बाल बाँका न होना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

बाल बाँका होना मुहावरे का अर्थ bal banka na hona muhavare ka arth – थोडी सी भी हानी होना

दोस्तो जब कोई व्यक्ति किसी ऐसे कार्य को शुरू करता है जो उसके लिए नया हो । और उसे लग रहा हो की पता नही यह काम सही तरह से होगा की नही । साथ ही वह ऐसा सोचता रहता है की अगर यह सही तरह से नही ‌‌‌चला तो मुझे बहुत नुकसान हो जाता है ।

पर ऐसा कुछ नही होता अगर वह कार्य सही तरह से नही चलता है तब भी उसका नुकसान न हो तो इसे बाल बांका न होना कहा जाता है । इसी तरह से जब जब किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की थोडी भी हानी न हो तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

बाल बाँका न होना का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

‌‌‌बाल बाँका न होना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को मारने की बहुत कोशिश की पर उसके साथ भगवान थे जिन्होने उसका बाल बाँका न होने दिया ।
  • रास्ते से जा रही बस का ऐक्सीडेंट हो गया जिसके अंदर मैं भी था पर मेरा बाल बाँका न हुआ ।
  • तुम्हारे भरोषे में अपने बेटे को तुम्हारे साथ भेज रही हूं इसका बाल बाँका न होना चाहिए ।
  • बम विषफोट के कारण अनेक लोगो की जान चली गई पर मैं उस जगह से पहले कही दूर चला गया जिसके कारण मेरा बाल बाँका न हुआ ।
  • ‌‌‌तुम बेझिझक अपने लडके को मेरे साथ भेज सकते हो मैं उसका बाल बाँका न होने दुगा ।
  • सेठ ने बहुत प्रयास कर लिए पर राम का बाल बाँका न हो सका ।

‌‌‌बाल बाँका न होना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

‌‌‌एक समय की बात है किसी नगर मे एक साधू रहा करता था । साधू बहुत ही ज्ञानी था साथ ही वह बहुत उम्र ले चुका था । जिसके कारण से उसे बहुत समय पहले की बातो के बारे मे भी पता था । साधू ईश्वर को अपना गुरू मानता था और उनकी पूजा रात दिन करता था ।

साधू को किसी ‌‌‌प्रकार का लोभ नही था वह कभी भी नही चाहता था की लोग उसे सोने चादी दे । वह तो लोगो से केवल भोजन देने को ही कहा करता था । जिस गाव मे साधू रहा करता था वहा पर उसका बहुत नाम था ।

साधू के पास एक कुटिया थी जिसमे साधू ‌‌‌ने अपने ईश्वर की प्रतिमा बनाकर रखी थी । साथ ही अपने ईश्वर की दिन रात ‌‌‌पूजा करने ‌‌‌मे ही लगा रहता था । धिरे धिरे साधू के बारे मे लोगो को पता चला की साधू बहुत ज्ञानी है इस कारण से गाव के लोग साधू से ईश्वर की लिलाओ की कथा सुनने के लिए जाने लगे थे ।

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जब लोग साधू के पास ‌‌‌आते तो वह अपना कर्तव्य समझ कर लोगो को भी ईश्वर भग्ति मे लिन होने को कहता था । साथ ही लोगो को ईश्वर की ‌‌‌लिलाओ की कथा सुनाने लगा था ।

इसी तरह से एक दिन की बात है तब साधू के पास गाव के कुछ लोग बैठे थे जिन्होने साधू से कहा की साधू महाराज आप हमे कोई ऐसी लीला की कथा सुनाए जिसके कारण से हमे ज्ञात हो की जो भी ईश्वर पर भरोसा करता है या फिर उनकी पूजा करता है उन्हे ईश्वर कुछ नही होने देते है ।

यह सुन ‌‌‌कर साधू ने कहा की हां बिल्कुल यह बात सत्य है जो लोग ईश्वर की पूजा करते है उन्हे ईश्वर कभी भी कुछ नही होने देता है । ऐसा कहते हुए साधू ने कहा की मैं आपको एक कहानी के द्वारा यह समझाता हूं । तब साधू ने कहा………… एक समय की बात है किसी नगर मे अनेक लोग रहा करते थे ।

जिस नगर के वे लोग थे ‌‌‌वहा पर आधे से ज्यादा लोग भगवान शिव की पूजा करते थे । उस गाव मे शिव की पूजा इस तरह से होती थी की जब भी पूजा का समय होता तो गाव के लोग मंदिर मे इखट्ठा हो जाते और पूजा करते थे ।

जब पूजा हो जाती तो लोग शिव के दर्शन कर कर उनसे आर्शिवाद लेकर अपने घर चले जाया करते थे । फिर वे भोजन बनाकर अपना ‌‌‌पेट भरते थे । साथ ही अगर ‌‌‌कोई व्यक्ति उस गाव से कही चला जाता तो वह आस पास के मंदिरो मे जाता और भगवान शिव के मंदिर को देख कर पूजा करता फिर भोजन करता था ।

अगर किसी को भगवान शिव का मंदिर नही मिलता तो वह भोजन भी नही करता था । इस तरह का गाव होने के कारण से उस गाव पर कभी भी कोई मुसीबत नही आई । साथ ‌‌‌ही गाव के लोगो का जीवन बहुत ही अच्छी तरह से चल रहा था ।

