भैंस के आगे बीन बजाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

भैंस के आगे बीन बजाना मुहावरे का अर्थ  bhains ke aage been bajana muhavare ka arth – मुर्ख को समझाने का ‌‌‌प्रयत्न करना ।

दोस्तो जब कोई किसी ऐसे व्यक्ति को समझाने का प्रयत्न कर हर हो जिस पर हमारी बातो का कुछ भी प्रभाव न हो तो ऐसे लोगो को मुर्ख कहा जाता है और मुर्ख को कोई भी बात ‌‌‌समझ मे नही आती है । इस कारण जो उसे समझाने का प्रयत्न करेगा वह सब व्यर्थ मे ही चला जाएगा । इस तरह ‌‌‌के मुर्ख लोगो को समझाने को ही भैंस के आगे बिन बजाना कहा जाता है ।

भैंस के आगे बीन बजाना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌तुम्हे समझाना तो भैंस के आगे बिन बजाने के समाना है ।
  • इसे समझाते समझाते हम तो थक गए है पर इसे कुछ भी समझ मे नही आया इसे भैंस के आगे बिन बजाना ही कहते है ।
  • इसने एक बार कह दिया न की यह काम करेगा ही फिर इसे कितनी बार भी समझा दो यह वह करकर ही मानेगा सच कहा है भैंस के आगे बिन बजाने से उसे कुछ ‌‌‌समझ मे नही ‌‌‌आता।
  • तुम्हे कितना समझाया की इसे इस तरह से नही करते फिर भी तुम्हे कुछ समझ मे नही आया सच कहा है की भैंस के आगे बिन बजाना व्यर्थ है।
  • ‌‌‌राजेश को तो समझाना भैंस के आगे बिन बजाने जैसा है इस कारण हमे चुप रहना चाहिए ।
  • महावीर को हमने कितनी बार समझाया की हमारे साथ मत आओ आखिर भैंस के आगे बिन जाने से हो क्या सकता है ।

भैंस के आगे बीन बजाना मुहावरे पर कहानी Idiom story

एक समय की बात है किसी नगर मे महेश नाम का लडका रहता था । उसके घर मे उसके पिता और उसकी माता रहती थी । महेश के पिता गाव के अच्छे लोगो मे से एक थे इस कारण लोग उन्हे समान देते थे । महेश के पिता अमीर तो नही थे पर लोगो की सेवा करते रहते थे । और मजदुरी कर कर अपना और अपने परिवार का पेट भरते ‌‌‌थे । इस तरह से उनका घर चलता था ।

महेश के पिता ने उसे पढने के लिए विधालय भी भेजा था पर वह स्कुल मे नही जाना चाहता था । इस कारण से उसके पिता ने उसे फिर कभी भी विधालय नही भेजा था । जिसके कारण महेश बहुत ही भोला रह गया था । अगर कोई उसे कुछ कहे तो उसे कुछ भी समझ मे नही आता था ।

जिसके कारण ‌‌‌उसके पिता बहुत ही चिंतित होते थे की यह अपना पेट कैसे भरेगा । तब महेश की मां ‌‌‌उनसे कहती की अभी तो यह बच्चा है बडा होगा तो समझने लग जाएगा । इस तरह से महेश की मां उसका साथ देती थी । धिरे धिरे महेश बडा हो गया और उसकी मां की मृत्यु हो गई थी ।

इस कारण से महेश के पिता ही उसके पास रहते थे । महेश ‌‌‌बडा हो जाने के कारण उसके पिता ने उसे अपने साथ काम पर ले जाना ‌‌‌शुरु कर दिया था । महेश मे बहुत ‌‌‌बलवान था इस कारण से वह आसानी से ‌‌‌किसी भी काम कर लेता था ।

अगर कोई उसे कह देता की तुम जल्दी जल्दी काम करो तो वह काम कर कर थक जाता था । तब एक दिन महेश के पिता ने उसे समझाया की तुम लोगो की बातो मे मत आया करो ‌‌‌आराम से काम करते रहा करो ।

इस तरह से समझाने के कारण महेश समझ गया था पर जब भी लोग उससे कहते तो वह फिर से उसी तरह से करने लग जाता था । एक बार की बात है महेश काम करने के लिए गाव के सेठ के पास जाने लगा था । जो बहुत ही लालची था इस कारण से उसके पिता ने उसे बहुत समझाया की उसके पास काम करने के लिए मत ‌‌‌जाया करो ।

साथ ही महेश के आस पास के लोगो ने भी उसे बहुत समझाया फिर भी वह सेठ के पास काम करने के लिए जाता था । इस कारण से लोगो को समझ मे आ गया की महेश को समझाना तो भैंस के आगे बिन बजाना है । अब महेश और बडा हो गया था और उसके पिता की उर्म भी बड गई थी इस कारण से वे काम नही करते थे ।

