पीठ ठोंकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पीठ ठोंकना मुहावरे का अर्थ peeth thokna muhavare ka arth – शाबाशी देना 

दोस्तो आपने देखा होगा की जब भी कोई व्यक्ति किसी अच्छे कार्य मे प्रथम आता है । या कोई अच्छा कार्य करता है तो उसके होसले को देख कर हर कोई उसकी पिठ को थपथपाता है और कहता है की शाबाश तुमने यह काम कर कर ‌‌‌बहुत ही अच्छा किया ।

इस तरह से लोग उस व्यक्ति को ऐसे और कार्य करने के लिए बढावा देते है । इस तरह से जब कोई किसी को किसी भी कारण से शाबाशी देता है या बढावा देता है तब इसे पीठ ठोंकना कहा जाता है ।

पीठ ठोंकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पीठ ठोंकना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग  Use in sentence

  • ‌‌‌‌‌‌बैंक चोर को अपनी जान पर ‌‌‌खेल कर बैंक गार्ड ने पकडा तो बैंक के अधिकारी उसकी पीठ ठोंकने लगे ।
  • ‌‌‌लूटेरो को पकडने के कारण राजेश की लोगो ने पीठ ठोकी ।
  • रामलाल ‌‌‌नाम के पुलिस वाले ने जब जाली नोटो की हेरा फेरी कर रहे गुंडे को पकडा तो रामलाल की उसके अफसरो ने पीठ ठोकी ।
  • ‌‌‌रामकिसन ने तो ऐसा काम किया जिसके कारण हर कोई उसकी पीठ ठोंक रहा है ।
  • अगर अच्छा काम करोगे तो लोग पीठ ठोंकेगे ही ।
  • जब से सेठ ने महेश की पीठ ठोकी है महेश हवा मे उडने लगा है ।
  • कुस्ती की प्रत्योगिता जितने के कारण कोच ने बलवंत की पीठ ठोंकी ।

पीठ ठोकना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे मक्खनलाल नाम का एक आदमी था । जिसके चेहरे पर बडी बडी मुछे और पेट बाहर निकला हुआ था । मक्खनलाल ‌‌‌अपनी पत्नी और ‌‌‌दो बच्चो के साथ मे एक छोटे से गाव मे रहा करता था ।

मक्खनलाल गाव मे ही मजदूरी कर कर अपना पेट भर लेता था । पर इस तरह से काम करने के कारण उसका परिवार पूरी तरह से अपना पेट भी नही भर पाता था । जिसके कारण से वह रात को देर तक काम करता था फिर भी उसके घर की हालत इसी तरह की थी।

धिरे धिरे ‌‌‌मक्खनलाल के दोनो बेटे बडे होने लगे । तब मक्खनलाल के आस पास के पडोसी अपने बेटो को विधालय भेजते थे । यह देख कर मक्खनलाल के बेटे भी स्कूल जाने के लिए कहने लगे थे ।

नानी याद आना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग व कहानी

धूल में मिलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दूर के ढोल सुहावने का मतलब और वाक्य व कहानी

धज्जियाँ उड़ाना का मतलब और वाक्य व निबंध

सुहावने का मतलब और वाक्य व कहानी

जब इस तरह से अपने बेटो से ‌‌‌कहते हुए बार बार मक्खनलाल ने सुना तो वह भी सोचने लगा की अगर ये दोनो ‌‌‌पढेगे तो इसका भविष्य ही कुछ अलग होगा । पर ‌‌‌कुछ समय बाद मक्खनलाल निराश हो गया और मुंह लटका लिया ।

तभी मक्खनलाल के घर एक आदमी आया जो शहर मे काम किया करता था । जब उस आदमी ने मक्खनलाल को इस तरह से उदास देखा तो ‌‌‌उसने उदास होने का कारण भी पूछ लिया । जिसके कारण से मक्खनलाल कहने लगा की भाई रात देर तक काम करने के बाद भी मैं अपने बेटो ‌‌‌की सही तरह से परवरिश नही कर सकता हूं ।

साथ ही वह कहने लगा की इस गाव मे कोई ऐसा काम भी नही है जिससे मैं बहुत पैसे कमा पाए । उसकी इस तरह की बात सुन कर उस आदमी ने कहा की मक्खनलाल काम तो मैं तुम्हे ऐसा दिला दुगा की जिसके कारण तुम अपना पेट आराम से भर सकते हो ।

साथ ही अपने घर की सारी समस्या ‌‌‌दूर ‌‌‌भी कर लोगे । तभी मक्खनलाल ने कहा की ऐसा कोनसा काम है जिसके कारण मेरी सारी समस्या दूर हो जाएगी । तब उस आदमी ने कहा की एक बैंक मे चोकीदारी का काम करना है । जिसके लिए तुम्हे बहुत पैसे मिलेगे पर इस काम मे तुम्हारी जान को भी खतरा है ।

तब मक्खनलाल ने कहा की जान को कैसे खतरा है । तब उस आदमी ने ‌‌‌कहा की बैंक में किसी भी समय अगर कोई चोर आ गए और जब तुम उन्हे रोकोगे तो उन चोरो ने तुम्हे नुकसान पहुंचा दिया तो तुम्हारी जान को खतरा तो होगा ही ।

यह सुन कर मक्खनलाल सोच मे पड गया की काम तो अच्छा है पर मुझे पैसो की रक्षा करनी है इस कारण से मुझे भी कुछ हो सकता है ।

