झकमारनामुहावरेकाअर्थ jhak marna muhavare ka arth – व्यर्थमेसमयबर्बादकरना।
दोस्तो आज के समय मे हर किसी को अपना काम करने से भी फुरसत नही मिलती है । फिर भी किसी कारण से जब किसी का समय बर्बाद हो जाता है जिसका कोई मोल नही होता है या फिर यह कह सकते है की वह समय बिताने से कोई फायदा नही होता है । इस तरह जब किसी का समय बर्बाद होता है तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है और कहा जाता है की आज तो झक मारने मे ही समय निकल गया ।
झकमारनामुहावरेकावाक्यमेप्रयोग
तुम तो झक मारने मे माहिर हो तुमसे कोन जीत सकता है ।
आज तो सारा दिन झक मारने मे ही निकल गया ।
झक मार कर पढने से अच्छा है मैं कोई काम कर लू ।
विधालय जाने के लिए जब कोई साधन नही मिला तो मुझे झक मार कर ही विधालय जाना पडा ।
कब से मैं तुम्हारे साथ झक मार रहा हूं तुम्हे स्वयं ही समझ जाना चाहिए और पढाई कर लेनी चाहिए ।
सुरेश के माता पिता ने उसे अपने पास बुलाकर कहा की बेटा इस तहर से झक मारने से अच्छा है की तुम अपनी पढाई कर लो ।
एक समय की बात है राजेश नाम का एक आदमी था जिसके पास धन की कोई कमी नही थी । उसके घर मे उसके माता पिता के अलावा और कोई भी नही रहा करता था । राजेश जिस गाव मे रहता था । उस गाव का हर कोई आदमी काम करने के लिए शहर जाया करता था ।
क्योकी गाव मे ज्यादातर लोगो के पास धन की कमी थी और उनके खेत मे फसल होती नही थी इस कारण से उनके पास मजदुरी करने के अलावा और कोई भी साधन नही था । पर राजेश के पास पैसे होने के कारण वह दिन भर इधर उधर घुमता रहता था । उसका दोस्त गाव मे कोई भी नही था ।
क्योकी वह दिन भर गाव मे फिरता रहता और बाकी उसकी उमर के आदमी काम करने के लिए जाया करते थे । उसके पिता को अपने बेटे की यह आदद बहुत बुरी लगती थी । क्योकी उन्हे पता था की एक न एक दिन उनके पास जो धन है वह खत्म हो जाएगा ।
इस कारण से उसके पिताजी ने उसे कई बार कहा की बेटा तुम भी कुछ काम कर लो वरना बादमे पछताओगे । तब उसने अपने पिता की एक बात भी नही सुनी और अपने पिताजी से कहा की पिताजी हमारे पास पैसो की कोई कमी थोडे है जो मैं काम करने के लिऐ जाउ । साथ ही यह भी कहा की अभी तो मेरे मोज मस्ती की उमर है ।
इस तरह से एक दिन की बात है राजेश अपने गाव से शहर गया हुआ था और जब वह वापस आ रहा था तो उसे गाव के दो आदमी मिल गए थे जो राजेश की उमर के ही थे । गाव की तरफ कोई साधन आता नही था इस कारण से वे सभी वहां से पैदल अपने घर आ रहे थे ।
राजेश दारू भी पीता था इस कारण से उसने गाव के उन आदमियो को अपने पास बैठा लिया और उन्हे भी दारू पिलाने लगा और दारू पिने के बाद वे आधी रात होने के बाद अपने गाव पहुंचे । गाव मे आ जाने के बाद राजेश तो अपने घर जाकर आराम से सो गया था ।
पर वे दोनो आदमी जब घर गए तो उनकी पत्नी ने उन्हे घर मे नही आने दिया क्योकी उन्होने पी रखी थी । जब सुबह हुई तब जाकर वे दोनो अपने घर मे गए और जाक सो गए थे । जिसके कारण अगले दिन उन्हे काम पर जाने के समय जाग नही आई । जिससे उन्हे काम से छुट्टी लेनी पड गई थी ।
जब उन्हे होस आया तो उन्हे ज्ञात हुआ की अगर वे रात भर राजेश के साथ दारू पी कर झक नही मारते तो ऐसा नही होता । तब उन्होने ठान लिया की वे रात को सिधा अपने घर आएगे और कभी भी दारू नही पिएगे ।
अगले दिन जब वे दोनो आदमी अपने घर आ रहे थे तो रास्ते मे उन्हे राजेश मिल गया और उन्हे रोकने लगा । जब उन दोनो ने कहा की हमे नही रूकना है । तब भी राजेश उन्हे रूकने के लिए कहने लगा था । पर जब राजेश नही माना तो उन दोनो को क्रोध आ गया और कहा की तुम्हारे पास तो कोई काम नही है और धन की कोई कमी नही है ।
