दिन फिरना मुहावरे का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

दिन फिरना मुहावरे का अर्थ din firna muhavare ka arth – समय बदल जाना ।

दोस्तो जब किसी व्यक्ति के बुरे दिन होते है तो उस व्यक्ति को उस समय मे ‌‌‌सारे कस्टो का पता चल जाता है । उसी तरह से जब कभी उस व्यक्ति के बुरे दिन खत्म हो जाते है ‌‌‌तब उस व्यक्ति के बारे मे कहा जाता है की आजकल तो उसके दिन फिर गए । इस तरह से कहा जाता है की उस व्यक्ति के तो बुरे दिन खत्म हो गए और अच्छे दिन शुरू हो गए । इस तरह से समय बदल जाना ही इस मुहावरे का अर्थ होता है ।

दिन फिरना मुहावरे का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

दिन फिरना  मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • राम गरीब घर से है पर इसके पिता ने इसे इतना पढाई की ‌‌‌इनके दिन फिर गए ।
  • रामकिशोर के पास खाने को भी नही मिलता था पर उसके दिन फिर जाने से उसके घर मे भी कुत्ते अपना पेट भरते है ।
  • बुरे समय मे हर कोई दिन फिरने की आसा करने लग जाता है ।
  • जब से महेश के दिन ‌‌‌फिरे है वह तो अपने दोस्तो की तरफ देखता भी नही है ।
  • ‌‌‌विजय की शादी जब से सुनिता से हुई है तब से ‌‌‌उसके दिन फिर गए ।
  • अचानक जब पता चला की श्याम नोकरी लग गया है तब उसके पिता भी बोल पडे की अब मेरे बेटे की नोकरी लग जाने से हमारे परिवार के दिन फिर गए ।
  • ‌‌‌धनपत के अचानक इस तरह से दिन फिरे की वह रोड पर आ गया ।

‌‌‌दिन फिरना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

एक समय की बात है किसी गाव मे नन्दलाल नाम का एक आदमी रहा करता था । जो अपनी पत्नी के पास रहा करता था । उसके घर मे इसके अलावा और कोई भी नही रहता था । नन्दलाल बहुत ही गरीब था इस कारण से वह समय पर अपनी पत्नी का भी पेट नही भर पता था ।

फिर भी वह रोजाना काम करने ‌‌‌के लिए जाता था । जिसके कारण से किसी तरह से उसका घर चल जाया करता था । इस तरह से कार्य करते हुए उसे कुछ समय बित गया तब उसे पता चला की उसकी पत्नी के पेट मे उसका बच्चा पल रहा है । यह जान कर नन्दलाल बहुत ही खुश हो रहा था ।

तब नन्दलाल मिठाई लेकर सबसे पहले मंदिर मे गया और वहां जाकर उसने भगवान से ‌‌‌प्रथाना की की मेरे घर मे बेटे का ही जन्म हो । क्योकी अगर बेटे का जन्म होगा तो वह मेरी मदद कर ‌‌‌देगा । जिसके कारण से हम बुडापे मे आराम से भोजन कर ‌‌‌सकेगे ।

दाँत पीसना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व निबंध

तूती बोलना मुहावरे का मतलब और वाक्य व कहानी

मुंह ताकना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

मुँह मोड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मेंढकी को जुकाम होना मुहावरे का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

इतना भगवान से माग कर नन्दकिशोर वहां से चला गया था । कुछ दिनो के बाद नन्दकिशोर के घर मे एक नन्हे बेटे का जन्म हुआ । यह जान कर नन्दकिशोर ‌‌‌बहुत ही खुश हो गया था ।

साथ ही बेटे का जन्म होने के कारण से उसने भगवान को याद कर कर उन्हे धन्यवाद किया । अगले ही दिन से नन्दकिशोर सवेरे जल्दी उठ कर काम करने के लिए चला गया और रात्री को देर तक काम कर कर आया ।

तब उसकी पत्नी ने पूछा की आज इतनी देर तक काम किस कारण से कर रहे हो । तब उसने कहा ‌‌‌की हमारे घर मे बेटे का जन्म हुआ है इस कारण से उसे पढाने के लिए मैं इस तरह से काम करूगा तो जब तक यह पढाई करने वाला बनेगा तब तक मैं इसके लिए पैसे इखट्ठा कर लूगा ।

तब नन्दकिशोर की पत्नी ने कहा की हां यह बात तो है यह पढेगा तो कम से कम हमारे बेटे के तो दिन फिर जाएगे । इस तरह से सोच कर फिर ‌‌‌नन्दकिशोर इसी तरह से काम करता और घर मे ‌‌‌उसकी पत्नी पैसे बचाने लगी थी ।

इस तरह से जब नन्दकिशोर का बेटा पढने ‌‌‌के काबिल हुआ तब उसे ‌‌‌पिता उसे ‌‌‌पढाने के लिए स्कुल भेजने लगे थे । इसी तरह से नन्दकिशोर ने अपने बेटे को पढा लिखा कर बडा कर दिया था ।

बेटा बडा हो जाने के कारण से उसने एक दिन अपने पिता से कहा की ‌‌‌पिताजी मैंने अब पढाई पूरी कर ली है इस कारण से मैं काम करने के लिए शहर जाना चाहता हूं । साथ ही उसने कहा की अगर मैं शहर जाकर काम करूगा तो कोई अच्छा काम मिल जाएगा ।

