धोबी का कुत्ता घर का न घाट का, का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

धोबी का कुत्ता घर का घाट का मुहावरे का अर्थ dhobi ka kutta ghar ka na ghat ka muhavare ka arth – कहीं का भी रहना

दोस्तो जब कोई किसी कारण से अपना घर या अपना स्थान छोडकर कही चला जाता है । और जहां वह जाता है उसे वहा पर भी जगह नही मिलती है तो फिर वह अपने स्थान पर वापस भी नही जा सकता ‌‌‌है । ‌‌‌तब वह बिच मे रह जाता है । इस तरह से जब कोई बिच मे रह जाता है तो उसके लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है । और कहा जाता है की इसने ऐसा कर दिया इस कारण से यह धोबी का कुता घर का न घाट का । यानि वह न घर जा सकता है और न ही जहां जाने के लिए घर से आया था वहा जा सकता है ।

धोबी का कुत्ता घर का न घाट का, का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

धोबी का कुत्ता घर का घाट का, का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌ तुम तो बिल्कुल धोबी के कुत्ते के समान हो जो न तो घर का न घाट का होता है ।
  • ‌‌‌नोकरी पाने के लिए उसने बार बार अपना पक्ष बदला पर उसे नोकरी नही मिली इसे ही कहते है की धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का ।
  • ‌‌‌यह काम कर कर तो तुम धोबी का कुत्ता बन गए हो जो न घर न घाट का होता है ।
  • ‌‌‌तुम्हारी बात मे आकर मै कही धोबी का कुत्ता न बन जाउ जो न घर का न घाट का होता है ।
  • रघुवीर ने ज्यादा पैसो के लिए अपनी नोकरी छोड दी और  कही ओर पता लगाने के लिए चला गया पर जब उसे कही पर भी नोकरी नही मिली तो वह अपनी पहली नोकरी भी नही कर सकता था सच कहा है की धोबी का कुत्ता घर का न घाट का ।
  • ‌‌‌उसके कहने पर तुमने यह काम छोड दिया था और उसने ही तुम्हे अब काम देने से साफ मना कर दिया है । जिसके कारण पहला काम हाथ से चला गया है । सच कहा है धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का ।

धोबी का कुत्ता घर का घाट का, मुहावरे पर कहानी Idiom story

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे रामपाल नाम का एक आदमी रहता था । उसके घर मे उसकी मां के अलावा और कोई भी नही रहता था । रामपाल के पास इतने रुपय नही थे की वह आराम से भोजन भी कर सके । इस कारण से उसे नोकरी करनी ‌‌‌पडती थी । उसके पिता ने उसे पढाया था इस कारण से उसे आसानी से नोकरी मिल गई थी । ‌‌‌

नोकरी मिल जाने के कारण उसका गाव मे एक नाम हो गया था और लोग बाते करने लगे थे की उसे नोकरी मिल गई है । नोकरी मिल जाने के कारण से वह रोजाना काम करने के लिए जाता था । जिससे समय समय पर उसे पैसे मिल जाया करते थे । ‌‌‌उन पैसो से दोनो मां बेटा अराम से अपना पेट भर ‌‌‌लेते थे ।

इसी तरह से उनका जीवन गुजर रहा था । ‌‌‌धिरे धिरे समय के साथ नोकरी मिलनी बहुत ही मुश्किल हो गई थी और लोगो को नोकरी पाने के लिए बहुत भाग दोड करनी पडती थी । अगर कोई इतना भाग दोड कर कर भी नोकरी पा लेता तो उसका वह भाग्य था ।

इस कारण से लोग कहते की पहले के समय मे नोकरी आसानी से मिल जाती थी । यह सुनकर रामपाल के जैसे लोग कहते की नोकरी ‌‌‌तो आज भी मिल जाती है पर कोई मेहन्त करना ही नही चाहता । क्योकी जो लोग नोकरी लग जाते है वे तो ऐसी ही बाते कहते है ।

इसी तरह से रामपाल अपनी नोकरी करता और अपना जीवन मोज मस्ती के साथ बिताता था । तब एक दिन रामपाल को एक आदमी ने कहा की तुम्हे इतने दिन हो गए है वहां पर काम करते ‌‌‌हुए और तुम्हे अभी ‌‌‌भी उतने ही पैसे देते है जितने मे लगे हो । यह तो तुम्हारे साथ ‌‌‌नाइंसाफी हो रही है ।

इस तरह से कह कर उस आदमी ने उसे भडका दिया था । ‌‌‌भडक जाने के कारण भी वह घुस्सा अपने बॉस पर कैसे कर सकात था । क्योकी अगर वह घुस्सा करता तो उसे नोकरी से निकाल देता था । इस कारण से वह मन ही मन मे सोचने लगा की मुझे बॉस से बात करनी ही होगी । ‌‌‌

‌‌‌फिर अगले दिन उसे एक आदमी ने कहा की तुम अगर उसके पास से नोकरी छोड कर मेरे पास आ जाओगे तो तुम्हे मै अच्छी नोकरी दिला दुगा और उसमे पैसे भी बहुत ज्यादा है । उस आदमी के इस तरह से कहने पर उसने कई लोगो से पूछा तो उन्होने उसे कहा की नही पहले तुम उस नोकरी के बारे मे पता कर लो ।

दुसरे दिन उसी आदमी ने रामपाल ‌‌‌को फिर से कहा जिसके कारण से उसने बिना सोचे समझे उस नोकरी को छोड दिया और अपने बॉस के साथ झगड कर वहां से चला गया था ।

