चोर की दाढ़ी में तिनका मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चोर की दाढ़ी में तिनका मुहावरे का अर्थ chor ki dadhi me tinka muhavare ka arth – ‌‌अपराधी का अपने मुख बोल पडना या ‌‌‌दोषी का किसी तरह से अपना दोष प्रकट करना ।

‌‌‌दोस्तो अगर कोई चोर अपने ही village मे चोरी करता है और किसी को भी उसके बारे मे कुछ नही पता होता फिर भी कोई समझदार व्यक्ति किसी को पकड कर कमरे मे पिटने का नाटक करता है । जिसके कारण जो चोर होता है वह घबरा जाता है और जब उस चोर की बारी आती है तो वह बोल पडता है की मैंने चोरी नही की आप मुझे मार नही ‌‌‌सकते या फिर वह घबराकर अपना जुर्म ‌‌‌कबुल कर लेता है ।

अगर नही करता तो उसके चेहरे की घबराहट को देखकर समझा जा सकता है की वही चोर है । जब वह अपने मुख से बिना पुछे ही कह देता है की मैंने चोरी नही की तो लोग समझ जाते है की यही चोर है और लोग कहते है की आज तो समझ मे आ गया की चोर की दाढी मे तिनका होता है ।

चोर की दाढ़ी में तिनका मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌यानि बिना पुछे ही इसने बता दिया की मै चोर नही हूं तो यही चोर है । इस तरह से जो भी कोई किसी कार्य मे बिना पुछे ही बता देता है या फिर घबरा जाता है तो समझ जाना चाहिए की यह work इसने ही किया है । और इसे ही चोर की दाढी मे तिनका कहते है ।

class="wp-block-heading has-vivid-red-color has-text-color">चोर की दाढ़ी में तिनका ‌‌‌होना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग  || chor ki dadhi me tinka use of idioms in sentences in Hindi

‌‌‌‌‌‌1. चोर की दाढी मे तिनका नही होता तो फिर भी मे इसे नही पकड ‌‌‌पाता ।

2. जब पुलिस ने चोर की तलास के लिए पुरे गाव के लोगो को बुलाया तो सभी गाव के लोग आ गए पर मजेश नही आया तो पुलिस को पता चल गया की चोर की दाढी मे तिनका उसी के है ।

3. मार खाते ‌‌‌देख कर महेश घबरा गया और गाव के लोग समझ गए की यह काम इसी ने किया है । सच कहा है चोर की दाढी मे तिनका होता है ।

4. गाव के सेठ ‌‌‌का रुपया चोरी हो गया तो सेठ ने सभी लोगो ‌‌‌को बुलाकर पुछने लगा । उससे पहले ही राजेश बोल पडा की मैंने आपके ‌‌‌रुपय नही चुराए है । तब बाकी लोग बोल पडे चोर की दाढी मे तिनका ।

चोर की दाढ़ी में तिनका ‌‌‌मुहावरे पर कहानी || chor ki dadhi me tinka story on idiom in Hindi

प्राचिन time की बात है जब villages मे मुखिया ही सभी की समस्या दुर करते थे । उस time की बात है एक नगर मे महेश नाम का एक man रहता था । उसे home मे उसकी mother के अलवा और कोई नही रहता था । महेश कोई भी work नही करता था और दिन भर इधर उधर फिरता रहता था । महेश की मा ही उसे कमा कर उसका पेट ‌‌‌भरती थी ।

इस कारण महेश निठला होता गया और जब उसकी mother की मृत्यु हो गई तो वह भूखा ही रहता था । बिना food खाय कितने days तक रहा जा सकता था । इस कारण उसने work करना भी शुरु किया । वह work ज्यादा दिनो तक नही कर सकता था । वह जब भी work करने के लिए जाता तो ज्यादातर time काम बिच मे ही छोड कर आ ‌‌‌जाता था इस कारण village के ज्यादातर people ने उसे काम देना बंद कर दिया था ।

अगर किसी को ज्यादा ही जरुरी होती थी तो ही वे महेश को work करने के लिए बुलाते थे । इस तरह से वह कितने days तक रह सकता था तो उसने चोरी करना शुरु कर दिय । पहले तो वह peoples को ठगने लगा था पर धिरे धिरे वह peoples की जेब भी काटने ‌‌‌लगा था । इस तरह से उसे लालच आ गया और वह peoples के homes मे जाकर भी चोरी करने लगा था ।

एक बार किसी के home मे चोरी करने के कारण उसे और लालच आ गया फिर वह और चोरी करने लगा था । इस तरह से महेश ने अपने village के लोगो को लूटना शुरु कर दिया था । जैसे जैसे time बितता गया वह और ज्यादा चोरी करने लगा था । ‌‌‌तब कुछ people गाव के मुखिया के पास गए और इस समस्या का समाधान निकालने को कहा ।

