सिर पर सवार होना ‌‌‌मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर पर सवार होना ‌‌‌मुहावरे का अर्थ sir par savar hona muhavare ka arth – किसी चिज का हठ करना ‌‌‌या किसी चिज के लिए पीछे पड़ना ।

दोस्तो अगर कोई किसी काम को नही कर रहा है तो उस काम को कराने के लिए उसके पिछे पड जाते है और सोचते है की जब तक यह काम नही कर देता तब तक मै इसका पिछा नही छोडुगा यानि उस काम ‌‌‌को करने का ‌‌‌हठ करने लग जाते है तो इसे ही सिर पर सवार होना कहते है ।

क्योकी जिस तरह से कोई सिर पर सवार हो जाता है तो वह उससे परेशान हो जाता है और उससे किसी तरह से पिछा ‌‌‌छुटाने की कोशिश करता रहता था ।

जिसके लिए वह कुछ भी कर सकता है । इसी तरह से हम अपना काम ‌‌‌कराने के लिए उसके आस पास फिरने लग जाते है जिससे वह परेशान हो जाता है और हमारा काम कर देता है । इस तरह से हठ कर कर काम कराने को ही सिर पर सवार होना कहते है ।

सिर पर सवार होना ‌‌‌मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर पर सवार होना ‌‌‌मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌अपनी बात मनवाने के लिए महेश हर किसी के सिर पर सवार हो जाता है ।
  • ‌‌‌मैंने तुम्हारा काम नही किया तो तुम तो मेरे सिर पर सवार हो गए ।
  • जब तक कोई तुम्हारे सिर पर सवार नही होता तब तक तुम किसी का काम नही करते हो ।
  • ‌‌‌अगर तुम उसके सिर पर सवार होने को तैयार हो तो ही वह तुम्हारा काम करेगा वरना अपने काम को भुल जाओ ।
  • आजकल जब तक सरपंचो के सिर पर सवार नही होते तब तक वे काम नही करते है ।

सिर पर सवार होना ‌‌‌मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

‌‌‌प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे ‌‌‌पुर्णाराम नाम का एक आदमी रहता था । वह बहुत पढा लिखा था पर उसके पास ऐसा कोई भी काम नही था की जिससे वह अपना पेट भी आराम से भर सके । ‌‌‌पुर्णाराम के घर मे उसकी एक पत्नी व दो छोटे बटे थे । ‌‌‌पुर्णाराम को गाव के सभी लोग मानते थे ।  

‌‌‌पुर्णाराम ही गाव मे ऐसा था जो पढा लिखा था पर ‌‌‌समय के साथ साथ अन्य लोग भी पढने लगे थे और एक समय ऐसा आया की अन्य लडके उसके बराबर आ गए । ‌‌‌पुर्णाराम अपना काम करने के लिए कभी इस गाव मे तो कभी उस गाव मे जाता रहता था इस कारण उसे पता था की कोनसा काम किया जाए ताकी मै धनवान बन जाउ ।

इस तरह से काम करते उसे बहुत दिन हो गए थे । इस कारण उसने एक दिन ‌‌‌सोच ‌‌‌लिया की अब तो मुझे काम करते हुए बहुत दिन हो गए है । मुझे अपना काम शुरु करना ही होगा क्योकी अगर मै अब अपना काम शुरु नही कर सकुगा तो आने वाले समय मे तो मै अपना काम शुरु भी नही कर सकुगा ।

तब उसने अन्य गाव मे जाकर लोगो से राय ली की ऐसा कोनसा काम शुरु किया जाए ताकी कोई भी मुझे कुछ नही कह सके । ‌‌‌तब लोगो ने उसे बताया की अगर तुम अपने खेत मे सब्जिया उगाओगे तो तुम्हे बहुत ही धन प्राप्त होगा और इसके लिए तुम्हें कोई भी कुछ नही कहेगा । उन लोगो की बात उसे बहुत ही अच्छी लगी पर उसके पास ‌‌‌एक बहुत ही बडी समस्या आ गई थी ।

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पत्थर की लकीर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

वह सोचने लगा था की अगर वह खेत मे सब्जिया उगाएगा तो उसे पानी की जरुरत ‌‌‌पडेगी जो उसके पास नही है । तब उसने इस बारे मे अनेक लोगो से पुछा तो उसे पता चला की अगर वह सरकारी मदद के जरीय अपने खेत मे कुंड बनवा लेगा तो उसे और किसी की जरुरत नही पडेगी । ‌‌‌उसे पता था की इस काम के लिए उसे सरपंच से मदद मागनी होगी।