अगले दिन वह उस आदमी के पास काम मागने के लिए गया तो उस आदमी ने उसे यह कह कर मना कर दिया की मैने सोचा की तुम वह काम नही छोडोगे इस कारण से मैंने उस काम पर किसी और को लगा दिया ‌‌‌है । यह सुनकर रामपाल वहां से चुप चाप वापस आ गया था ।

धोबी का कुत्ता घर का न घाट का, मुहावरे पर कहानी Idiom story

जब वह अपने घर गया तो लोगो ने उससे पूछा की आज इतनी जल्दी काम से कैसे आ गए हो । ‌‌‌तब वह लोगो को पूरी बात बताने लगा था । तब लोगो ने उसे कहा सच कहा है धोबी का कुत्ता न घर का न घाटा का तुम्हारी भी हालत इसी तरह की हो गई है ।

‌‌‌उन लोगो के ऐसे कहने पर रामपाल को समझ मे आ गया था की मैंने वह नोकरी छोड दि थी । इस कारण से मै अब न तो उस नोकरी का रहा न इस का । इस तरह से आप भी समझ गए होगे की इस कहानी का अर्थ क्या है ।

‌‌‌धोबी का कुत्ता घर का घाट का  मुहावरे पर निबंध Essay on idiom

साथियो जिस तरह से धोबी का कुत्ता जब धोबी घाट पर जाता है तो वह भी उसके साथ साथ चला जाता है और अपने मालिक के घर आने पर वह भी अपने घर आ जाता है । इस तरह से धोबी का कुत्ता कभी घाट पर तो कभी अपने घर मे रहता है । जिसके कारण से उसका कोई भी स्थान नही ‌‌‌होता है ।

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इसी तरह से जब कोई अपना स्थान पलटता रहता है तो उसके लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है । साथ ही यह मुहावरा उन सभी लोगो के लिए ‌‌‌भी प्रयोग ‌‌‌मे किया जा सकता है जिन्होने किसी कारण से एक काम को छोड ‌‌‌दिया हो दुसरे काम पर गए हो ‌‌‌जिसके कारण उसे वहां पर काम नही मिला हो ।

इस तरह से वह न तो अपने पहले वाले ‌‌‌काम मे जा सकते है और न ही उन्हे अब ‌‌‌नया काम मिलता है । इस तरह से वह भी न तो घर न घाट का रहता है । इस तरह से इस संसार मे ऐसे लोगो की कोई कमी नही है । इस तरह से यह साफ समझ मे आ जाता है की इस मुहावरे का ‌‌‌अर्थ कही का भी न रहना है ।

धोबी का कुत्ता घर का न घाट का मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of dhobi ka kutta ghar ka na ghat ka in Hindi

दोस्तो अगर किसी कारण से आपके साथ ऐसा हो जाए की आप जिस विद्यालय में पढने के लिए जाते है वहां पर आपको पढाया नही जाता है और स्कूल से निकाल दिया जाता है और आपको कही दूसरे स्थान पर भी पढने नही दिया जाता है तो ऐसी स्थिति में आप कही के भी नही रहते है । मतलब आप दो स्थानो में से किसी भी स्थान पर पढ नही सकते है । हालाकी भगवान करे की ऐसा कभी हो ही न मगर ऐसा होगा तो इसे धोबी का कुत्ता घर का न घाट का कहा जाएगा ।

इसका मतलब है की अगर किसी दो स्थानो में से अगर कोई कही का भी नही रहता है । मतलब दोनो स्थानों मे से कही पर भी नही रह सकता है तो यही धोबी का कुत्ता होता है ।

क्योकी धोबी का कुत्ता घर पर भी जाता है और घाट पर भी जाता है मगर एक स्थान पर कभी रह नही सकता है और इस बात का मतलब हुआ की  dhobi ka kutta ghar ka na ghat ka muhavare ka arth – कहीं का भी न रहना होता है ।

‌‌‌निचे कुछ मुहावरों की लिंक दी जा रही है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

आँखें खुलना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

खाक छानना मुहावरे का अर्थ , वाक्य मे प्रयोग और निंबंध

खून पसीना एक करना मुहावरे का अर्थ और khoon pasina ek karna

खरी खोटी सुनाना मुहावरे का अर्थ khari khoti sunana muhavare

खून का प्यासा मुहावरे का अर्थ ,वाक्य मे प्रयोग और निंबंध

खेत रहना मुहावरे का अर्थ वाक्य मे प्रयोग और इस पर निंबंध

सिर धुनना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

उल्टा चोर कोतवाल को डांटे मुहावरे का अर्थ

पसीना बहाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

भाग्य सो जाना मुहावरे का अर्थ क्या है ,वाक्य मे प्रयोग और निंबंध

अ से शुरू होने वाले मुहावरे list -1

सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना मुहावरे का अर्थ , मतलब और वाक्य मे प्रयोग

खबर लेना मुहावरे का अर्थ khabar lena muhavare ka matlab

खटाई मे पड़ना मुहावरे का अर्थ Khatai men padna Muhavare ka arth

दूध का दूध और पानी का पानी मुहावरे का अर्थ

ढोंग करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य के अंदर प्रयोग

रास्ता साफ होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य के अंदर प्रयोग

आसमान के तारे तोड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चकमा देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाम डुबोना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

पापड़ बेलना मुहावरे का अर्थ वाक्य मे प्रयोग और निंबंध

ईद का चाँद होना मुहावरे का अर्थ eid ka chand hona muhavare ka arth

हृदय भर आना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

चिराग तले अंधेरा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

अक्ल पर पत्थर पड़ना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मेप्रयोग

कान भरना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

अपना उल्लू सीधा करना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

‌‌आँखों का तारा मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

खून खौलना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

खाक में मिलना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।