जहर का घूंट पीना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

जहर का घूंट पीना मुहावरे का अर्थ jahar ka ghut pina muhavare ka arth  – कड़वी बात सुनकर चुप रह जाना ।

दोस्तो जहर जो होती है वह एक ऐसा तरल होता है जीसे पीने के कारण से मानव की मृत्यु तक हो जाती है। और यह जहर पीने में भी कड़वा होता है और इस कड़वे जहर को पी कर मानव की मृत्यु हो जाती है और इस कारण से मानव कुछ बोलता नही है मतलब हमेशा के लिए चुप रह जाता है ।

वही पर मानव की जीभ के द्वारा बोले जाने वाले बहुत से शब्द कड़वी बात की तरह होती है जो की मानव को पसंद नही आती है और इन कड़वी बातो को मानव जहर के समान मानता है। मगर जब कोई कड़वी बात को सुन कर चुप रह जाता है तो इसका मतलब है की उसने जहर पी लिया है ।

और इस तरह से कहा जा सकता है की जहर का घूंट पीना मुहावरे का सही अर्थ कड़वी बात सुनकर चुप रह जाना होता है ।

जहर का घूंट पीना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

जहर का घूंट पीना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग || jahar ka ghut pina  use of idioms in sentences in Hindi

1.        बेटे की गलती होने के कारण से गाव के लोगो से जली कटी सुन कर राहुल को जहर का घूंट पीना पड़ा ।

2.        छोटी सी गलती के कारण से बॉस ने भूषण को खुब भला बुरा कहा, मगर भूषण जहर का घूंट पी कर रह गया ।

3.        माता सीता के पवित्र न होने की बाते लोगो से सुन कर भगवान राम को जहर का घूंट पी कर रहना पड़ा ।

4.        सुसिला की बेटी किसी लड़के के साथ भाग गई तो लोगो की जली कटी बाते सुन कर सुसिला को जहर का घूंट पी कर रहना पड़ रहा है।

5.        बेटे के शराब पीने के कारण से संतोष ने रजनी को काफी भला बुरा कहा मगर रजनी को जहर का घूंट पी कर रहना पड़ा ।

6.        गाव के लोगो के बिच में धनमल को अपमानित किया गया मगर फिर भी धनमल को जहर का घूंट पी कर रहना पड़ा ।

जहर का घूंट पीना मुहावरे पर कहानी || jahar ka ghut pina story on idiom in Hindi

दोस्तो बहुत समय पहले की बात है एक छोटा सा गाव था और उस गाव में बहुत से लोग रहा करते थे । लोगो के बिच में एक अच्छा संबंध था और सभी एक दूसरे के साथ मिल जूल कर रहते थे ।

जब भी किसी के यहां कोई काम होता था तो पूरा का पूरा गाव उस काम में उसकी मदद करता था । और अगर किसी के घर में विवाह होता था तो लोग सभी कुछ न कुछ देकर विवाह में अपना योगदान देते थे । वही जिन लोगो के पास अन्न की कमी होती थी तो लोग थोड़ा थोड़ा अन्न देकर उसकी मदद करते थे और इस तरह से सभी गाव के लोगो के बिच में एक अच्छा संबंध था ।

मगर कहते है की गाव में कुछ लोग ऐसे होते है जो की इन सभी से अलग होते है और उस गाव में वह धनमल नाम का व्यक्ति था । जो की लोगो के बिच में रह कर लोगो को ही ठगने का काम कर रहा था । मगर एक दिन लोगो को इस बारे में पता चल गया था जिसके कारण से लोगो ने उसे काफी भला बुरा कहा था ।

दरसल बात कुछ इस तरह से है की धनमल जो था वह नाम का ही धनवान था । वह भी अन्य लोगो की तरह ही था । मगर वह कुछ पढा लिखा था इस कारण से गाव के लोगो के द्वारा लिखा पढी से जुड़ा काम उसे ही दिया जाता था ।

गाव के लोग हमेशा जो खेत में अन्न पैदा होता था उसका कुछ हिस्सा इकट्ठा करते थे ताकी जब किसी के पास अन्न की कमी हो या किसी आपदा के कारण से अन्न की कमी नजर आए तो इस धन का उपयोग कर कर लोगो की मदद हो सके ।

यह एक तरह का अच्छा कार्य था और उस इलाके में जयादातर बाढ आती थी जिसके कारण से गाव के लोगो के लिए यह एक सही कार्य था । मगर इसके लिए एक आदमी को नियमित रहना पड़ता था जो की धनमल ही था । वह पूरे अन्न की हिफाजत करता था और चुहे जैसे जानवारो से अन्न को बचाने का काम करता था ।

यहां तक की जब लोगो को अन्न देना होता था तो इसी काम को धनमल करता था । और इसके बदले में गाव के लोग धनमल को कुछ पैसे भी देते थे जो की धनमल के लिए काफी थे । मगर धनमल लालची था वह अधिक से अधिक पैसे कमाना चाहता था इस कारण से वह चोरी छूपे उस अन्न मे से कुछ अन्न निकाल लेता और दूर शहर में जाकर बेच देता था ।

जिसके कारण से किसी को इस बारे में पता नही चलता था क्योकी वह गाव के लोगो को कह देता की उसके खेत मे जो फसल हुई है उसे बेच चुका है । और यह सुन कर लोग भी यकिन कर लेते थे । मगर पता नही एक दिन क्या हुआ की लोगो को धनमल पर सक हो गया और इस कारण से कुछ लोगो ने उस पर नजर रखनी शुरू कर दी और उसका पीछा करने लगे ।

और करीब एक महिने तक नजर रखने के बाद में एक दिन लोगो ने देखा की धनमल जो है वह रात के समय में अन्न का कुछ हिस्सा लेकर अपने घर जा रहा है और इस बारे धनमल को कई बार देखा गया था ।

 जिसके कारण से लोगो को सब समझ में आ गया था और अब सब इस बारे में जानने लगे थे । तो एक दिन लोगो ने इकट्ठा होकर अन्न की जाच करनी चाहिए मगर धनमल ने मना किया ।

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मगर लाख मना करने के बाद भी लोग नही माने और अन्न की जाच करने से पता चला की अन्न कम है और यह जान कर लोगो ने धनमल से उसकी सच्चाई के बारे में कहा और लोगो ने उसकी गलती के कारण से सुब अपमानित कर दिया और धनमल कुछ न कर सका वह जहर का घूंट पी कर रह गया था ।

जहर का घूंट पीना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

क्योकी सभी को पता चल चुका था की धनमल अन्न की चोरी करता है इस कारण से सभी ने धनमल को इतना बुरा कहा की धनमल यह तक नही बोल सका की उसने अन्न चोरी नही किया है बल्की धनमल जहर का घुंट पी कर रह गया ।

 अब धनमल को इस काम से निकाला गया और उसके स्थान पर दूसरे व्यक्ति को रखा गया और इस तरह से धनमल के बुरे कार्यों की उसे सजा मिल गई ।

तो इस तरह से दोस्तो कहानी से आप समझ सकते है की इस मुहावरे का अर्थ क्या है क्योकी कहानी में मुहावरे के अर्थ को समझाने की कोशिश की गई है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।