धज्जियाँ उड़ाना का मतलब और वाक्य व निबंध

धज्जियाँ उड़ाना मुहावरे का अर्थ dhajjiyan udana muhavare ka arth – दोष दिखाना

दोस्तो वर्तमान मे ऐसे लोग बहुत है जिनको अपनी गलती दिखाई नही देती है । चाहे फिर उन्होने कितना ही बडा बुरा कर्म क्यो न कर दिया हो । पर कभी कभी कुछ लोग ऐसे लोगो को उनके दोष दिखाने लग जाते है । यानि उन ‌‌‌लोगो ने जो कार्य किए है उनके दोष उनको बताने लग जाते है। इस तरह से करने को हो धज्जियाँ उडाना कहा जाता है ।

धज्जियाँ उड़ाना का मतलब और वाक्य व निबंध

धज्जियां उडना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • जब लोगो ने दर्शन की धज्जियां उडानी शुरू की तो दर्शन लोगो की नजरो से दूर भागने लगा ।
  • आपको पता नही क्या की वह कैसा है अगर उसी समय मैं वहां पर ‌‌‌होता तो उसकी इस तरह से धज्जियां उडाता की वह शर्म के मारे पानी पानी हो जाता ।
  • भरे बाजर मे राकेश मे सुरज की धज्जियां उडा दी ।
  • राजपाल ऐसे तो बडी बडी ज्ञान की बात करता है पर जब कोई उसकी धज्जियां उडाने लग जाता है तब उसकी बोलती बंद हो जाती है ।
  • ‌‌‌लोगो के बिच मे तुम्हे श्यामलाल की धज्जियां उडानी नही चाहिए थी ।
  • जिस दिन से लखन ने महेश की धज्जियां उडाई है तब से वह लखन के सामने जाने से भी डरता है ।

‌‌‌धज्जियां उडाना मुहावरे पर काहनी muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे राजेश नाम का एक आदमी रहा करता था । उसके घर मे उसकी पत्नी और बेटे रहा करते थे । राजेश बहुत ही धनवान था इस कारण से उसे अपने पैसो का घमण्ड था ।

साथ ही उसके पास पैसे होने के कारण से वह लोगो को बात बात पर डाट देता था । और लोग ‌‌‌भी उसकी बात सुनते रहते थे । इसका कारण ‌‌‌यह भी था की लोगो को जब पैसो की जरूरत होती तो वे राजेश से ही पैसे लेते थे ।

इस तरह से गाव के आधे से ज्यादा लोगो ने उससे पैसे ले रखे थे जिसके कारण से कोई भी उसके विपरीत नही बोलना चाहता था । राजेश लोगो को पैसे तो देता था पर वह ब्याज का पैसे बढा कर ‌‌‌लोगो से पैसे वापस लेता था ।

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जिसके बारे मे लोगो को पता नही था क्योकी गाव मे लोग पढे लिखे नही थे । एक यही भी मोका था राजेश के पास था लोगो से पैसे लूटने के लिए । इस तरह से राजेश लोगो के साथ धोकेबाजी करता था ।

इसी तरह से एक बार की बात है संदिप नाम का एक आदमी उसी गाव मे रहा करता था । जो पढा लिखा ‌‌‌तो नही था पर उसे थोडा बहुत पढना आता था । संदिप के पास इतने पैसे थे की उसका आराम से पैट भर जाया करता था ।

उसके घर मे उसकी बेटी और पत्नी रहा करती थी । वह बहुत ही सरल स्वभाव का आदमी था इस कारण से वह किसी के साथ भी झगडा नही करता था । पर जब कभी वह झगडा करने लग जाता तो सामने वाले की सारी पोल खोल देता ‌‌‌था ।

जिसके कारण से कोई भी उसके साथ झगडा नही करता था । इसी तरह से समय के साथ संदिप की बेटी जब बडी हो गई तब संदिप उसके विवाह की तैयारी मे लग गया था । तब एक दिन संदिप ने अपनी बेटी के विवाह के लिए वर ढूंढ लिया था ।

साथ ही उसने अपनी बेटी का विवाह के लिए समय भी तय कर लिया था । तब संदिप को पता ‌‌‌था की अगर मुझे बेटी का विवाह करना है तो इसके लिए मुझे किसी से पैसे उधार लेने होगे ।

इस कारण से उसने राजेश के पास जाकर पैसे उधार ले लिए । जिसके बादमें संदिप ने अपनी बेटी का विवाह कर दिया । इस तरह से बेटी का विवाह हो जाने के बाद मे संदिप अपना काम करने लगा ।

वह अपने खेत मे काम करता था ‌‌‌जिसके कारण से वह रोजाना जाकर अपने खेत मे काम करता था । इसके साथ साथ ही वह आस पास के लोगो को भी काम ‌‌‌कराने लगा था। इस तरह से जब संदिप ने एक वर्ष तक दिन रात काम किया तब जाकर उसके पास इतने रूपय आ गए । जिसके कारण से वह अपनी बेटी की शादी मे जो राजेश से पैसे लिए थे वह ब्याज के साथ वापस दे सके ।

