहुत तेज दौड़ना ।

दोस्तो अगर कोई जीव इतना तेज दौडता हो की उसकी गती को हर कोई नही छु सकता और आसान व्यक्ति को तो वह दिखता भी बहुत कम है । इस तरह से दोडने वाले जीव या मनुष्य के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया ‌‌‌जाता है और उन जीव या व्यक्तियो के लिए कहा जाता है की यह तो इतना तेज दोडता है की हवा से बात करने लग जाता है ।

हवा से बातें करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हवा से बातें करना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌घोडो की दोड़ मे वही घोडा जितता है जो हवा से बाते करता है ।
  • हवा से बाते करने वाला ही उससे जित सकता है क्योकी वह दोड मे माहीर है ।
  • आजकल तो आर्मी की नोकरी पाने के लिए हावा से बाते करना पडता है ।
  • अगर तुम हवा से बाते करोगे तभी उसे हरा पाओगे वरना तो तुम वहां जाना भी मत ।
  • ‌‌‌हिरन का मुकाबला हर कोई ‌‌‌जानवर नही कर सकता क्योकी हिरन जब दोडता है तो हवा से बाते करने लग जाता है ।

हवा से बातें करना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

‌‌‌प्राचिन समय की बात है एक गाव मे अनेक लोग रहते थे । गाव के लोगो को खेती के अलावा और कोई भी काम नही आता था वे खेती करते और अपना पेट भरते थे । उसी गाव के नजदीक एक जगल था उस जगल मे एक घोडा रहता और वहा पर चरता था । उस जगल मे शेर व अन्य जानवरो की सख्या भी बहुत ‌‌‌अधिक थी इस कारण वह घोडा सही तरह से ‌‌‌अपना पेट नही भर पाता था ।

इस कारण उसने सोचा की वह वहा से कही और चला जाए ताकी अपनी जान की परवा व आराम से अपना पेट भर सके । ‌‌‌घोडा दोडने मे इतना महीर था की वह शेर की भी पकड मे नही आता था और यही कारण था वही इतने दिनो तक जंगल मे जीवित रह ‌‌‌सका ।

एक दिन वह जंगल से छुप छुप कर भागने लगा और भागते भागते जगल के ‌‌‌बाहर आ गया । ‌‌‌जब जंगल खत्म हो रहा था तो वह ‌‌‌वही ठर गया । उसे पता चल गया था की यहां उसे किसी से कोई खतरा नही है तो वह ‌‌‌वही ही रहने लगा था । घोडा वहा रहने ‌‌‌तो लग गया था पर वहां पर खाने के लिए घास नही थी इस कारण उसे बहुत कष्ट होने लगा था ।

धिरे धिरे घोडा खाने की तलाश मे जंगल से दुर जाने लगा था । कुछ दुर जाने के बाद घोडे को एक हरा भरा गाव दिखा जिसमे बहुत ही सुंदर घास व फसल थी । ‌‌‌यह वहीं गाव था जीसका हमने पहले जिक्र किया था ।  

घोडे को घास व फसल दिखने से उसके मुह मे पानी आ गया और वह खाने के ‌‌‌बारे मे सोचने लगा । घोडा इतना चतुर था की उसने सोचा की अगर दिन मे वह उस गाव मे जाकर घास खाएगा तो कोई न कोई उसे देख लेगा और उसे पकड भी सकता है ।

ऐसा सोचकर घोडा उस गाव से वापस जगल की तरफ चला गया था । जब रात्री हुई तो घोडा उठा और वापस उस गाव की तरफ चलने लगा तब घोडे ने देखा की गाव ‌‌‌मे कोई भी उसे दिखाई ‌‌‌नही दे रहा है । घोडे ने मोके का फायदा उठाया और अपना पेट भर कर वापस ‌‌‌जंगल के किनारे पर आ गया ।

इसी तरह से वह रोजाना जाने लगा । तब गाव के लोगो को ‌‌‌सक हो गया था की कोई न कोई हमारे गाव मे घास खाने के लिए आता है पर उन्होने गोर नही दिया । कुछ ही दिनो के बाद घोडा लोगो के खेतो मे ‌‌‌जाने लगा और लोगो की फसल को नष्ट कर ‌‌‌‌‌‌करने लगा । जिससे लोगो को लगा की अगर इसे नही रोका गया तो यह हमारे पुरे गाव ‌‌‌की फसल को नष्ट कर देगा ।

ऐसा सोचकर गाव के लोगो ने फैसला किया की रात्री को सभी लोग उसे ‌‌‌पकडने के लिए खेतो मे बेठ जाएगे । जब उस रात्री को घोडा आया तो लोगो ने उसे देख लिया घोडा दिखने मे इतना सुंदर था की लोग उससे मोह हो गए । जब घोडा फसल ‌‌‌खाने लगा तो लोग उसे पकडने के लिए ‌‌‌लोग कुद पडे ।

घोडा जंगल मे अनेक जानवरो से बचता था तो उसे पता चल गया की यहा जरुर कोई है तो जैसे ही लोग उसे पकडने लगे तो घोडा वहा से भोगने लगा । देखते ही देखते घोडा वहा से गायब हो गया तब सभी लोगो को झटका सा लगा की घोडा इतनी जल्दी यहां से कैसे भाग सकता है ।

