एक और एक ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एक और एक ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ ek aur ek gyarah hona muhavare ka arth – एकता मे शक्ति होना

दोस्तो जब जिस तरह से हमारे हाथ की पांचो अगुलीया एक साथ हो जाती है तो वह किसी भी काम को कर सकती है क्योकी एक साथ होने के कारण उनकी शक्ति बढ जाती है । उसी तरह से ‌‌‌अगर कोई दो व्यक्ति भी एक साथ खडे हो जाते है तो उनकी शक्ति बढ जाती है और वे किसी से भी आसानी से लड सकते है । इसी को एक और एक ग्यारह होना कहते है ।

एक और एक ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एक और एक ग्यारह होना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • दोने भाई एक साथ रहोगे तो कोई भी तुम्हारा कुछ नही बिगाड सकता है क्योकी एक और एक ग्यारह होते है ।
  • ‌‌‌जब तक राम और श्याम एक साथ थे तो उनका कोई कुछ नही बिगाड सका था इससे पता चलता है की एक और एक ग्यारह होते है ।
  • इन दोनो की नोटकी पर भरोसा मत करना जब इनमे से किसी एक ‌‌‌पर ‌‌‌मुसीबत आती है तो दोनो एक और एक ग्यारह होते देर नही लगाते ।
  • ‌‌‌जब तक हम एक और एक ग्यारह नही ‌‌‌होगे तब तक ये लोग हमे ऐसे ही लूटते रहेगे ।
  • जब गाव के लोग एक और एक ग्यारह हो गए ‌‌‌तब सभी डाकू डर कर भाग गए ।

‌‌‌एक और एक ग्यारह होना मुहावरे पर कहानी Idiom story

‌‌‌प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक शिकारी रहता था । ‌‌‌उसके घर मे उसके अलावा उसका एक छोटा भाई था ।  पर वह उससे हमेशा अलग रहता था  । शिकारी को अपना पेट भरने के लिए ‌‌‌जानवरो का शिकार करता था । इस कारण वह रोजाना जंगल मे जाता और शिकार कर कर वापस आ जाता था ।

फिर अपने घर आकर उन पक्षियों को मार कर शहर मे बेच देता था । जिससे उसे पैसे मिल ‌‌‌जाते थे।  जिसके कारण वह अपना पेट भर लेता था । इसी तरह वह रोजाना पक्षियों को ‌‌‌मारता रहता था । उसे बिलकुल भी दया नही आती थी कि वह इन पक्षियों को मारता है ।

वह तो बस अपने बारे मे सोचता रहता था । एक दिन की बात है उस दिन शिकारी को रुपयो की जरुरत पड गई थी । इस कारण उसने अपने गाव के सेठ से पैसे उधार ले ‌‌‌लिए थे । ‌‌‌उसने पैसे अपने भाई से बिलकुल भी नही मागे थे । हालाकी उसके पास पैसे थे तो नही पर वह ‌‌‌उसकी कुछ तो मदद कर ही देता था ।

उन दिनो के पहले की बात है उसका अपने भाई के साथ झगडा हो गया था । इस कारण वह अपने भाई से अलग हो गया था । तभी से वह अपने भाई से बात नही करता था । यही कारण था की उसने अपने भाई ‌‌‌से पैसे न माग कर उस सेठ से माग लिए थे ।

सेठ ने उसे पैसे तो दे दिए पर सेठ ने उसे पैसे देते समय कहा की अगर तुम समय पर पैसे नही दे पाओगे तो तुम्हे एक माह तक मेरे लिए ही शिकार करना होगा । सेठ तो यही चाहता था की वह उसके लिए काम करे इस कारण उस सेठ ने किसी तरह से उसके पास पैसे नही जाने दिए थे ।

‌‌‌साथ ही जब भी शिकारी शिकार करने के लिए जंगल मे जाता तो उसे वहां पर पक्षी कम मिलते थे । इस कारण उससे सेठ का पैसा समय पर नही दिया गया था । जब सेठ का दिया हुआ समय समाप्त हो गया तो सेठ ने उसे अपने पास बुलाया और शर्त के अनुशार एक माह तक काम करने को कहा ।

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वह शिकारी सेठ को मना नही कर सकता था । इस ‌‌‌कारण उसने सेठ के पास काम करने के लिए हां कह दी थी । तब सेठ ने उसे कहा की तुम्हे रोजाना मेरे लिए पक्षी लाने होगे और वह भी बहुत सारे । सेठ की बात सुनकर शिकारी ने काहा की मै इतने पक्षी रोजाना कैसे लाउगा ।

तब सेठ ने उसकी बात सुनकर कहा की चलो 10 लेकर आ जाना । तब शिकारी ने उसे कहा की इतने भी रोजाना ‌‌‌मिलना मुसीकल है । तब सेठ ने उसकी एक भी बात नही सुनीऔर कहा की इतने तो तुम्हे लाने ही होगे । अगर रोजाना के दस नही होगे तो तुम्हे मेरे पास ज्यादा समय तक काम करना होगा । तब शिकारी ने कहा की ठिक है मै लेकर आ जाउगा और अगले दिन से वह शिकारी जंगल मे जाता और पक्षी का शिकार कर कर लाता था ।