इसी तरह से एक बार गाव के कुछ लोगो ने सोचा की वे कैलाश जाकर भगवान शिव के स्थान का दर्शन करकर आएगे । जब इस बारे मे वे लोग बाकी के लोगो से बात करने लगे तो सभी लोगो को लगा की हां हम भी कैलाश जाएगे और शिव के दर्शन कर कर आएगे । ‌‌‌

जब गाव के लोग कैलाश जाने के लिए तैयार हो गए तो दो दिन बा‌‌‌द गाव मे दो बडी बस आई जिसमे गाव के जो भी लोग कैलाश जा रहे थे वे सभी बैठ कर जाने लगे थे । साथ ही रास्ते मे जाते समय लोगो ने जोर जोर ‌‌‌से भगवान शिव का जयकारा बोलने लगे थे ।

 इस तरह से बसो को बहुत समय हो गया और अब वे सभी रास्ते मे ‌‌‌ही थे । तभी अचानक एक बस का ऐक्सीडेंट हो गया । जिसके कारण से बस मे जो लोग थे वे सभी घबरा गए और बोलने लगे की महादेव महादेव ।

इस तरह से जब बस कुछ समय के लिए ठैर गई जिसके कारण से सभी लोग बस से बाहर आ गए । बस से बाहर आकर जब उन्होने बस को देखा तो बस की बहुत बूरी हालत हो चुकी थी । ‌‌‌जब सभी लोग बस से ‌‌‌बाहर आ गए तो बस जाकर खाई मे गिर गई । ‌‌‌

तब लोगो ने सोचा की बस की हालत किस तरह की हो गई थी और हमारे जरा सी चोट नही आई । ‌‌‌यह देख कर सभी लोग भगवान शिव की जय जय बोलने लगे थे । इतने में पिछे से उनके गाव की एक बस और आ गई ।

जिसके रूकने के कारण गाव के लोग बस मे जो लोग थे उन्हे यह लिला बताने लगे थे । यह सब सुन कर गाव के बाकी लोगो ने कहा की अगर बस की हालत इस तरह की हो गई थी तो आपको भी चोटे आनी चाहिए ‌‌‌थी ।

तब उस बस‌‌‌ ‌‌‌मे बैठे कुछ लोग बोले की जिनके साथ ईश्वर होता है उनका बाल बांका नही हो सकता है । यह सुन कर बाकी लोग भी बोलने लगे की हां यह सब महादेव की कृपा के कारण ही हुआ है वरना आज हमारा बहुत बुरा हाल होता ।

‌‌‌बाल बाँका न होना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

पर शिव की कृपा से हमार बाल भी बाका न हुआ । इस तरह से फिर सभी लोग उस बस मे किसी तरह से बैठ कर कैलाश जाकर ‌‌‌दर्शन किए और फिर अपने गाव वापस आ गए । यह सब कहते हुए साधू ने कहा की इस कहानी के जरीय यह पता चलता है की ईश्वर अपने भग्तो को जरा भी हानी नही होने देते है ।

इस कहानी को सुन रहे लोगो को भी कहानी का अर्थ समझ मे आ गया जिसके कारण से ‌‌‌उन्होने कहा की यह सब तो ईश्वर की कृपा है । इस तरह से आपको भी इस कहानी ‌‌‌से पता चल गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ थो‌‌‌डी सी भी हानी न होना होता है ।

बाल बाँका न होना मुहावरे पर निबंध || bal banka na hona essay on idioms in Hindi

साथियों आज का वह समय है जिसमें मानव के जीवन में समय समय पर कष्ट और संकट आते रहते है । और ऐसे में मानव जो काम करता है वह काम भी ठप पड सकता है या फिर कुछ हानी हो सकती है और यह आपको पता है ।

अगर इसी तरह से कुछ ऐसा हो जिसके कारण से किसी व्यक्ति का बहुत बड़ा या छोटा सा नुकसान भी हो जाता है तो इसका मतलब  हुआ की उसके लिए इस मुहावरे का प्रयोग नही होगा । वही पर अगर किसी के काम में संकट आने के बाद भी जरा सी हानि तक नही हुई है तो वहां पर इसका प्रयोग हो सकता है और कहा जा सकता है की इसका तो बाल बांका न हुआ । और इस तरह से इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

साथियों ऐसार नही है की आप इस मुहावरे के अर्थ के बारे में नही जानते है क्योकी आपने इस मुहावरे के अर्थ को पहले ही समझ लिया है तो अब आपने इस मुहावरे के वाक्य में प्रयोग के बारे में भी जान लिया है । आशा है की लेख पसंद आया होगा ।

‌‌‌निचे ऐसे मुहावरों की लिंक दी गई है जो ज्यादातर काम मे लिए जाते है ।

हाथ पाँव मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

भैंस के आगे बीन बजाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मिट्टी का माधो मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कलेजे पर पत्थर रखना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंगद का पैर होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रायोग

अंधे के हाथ बटेर लगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एक हाथ से ताली नहीं बजती मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कच्चा चिट्ठा खोलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

घड़ों पानी पड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कुत्ते की मौत मारना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चाँद पर थूकना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चूना लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

डूबते को तिनके का सहारा मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ठगा सा रह जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

तलवे चाटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

तीन तेरह करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

बिजली गिरना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

दाँत खट्टे करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

मक्खन लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

ओखली में सिर देना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

हाथ पीले करना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

चिकना घड़ा होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

आँख लगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

बीड़ा उठाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

थूक कर चाटना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एक और एक ग्यारह होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

थाली का बैंगन होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एड़ी चोटी का जोर लगाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

नाक रगड़ना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।