इस तरह से कहने के कारण से नन्दकिशोर ने उसे काम करने के लिए शहर भेज दिया था । जैसे ही नन्दकिशोर का बेटा शहर पहुंचा तो उसे एक ‌‌‌कंपनी मे काम मिल गया । क्योकी वह पढा लिखा था इस कारण से उसे वहां पर अच्छी तनख्वाह भी मिल जाती थी ।

तब उसने अपने पिता को एक पत्र लिख कर संदेश दिया की पिताजी मुझे एक कंपनी मे काम मिला है इसी कारण से मैं तिन चार महिनो के बाद मे आपके पास आउगा ।

इस तरह से उनको सुचना देने के बाद मे ‌‌‌नन्दकिशोर के बेटे ने उस कंपनी मे छ महिनो तक काम किया और फिर कुछ दिनो की छुटी लेकर अपने गाव चला गया था । गाव जाने के बाद मे वह अपने पिता के पास गया ।

पिता के पास जाते ही ‌‌‌उसने सबसे पहले अपने माता पिता के पैर छु लिए और फिर अपने पास जो भी पैसे थे वह सब अपने पिताको दे दिए । तब नन्दकिशोर के ‌‌‌बेटे ने बहुत पैसे अपने पिता को दिए ।

यह देख कर उसके पिता ने अपनी पत्नी से कहा की यह बहुत पैसे कमा कर लाया है इससे हम क्या करेगे । तभी उसकी मां बोली की पहले हम एक अच्छा घर बनाएगे । इस तरह से बाते करने लगे थे ।

फिर उन पैसो से नन्दकिशोर ने बहुत ही अच्छा घर बना लिया था । जिसे देख कर गाव के ‌‌‌लोगो से पूछा की बेटे शहर मे कहां काम करता है । तब नन्दकिशोर ने लोगो को बताया की वह एक कंपनी मे काम करता है ।

‌‌‌दिन फिरना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

तब गाव के लोगो ने नन्दकिशोर से कहने लगे की अब बेटा काम करने लगा है इस कारण से आपके तो दिन ही फिर गए । इस तरह से फिर नन्दकिशोर के पास जो भी कोई आता तो वह उसे खाली हाथ नही जाने देता ‌‌‌था कहने का अर्थ है उसे खाना खाने के लिए कह देता था ।

इस तरह से जब गाव के लोगो को किसी चिज की जरूरत होती तो वह उनकी मदद करने लगा था । इस तरह से गाव के लोग फिर बात करने लगे की पहले नन्दकिशोर अपना पेट नही भर पता था पर अब बेटा काम करने लगा है इसी कारण इनके दिन फिर गए ।

तब जाकर आज उनके घर ‌‌‌से कोई खाली हाथ नही आता ‌‌‌है । इस तहर से फिर गाव के लोग बाते करने लगे थे और नन्दकिशोर अपना जीवन गुजारने लगा था । इस तरह से आपको इस कहानी से पता चला होगा की दिन फिरना किसे कहते है ।

दिन फिरना मुहावरे पर निबंध || din firna essay on idioms in Hindi

दोस्तो दिन फिरना मुहावरे के बारे में आपने उपर पढा है की इसका अर्थ समय बदल जाना होता है । इसका मतलब है की अभी आपका जैसा समय चल रहा है वह बदल जाएगा । मगर ज्यादातर इस मुहावरे का प्रयोग उस समय किया जाता है जब कोई व्यक्ति दुखी होता है या गरीब होता है । और अचानक से उसका समय बदल जाता है और वह अमीर बन जाता है या बहुत खुश रहने लग जाता है। तो ऐसे मे कहा जाता हे की उसका तो दिन ही बदल गया ।

तो इस तरह से इस मुहावरे का प्रयोग होता है । वैसे दोस्तो इसके अर्थ को समझने के बाद मे आप मुहावरे का वाक्य में प्रयोग कई तरह से कर सकते है और इसे समझ भी सकते है । जैसे की मान ले की आप अभी जीवन में गरीब है और अचानक से आपके पास धन आ जाता है यानि आपको एक खजाना मिल जाता है और उससे बहुत सारा धन मिलता है तो इससे आप अमीर बन जाएगे और पहले जैसा दिन आपका था वही पर धन मिलने के बाद में नही रहेगा । मतलब दिन फिर गया है और इस तरह से समय बदल जाना को यह मुहावरा दर्शाता है ।

‌‌‌बेस्ट मुहावरो की लिंक निचे दी गई है ।

ओखली में सिर देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ पीले करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चिकना घड़ा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँख लगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

बीड़ा उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

थूक कर चाटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एक और एक ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

थाली का बैंगन होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एड़ी चोटी का जोर लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आड़े हाथों लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक रगड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

गुड़ गोबर करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पौ बारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌पेट में दाढ़ी होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर खुजलाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मैदान मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर पर सवार होना ‌‌‌मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाने दाने को तरसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हां में हां मिलाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाँतों तले उँगली दबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पत्थर की लकीर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

टांग अड़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ पाँव फूलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक का बाल होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नमक मिर्च लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दंग रह जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाल में काला होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पानी पानी होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

लोहा लेना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

टेढ़ी खीर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।