इस कारण से जब देखो झक मारने के लिए आ जाते हो पर हमारे पास न पैसे है और नही हमे समय है तुमसे बात करने का । इतना कह कर वे दोनो वहां से चले गए थे । उन दोनो से ऐसा सुन कर राजेश ने भी ठान लिया की वह भी काम करेगा ।
इस कारण से वह काम करने के लिए शहर जाने लगा था । उसे एक होटल मे वेटर की नोकरी मिल गई थी । होटल मे नोकरी मिल जाने के बाद वह रोजाना वहां पर काम करने के लिए जाता और काम कर कर वापस अपने गाव आ जाता था ।
पर जब भी होटल मे कोई आता तो वह उसके साथ बैठ कर बाते करने लग जाता था और उन्हे ऐसे ही दारू पिला देता था । जिसके कारण से दारू के पैसे उसके खाते मे जुडते गए । जब इस बारे मे होटल के मैनेजर को पता चला तो उसने उसका हिसाब देखा की इसे कितने रूपय देने है ।
तब मैनेजर ने देखा की इसकी जीतनी तनख्वाह नही है उतने तो इसके रूपय हो गए है । तब मनेजर ने उसे अपने पास बुलाया और कहा की तुम क्या यहां पर झक मारने के लिए आते हो जो लोगो के साथ बैठ कर दारू पिने लग जाते हो और उनके साथ बाते करने लग जाते हो ।
तुम्हे पता भी है की तुम पर कितने रूपय चढ गए है । तब राजेश ने भी कह दिया की मैं तुम्हारे रूपय कल दे दुगा और जब राजेश ने अगले दिन रूपय दे दिए ।
तब मैनेजर ने यह सोचा की अगर इसे नोकरी से नही निकाला तो इसी तरह से मेरी होटल को बर्बाद कर देगा । क्योकी जो भी कोई इसे लोगो के साथ समय बिताते देखेगा तो वे समझेगे की यह होटल ही काम की नही है यहां तो वेटर ही राज करते है ।
ऐसा सोच कर उस मैनेजर ने उसे काम से निकाल दिया । पर उसका क्या था वह तो अपना समय बिताने के लिए ऐसा ही करता रहा था। पर जब उसके पास पैसे खत्म हो गए तब उसे जाकर पता चला की अगर मैंने इतने समय तक झक मारी नही होती तो आज मुझे ये दिन देखने को नही मिलते ।
तब से राजेश काम करने के लिए जाता पर अब उसे दो समय का खाना ही नसीब हो पाता था । इस तरह से फिर वह अपना जीवन गुजारने लगा । इस तरह से आपको इस कहानी से समझ मे आ गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ व्यर्थ मे समय बर्बाद करना होता है ।
झक मारना मुहावरे पर निबंध || jhak marna essay on idioms in Hindi
दोस्तो आज अगर आपको कोई काम करने को कहेगा तो आप केवल एक ही बात कहेगे की मेरे पास समय नही है । और इस तरह से बहुत से लोग कहते है की मेरे पास समय नही है । मगर वही पर अगर काम महत्वपूर्ण होता है तो समय अपने आप मिल जाता है । इसी के विपरित अगर काम महत्वपूर्ण न होकर बेकार होता है तो कहा जाता है की मेरे पास इन व्यर्थ कार्यों के लिए समय बर्बाद करने को नही है ।
कहने का मतलब है की आज किसी के पास व्यर्थ में समय बर्बाद करने को नही है क्योकी सभी को समय की महत्वता के बारे में पता है । तो अगर ऐसे मे कोई अपना इस महत्वपूर्ण समय को व्यर्थ में बर्बाद कर रहा है तो इसे झक मारना कहा जाता है ।
दरसल झक मारने का मतलब उस स्थिति से होता हे जब बेवजह बोला जाता है। और इस तरह से अगर कोई बेवजह बोल रहा है तो उसका व्यर्थ में समय बर्बाद ही हो रहा है तो आप इससे समझ सकते है की jhak marna muhavare ka arth – व्यर्थ मे समय बर्बाद करना है ।
निचे कुछ मुहावरों की लिंक दी जा रही है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है ।
मेरा नाम मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।