सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना मुहावरे का अर्थ , मतलब और वाक्य मे प्रयोग

सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना मुहावरे का अर्थ sir mundate hi ole padna ka arth होता है कि काम शूरू करते ही बाधाएं आना ।

दोस्तों कुछ लोगों के साथ इस प्रकार की समस्याएं आती हैं। वे कोई काम जैसे ही शूरू करते हैं। बाधांए आना शूरू हो जाती हैं। जैसे एक पिता ने जैसे ही अपनी बेटी का विवाह तय हुआ पहले तो वो खुद बीमार हो गया और वह जब ठीक हुआ तो उसकी माता जी बीमार हो गई इसे कहते सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना ‌‌‌।

 वैसे इस मुहावरे का मतलब है कि कई बार जब हम कोई उपयोगी कार्य करना आरम्भ ही करते हैं कि वह कार्य किसी समस्या के कारण रूक जाता है। अब समस्या तो सबकी अलग अलग हो सकती है। जिस पर हम यहां चर्चा नहीं कर रहे हैं।

सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना मुहावरे का अर्थ

सिर मुंडाते ही ओले पड़ना का वाक्य में प्रयोग  || sir mundate hi ole padna use of idioms in sentences in Hindi

  • जब में शादी के लिए कटिंग करवाने जा रहा था तो रस्ते मे ही पर्श चोरी हो गया । इसके कहते हैं सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना।
  • हम लोग भगवान के दर्शन करके आ रहे थे तो रस्ते मे हमारी कार का टायर पंचर हो गया । यह तो सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना जैसा है।
  • ‌‌‌रमेश ने पढ़ना शूरू ही किया था कि इतने मे लाईट चली गई। इसे कहते हैं सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना
  • ‌‌‌कल रात हम लोगों ने रिवाल्वर को पुलिस को दिया ही था कि दो दिन बाद घर के अंदर चोर घुस गए । सब कुछ चुरा ले गए । सिर मुड़ाते ही ओले पड़े गए । अब पुलिस मे शिकायत की है।
  • ‌‌‌हमारे घर के छोटे बच्चे ने स्कूल जाना शूरू ही किया था कि इतने मे वह बीमार हो गया । इसे कहते हैं सिर मुंडवाते ही ओले पड़ना ।

सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना पर कहानी ||  story on idiom in Hindi

‌‌‌प्राचीन काल की बात है। जब राजकुमारी संयोगिता को जब प्रथ्वी राज चौहान की फोटो देखने को मिली तो वह चौहान की फोटो पर मोहित हो गई और मन ही मन उनको अपना सब कुछ मान बैठे । उसके बाद वहां पर एक पनाराय नामक चित्रकार आया हुआ था। उससे अपना सुंदर चित्र बनवाया और उसे प्रथ्वीराज चौहान के यहां पर भिजवा ‌‌‌दिया ।

प्रथ्वीराज चौहान संयोगिता के रूप को देखकर उस पर मोहित हो गया और उधर संयोगिता भी चौहान के उपर मोहित हो ही चुकी थी । लेकिन अब इसके अंदर समस्या यह थी कि संयोगिता का पिता जयचंद्र इसके खिलाफ था। वह नहीं चाहता था कि संयोगिता का विवाह प्रथ्वीराज चौहान से हो ।

‌‌‌जब स्वयंवर का आयोजन किया गया तो उसके अंदर चौहान को नहीं बुलाया गया । और संयोगिता ने यह देखा तो वह बहुत अधिक दुखी हुई। उसके बाद वहां पर चुपके से पहले से ही चौहान पहरेद्वार के भेष मे आ गया था। और वहां पर खड़ा था। जैसे ही संयोगिता ने उसको देखा उसके गले के अंदर वर माला डाल दी । इतने मे संयोगिता ‌‌‌के पिता को इस बात का पता लग गया । इसके बाद उसने प्रथ्वीराज चौहान को पकड़ने का आदेश दिया । तब तक चौहान घोड़े पर सवार होकर जा चुके थे ।

‌‌‌उसके बाद राजा जयचंद्र ने अपनी  सैना को चौहान के पीछे लगा दिया और चौहान को घेर लिया गया । इस युद्व के अंदर चौहान की सैना बीच मे फंस गई थी। हालांकि यह एक मात्र संघर्ष था। ‌‌‌इस संघर्ष के अंदर चौहान के बहुत सारे सांमत मारे गए । और कहा जाता है कि यदि जयचंद्र चाहता तो इसी वक्त चौहान को पकड़ सकता था लेकिन उसने ऐसा करना उचित नहीं समझा क्योंकि यदि वह चौहान को मार देता तो उसकी बेटी विधवा हो सकती थी। वह चौहान से प्रेम करती थी।

सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना पर कहानी

उसके बाद ‌‌‌जयचंद्र ने चौहान को छोड़ दिया ।प्रथ्वीराज चौहान की शादी को कुछ ही दिन बीते थे कि मोहम्मद गौरी ने उसके उपर आक्रमण कर दिया । ऐसी स्थिति के अंदर चौहान के लिए संभालना बहुत ही मुश्किल था। एक तो शुभ घड़ी आई ही थी की दूसरी मुश्बित आ खड़ी हुई ।। इसे कहते हैं सिर मुंडवाते ही ओले पड़ना

सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना निंबंध || sir mundate hi ole padna essay on idioms in Hindi

