धाक जमाना मुहावरे का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

धाक जमाना मुहावरे का अर्थ dhak jamana muhavare ka arth – रंग जमाना या प्रभाव जमाना

दोस्तो जब किसी व्यक्ति का अपने नगर मे या कही पर भी बोलबाला होता है यानी उस व्यक्ति ‌‌‌का प्रभाव होता है वह जैसा कहता है वैसे ही लोग करते है । या उसकी ही बाते होती रहती है । इस तरह से उस व्यक्ति ‌‌‌का उस नगर मे रंग जम गया है या कह सकते है की उस व्यक्ति का प्रभाव उस नगर मे है । इस तरह से जब किसी व्यक्ति ‌‌‌का किसी भी कारण से कही पर प्रभाव या रंग जमा हुआ ‌‌‌हो तो इसे धाक जमाना कहा जाता है ।

धाक जमाना मुहावरे का मतलब और वाक्य मे प्रयोग

धाक जमाना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • योगी आदित्यनाथ के कार्यो के कारण से यूपी मे ही नही बल्की ‌‌‌अनेक राज्य मे उनकी धाक जमी हुई है ।
  • अजय देवगन ने फिल्मी दुनिया मे अपनी धाक जमा रखी है ।
  • मधुर भाषणो के कारण से उनकी चारो और धाक जम गई है ।
  • रामप्रशाद ने अपने सरल स्वभाव व लोगो की बुरे समय मे मदत कर कर धाक जमा ली ।
  • बहादूर ने गाव के लोगो की इस तरह से मदत की जिसके कारण उसकी आस पास के गावो ‌‌‌में भी धाक जम गई ।
  • राजासुर्यकान्त ने शत्रुओ को इस तरह से पछाडा की हर किसी के मन मे उन्होने धाक जमा ली ।

धाक जमाना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

एक बार की बात है किसनगड नाम का एक गाव था । उस गाव मे अनेक तरह के लोग रहा करते थे । गाव बहुत ही शांत स्वभाव का था । वहा पर ऐसा कोई भी नही था जो आपस मे झगडा करते ‌‌‌थे ‌‌‌यानि सभी लोग एक दुसरे से प्रेम भाव रखते थे ।

गाव का हर सदस्य अपना कर्तव्य समझ कर अपने गाव के विकाश के लिए कुछ योगदान देता था । जिसके लिए सभी पैसे देते थे अगर किसी के पास पैसे न होते तो वह गाव के किसी कार्य मे ऐसे ही काम करा देता था ।

इस तरह के सहयोग के कारण से उस गाव का विकाश बहुत उपर जा रहा था । जिसे देख कर हर कोई सोचता की ‌‌‌उस गाव को ही सरकार सारी सुविधा देता है क्या । उस गाव मे एक सेठ रहा करता था ।

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सेठ के पास धन की कोई कमी नही थी फिर भी वह अपने गाव के विकाश मे सहयोग नही देता । जिसके कारण से सेठ के बारे मे लोग ज्यादा कुछ बाते नही करते थे । उस सेठ का एक बेटा था जो सेठ के बिल्कुल उलटा था ।

यानि ‌‌‌वह ‌‌‌गाव के लोगो की मदत करने के लिए हमेशा ही अपने पिता से बाते करता था । पर उसका पिता उसे कहता की बेटा गाव के लोगो की मदत करने मे कुछ भी नही है । इस तरह से फिर आखिर मे सेठ के बेटे को पता चल गया की पिताजी तो गाव के लोगो की मदत नही करते है । और वे न ही मुझे करने देगे ।

इस तरह से फिर उसने सोचा की ‌‌‌की मैं इस बार सरपंच के पद पर खडा हो जाउ जिसके कारण से जब मैं जीत जाउगा तो लोगो की मदद करूगा ताकी मेरा नाम गाव मे छा जाए । इस तरह से फिर जब सरपंच के चुनाव आए तब उसने अपने पिता से कहा की पिताजी मैं इस बार सरपंच मे खडा होना चाहता हूं । तब उसके पिता ने कहा की बेटा तुम क्यो इस तरह से राजनीतिक मे ‌‌‌जा रहे हो ।

हमारे पास किस चिज की कमी है जो तुम ऐसा कर रहे हो । अपने पिता की बात सुन कर सेठ का बेटा बहुत ही उदास हो गया । फिर उसने किसी तरह से चुनाव मे अपना नाम तो लिखवा दिया था ।

जब इस बारे मे सेठ को पता चला तो सेठ ने सोचा की अगर अब इसे जिताने के लिए मैंने कुछ नही किया तो लोग ऐसा सोचेगे ‌‌‌की सेठ के पास इतने रूपय होने के कारण भी उसने अपने बेटे को जीताने के लिए कुछ नही किया ।