इस तरह से काफी समय तक सोचने ‌‌‌के बाद मक्खनलाल ने इस काम के लिए हां कह दी । जिसके कारण से उस आदमी ने कहा की ठिक है तुम कल शहर आ जाना वही तुम्हे काम मिल जाएगा । इतना कह कर वह आदमी तो चला गया था । और अगले दिन मक्खनलाल भी काम करने के लए शहर जा रहा हूं ऐसा वह अपनी पत्नी से कह कर शहर चला गया ।

शहर जाने के बाद उस आदमी ने ‌‌‌मक्खनलाल को वह काम दिला दिया । जिसके कारण से वह उस काम को करने लगा था । अभी तक मक्खनलाल के घर के लोगो को पता नही था की वह क्या काम करता है साथ ही उसके गाव के लोगो को भी इस बारे मे भनक नही थी ।

इस तरह से मक्खनलाल को बैंक मे काम करते हुए आठ महिने हो गए थे । तब एक दिन उस बैंक मे चोर आ गए । ‌‌‌जिन्हें देख कर बैंक मे हर कोई डर गया और डर के मारे हाथ उपर उठा लिए । तब मक्खनलाल ने भी अपने हाथ उपर उठा लिए थे ।

जिसके कारण से वे चोर बैंक मे चोरी करने लगे थे । तभी मक्खनलाल को लगा की इन चोरो को तो मैं अकेला ही मार सकता हूं । तब मोका देख कर मक्खनलाल उन पर टूट पडा । जिसके कारण से मक्खनलाल ने ‌‌‌उन चोरो को मार मार कर बहुत बुरी हालत कर दी थी ।

तभी वहां पूलिस आ गई जिसके कारण से पुलिस ने उन चोरो को पकड लिया और जाते समय मक्खनलाल से कहने लगे की ‌‌‌वाह मक्खनलाल तुम तो बहुत ही ताक्तवर हो तुमने अकले ही इनको पकड लिया । इसी तरह से फिर बैंक मे जो भी था वह मक्खनलाल के पास आकर उसकी पीठ ‌‌‌ठोंकने लगा ।

जिसके कारण से मक्खनलाल को बहुत ही अच्छा लगा । अगले ही दिन अखबारो मे मक्खनलाल की फोटो आई और उसके निचे लिखा था की इस बाहदुर बैंक गार्ड ने आज बैंक को लूटने से बचा लिया । इस खबर को पडने के कारण से मक्खनलाल को उस शहर का हर कोई जानने लगा था ।

इसी तरह से अखबारो मे खबर को देख कर मक्खनलाल ‌‌‌के गाव के लोगो को पता चला की मक्खनलाल क्या काम करता है और उसने चोरो की खुब पीटाई की है । इस तरह से फिर गाव का हर कोई मक्खनलाल की पीठ ठोंकने लगा था ।

पीठ ठोकना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

जब इस तरह से लोग मक्खनलाल को शाबाशी दे रहे थे तो उसकी पत्नी भी उनके इस काम से खुश हो गई । इसी तरह से फिर गाव का हर कोई वह काम ‌‌‌करने के लिए जाने लगा था । इस तरह से फिर मक्खनलाल उस बैंक मे बहुत ही अच्छी तरह से नोकरी करने लगा ।

जिसके कारण से कोई भी उस बैंक मे चोरी करने की नही सोचता था। जिसे देख कर उस बैंक के अधिकारी ने मक्खनलाल की तनख्वाह बढा दी । इस तरह से फिर मक्खनलाली का जीवन बहुत ही अच्छी तरह से ‌‌‌गुजरने लगा था । इस तरह से आप समझ गए होगे की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

पीठ ठोंकना मुहावरे पर निबंध || essay on idioms in Hindi

साथियों अगर आप स्कूल में पढते है तो आपको इस मुहावरे के बारे में ज्यादा पता होना चाहिए । क्योकी आपको पता है की जब स्कूल में कुछ अच्छा किया जाता है या अच्छी तरह से अध्ययन कर कर अध्यापक को खुश कर दिया जाता है तो अध्यापक शाबाशी देता है और शाबाशी देने की स्थिति में आपने देखा होगा की अध्यापक पीठ पर अपने हाथ से मारता है ।

और इसी तरह से कुछ ठोकने के लिए उस पर मारा जाता है तो इस तरह से आप समझ सकते है की पीठ ठोकना मुहावरे का अर्थ शाबाशी देना होता है ।

शायद आप इस बारे में तो जान चुके है मगर आपको बता दे की अब कोई व्यक्ति किसी को भी किसी भी कारण से शाबासी देता है जैसे की कुछ लोग अपने जीवन में बड़े कार्य कर देते है तो उन्हे शाबासी दी जाती है तो उस समय भी इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है और इसे आप समझ सकते है।

इस तरह से पीठ ठोकना मुहावरे का अर्थ आपने समझ लिया है ।

‌‌‌निचे ऐसे मुहावरों की लिंक दी गई है जो ज्यादातर काम मे लिए जाते है ।

ठगा सा रह जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

तलवे चाटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

तीन तेरह करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

बिजली गिरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाँत खट्टे करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मक्खन लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ओखली में सिर देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ पीले करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चिकना घड़ा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँख लगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

बीड़ा उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

थूक कर चाटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एक और एक ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

थाली का बैंगन होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एड़ी चोटी का जोर लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक रगड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

गुड़ गोबर करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पौ बारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌पेट में दाढ़ी होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर खुजलाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मैदान मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर पर सवार होना ‌‌‌मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाने दाने को तरसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हां में हां मिलाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाँतों तले उँगली दबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पत्थर की लकीर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

टांग अड़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ पाँव फूलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक का बाल होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नमक मिर्च लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।