दुसरे दिन ‌‌‌पुरे गाव के लोगो मे खबर पहुंच गई की रात्री को एक घोडा फसल खाने के लिए आता है और वह बहुत ही सुंदर है साथ ही वह इतना तेज दोडता है की मानो वह वहा से गायब हो गया । जब यह खबर गाव के सेठ के पास पहुंची तो सेठ को लगा की अगर वह उस घोडे को पकड कर अपने पास रख लेगा तो उसे कही भी जाना होगा तो पल भर मे वह वहा ‌‌‌पहुंच जाएगा ।

दुसरे दिन सेठ ने पुरे गाव के लोगो से कह दिया की जो भी इस घोडे को पकड कर देगा उसे मै 500 रुपय दूगा । उस समय 500 रुपय बहुत ही ज्यादा थे । यह सुनकर लोगो को और जोश आ गया और लोग उसे पकडकने के लिए जाल बिछाने लगे । जब घोडा अगले दिन आया तो घोडा लोगो के जाल मे फस गया और भाग नही सका ।

‌‌‌फिर गाव के लोगो ने उसे सेठ को दे दिया जिससे उन्हे 500 रुपय मिल गए और सेठ को घोडा । सेठ घोडा पा कर बहुत ही खुश था । सेठ ने उस घोडे की दोड देखने के लिए उसे अपने खेतो मे दोडाया और गाव के लोग भी उसे देखने के लिए आ गए थे ।

घोडे को खुला छोडने से वह इतना तेज दोडा की मानो वह हवा से बाते करता हो । ‌‌‌तब सेठ को लगा की अगर इसे मै दोडाने के लिए उतार दू तो मै बहुत ही धनवान बन जाउगा । ऐसा सोचकर सेठ ने उसे बहुत चराया । जिससे उस घोडे को पता चल गया था की अगर इसके पास रहेगे तो हमे पेट भर कर भोजन मिलता रहेगा और मरने का भी डर नही ‌‌‌होगा ।

हवा से बातें करना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

‌‌‌इस कारण वह घोडा वहां से भागने के बारे मे सोचता भी नही था । अब उसे खोल ‌‌‌भी दिया जाए तो वह भागता नही था । तब सेठ ने उसे दोडाने के लिए ‌‌‌दोड मे उतार दिया था । उस समय गाव मे एक वर्ष मे हर बार आस पास के गावो के लोग घोडो की ‌‌‌दोड करवाते थे ।

जब सभी घोडे दोड रहे थे तब सेठ का भी घोडा दोडने लगा और लोगो के देखते ही देखते सेठ का घोडा जित गया और बाकी घोडे अभी भी आधे रोस्ते ‌‌‌मे थे । जब घोडा इस तरह से जिता तो बहुत से गाव मे उसकी चरचा होने लगी की वह घोडा तो हवा से बाते करता है । ‌‌‌घाडे के जितने के कारण सेठ उसकी बहुत ही खेचल करने लगा और अपने पास अपना मानकर रखने लगा था । इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

‌‌‌हवा से बाते करना मुहावरे पर निबंध Essay on idiom

साथियो इस दुनिया मे ऐसे जिवो की सख्या कम होती जा रही है जो हवा से बाते करते है और जिस तरह से महारण प्रताब का घोडा कितना ‌‌‌वजन उठा कर दोडता था और युद्ध मे जित जाता था । और वह भी जब दोडता तो हवा से बाते करता था । उसी तरह से जो भी तेज दोडता है उसके लिए इस ‌‌‌मुहावरे का प्रयोग किया जाता है चाहे फिर वह मनुष्य ही क्यो न हो । क्योकी बहुत से ‌‌‌लोग ऐसे भी होते है जो तेज दोडते है ।

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यहा तेज दोडने की तुलना उनसे हिरन जैसे जानवरो से नही की जाती बल्की अन्य लोगो से की जाती है । इस तरह से मनुष्य भी हवा से बाते करते है जिसका अर्थ होता है की मनुष्य भी ‌‌‌बहुत तेज दोडता है । इस तरह से आप इस मुहावरे का सही अर्थ समझ गए होगे ।

हवा से बातें करना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of hawa se baten karna in Hindi

दोस्तो कहते है की हनुमान जी थे वे असल मे हवा से बाते करते थे । दरसल हनुमान जी महाराज को हिंदू धर्म मे पवन देव का पुत्र माना जाता है और आपको पता होगा की पवन ही असल मे हवा होती है ।

अब हनुमानजी जब अपने पिता पवन देव से बात करते थे तो इसका मतलब है की वे असल में हवा से बाते करते थे । मगर इस मुहावरे का मतलब ऐसा कुछ नही है की आप असल में हवा के पास जाए और उससे बाते करने लग जाए ।

दरसल दोस्तो जो लोग अपने जीवन में आर्मी में भर्ती होना चाहते है वे इतनी अधिक मेहनत करते है की उनकी दोड़ काफी अधिक बढ जाती है ओर इस मुहावरे का प्रयोग उनके लिए किया जाता है । क्योकी वे तेज दोड़ते है और यही है हवा से बाते करना । यानि इसका तात्पर्य बहुत तेज दोड़ना होता है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।