दो और दो जोड़ना मुहावरे का अर्थ व वाक्य

दो और दो जोड़ना मुहावरे का अर्थ do aur do jodna muhavare ka arth — सारी स्थिति को समझना ।

दोस्तो जब किसी तरह की समस्या या फिर किसी तरह की स्थिति है जिसे समझना होता है तो दो पक्षो को मिलाया जाता है और उन दोनो पक्षो के बारे में संपूर्ण ज्ञान प्रा​प्त किया जाता है और ऐसा करने के कारण से वह सारी स्थिति समझ में आ जाती है और निर्णय करने में आसानी होती है ।

ठिक वैसे ही जब दो और दो को जोड़ा जाता है तो एक निर्णय तक पहुंचने में आसानी हो जाती है और जोड़ने से यह पता चल जाता है की 4 आएगा तो यह जो 4 अंक है वह उस स्थिति को दर्शाता है जिसे समझने के लिए दो और दो को जोड़ा गया है ।

क्योकी दोनो ही बातो में सारी स्थिति को समझने के लिए दो और दो को जोड़ा जाता है तो इसका मतलब हुआ की दो और दो जोड़ना मुहावरे का अर्थ सारी स्थिति को समझना होता है ।

दो और दो जोड़ना मुहावरे का अर्थ व वाक्य

दो और दो जोड़ना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग ||   do aur do jodna use of idioms in sentences in Hindi

1.        सुरज और रामू में झगड़ा था और दोनो न्यायाधीश  के पास पहुंच चुके मगर न्यायाधीश ने दोनो पक्षो की बात सुन कर दो और दो जोड़ा और निर्णय लिया ।

2.        रमेश और उसकी बहन में झगड़ा हो गया तो पिताजी ने दो और दो जोड़ने के लिए झगड़ने के कारण को समझा और फिर निर्णय लिया ।

3.        क्रिकेट के खेल में दोनो टीमो के खेल को देख कर दो और दो जोड़ा गया और किसी एक टीम को विजेता बनाया गया ।

4.        कंचन और सुनिता के झगड़ने को समाप्त करने के लिए झगड़े के बारे में दो और दो जोड़ना होगा तभी इसे समाप्त किया जाएगा ।

5.        वैज्ञानिक ने नकारात्मक और सकारात्मक दोनो तरह के पहलूओ का दो और दो जोड़ा और फिर सफल प्रयोग लोगो के सामने रखा ।

6.        दवाओ के बारे में लाभ और साइड इफैक्ट दोनो का विश्लेषण कर कर दो और दो जोड़ा गया और फिर दवा बाजार में उतारी गई ।

7.        व्यापारी ने अलग अलग स्थानो पर अपने व्यापार के बारे में जानकारी हासिल कर कर दो और दो जोड़ा और जहां से फायदा हो रहा था वहां से समान खरीदा ।

8.        दो दलो के बिच के मतभेदों का समाधान करने के लिए कमेंटी ने मतभेदो के कारण को जानकर दो और दो जोड़ लिया और मतभेदों का समाधान किया गया ।

दो और दो जोड़ना मुहावरे पर कहानी || do aur do jodna story on idiom in Hindi

दोस्तो बहुत समय पहले की बात है एक व्यापारी हुआ करता था जो की शहर में किसी तरह का व्यापार करता था । और वह जो व्यापारी होता था वह हमेशा अपने फायदे के बारे में ही सोचता था तो जब भी कुछ खरीदने के लिए बड़े शहर में जाता था तो और वहां पर अपने उपयोग की वस्तुओ का मोल भाव करता था और फिर ही वस्तु  की खरीददारी करता था ।

दरसल वह जो व्यापारी था वह एक तरह का ​बिच का व्यापारी था क्योकी वह बड़े शहरो से अपने उपयोग की वस्तु लेकर आता और छोटे शहरो में छोटे व्यापारियो को बेच देता था ।

तो इस तरह से व्यापारी को काफी फायदा मिल जाता था। और व्यापारी की जैसे जैसे इस काम में उम्र बितने लगी तो वह धनवान बनने लगा था क्योकी उसे बहुत ज्यादा फायदा होता था ।

मगर उस व्यापारी ने सबसे पहले अपनी 26 की उम्र में यह व्यापार शुरू किया था उस समय न तो व्यापारी के पास धन था और न ही उसे कुछ जानकारी थी तो वह कई वर्षों तक नुकसान का समाना करता रहा था ।

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 मगर एक दिन की बात है उसी व्यापारी के पास में एक छोटा व्यापारी आया और उसने वस्तु का मोल भाव किया और कहा की मैं पूरे शहर में पहले वस्तुओ का मोलभाव करता हूं और फिर दो और दो जोड़कर देखता हूं जहां से फायदा नजर आता है वही से वस्तुओ की खरीददारी करता हूं ।

अब व्यापारी को छोटे व्यापारी से सिख मिल गई और उसे समझ में आ गया की किस तरह से व्यापार यिका जाता है और इसी बात का फायदा उठा कर उसने अपनी 29 की उम्र में ही लाभ हासिल करना शुरू कर दिया था ।

 दरसल जब उस छोटे व्यापारी के मुंह से व्यापारी ने ऐसी बाते सुनी थी तो अगली बार जब व्यापारी बड़े शहर से वस्तुओ की खरीददारी करने के लिए जाता था तो वह पूरे शहर में पहले मोल भाव करता था और फिर दो और दो जोड़ता था ।

इसके बाद में जिस किसी से खरीदने पर व्यापारी को फायदा हासिल होता था उसी से वह वस्तुओ की खरीददारी करता था । अब इस तरह से काम करने के कारण से व्यापारी को फायदा देखने को मिला था ।

मगर समय के साथ साथ व्यापरी को लाभ भी मिल गया था यानि अब वह धनवान बनता जा रहा था तो व्यापारी ने अपने ही दिमाग का उपयोग कर कर सोचा की इस देश में बड़े शहर तो काफी अधिक है

और सभी शहरो के अंदर एक बार जाए जाए और सभ वस्तुओ का मोल भाव किया जाए और फिर दो और दो जोड़कर देखे तो जहां से फायदा हासिल होता है वही से वस्तु को खरीद लेना चाहिए ।

ऐसा सोच कर व्यापारी ने कुछ पैसे इस काम में नष्ट किए और ऐसा करने के कारण से उसे समझ में आ गया की अगर किस शहर से वस्तुओ की खरीददारी की जाए तो क्या फायदा हो सकता है ।

दो और दो जोड़ना मुहावरे का अर्थ

क्योकी आपको भी पता है की जिस स्थान पर जिस वस्तु को बनाया जाता है अगर उसी स्थान से वस्तुओ को खरीद लिए जाए तो फायदा मिलेगा ही ।

ओर इसी तरह से फिर व्यापारी अलग अलग तरह की वस्तुओ को अलग अलग स्थानो से खरीद कर ले आता थाऔर अपने छोटे शहर में जो छोटे व्यापारी थे उन्हे शहर से कुछ कम किमत पर बेचने लगा था

और इस तरह से व्यापारी के पास ग्राहक भी बहुत आने लगे थे और इस तरह से छोआ व्यापारी धनवान बन गया था । इसके बाद में व्यापारी ने इसी तरह से व्यापार करने का फैसला किया और उम्र भी इसी तरह से काम करता रहा ।

तो दोस्तो इसी तरह से हमे खरीददारी करते समय करना चाहिए । वैसे कहानी से आपने इस मुहावरे के अर्थ को समझ लिया होगा की इसका अर्थ होता है सारी स्थिति को समझना । अगर कुछ पूछना है तो कमेंट कर देना ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।