खाक में मिलना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

खाक मे मिलना मुहावरे का अर्थ khak me milna muhavare ka arth – सब कुछ नष्ट हो जाना  होता है  ।

आज के समय मे हार किसी के पास कुछ न कुछ तो होता ही है । और जो होता है उस पर उनको गर्व होता है । किसी के पास धन होता है तो किसी के पास अपने बाप दादाओ की कमाई हुई इज्जत होती है ।

अगर ‌‌‌किसी कारण उनके पास जो होता है वह न रहे तो कहते है की उसका तो सबकुछ खाक मे मिल गया । ऐसे आप लोगो को बहुत से इसान मिल जाएगे जिनके पास पहले सबकुछ था पर एक ‌‌‌गलती के कारण उनके पास कुछ भी नही रहा और आज ‌‌‌वह रोड पर आ ‌‌‌गया है ।

‌‌‌खाक में मिलना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग || khak me milna use of idioms in sentences in Hindi

  • उसने बहुत महन्त कर कर अपना ताजमहल सा घर बनाया था पर उसकी गलती के कारण उसका सब कुछ खाक मे मिल गया ।
  • राहुत अपना काम सुरु ही करने वाला था की उसके बडे भाई का एक्सीडेंट होने के कारण उसके सारे सपने खाक मे मिल गए ।
  • रामलाल ने खेतो की खुब देखबाल की और फसल बोई ‌‌‌पर जब काटने की बारी आई तो उसके खेतो मे टिडी ने सारी फसल को नष्ट कर दिया और रामलाल की सारे सपने खाक मे मिल गए ।
  • ‌‌‌घर मे बारात आने ही वाली थी की रामप्रसाद के घर मे घहनो की चोरी हो गई तो रामप्रसाद के अपनी बेटी को धन दोलत के साथ विदा करने के सपने खाक मे मिल गए ।
  • वोट के समय राजनेता ने खुब प्रचार किया और जब चुनाव होने वाले थे तो उसकी एक गलती की वजह से उसके सारे सपने खाक मे मिल गए ।
‌‌‌मुहावरा (idiom in Hindi)‌‌‌अर्थ (Meaning in Hindi)
खाक में मिलनासब कुछ नष्ट हो जाना  होता है  ।

खाक मे मिलने की कहानी || khak me milna story on idiom in Hindi

एक समय की बात है एक किसान था उसके खेतो मे बहुत ‌‌‌बडिया फसल थी । वह सोच रहा था की जो उस फसल से पैसे प्राप्त होगे तो वह एक घर बनाएगा । ‌‌‌क्योकी उसके पास रहने के लिए कुछ भी नही था । केवल एक झोपडी हुआ करती थी उसी के अंद्रर वह रता था । इसलिए वह फसल के बारे मे ही सोचता रहता था ।

वह खाना भी समय पर नही खाता था । जब फसल ‌‌‌तैयार हो ‌‌‌गई तो वह काटने लगा । वह किसान फसल को स्वयं काटता था किसी से भी कटाता नही था । क्योकी अगर किसी और से ‌‌‌कटाई गई तो उसके पास कुछ भी नही बचता है । इस कारण वह दिन व रात फसल काटने मे ही लगा रहता ।

जब समय मिलता तो खाना खा लेता वरना फसल काटने मे लगा रहाता । इस तरह से कुछ ही दिनो मे फसल कट गई और उसके आस पास के खेतो मे अभी भी फसल कट रही थी । वह जल्दी से जल्दी उस फसल को ‌‌‌बेचना चहाता था।

‌‌‌वह चहाता था की अगर फसल जल्दी से बिक गई तो वह अपने घर बनाने का काम चालु कर ‌‌‌सकता है । इसलिए वह फसल को बाजार मे बचने लगा । क्योकी बाजार मे अभी तक फसल आई नही थी इस कारण ‌‌‌बाजार मे फसल का भाव अभी बहुत बडिया था ।

बाजर जाने के बाद मे वह सबसे पहले एक सेठ की दुकान मे गया वहा पर जाने के बाद मे वह सेठ से कहता है की क्या आप मेरी फसल खरीदोगे । सेठ ने कहा की फसल अभी की है तो बहुत अच्छे दाम मे बिक जाएगी वरना भाव कम होगा । तब उस किसान ने कहा की हा अभी की है ।

सेठ ‌‌‌ने उस‌‌‌ किसान की फसल को देखा तो कहा की यह तो बहुत बडिया फसल है । तब सेठ ने कहा की मेने दिन रात मेहन्त कर कर यह फसल ‌‌‌तैयार की है । सेठ उस किसान की फसल को अच्छे दाम मे खरीद लेता है ।

वह किसान अच्छे दाम मे फसल बेचने के कारण बहुत खुश था । किसान ने तुरन्त बाजार से ‌‌‌घर बनाने का समान लेकर आ गया । गाव आते ही उसने घर बनाने के लिए कुछ लोगो को कहा । अगले ही दिन किसान का घर बनना सुरु हो गया ।

गाव वाले उसकी इस तरह की तरकी देखकर बहुत खुश हो रहे थे और कह रहे थे की तुम तो बहुत जल्दी घर बना रहे हो । किसान को घर बनाने मे एक माह लगा । तब वह घर देखने लायक था । गाव ‌‌‌के लोग कहने लगे की इसने तो ताजमहल से भी अच्छा घर बनाया है ।

