घमंड में चूर होना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

घमंड में चूर होना मुहावरे का अर्थ ghamand me chur hona muhavare ka arth – अभिमान का अंत होना

दोस्तो जब कोई मनुष्य किसी कारण अपने आप पर घमंड करने लग जाता है । तो वह सामने कोन है इसकी परवाह भी नही करता है । पर कभी कभी उसके सामने ऐसा कुछ आ जाता है जो उसके घमंड होने के कारण को समाप्त ‌‌‌कर देता है ।

जैसे अगर किसी को अपने पैसो के कारण घमंड है तो कभी कभी उसके सामने ऐसे लोग आ जाते है जो उससे भी धनवान हो तब उनके सामने उनके पैसो का कोई मोल नही रहता है । इस तरह से जब कभी किसी का घमंड नष्ट हो जाता है या अभिमान का अंत हो जाता है तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है ।

घमंड में चूर होना का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

घमंड मे चुर ‌‌‌होना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • राघव ने बडे बडो का घमंड मे चुर कर दिया तुम क्या चिज हो ।
  • ज्ञानराम अपने आप को ज्ञानी समझता था पर अध्यापक के एक प्रशन ‌‌‌पूछने पर जब उसे नही आया तो वह घमंड मे चुर हो गया ।
  • रावण अपने आप को सबसे बलवान मानता था पर जैसे ही राम ने उसका अंत किया तो वह घमंड मे चुर हो गया ।
  • विकाश को सभी ज्ञानी कहते थे जिसके कारण से ‌‌‌उसे अपने  ‌‌‌आप पर घमंड हो गया था । पर जैसे ही दसवी कक्षा मे उससे ज्यादा नम्बर राम ने ले लिए तो उसका घमंड मे चुर हो गया ।
  • सुनिल को अपने आप पर बहुत घमंड था पर जैसे ही राघव उसके सामने आया तब सुनिल का घमंड मे चुर हो गया ।
  • ‌‌‌परमवीर अपने आप को बहुत बलवान समझता था पर जब से वह कर्मवीर से हार गया है तब से उसका घमंड मे चुर हो गया ।
  • एक बार तुमसे टकर करने वाला मिल जाए ‌‌‌तुम्हारा घमंड मे चुर न हुआ तो बता देना ।

‌‌‌घमंड मे चुर होना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे एक सेठ रहा करता था । सेठ के पास धन दोलत की कोई कमी नही थी । साथ ही वह बहुत ही ज्ञानी था । इस कारण से वह निरन्तर अपने धन को बढाने की सोच रखता था । इसी कारण से वह अपने सारे रोजगार दिन रात चलाता था ।

जिसके कारण से वह बहुत ‌‌‌धनवान हो गया था । सेठ के घर मे उसके माता पिता और सेठ का बेटा रहा करता था । सेठ की पत्नी की मृत्यु एक बीमारी के कारण हो गई थी । उस समय सेठ के पास इतना धन नही था जिसके कारण से वह अपनी पत्नी का इलाज शहर जाकर नही करा ‌‌‌सका ।

इलाज सही समय पर न होने के कारण से ही सेठ की पत्नी की मृत्यु हो गई थी । ‌‌‌इसी बारे मे सोच सोच कर सेठ इस तरह से अपना काम करने लगा जिसके कारण से वह अत्यधिक धनवान हो गया था ।

अब वह जिस गाव मे रहता था उस गाव मे सबसे धनवान आदमी बन गया था। जिसके कारण से वह जब भी कही जाता तो ‌‌‌सीना तान कर जाता । साथ ही लोगो से भी इसी तरह से बात करता और कहता की मेरे पास पैसे है मैं जो चाहूं ‌‌‌वह कर सकता हूं ।

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क्योकी गाव के लोगो के पास तो इतने ही पैसे होते थे की वे अपना पेट आराम से भर लेते । इस कारण से वे लोग भी सोचते की हम सेठ की बराबरी नही कर सकते है । ऐसा सोच कर गाव के लोग सेठ के साथ बहस नही किया करते थे ।

सेठ का एक मित्र था जो उसी गाव मे रहा करता था । उस मित्र का एक बेटा था ‌‌‌जिसका नाम ‌‌‌जीवनलाल था । वह बहुत ही पढा लिखा था इस कारण से वह शहर मे काम करने के लिए गया हुआ था । उसे शहर मे बहुत ही अच्छी जोब मिल गई थी जिसके कारण से वह प्रति महीने अपने घर पैसे भेज देता था ।

साथ ही सेठ का मित्र यानि ‌‌‌जीवनलाल का पिता अपने खेत मे काम करता था । इस तरह से ‌‌‌जीवनलाल को नोकरी करते हुए ‌‌‌15 वर्ष हो गए थे । और इतने वर्षो मे जो भी ‌‌‌जीवनलाल कमाता वह बैंक मे जमा करा देता था ।

जिसके कारण से उसके पास अब काफी पैसे हो गए थे । 15 वर्षो के ‌‌‌बाद जब ‌‌‌जीवनलाल अपने गाव आया तो उसने अपने घर को तोड फोड कर एक सानदार बिल्डिंग बना ली थी । जैसी उस गाव मे किसी के पास नही थी ।

