कलेजा धड़कना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

कलेजा धड़कना मुहावरे का अर्थ kaleja dhadakna muhavare ka arth भय से घबराहट होना ।

दोस्तो कलेजे को मुहावरो की दुनिया में हृदय से जोड़ा गया है और इस तरह से यहां पर हृदय के धड़कने की बात हो रही है । वैसे तो साधारण रूप से हृदय धड़कता ही रहता है मगर उस समय काफी तेज हो जाता है जब मानव को डर लगता है ।यानि डर लगने के कारण से हृदय तेज गति से धड़ने लग जाता है । क्योकी डर लगने के कारण से मन या हृदय में घबराहट होने लग जाती है और यह गति को तेज कर देता है ।

तो इस तरह से कलेजा धड़कना मुहावरा भय से घबराहट होने को दर्शाता है । जो की इस मुहावरे का अर्थ होता है ।

कलेजा धड़कना मुहावरे का अर्थ और वाक्य

कलेजा धड़कना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग   || kaleja dhadakna use of idioms in sentences in Hindi

1.        उस कलमुँहे रामू को देखते ही मेरा कलेजा धड़कने लग जाता है ।

2.        कंचन ने पहली बार ऐयरप्लेन का सफर किया तो और जैसे ही प्लेन उड़ने लगी तो कंचन का कलेजा धड़कने लगा ।

3.        जंगल में छुपा हुआ शेर देखते ही मेरा तो कलेजा धड़कने लगा ।

4.        रात को अपने घर में किसी महिला की पंछाई देखने मात्र मेरा कलेजा धड़कने लगा ।

5.        कुत्ते के पीछे भागने पर रमेश का कलेजा धड़ने लगा ।

6.        जब सुरज ने पहली बार किसी लड़की से बात की तो उसका कलेजा धड़कने लगा ।

7.        महेंद्र अपनी कॉलेज की लड़की कृतिका से बहुत प्रेम करता था मगर जब महेंद्र उसे प्रपोज करने के लिए गया तो उसका कलेजा धड़कने लगा ।

8.        रात को तरह तरह की आवाजे सुनने के कारण से हर किसी का कलेजा धड़ने लग जाता है ।

9.        अध्यापक को सामने देखने मात्र मेरा कलेजा धड़कने लगा ।

10.      जब परिक्षा में मेरे सबसे कम अंक आए और अध्यापक मेरे ही पास आकर खड़े हो गए तो मेरा तो केलजा धड़कने लगा ।

11.      जब अध्यापक ने पूरी स्कूल के बच्चो के सामने राहुल को आने को कहा तो राहुल का कलेजा धड़ने लगा था ।

कलेजा धड़कना मुहावरे पर कहानी  || kaleja dhadakna story on idiom in Hindi

दोस्तो एक बार की बात है एक गाव हुआ करता था जहां पर जमशेद नाम का एक आदमी रहा करता था जो की अपने परिवार के साथ रहता था । उसके घर में उसकी पत्नी और दो बेटे थे जो की अभी छोटी अवस्था में थे तो वे पढने के लिए स्कूल जाते थे और इधर जमशेद जो था वह भी घर को चलाने के लिए अपने काम पर जाता रहता था ।

दरसल जमशेद जो था वह एक अध्यापक ही था जो की सरकारी विद्यालय में पढाने का काम करता था । जमशेद काफी नेक आदमी था और वह हमेशा भगवानो की पूजा किया करता था मगर इसी के विपरित वह भुतो को नही मानता था ।

हालाकी बच्चो को कहा जाता है भुत कुछ नही होते है मगर हमारे अनुसार यह जरूर होते है । अगर आप बच्चे है तो कहानी पढने में डरे न क्योकी यह कहानी ।

आगे आपको बता दे की जमशेद भूतो और आत्माओ पर कभी विश्वास नही करता था और जो भी कोई उनसे इस बारे में बात करता था तो वह मानते नही थे । मगर कहते है की समय के साथ सच को मानना ही पड़त है और ऐसा ही एक बार जमशेद के साथ हुआ था ।