गाव के लोगो की बात सुनकर वह बहुत प्रसन्न हो रहा था । वह अपने घर मे रहने लगा । उसने सभी गाव वालो को घर बनाने की खुशी मे मिठाई ‌‌‌खिलाई । किसान बहुत खुश था की उसके घर जैसा कोई भी घर नही है । ‌‌‌पर कुछ ही दिन बिते थे कि उस गाव मे भुखम्प आ गया ।

खाक मे मिलने की कहानी

जिससे उस किसान का बनाया गया घर नष्ट हो गया था । किसान यह देख कर बहुत दुखी हो गया पर हो क्या सकता था । ‌‌‌गाव के लोगो को भी बहुत बुरा लगा रहा था की अभी तो उसने घर बनाया था और भुकंप के कारण उसका घर नष्ट हो गया ।

गाव के लोग कहने लगे की उसने कितनी ‌‌‌मेहनत से घर बनाया था और घर टुट जाने से उसके सारे सपने खाक मे मिल गए । इस कहानी के द्वार समझाया जा सकता है की खाक मे मिलना किसे कहते है ।

‌‌‌खाक मे मिलने पर लेख

आज के समय मे खाक मे मिलने के बारे मे तो सभी आसानी से समझ सकते है की उसका सब कुछ नष्ट हो गया है । हर किसी के पास कुछ न कुछ तो होता ही है जेसे एक सेठ के पास धन की कोई कमी नही होती है पर किसी कारण से उसका सारा धन नष्ट हो जाए तो उसका सारा धन खाक मे मिल गया ऐसा कहते है ।

‌‌‌किसी लडके ‌‌‌को बहुत मेहन्त के बाद मे नोकरी मिल जाती है पर वह बुरे रास्ते पर चलने लग जाता है जिससे उसकी नोकरी भी नही रहती है । तो उसके सपने खाक मे मिल जाते है  । इस तरह के लोग हर जगह आपको मिल सकते है । जब तक कोई बुरा न कर देता है तब तक ‌‌‌उसे सब अच्छा कहते है ।

पर जब वह बुरे रास्ते पर चलने लगता है तो उसे वही लोग बुरा कहते है इस तरह से उसकी इज्जत खाक मे मिल जाती है । जो उसने व उसके बाप दादाओ मे बनाई थी वह एक ही ‌‌‌पल मे खत्म हो जाती है । इस तरह से आप समझ ही गए होगे की खाक मे मिलना किसे कहते है ।

खाक में मिलना का तात्पर्य क्या होता है || khak mein milna ka tatparya kya hota hai


आज के समय की बात करे तो खाक में मिलने का मतलब सब कुछ नष्ट होने से होता है । क्योकी जीवन में अगर कुछ भी नही होता है तो जीवन काफी समस्याओ के साथ आगे बढता है । आज आप एक मोज मस्ती के साथ जीवन जी रहे हो । आपके पास काफी सारा धन है । आपके माता पिता का जीवन

‌‌‌भी काफी अच्छा चलता है । तो इन सब का कारण यही होता है की आप खाक में नही मिले हुए हो ।
भगवान करे की आपके साथ ऐसा न हो मगर हम दुसरे की बात करते हुए कहते है की अगर किसी के पास जो कुछ होता है वह सब नष्ट हो जाता है तो इसे खाक में मिलना ही कहेगे ।
जैसे की कोई व्यक्ति है जिसके पास एक अच्छी

‌‌‌नोकरी है और बहुत सारा धन है । मगर एक दिन धन चोरी हो जाता है और नोकरी से निकाल दिया जाता है तो इस तरह से उस व्यक्ति कार सब कुछ नष्ट हो जाता है तो यही खाक में मिलना होता है ।
हालाकी आज के समय में कोई ऐसा नही है जो की यह चाहता हो की वह खाक में मिले । क्योकी इससे जीवन में जो समस्या आती है

‌‌‌ वह काफी गंभीर हो सकती है । जीवन को सफल और सरल बनाने के लिए आपको स्वयं ही मेहनत करनी होगी । अगर एक बार जीवन में आप निचे की और आते हो तो यह खाक में मिलने का संकेत हो सकता है । हालाकी अगर आप इसी तरह से मेहनत करते रहोगे तो अपने जीवन को खाक में नही मिलने दोगे ।
हमेशा भगवान से प्राथना रहेगी जो

‌‌‌भी इस लेख को पढ रहा है उसका जीवन कभी खाक में न मिले । बाकी आप इसी तरह से ज्ञान हासिल करते रहो ।

कही खाक में मिलना न हो जाए

जीवन एक कटपुतली होती है जिसे हम जैसे चाहे वैसे चला सकते है । मगर यह हर किसी के लिए संभव नही होता है । अगर आप अपने जीवन को अपनी इंच्छा के अनुसार लेकर जा सकते है तो इसका मतलब है की यह आपके लिए संभव है अगर आप इसे अपनी इंच्छा के अनुसार नही लेकर जाते है तो इसका मतलब है की यह आपके अनुसार नही है ।

मगर जब हम इस प्रकृति के विपरित काम करते है तो एक समय ऐसा जरूर आ जाता है जब जीवन खाक में मिल जाता है । क्योकी जीवन नष्ट होना ही है अगर हम प्रकृति के विपरित काम करेगे तो जैसा आज का माहोल है वैसे ही हमे काम करना चाहिए और आप जैसे प्यारे दोस्त इसे समझ सकते है ।


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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।