चिकना घड़ा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चिकना घड़ा होना मुहावरे का अर्थ chikna ghada hona muhavare ka arthनिर्लज्ज होना।

दोस्तो जिस व्यक्ति पर किसी बात का असर न हो चाहे फिर उसे गालिया भी क्यो न ‌‌‌दि जाए । उसे किसी बात से कोई लेना देना नही होता है । वह तो उसे एक ‌‌‌कान से सुनता है दुसरे से निकाल देता है । कहने का ‌‌‌अर्थ है की वह बहु बेशर्म है ।

इस तरह के लोगो के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है । क्योकी जिस तरह से चिकने घडे पर पानी की एक बुन्द भी नही ठहरती उसी तरह से इस तरह के लोगो पर किसी बात का कोई असर नही होता है । इसी कारण ‌‌‌इस तरह के लोगो के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

चिकना घड़ा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चिकना घड़ा होना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌महावीर को लाख समझाया की इस काम को मत करो पर इसे समझ मे नही आता यह तो चिकना घडा है ।
  • आप इसे कितना भी समझा दो यह तो चिकना घडा है ‌‌‌इस पर किसी बात का असर नही होगा ।
  • इसे कई बार समझाया की उसके साथ काम मत करो पर यह तो चिकना घडा है इस पर किस बात का असर करेगा ।
  • तेरे जैसे लोगो को कुछ भी कह दो तुमको कुछ होता ही नही है लगता है की तुम चिकने घडे हो ।
  • ‌‌‌आप चाहो तो इसे कितनी भी गालीया दे सकते हो इस पर किसी बात का असर नही होगा यह तो चिकना घडा है ।

चिकना घड़ा होना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक आदमी रहता था जिसका नाम महेश था । वह बहुत ही गरीब था इस कारण वह हर किसी के पास काम करने के लिए चला जाता था । उस नगर मे एक सेठ रहता था जो बहुत ही लालची व घुस्सेलू था । साथ ही वह सेठ किसी को भी कुछ भी कह देता था ।

सेठ के पास वे लोग ही मजदूरी करने ‌‌‌के लिए जाते थे जिन्हे काम की जरुरत होती थी । ‌‌‌महेश को भी कोई काम नही मिल रहा था इस कारण महेश भी उसके पास काम करने के लिए चला गया । महेश को पता था की सेठ किस तरह से काम कराता है और वह गालियाँ भी बक देता है ।

फिर भी वह सेठ के पास काम करने के लिए गया । ‌‌‌सेठ को लोगो की जरुरत रहती थी इस कारण से सेठ ने उसे काम दे दिया। ‌‌‌जिससे सेठ रोजाना उससे काम कराता और जब भी कोई गलती हो जाती तो सेठ उसे बहुत सुनाता था । फिर भी महेश उसके पास काम करता रहा था । जिसके कारण धिरे धिरे उसे सेठ की बात सुनने की आदद ‌‌‌पड गई थी ।

अब सेठ जब भी उसे कुछ कहता तो वह ज्यादा गोर नही करता था बल्की एक कान से सुनता और दुसरे कान से निकाल देता था । इसी । इसी कारण से ‌‌‌सेठ उसे हर काम के बारे मे बाताने लगा था । जिससे लोग महेश से जानने की कोशिश करते की सेठ हमारे बारे मे क्या सोचता है पर महेश कभी किसी को कुछ नही बताता था ।

महेश बहुत ही सरल स्वभाव का था । अगर लोग उसे भडकार भी देते तो वह उन्हे कुछ नही कहता था । लोग तो ‌‌‌उसे यह तक भी कह देते थे की सेठ तुम्हे इतनी गालिया देता है फिर भी तुम्हे क्रोध नही आता है तुम तो बहुत बेर्शम हो ।

इस तरह से महेश को लोग कहते थे फिर भी उस पर किसी बात का असर नही होता था । एक बार की बात है महेश सेठ के पास काम कर रहा था कि काम मे कुछ गलतिया हो गई । इस कारण सेठ ने उसे ‌‌‌बहुत ‌‌‌गालिया दी । जिस समय सेठ ने उसे गालिया दी थी उस समय गाव के अनेक लोग सेठ के पास खडे थे ।