मुखिया ने कहा की इस बारे मे सुन तो मैने भी रखा है पर आप लोगो को मेरा साथ देना होगा तभी मै उस चोर को पकड सकुगा । तब peoples ने कहा की हमे क्या करना होगा । मुखिया ने उन्हे पुरी बात बता दी और कहा की कल village के सभी peoples को ‌‌‌मेरे पास ले आना । मुखिया की बात सुनकर सभी लोगो ने कहा की हम कल आपके पास village के सभी लोगो को लेकर आ जाएगे ।

next day गाव के सभी लोग मुखिया के पास आ गए और उनसे पुछा की हमे यहां पर किसी कारण से बुलाया है । तब मुखिया ने कहा की अगर इस बारे मे मै आपको बता दूगा तो मै आपका work नही कर सकुगा । तभी ‌‌‌कुछ people बोल पडे की मुखिया जी नही हमे जानने की जरुरत नही है बस आप अपना work करे ।

‌‌‌तब मुखिया ने एक एक कर कर लोगो को House मे ले जाने लगा । House मे ले जाकर उन्हे कहता की आप जोर जोर से चिलाए और पहले तो वे ही लोग House मे गए थे जो मुखिया के पास मदद मागने के लिए आए थे । इसी तरह से धिरे धिरे ‌‌‌सभी people मकान मे जाने लगे और वे वहा जाकर चिलाने लगते थे ।

मकान मे ले जाकर उन्हे बता देते थे की हम चोर को पकड रहे है इस कारण यह नाटक कर रहे है । यह सुनकर वे people भी मुखिया के नाटक मे हो जाता था । इसी तरह से जब महेश की बारी आई तो उसे लगा की ये village मे चोरी करने वाले को ही ढुढ रहे है ऐसा सोचते time महेश बहुत घबरा गया और मुखिया के पास जाकर कहने लगा की मैंने चोरी नही ‌‌‌की मै उस मकान मे नही जाउगा ।

चोर की दाढ़ी में तिनका ‌‌‌मुहावरे पर कहानी Idiome story

इस कारण मुखिया व उसके साथ जो people थे वे समझ गए की यही चोर है क्योकी चोर की दाढी मे तिनका होता है । तब सभी peoples को मुखिया ने बता दिया की आप जिस चोर से परेशान है वह यही है क्योकी ‌‌‌चोर की दाढी मे तिनका होता है । इस तहर से आप इस story से मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

‌‌‌चोर की दाढी मे तिनका मुहावरे पर निबंध || chor ki dadhi me tinka essay on idioms in Hindi

साथियो जो अपराधी होता है वह Ease से अपना जुर्म कबुल नही करता है वह उससे बचकर भागना चहाता है पर कुछ बार अपराधी कुछ ऐसा बोल देता है या फिर उसका Emotion ऐसा हो जाता है जिसके कारण सभी को पता लग जाता है की यह work इसी ने किया है ।

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क्योकी जो अपराधी नही होता वह ‌‌‌कभी भी डरता नही है और बिना पुछे कुछ बोलता भी नही है । इसी तरह से अनेक people ऐसे है जो यह कह देते है की मैंने यह work नही किया है भले ही उनसे ‌‌‌किसी पुछा न हो फिर भी वह कह देता है। और इस तरह से बोलने को ही चोर की दाढी मे ‌‌‌तिनका है ।

इस मुहावरे का प्रयोग वैसे तो प्राचिन time से होता है पर आज भी इसका ‌‌‌उपयोग जोरो सोरो से किया जा रहा है । इस तरह से आप इस मुहावरे का अर्थ समझ गए होगे ।

चोर की दाढ़ी में तिनका मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of chor ki dadhi me tinka in Hindi

दोस्तो हाल ही के दिनो की बात है हम जिस स्थान पर रहते है वही पर पास में चौरी हो गई है और आपको पता होगा की चोर की दाढ़ी में तिनका होता है तो वह पकड़ा जाएगा ।

मगर अभी तक तो ऐसा हुआ नही है । मगर आपको बता दे की चोर की दाढ़ी में तिनका जो मुहावरा होता है उसका तात्पर्य उस स्थिती से होता है जब अपराधी जो होता है वह किसी तरह से अपना दोष प्रकट कर लेता है और आपको बात दे की ऐसा तो हमारे चोर के साथ ऐसा कुछ हुआ नही है जिसने अपने दोष को प्रकट करने का काम किया हो ।

मतलब किसी तरह का कोई सबुत नही मिलता है । जिसके कारण से हम अपने चौर के लिए इस मुहावरे का प्रयोग नही कर सकते है । मगर आपको बता दे की आप इस मुहावरे का प्रयोग कर सकते है अगर आपके आस पास अपराधी का अपने मुख बोल पडना या ‌‌‌दोषी का किसी तरह से अपना दोष प्रकट करने की बात हुई है तो ।

वैसे आपको इस मुहावरे के अर्थ के बारे में तो समझ में आ ही गया होगा । तो कमेंट में यह बता देना की आप इसका प्रयोग किसके लिए करेगे ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।