तब महेश ही काम ‌‌‌करता और अपने पिता का पेट भरता था । एक दिन की बात है सेठ के पास काम कर रहे महेश से सेठ ने कहा की तुम वह काम करो । तब उसने सेठ से कह दिया की हां मे वह काम कर दुगा । पर जब वह काम करने लगा तो उससे वह काम नही हुआ ।

तब ‌‌‌महेश ‌‌‌को सेठ ने समझाया की इस तरह से यह काम होता है । सेठ के समझाने के कारण फिर से ‌‌‌महेश काम करने ‌‌‌लगा था । पर अब भी उसे समझ मे नही आया था की इस काम को किस तरह से करते है ।

इसी तरह से सेठ ने उसे कई बार समझाया फिर भी उसे समझ मे नही आया । तभी गाव का एक आदमी सेठ के पास आया और उसने सेठ से ‌‌‌कहा की सेठजी आप क्या कर रहे हो । तब सेठ ने कहा की कुछ नही भाई मे इसे कब से समझा रहा हूं की इसे इस तरह ‌‌‌से करते है पर इसे तो कुछ समझ मे ही नही आ रहा है ।

भैंस के आगे बीन बजाना मुहावरे पर कहानी Idiom story

तब उस आदमी ने कहा की सेठ जी भला भैंस के आगे बिन जाने से कोई फायदा हुआ है । यह तो जो काम जानता है वही कर सकता है । उस आदमी के ऐसे कहने पर सेठ को समझ मे आ गया की यह तो ग्वार है और मे इसे पढाई की बाते बता रहा हूं । भला यह इसे कैसे समझ मे आएगी ।

उसके ‌‌‌बाद सेठ उससे वही काम करवाता था जो वह जानता था । इस तरह से सेठ को पता चल गया की ग्वार लोगो को पढाई की बाते बताना भैंस के आगे बिन बजाने के समान है । इस तरह से आपको समझ मे आ गया होगा की इस कहानी का अर्थ क्या है ।

‌‌‌भैंस के आगे बिन बजाना मुहावरे पर निबंध Essay on idiom

साथियो जिस तरह से एक ‌‌‌सपेरा भैंस के आगे बिन जाने के लिए बैंठ जाता है तो उसके कुछ भी समझ मे नही आता और वह अपना सिर हिलाती रहती है । कभी वह अपना सिर उपर करती है तो कभी निचे करती है । पर उसे समझ मे कुछ नही आता ।

कलेजे पर पत्थर रखना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अंगद का पैर होना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रायोग

अंधे के हाथ बटेर लगना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

एक हाथ से ताली नहीं बजती मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कच्चा चिट्ठा खोलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

अगर वही ‌‌‌सपेरा एक सर्प के ओग ‌‌‌बिन बजाता है तो उस सर्प को समझ मे आ जाता है की यह मुझसे क्या कहना चाहता है । तब उस सपेरे को समझ मे आता है की भैंस के आगे बिन बजाना व्यर्थ होता है । इसी तरह से यहां पर मुर्ख लोग भैंस है और उनके सामने सपेरे ‌‌‌वे लोग है जो उन्हे कुछ समझाने का प्रयास कर रहे है ।

अगर मुर्ख लोगो को समझाया जाए तो उसे ‌‌‌कुछ भी समझ मे नही आता । इस तरह से आप समझ गए होगे की इस मुहावरे का अर्थ क्या है ।

भैंस के आगे बीन बजाना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of bhains ke aage been bajana in Hindi

दोस्तो आपको पता है की बीन जो होती है वह एक तरह की बांसुरी होती है जिसका उपयोग सांप को समझाने के लिए किया जाता है । मतलब बीन को बाजकर सांप को समझाया जाता है

और फिर सांप को अपने अनुसार कार्य करवाया जाता है । तो इसका मतलब हुआ की बीन किसी को समझाने के लिए बजाई जाती है । मगर बीन से केवल सांप के लिए होती है

अगर हम भैंस के सामने अगर बीन को बजाया जाता है तो वह इसे नही समझ पाएगी और यही कारण है की bhains ke aage been bajana उसे दर्शाता है जब हम भैंस को समझाने का प्रयास करते है । क्योकी भैंस समझ नही पाती है तो उसे मुर्ख माना जाता है

और इसका मतलब हुआ की bhains ke aage been bajana मुर्ख को समझाने का प्रयास करने के समान होता है । और यही कारण होता है की bhains ke aage been bajana muhavare ka arth – मुर्ख को समझाने का ‌‌‌प्रयत्न करना ही होता है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।