दरसल जमशेद जो था वह विद्यालय में पढाने के लिए जाता था मगर अचानक से उसे दूसरे शहर में भेज दिया गया जो की गाव से दूरी पर था इस कारण से जमशेद जो था वह उसी शहर में रहने लगा था और इधर जमशेद की पत्नी और बच्चे अकेले थे तो जमशेद ने अपने पहले वाले शहर में आने की कोशिश में लगा रहा था ।

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तभी एक दिन की बात है जमशेद की पत्नी जो थी वह रात को सो रही थी मगर अचानक से उसे छन छन की आवाज सुनाई देने लगी थी । यानि पैरो में पहने जाने वाली पायल की आवाज सुनाई दी ।

 जिसके कारण से जमशेद की पत्नी ने सोचा की मेरे अलावा तो घर में कोई नही है तो फिर यह सब क्या है । तब जमशेद की पत्नी ने उठ कर देखने की कोशिश की और अपने कमरे से जैसे ही बहार निकली तो उसे एक औरत दिखाई दी थी जो की बड़े दांतो के साथ ही डरावने चेहरे के साथ थी यह सब देख कर जमशेद की पत्नी का कलेजा धड़कने लगा और वह अपने कमरे के अंदर जाकर बैठ गई ।

अब बच्चो को कुछ बता नही सकती थी तो उसी समय अपने पति जमशेद को फोन किया । जमशेद ने फोन उठाया तो उसे पता चला की घर में कोई भूत है और यह जान कर जमशेद को समझ मे नही आया की क्या किया जाए । तभी जमशेद ने अपने दोस्त रामलाल को फोन किया और कहा की तुम और तुम्हारी पत्नी दोनो आज मेरे घर जाओ पता नही घर में कोन है ।

ऐसा कहने पर रामलाल और उसकी पत्नी दोनो जमशेद के घर पर चले गए । और उनके आने के कारण से जमशेद की पत्नी को रात को आराम मिल पाया था ।

अगले ही दिन जमशेद जो था वह भी अपने घर आ गया था और उस दिन के रात के समय की बात है अचानक से जमशेद की आंखे खुल गई और उसने देखा की अभी रात के 12 बजे है और यह देख कर जमशेद सोने लगा था मगर फिर से उसे पत्नी को जैसे छम छम सुनाई दी थी वैसे ही सुनाई दिया

और यह देख कर जमशेद को क्रोध आया और उसने एक लाठी ली और फिर बाहर चला गया वहां पर जाने के बाद में अचानक से जब वह पीछे मुड़ा तो उसके सामने एक डरावना चेहरा था और उसे देखने मात्र जमशेद का कलेजा धड़कने लगा और उसने जोर से चिला दिया जिसके कारण से पत्नी और बच्चे सभी उठ गए ।

कलेजा धड़कना मुहावरे का अर्थ

मगर पत्नी यह सब कुछ समझ गई मगर बच्चो को कुछ नही बताया और रात को सभी इसी तरह से बैठे रहे थे । अब जमशेद को पता चल गया की घर में कोई तो है तो उसने अपने जानकार बाबा को वहां पर बुलाया और उनके आने पर जमशेद को पता चला की घर में भुत है और बाबा ने अब उसे पकड़​ लिया है ।

और फिर बाबा वहारं से चले गए । उस दिन के बाद में जमशेद को पता चला की भूत भी होते है और उस दिन के बाद में जमशेद और उसकी पत्नी को निंद सही तरह से आने लगी थी ।

तो दोस्तो इस कहानी से पता चलता है की भूत होते है मगर यहां पर हम आपको केवल कलेजा धड़कना मुहावरे के अर्थ के बारे में समझाने की कोशिश की है जो की भय के कारण से घबराना होता है । अगर कुछ पूछना है तो कमेंट कर दे ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।