इस तरह से फिर जो भी देखता ‌‌‌तो वह कहता की आज के समय मे सेठ से भी बढकर धनवान ‌‌‌जीवनलाल है । तब ‌‌‌जीवनलाल के पिता ने एक दिन उसे बताया की बेटा मेरा एक दोस्त है जो गाव का सेठ है । तब ‌‌‌जीवनलाल ने कहा की हां मैं उसे जानता हूं ।

तब उसके पिता ने कहा की उसके पास अब बहुत धन है जिसके कारण से वह अपने आप पर बहुत घमंड करता है । साथ ही ‌‌‌पैसो के कारण वह मुझसे दूर हो गया है । तब उसके पिता ने यह भी कहा की बेटा तुम कभी इस तरह से न बन जाना ।

चाहे तुम्हारे पास कितने भी पैसे आए पर तुम अपने आप पर घमंड मत करना । यह सुन कर ‌‌‌जीवनलाल ने कहा की पिताजी ऐसा कभी नही होगा । ‌‌‌अगले दिन जीवन गाव मे घुमंने के लिए गया तो उसने देखा की सेठ जा रहा है और वह किसी को अपने पास तक नही आने देता है ।

अगर उस पर जरा सी भी मिट्टी पड जाती है तो वह गालिया देने लग जाता है । इस तरह से देख कर जीवन को लगा की पैसे ने इसे किस तरह का बना दिया है । इस तरह से सोचते हुए फिर जीवन ‌‌‌वहा से चला गया था ।

इस तरह से एक महिने बाद की बात है सेठ को गाव मे कुछ काम करना था जिसके लिए जीवन की परमिशन की जरूरी थी । क्योकी वह एक सरकारी करमचारी ‌‌‌था और वह गाव उसके ही अंडर मे आता था ।

इस कारण से फिर सेठ उससे परमिश्न लेने के लिए जब उसके पास गया तो सेठ उससे भी दूर बैठता और कहता की आप इस ‌‌‌पर साईन कर दो । तब जीवन ने देखा तो पता चला की यह जिस काम के लिए साईन करा रहा है वह ‌‌‌काम इस जगह पर नही हो सकता है ।

‌‌‌घमंड मे चुर होना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

तब उसने सेठ को मना कर दिया । तब सेठ ने कहा की तुम चाहो तो पैसे ले लो फिर साईन कर दो । यह सुन कर जीवन ने कहा की तुम कितने भी पैसे दे दो मैं साईन नही करूगा । तब भी सेठ ने जीवन को पैसो ‌‌‌का लालच देना नही छोडा ।

जब आखिर मे जीवन ने सेठ को धक्के मार कर वहा से निकाला तो सेठ को बहुत बुरा लगा । जैसे ही वह जीवन की ऑफिर से बाहर निकला तो लोग बात करने लगे की यह जीवन को खरीद कर काम करा रहा था इस कारण से जीवन ने इसे धक्के मार कर निकाल दिया ।

जब इस तरह से अपना अपमान सेठ ने देखा तो सेठ ‌‌‌को पता चल गया की जीवन को खरीदना बहुत ही मुश्किल है । उस दिन के बाद मे सेठ का घमंड चुर हो गया । जैसे ही सेठ गाव पहुंचा तो लोग भी इस बारे मे बात करते हुए उसे सुनाई दिए की सेठ अपने आप पर बहुत घमंड करता था की उसके पास पैसे है वह कुछ भी कर सकता है ।

पर जब आज ‌‌‌उसे जीवन ने उसे धक्के मार कर निकाल दिया तब ‌‌‌सेठ घमंड मे चुर हो गया । इस तरह से फिर सेठ भी कभी अपने पैसो की बात लोगो के सामने नही करता था । साथ ही उसका घमंड नष्ट हो जाने के कारण वह फिर अपना जीवन साधारण तरह से बिताने लगा था । इस तरह से आपको इस कहानी से पता चल गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

घमंड में चूर होना मुहावरे पर निबंध || ghamand me chur hona essay on idioms in Hindi

दोस्तो यह मुहावरा समझना काफी आसान है क्योकी आपको पता हैकी घमंड को अभिमान कहा जाता है और जब घमंड चूर हो जाता है तो जाहिर है की यहां पर अभिमान के नष्ट होने की बात होती है और जब अभिमान नष्ट होता है तो इसे अभिमान का अंत होना कहते है और यही इसका अर्थ है ।

क्योकी आपने उपर इतनी अच्छी तरह से पढा है की इस मुहावरे को पूरी तरह से समझ चुके है । अब अगर इसका प्रयोग करना चाहते है तो आपको किसी ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयोग करना होगा जिसका अभिमान का अंत हो चुका है । मतलब वह व्यक्ति पहले अभिमानी था मगर किसी कारण से उसका अभिमान का अंत हो गया है तो आप उसके लिए इसका प्रयोग कर सकते है ।

तो इस तरह से दोस्तो आप घमंड में चूर होना मुहावरे के अर्थ को समझ सकते है ।

‌‌‌निचे ऐसे मुहावरों की लिंक दी गई है जो ज्यादातर काम मे लिए जाते है ।

भैंस के आगे बीन बजाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।