वह कभी 4 तो कभी 5 पक्षी ही लाता था इससे ज्यादा उसे कभी नही मिलते थे । शिकारी के द्वारा इतने ही पक्षी लाने पर सेठ ने उसे बहुत डाटा फिर सेठ को लगा की इतने ही मिलते होगे । ‌‌‌तब सेठ ने उससे कहा की अगर तुम रोजाना दस पक्षी नही ला सकते तो तुम्हे 2 माह काम करना होगा ।

‌‌‌शिकारी को सेठ की बात माननी पडती थी इस कारण वह रोजाना जंगल मे जाता था और पक्षी लेकर आता था । इसी तरह एक दिन वह ‌‌‌शिकारी  एक ‌‌‌पेड के निचे जाल बिछाकर आराम कर रहा था । साथ ही उस जाल पर कुछ अनाज के दाने थे । जिसे देखकर उस दिन अनेक पक्षी ‌‌‌वहां पर आ गए थे और भोजन करने लगे थे ।

तभी उस शिकरी की आंखे खुल गई और जब उसने यह सब देखा तो वह बहुत ही खुश हो गया था । और जैसे ही शिकरी उन ‌‌‌पक्षियों की तरफ जाने लगा तो ‌‌‌पक्षियों ने वहां से उडने की बहुत कोशिश की पर वे वहा से नही उढ पाए । तब सभी पक्षी निराश होकर अपनी हार मान ली ।

तब एक पक्षी ने सभी ‌‌‌पक्षियों को ‌‌‌कहा की अगर हम एक साथ होकर उडेगे तो इस जाल को भी उडाकर ले जाएगे । तब कुछ ‌‌‌पक्षियों ने ‌‌‌उसकी बात नही मानी। तब उस पक्षी ने कहा की ऐसा हो सकता है क्योकी एक और एक ग्यारह होते है ।

उसकी बात मानकर उन सभी ‌‌‌पक्षियों ने एक साथ होकर उडने की कोशिश की तो वे जाल को भी अपने साथ उडाकर ले गए । यह देखकर शिकारी हैरान हो ‌‌‌गया । तब शिकारी को समझ मे आया की अगर सभी एक साथ होकर जो भी काम करते है तो वह पूरा हो जाता है ।

जिस तरह से सभी पक्षी एक और एक ग्यारह हो गए और मेरे जाल को भी उडाकर ले गए । तब उस शिकारी को समझ मे आ गया था की मुझे अपने भाई के साथ ही रहना चाहिए । ऐसा सोचर उस शिकारी ने उस सेठ के बताए हुए दो माह तक ‌‌‌काम किया और फिर अपने भाई के पास जाकर रहने लगा ।

‌‌‌एक और एक ग्यारह होना मुहावरे पर कहानी Idiom story

जब लोगो ने इस बारे मे पूछा तो उस शिकारी ने लोगो से कहा की एक बार पक्षी ने मेरे जाल उडाकर ले गए थे । उसी दिन से मुझे समझ मे आ गया की एक और एक ग्यारह होते है । उसकी बात सुनकर लोगो को भी विश्वास हो गया था क्योकी कुछ लोगो ने नदी के ‌‌‌किनारे जाल के ‌‌‌कटा ‌‌‌हुआ देखा था ।

उस दिन पक्षियों ने जाल को ‌‌‌उसी नदी के किनारे लेकर गए थे । क्योकी उन पक्षियों का एक मित्र चुहा था जो उस नदी के किनारे रहता था । उसी चुहे ने उन पक्षी को आजाद किया था । इस तरह से उन पक्षियों को भी पता चल गया की एक और एक ग्यारह होते है । इस तरह से आप इस कहानी और मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

एक और एक ग्यारह होना मुहावरे पर निबंध || ek aur ek gyarah hona essay on idioms in Hindi

दोस्तो कहानी बहुत सरल है और इस कहानी से आप एक बात समझ सकते है की इस मुहावरे का अर्थ क्या होता है ।

अगर आपने कहानी को सही तरह से पढा है तो आपने देखा होगा की एक शिकारी होता है और वह शिकारी किस तरह से पक्षी का शिकार करता है । मगर ऐसे में अन्य पक्षी एक दूसरे का साथ देते है और जाल को अपने साथ उडा कर ले जाते है और यह सब देख कर शिकारी को समझ में आ गया की भाई के साथ रहना ही असल में सह होता है । क्योकी पक्षी के एक होने पर पता चलता है की एकता में शक्ति होती है और उसी तरह से भाई के साथ रहने पर ही शक्ति साथ होगी ।

ओर इस कहानी से आप समझ सकते है की इस मुहावरे का अर्थ एकता में शक्ति का होना होता है ।

और कहानी और पूरा का पूरा मुहावरा हमे एक शिख देते है की हमेशा एक साथ रहना चाहिए क्योकी यही ​ताक्त का होना होगा ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।