सेठ की इतनी गालिया सुनने के बाद भी महेश को कुछ फर्क नही पडा और वह अपना काम करता रहा था । तब सेठ को समझ मे आ गया था की अपने गाव के लोगो के सामने भी महेश मेरी गालिया सुन रहा है । यह मेरे सामने कुछ नही बोलता है ‌‌‌तब सेठ ने सोचा की इसे इतना डाटना भी ठिक नही है यह मुझे बहुत मानता है ।

जब गाव के लोगो ने महेश की इतनी ‌‌‌बेइज्जती होते देखी तो वे दुसरे दिन महेश से ‌‌‌कहने लगे की तुम आखिर हो क्या चिज जो सेठ के इस तरह से कहने पर भी एक बात का फर्क नही पडा ।

तब उन्ही लोगो मे से एक आदमी बोला की यह तो चिकना घडा है भाला ‌‌‌इस पर किस बात का फर्क पडेगा । और हम जो इसे समझा रहे है यह भी इसके लिए कुछ नही है यह हमारी बात को समझता ही नही है ।

चिकना घड़ा होना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

जिस तरह से चिकने घडे पर पानी की एक भी बुन्द नही ‌‌‌टिकती उसी तरह से इस पर भी किसी बात का असर नही होता है । इस कारण से फिर जब भी महेश लोगो से बिच मे से जाता तो वे उसे चिडाने लगे ‌‌‌थे फिर भी महेश पर किसी बात का असर नही पडता था ।

वह तो पहले की तरह ही आराम से रहता और अपना काम करता रहता था । इस कारण लोगो को समझ मे आ गया की यह सचमुच चिकना घडा है । इस तरह से आपको इस ‌‌‌कहानी का अर्थ समझ मे आ गया होगा ।

‌‌‌चिकना घडा होना मुहावरे पर निबंध Essay on idiom

साथियो आज के जमाने मे अगर किसी से कुछ कह देते है तो वह झगडने लग जाते है । वह यह तक नही सोचते की यह जो कह रहा है वह सही भी है की नही बल्की हर बात पर झगडने लग जाते है ।

इस तरह के लोगो को कुछ भी कहा जाए तो वे नाराज हो जाते है । और इनसे कुछ अलग लोग होते है जिनको ‌‌‌अगर गालिया भी दी जाए तो ‌‌‌वे कुछ नही कहते है । ‌‌‌वे उन गालियो को भी सुन कर चुप कहते है इस तरह के लोगो की सख्या ‌‌‌बहुत कम है ।

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क्योकी आज के जमाने मे हर कोई क्राधित होता है वह अपने बारे मे गलत तो सुन ही नही पाता पर जिन लोगो को कुछ भी कह दे तो ‌‌‌वे बुरा नही मानते ‌‌‌है । इस तरह के लोगो के लिए ही इस मुहावरे का प्रयोग ‌‌‌किया जाता है क्योकी इस तरह के लोग ‌‌‌बिल्कुल एक चिकने घडे के जैसे ही होते है ।

घडे पर पानी नही टिकता और इस तरह के लोगो पर किसी बात का असर नही होता है । इसी कारण से इस तरह के लोगो को चिकना घडा कहा जाता है इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे । ‌‌‌साथ ही यह भी समझ गए होगे की इस मुहावरे का कहा प्रयोग किया जाता है ।

चिकना घड़ा होना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of chikna ghada hona in Hindi

दोस्तो अगर हम किसी को कुछ ऐसा कहते है जो की उसे नही कहना चाहिए था या फिर जो कुछ हम कह रहे है वह पूरी तरह से सही होता है । तो जिस किसी को हम कह रहे होते है वह व्यक्ति हमारी बातो को सुन कर कुछ न कुछ जरूर करता है । या फिर कह सकते है की हमारी बातो का उस व्यक्ति पर किसी न किसी तरह का असर जरूर होता है ।

मगर कुछ लोग ऐसे भी होते है जिन्हे हम चाहे कितना भी सुना ले उन पर किसी बात का कोई असर नही होता है और ऐसा होने को निर्लज्ज होना कहा जाता है । यह बिल्कुल एक चिकने घड़े की तरह ही होता है जिस पर हम जीतना चाहे पानी डाल ले उस पर जरा सा असर तक नही होता है ।

और इन बातो के आधार पर आप समझ सकते है की चिकना घड़ा होना मुहावरे का अर्थ chikna ghada hona muhavare ka arth – निर्लज्ज होना होता है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।