‌‌‌पुर्णाराम ने सोचा की सरपंच तो मेरे गाव का नही है पता नही की वह मेरा काम करेगा की नही । ‌‌‌फिर भी उसने अपने खेत मे कुंड बनावने के लिए फॉर्म भर कर सरपंच को दे दिया था । वह सरपंच केवल नाम का ही सरपंच था वह किसी की भी कोई मदद नही करता था ।

इस कारण उसने उसकी भी मदद ‌‌‌भी नही की । और जब अन्य गावो मे कुंड बनने लगी तो उसने अपना नाम का पता लगाया की मेरे खेत मे भी कुंड बनेगी की नही । तब उसे पता चला की ‌‌‌उसके नाम पर तो कोई भी कुंड नही आई है । उसने इस तरह से अनेको बार ‌‌‌फॉर्म भराए पर उसका नाम नही आया ।

तब किसी ‌‌‌ने उसे कहा की भाई वह सरपंच ऐसे काम नही करेगा तुम्हे अपना काम कराने के लिए उसके सिर पर सवार होना पडेगा । उसकी बात ‌‌‌पुर्णाराम को समझ मे आ गई थी । इसक कारण वह अगले ही दिन से उसके पास जाने लगा था । ‌‌‌वह रोजाना उसके पास जाता था और जब अगली बार ‌‌‌फॉर्म आए तो उसने भी सरपंच को फॉर्म दे दिया था ।

फॉर्म देने के बाद वह रोजाना उस सरपंच के पास जाता और पुछता की सरपंच साहब मै तो न जाने कितनी बार आपके पास इस काम के लिए आ गया हूं पर आपने मेरा काम नही करवाया । अबकी बार आपको मेरा काम करवाना ही होगा । तब सरपंच ‌‌‌ने ‌‌‌उससे कहा की ठिक है काम हो जाएगा ।

फिर भी ‌‌‌पुर्णाराम उसके पास आता रहता था और पुछता की सरपंच साहब क्या मेरा काम हो जाएगा । उसके इस तरह से पुछते रहने से सरपंच को समझ मे आ गया की यह तो मेरे सिर पर सवार हो गया है । इसका काम कराना ही होगा वरना यह मेरा पिछा नही छोडेगा ।

सिर पर सवार होना ‌‌‌मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

ऐसा सोचकर सरपंच ने ‌‌‌उसका काम करवा दिया था । ‌‌‌इस तरह से ‌‌‌पुर्णाराम रोजाना ही उसके पास जाता रहता था और कहता की सहाब अब कुंड भी बनवा दो ताकी मै अपना काम कर सकु । सरपंच तो पहले उन लोगो का काम करवाता था जो उसके अपने थे ।

पर ‌‌‌पुर्णाराम के इस तरह से रोजाना उसके पास आने से वह परेशान हो गया था तब उसने उसका काम पहले करवाया । कुंड बन जाने के कारण ‌‌‌पुर्णाराम को समझ मे आ गया था की आज के समय मे अगर किसी से अपना काम करवाना है तो उसके सिर पर सवार होना पडता है । इस तरह से आप इस कहानी से मुहावरे का सही अर्थ समझ गए होगे ।

सिर पर सवार होना मुहावरे का पर निबंध || sir par savar hona essay on idioms in Hindi

दोस्तो अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में किसी कारण से हठ करने लग जाता है या फिर किसी काम को करवाने के लिए पीछे पड़ जाता है तो इसे ही असल में सिर पर सवार होना कहा जाता है । और इस बारे में हमने आपको बहुत ही अच्छी तरह से समझा दिया है ।

दोस्तो हमने जो यह कहानी आपको बताई है उसके अंदर हमने आपको यह अच्छी तरह से बातने की कोशिश की है की किस तरह से लोग सिर पर सवार होते रहते है । अगर आपने कहानी को पूरा पड़ा है तो आप इस मुहावरे को समझने में बिल्कुल भी देर नही लगा सकते है ।

क्योकी पूरी कहानी में ही नही ल्की इस लेख में केवल इसी मुहावरे के बारे में बात की गई है । तो आपको अब समझना चाहिए की यह मुहावरा आखिर क्या कहना चाहता है । अब कमेंट में केवल यह बताना की आप इसका वाक्य प्रयोग किस तरह से करने वाले हो ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।