दोस्तों जिंदगी के अंदर आप कोई भी अच्छा काम करें आपके समाने पहली बार बांधाएं आएंगी ही । पता नहीं है ऐसा क्यों होता है। पीछले दिनों एक आईएस ने अपनी कहानी बताते हुए कहा था कि जब वह इसकी तैयारी कर रहा था तो कई बार असफल हो गया और असफलता की वजह से बाद मे सोचा कि वह ‌‌‌यह नौकरी नहीं कर सकता है। वह इसके योग्य नहीं है।इसी विचार धारा को लेकर कुछ दिन तक ठोकरें खाने के बाद पता चला कि वह तो फालतू के अंदर दूसरे रस्तों की तलास कर रहा है । वह ऐसे रस्तों की तलास कर रहा है जो वास्तव मे उसके लिए बिल्कुल ही अनजान हैं और इन रस्तों के अंदर सफलता की उम्मीद कैसे की ‌‌‌जा सकती है।

उसके बाद उसने वापस पढ़ाई शूरू की और अपनी कमियों को सुधारा आज वह एक सक्सेसफुल इंसान बन चुका है। मित्रों जिंदगी के अंदर परेशानियां आती ही रहती हैं।

यदि हमे परेशानी से डरकर भागते रहेंगे तो भी कुछ नहीं होगा । मौत को अधिकतर लोग एक परेशानी मानते हैं लेकिन अब तक उससे कितने लोग  ‌‌‌भाग पाएं  हैं।यदि आप कोई स्टूडेंट हैं तो आपको परीक्षा के अंदर पास होने के लिए मेहनत करनी होगी परेशानियों से लड़ना होगा । यदि आप पढ़ना शूरू करें और अचानक से आपका मन कहीं ओर भागने लग जाए तो आप क्या करेंगे ?

‌‌‌मुझे लगता है। बहुत से लोग ऐसी स्थिति के अंदर मन को वापस लाने का प्रयास नहीं करेंगे और खुद ही मन के साथ रास लीला के अंदर हो जाएंगे । ‌‌‌ऐसी पढ़ाई करने का कोई मतलब नहीं है। आपको सबसे पहले अपने मन को वापस लाना चाहिए और उसके बाद ही अगला काम करना चाहिए । क्योंकि बिना मन के आप पढ़ाई करके अपना समय ही खराब करेंगे ।

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खेत रहना मुहावरे का अर्थ वाक्य मे प्रयोग और इस पर निंबंध

‌‌‌यदि सिर मुंडवाते ही ओले पड़ने लग जाएं तो डर कर आपको उस काम को बंद नहीं करना चाहिए क्योंकि संभव है वे ओले गिराने वाले आपके ही शत्रू हो तो आपको सोच समझ कर उनका मुकाबला करनी चाहिए । तभी आप जिंदगी की जंग जीत सकते हैं।

सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना मुहावरे का तात्पर्य है || What is the meaning of sir mundate hi ole padna in Hindi


अब दोस्तो दुनिया के बारे में क्या कहे यहां पर आपको अनेक तरह के लोग देखने को मिल जाते है । मगर कुछ ऐसे लोग होते है जो की आपके आस पास रहते है और वे कुछ ऐसा काम करना शुरू करते है जो की उनके लिए नया होता है । तो दोस्तो उनको यह देखने को मिलता

‌‌‌है की जैसे ही उन्होने कार्य शुरू किया है किसी न किसी तरह की परेशानी आ जाती है ।
यह बिल्कुल वैसे ही जैसे की सिर मुंडाने पर ओले पड़ने लग जाए । मतलब यह है की जब कोई व्यक्ति अपना सिर मुंडा लेता है और उपर आसमान से ओलो की वर्षा होने लग जाती है तो आपको बता दे की सिर में काफी जोर जोर से लगती ‌‌‌है हालाकी अगर सिर नही मुंडाया होता है तब भी लगती है मगर इतनी अधिक जोर से नही लगती है ।

और आप यह समझे की जैसे ही सिर मुंडाया जाता है वैसे ही ओले पड़ने लग जाए तो यह बिल्कुल वैसा ही होता है जब आप काम की सुरूआत करते है और बाधा आने लग जाती है । और यही कारण है की विद्वानो इस मुहावरे का अर्थ काम शूरू करते ही बाधाएं आना

‌‌‌होता है ।
अब आपको बता दे की आपने इस मुहावरे को तो समझ लिया है । मगर यह अनेक बार परिक्षाओ में पूछा जा चुका है । जैसे की बात करे एसएससी जीडी तो उसमें इस मुहावरे को कई बार पूछा गया है । तो इसे नजर अंदाज करना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है । तो मित्र इस मुहावरे को सही से याद रखे ।

आखिर क्यों सिर मुड़ाते ही ओले पड़ जाते है

दोस्तो आपने देखा होगा की कुछ लोग ऐसे होते है जो की चाहे जो भी काम कर ले उनके पास सफलता का नाम तक नही आता है । कहने का मतलब है की जब भी कोई नया काम शुरू किया जाता है तो उस काम में किसी न किसी तरह की बाधा आ जाती है । चलो कोई बात नही एक दो काम में आ जाती है मगर जब बार बार नए काम को शुरू करते ही बाधा आने लग जाती है तो यह तो वही बात होती है की सिर को जैसे ही मुड़ाते है तो उस पर ओले आकर पड़ जाते है ।

दरसल जिस तरह से सिर के बालो को काट दिया जाए और पूरा का पूरा टकला हो जाए और उस समय ओले सिर पर आकर गिरने लग जाते है तो आप समझ सकते है की यह कितना बुरा होता है ।

ओर उसी तरह से नया काम शुरू करते ही बाधा का आना भी बुरा है ओर यही कारण है की कहा जाता है की सिर मुड़ाते ही ओले पड़ जाते है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।