नुक्ताचीनी करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व निबंध

नुक्ताचीनी करना मुहावरे का अर्थ nuktachini karna muhavare ka arth – कमी निकालना

दोस्तो जब कोई व्यक्ति किसी कार्य को करता है । जो कार्य बहुत ही अच्छा मना जाता है और वह बहुत ही अच्छी तरह से पूरा हो जाता है । जिसे देख कर हर कोई उस आदमी की तारीफ करने लग जाता है और कहता है ‌‌‌की तुमने तो यह कार्य बहुत ही अच्छी तरह से किया ।

पर कुछ लोग ऐसे भी होते है जिनको वह कार्य अच्छा नही लगता है और उस कार्य मे गलती निकालने लग जाता है । इसी तरह से जब कोई किसी काम मे गलती निकालने लग जाता है तब इसे नुक्ताचीनी करना कहा जाता है ।

नुक्ताचीनी करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य व निबंध

नुक्ताचीनी करना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌भाईसाह इसकी तो नुक्ताचीनी करने की आदत है आप इसकी बात का बुरा मत मान जाना ।
  • जब देखो श्यमलाल नुक्ताचीनी करता रहता है उसे कोई काम है की नही ।
  • मेरे काम मे तुम नुक्ताचीनी कर रहे हो पहले अपने कार्य को तो देख ‌‌‌लो की सही है की नही ।
  • भरे लोगो के समाने तुमने राजप्रसाद के काम मे नुक्ताचीनी कर कर अच्छा नही किया ।
  • मैं अपने घर मे चाहे जैसे भी काम करू तुम नुक्ताचीनी करने वाले कोन होते हो ।
  • रामलाल ने अपने बेटे से कहा जो लोग सही नही होते उनके नुक्ताचीनी करने से कुछ नही होता ।
  • नुक्ताचीनी करने वाले लोगो की कोई कमी थोडे थे जो यह और आ गया ।

नुक्ताचीनी करना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे राजबाला नाम की एक औरत अपने पति के साथ रहा करती थी । राजबाला के घर मे उसके पति के अलावा उसके दो बेटे रहा करते थे । राजबाला का पति बहुत ही अच्छा आदमी था वह अपनी पत्नी को कुछ भी नही कहता था । साथ ही वह प्रतिदिन काम कर कर आता था ‌‌‌।

जिसके कारण से राजबाला का परिवार आराम से पेट भर लेता था । पर वे इतने अमीर नही थे की अच्छे अच्छे पकवान बना कर खा सके । फिर भी जब कभी राजबाला को ऐसे कुछ पकवान मिल जाते तो वह उन पकवानो को पहले तो बडी चाव से खाती और फिर उन्ही पकवानो मे कमी निकलाने लग जाती थी।

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इस तरह से खाने के समान मे तो ‌‌‌उसकी आदत ही थी। इसी तरह से एक बार की बात है राजबाला की नन्द के बेटे की शादी थी । जिसके कारण से उसने अपने भाई और भाभी को सुचना पहुंचाई की आपको मेरे बेटे की शादी मे आना है।

जब यह सुचना राजबाला के पास पहुंची तो वे सभी शादी के दो दिन पहले ही अपने पति की बहन के घर जा ‌‌‌पहुंचे थे । जिसके कारण से ‌‌‌वहा पर राजबाला को खाने पीने का कोई भी काम नही करना होता था । बल्की उसे तो वहा आराम से बैठ कर भोजन करना होता था ।

इस कारण से जब पहले दिन उसने भोजन किया तो वह भोजन बहुत ही अच्छा था । पर उसमे नमक कुछ ज्यादा था । जिसके कारण से पहले तो राजबाल ने भोजन बहुत ही चाव से किया । और जब उससे पुछा गया की ‌‌‌खाना कैसा बना है तो वह उसी भोजन मे नमक के अलावा भी और कमिया निकालने लगी थी। जिसके कारण से जिसने भोजन बनाया था वह बहुत ही दुखी हो गई । इसी तरह से अगले दिन हुआ । फिर राजबाल ने भोजन मे कुछ न कुछ कमी निकाल दी । इस तरह से जब विवाह के दिन हलवाई भोजन बना रहे थे तो राजबाला उनके पास जाकर उन्हे ‌‌‌ज्ञान देने लगी थी ।

जिसके कारण से उन लोगो ने कहा की हम हमारा काम सही तरह से कर लेगे आप अपना काम करो । इस तरह से कह कर उन लोगो ने राजबाला को अपने से दूर किया । धिरे धिरे समय बित गया और जब भोजन तैयार हो गया तो घर के लोग सबसे पहले भोजन करने लगे थे ।

जिनमे से राजबाला भी भोजन कर रही थी। ‌‌‌तब सभी को भोजन बहुत ही अच्छा लगा इस कारण से सभी ने भोजन बडी चाव से किया । साथ ही राजबाला ने भी भोजन अपना पेट भर कर कर लिया था । और जब उसका पेट भर गया तो वह उसी भोजन मे कमिया निकालने लगी थी ।