जिससे ‌‌‌संदिप पैसे देने के लिए राजेश के पास गया और उसके पास जाकर उसे ब्याज के साथ पैसे दे दिए थे । तब राजेश ने उन रूपयो को ले लिया और फिर राजेश से कहा की ये रूपय कम है यह सुन कर संदिप को लगा की थोडा बहुत कम होगा ।

तब उसने राजेश से पूछा की कितने और देने है । तब संदिप ने जितने ब्याज के रूपय ‌‌‌राजेश को दिए थे उतने और बता दिए । यह जान कर संदिप को लगा की यह जरूर धोकेबाज है इसी कारण से इतने ज्यादा रूपय और माग रहा है ।

तब संदिप राजेश से कहने लगा की ऐसे कैसे हो सकता है इतने रूपय कम नही हो कसते । इस तरह से बहुत समय तक बात होने के बाद राजेश को क्रोध आ गया । जिसके कारण से वह संदिप को ‌‌‌कहने लगा की अगर तुमने इतने रूपय न दिए तो मैं तुम्हारे साथ बहुत बुरा करूगा ।

यह सुन कर संदिप को भी क्रोध आ गया और फिर वह कहने लगा की तुम और कर भी क्या सकते हो तुम तो यही करते हो । इस तरह से फिर संदिप ने राजेश को उसके दोष दिखाने ‌‌‌शुरू कर दिए।

इस तरह से जोर जोर से सोर सुन कर उन दोनो के आस पास बहुत ‌‌‌लोग इखट्ठा हो गए । जिन्होने संदिप को ही दोषी ठहराया और कहा की तुम राजेश के साथ इस तरह से क्यो बात कर रहे हो । साथ ही कहा की अगर पैसे सही तरह से दे नही सकते तो लेते ही क्यो हो ।

यह सुन कर संदिप को इतना अधिक क्रोध आ गया जिसके कारण से उसने लोगो को सारा हिसाब किताब बताया और साथ ही ‌‌‌राजेश जिन लोगो को पैसे देता था और जो वह हिसाब किताब लिखता था उस किताब को उठा कर लोगो के हिसाब किताब और समझाने लगा ।

‌‌‌धज्जियां उडाना मुहावरे पर काहनी muhavare par kahani

जिसके कारण से लोगो को पता चला की राजेश ‌‌‌ने हमसे बहुत रूपय ले लिए है । इतने रूपय तो हमारे हुए भी नही है । यह जान कर उन लोगो मे से ही एक बोल पडा की संदिप तुमने तो इस धोकेबाज ‌‌‌के बारे मे पूरी बाते बता कर इसकी धज्जिया उडा दी।

इस तरह से राजेश की बोलती बंद हो गई थी । जिसके कारण से वह चुप चाप अपने घर मे चला गया था । उस दिन के बाद मे राजेश की हिम्मत नही हुई की वह संदिप के साथ धोकेबाजी करे ।

क्योकी राजेश को पता चल गया था की इसे पढाई लिखाई का पता है और अगर इससे ‌‌‌किसी काम मे धोकेबाजी की जाएगी तो यह मेरी धज्जिया उडा कर छोडेगा । इस तरह से आपको इस कहानी से पता चल गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

धज्जियाँ उड़ाना मुहावरे पर निबंध || dhajjiyan udana essay on idioms in Hindi

दोस्तो वैसे आज के समय में बहुत से लोग ऐसे होते है जो की दोषी बनने की तरह का काम करते है । मतलब वे कुछ ऐसा करते है जिसके कारण से वे एक दोषी की तरह बन जाते है । मगर फिर भी कुछ लोगो को अपना दोष दिखाई नही देता है ।

इसका मतलब है की वे गलत भी करते है और अपनी गलती उन्हे दिखाई नही देती है तो ऐसे मे अगर कोई व्यक्ति उन्हे उनकी गलती दिखाता है या दोष दिखाता है तो इस मुहावरे का प्रयोग करते हुए उसके लिए कहा जाता है की इसने तो उसकी धज्जियां उड़ा दी ।

तो इस तरह से दोस्तो इस मुूहावरे का प्रयोग किया जाता है और वैसे अर्थ की बात करे तो इसके बारे में आप शायद पहले ही समझ गए है की dhajjiyan udana muhavare ka arth – दोष दिखाना होता है और जो कोई दोष दिखाने का काम करता है वही पर इसका वाक्य में प्रयोग होता है ।

‌‌‌निचे ऐसे मुहावरों की लिंक दी गई है जो ज्यादातर काम मे लिए जाते है ।

बिजली गिरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाँत खट्टे करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मक्खन लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ओखली में सिर देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ पीले करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चिकना घड़ा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँख लगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

बीड़ा उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

थूक कर चाटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एक और एक ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

थाली का बैंगन होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एड़ी चोटी का जोर लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग


आड़े हाथों लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक रगड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

गुड़ गोबर करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पौ बारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌पेट में दाढ़ी होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर खुजलाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मैदान मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर पर सवार होना ‌‌‌मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाने दाने को तरसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हां में हां मिलाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाँतों तले उँगली दबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पत्थर की लकीर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

टांग अड़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ पाँव फूलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक का बाल होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नमक मिर्च लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दंग रह जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाल में काला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।