इस तरह से कमीया निकालते रहने के कारण से उसके पति ने आखिर वहा जो लोग थे उनसे कह दिया की इसकी तो ‌‌‌नुक्ताचीनी करने की आदत है आप लोग बुरा मत मान जाना । अपने पति की ऐसी बाते सुन कर वह ‌‌‌अपने पति से लडने लगी थी ।

तब उसका पति किसी तरह से वहा से चला गया। फिर भी राजबलाल चुप नही हो रही थी । तभी उसे बिच मे जोर से डकार आ गई । जिसकी आवजा सुन कर सभी लोग हंसने लगे और फिर राजबाल से कहने लगे की भोजन मे ‌‌‌इतनी ही अधिक कमी थी तो तुमने अपना पेट कैसे भर लिया ।

तब राजबाला की बोलती ‌‌‌बंद हो गई थी । तभी कुछ ‌‌‌औरते बोलने लगी की इसका पति सही कह रहा था की इसकी तो नुक्ताचीनी करने की आदत है । इस तरह से फिर वहा के सभी लोगो को राजबाला के बारे मे पता चल गया था ।

जिसके कारण से राजबाला अगर किसी चिज मे कमी बता ‌‌‌भी देती थी तो कोई उसकी बात नही मानता था । इसी तरह से फिर जब विवाह हो गया तो राजबाला भी अपने घर आ गई  । इस तरह से विवाह मे बहुत से लोगो को राजबाला के बारे मे पता चल गया था ।

नुक्ताचीनी करना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

जिसके कारण से फिर जब भी राजबाला अपनी ‌‌‌‌‌ननद के पास जाती तो जैसा भी भोजन होता तो वह खा लिया करती थी और कोई भी कमी नही ‌‌‌निकालती थी । क्योकी उसकी बात कोई वहा सुनता ही नही था ।

इस तरह से फिर राजबाला अपने ससुराल मे भी इसी तरह से रहती थी और इसी तरह से  उसने फिर अपना जीवन गुजार दिया । इस तरह से आपको इस कहानी से मुहावरे के बारे मे पता चल गया होगा की इसका अर्थ क्या है ।

 ‌‌‌नुक्ताचीनी करना मुहावरे पर निबंध muhavare par nibandh

साथियो जब कोई व्यक्ति बहुत ‌‌‌बारिकी से किसी चिज को देख कर उसमे कमी निकालता है । जो आसानी से हर कोई नही निकाल सकता है । तो इस तरह से कमी निकालने को ही नुक्ताचीनी करना कहा जाता है ।

 इस तरह के लोगो की इस संसार मे कोई कमी नही है । क्योकी ऐसे लोग आस पास भी ‌‌‌आसानी से मिल जाते है । इस तरह से यह कहा जा सकता है की जब कोई किसी भी कार्य मे छोटी सी भी कमी निकाल देता है । या दोष निकालदेता है तो इसे नुक्ताचीन करना कहते है । इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ बहुत ही अच्छी तरह से समझ गए होगे ।

नुक्ताचीनी करना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of nuktachini karna in Hindi

दोस्तो वर्तमान का एक ऐसा समय है जिसमें आप जैसे व्यक्ति की तलास करना चाहते है वैसा ही आपको मिल सकता है । अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति की तलास करते है जो की हमेशा दूसरो में कमी निकालता है तो आपको ऐसा एक नही बल्की कई सारे मिल जाएगे ।

हालाकी अच्छे लोगो की ही कमी हे जो की ज्यादा संख्या में नही मिलते है मगर कमी निकालने वाले तो बहुत है और वे मिल ही जाते है ।

अगर कोई इस तरह का व्यक्ति है जो की कमी निकालता है ओर किसी बात पर ​कमी निकाल भी रहा होता है तो उसके लिए ही इसका प्रयोग किया जाता हे और कहा जाता है की यह तो हमेशा नुक्ताचीनी करता रहता है । दररसल इस मुहावरे का सही अर्थ ही कमी निकालना होता है ।

वैसे इस बारे में आपको पता है क्योकी आपने उपर जो कुछ पढा है उसके आधार पर इसे समझना आसान है और यह आपको पता है ।

‌‌‌निचे ऐसे मुहावरों की लिंक दी गई है जो ज्यादातर काम मे लिए जाते है ।

चूना लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

डूबते को तिनके का सहारा मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ठगा सा रह जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

तलवे चाटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

तीन तेरह करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

बिजली गिरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाँत खट्टे करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मक्खन लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ओखली में सिर देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ पीले करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चिकना घड़ा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँख लगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

बीड़ा उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

थूक कर चाटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एक और एक ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

थाली का बैंगन होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एड़ी चोटी का जोर लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक रगड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

गुड़ गोबर करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पौ बारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌पेट में दाढ़ी होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर खुजलाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मैदान मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

सिर पर सवार होना ‌‌‌मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाने दाने को तरसना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हां में हां मिलाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाँतों तले उँगली दबाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पत्थर की लकीर मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

टांग अड़ाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ पाँव फूलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।