इस तरह से सोच कर फिर सेठ ने अपने बेटे को गाव के लोगो के वोट इखट्ठा करने के लिए कहा । तब सेठ को उसके बेटे ने कहा की पिताजी अगर मैं गाव के लोगो की मदत करूगा तब ही वे मुझे वोट देगे ।

ऐसा कहने पर सेठ ने ‌‌‌अपने बेटे को पैसे दे दिए । जिसके बाद मे सेठ का बेटा लोगो की मदत करने लगा था साथ ही कहता की अगर आपने मुझे वोट दिया तो मैं आपकी इसी तरह से मदत करूगा ।

इस तरह से फिर सेठ गाव का विकाश कराने मे लग गया था । जिसके कारण से गाव के लोगो को लगने लगा की दुसरे किसी गाव के लोगो को वोट देने से अच्छा है ‌‌‌अपने गाव के किसी व्यक्ति को वोट दिया जाए ।

इस तरह से सोच कर गाव के लोगो ने सेठ के बेटे को वोट देकर विजय कर दिया था । जिसके कारण से फिर सेठ के बेटे ने गाव के लोगो ‌‌‌का बहुत बहुत धन्यवाद किया और कहा की अब से मैं हमारे गाव का विकाश करने मे लगूगा और साथ ही किसी को जब भी मदत चाहिए तो वह मेरे ‌‌‌पास आ सकता है ।

इस तरह से सेठ के बेटे को सरपंच बने हुए एक महिना हो गया था । तब उसने गाव मे जो भी सुविधा नही थी वह सभी गाव के लिए सरकार की तरफ से लाकर दे दी। साथ ही गाव के हर घर मे अच्छे अच्छे कार्य किए ।

जिसके कारण से गाव का हर कोई उसे बहुत अच्छा मानने लगा था । साथ ही गाव के लोग कहने लगे की ‌‌‌आज तक सरपंच तो बहुत हुए पर सेठ के बेटे की तरह नही हुए । वह लोगो से पूछ पूछ कर उनका काम ‌‌‌करता है ।

जब इस तरह से सेठ के बेटे ने अपनी ही बाते गाव के लोगो से सुनी तो उसने सोचा की अगर मैं मेरी पंचायत मे आने वाले बाकी गाव मे भी विकाश करूगा तो हर गाव मे मेरी धाक जमा लूगा । इस तरह से सोच कर सेठ का बेटा ‌‌‌इसी तरह से बाकी गाव का विकाश करने मे लग गया ।

धाक जमाना मुहावरे पर कहानी muhavare par kahani

 जिसे देख कर उन गाव के लोगो मे भी बात हो गई की यह तो बडा अच्छा सरपंच है इसे हमने वोट भी नही दिया फिर भी यह हमारे गाव मे हमारे घरो मे काम करवाने के लिए सरकार से मदत दिलवा रहा है ।

 इसी तरह से जब तक फिर से वोट नही पडने लगे थे तब तक सेठ का बेटा इसी ‌‌‌तरह से लोगो की मदत करता रहा था । जिसके कारण से उसे आस पास के गाव के लोग भी जानने लगे थे ।

तब सेठ के बेटे के गाव के लोग कहने लगे की यह तो बहुत ही अच्छा और नेक दिल आदमी है इसी कारण से तो इसने सभी गावो मे काम करा कर अपनी धाक जमा ली । तब कुछ लोग कहते की इसने अब ऐसा किया है तो इसे फिर कोई भी सरपंच ‌‌‌मे नही हरा पाएगा ।

इसी तरह से फिर यही हुआ जब तक सेठ का बेटा सरपंच के लिए खडा होता तो उसके अलावा और कोई भी जितना नही । इस तरह से फिर सेठ के बेटे का नाम आस पास के गाव मे बच्चे बच्चे जानने लगे थे । इस तरह से आपको इस कहानी से पता चल गया होगा की इस मुहावरे का अर्थ प्रभाव जमाना या रंग जमाना होता है।

धाक जमाना मुहावरे पर निबंध || dhak jamana essay on idioms in Hindi

साथियों अगर आज के समय में किसी व्यक्ति का प्रभाव होता है तो वह जैसा कहता है वैसे ही होता है । जैसे की चुनाव का समय चल रहा है तो आपको पता है की जब कोई बड़ा आदमी जिसकी बात लोग मानते है तो जाहिर है की लोगो के बिच में उसका प्रभाव जमा हुआ है । और ऐस में वह व्यक्ति जिस नेता का साथ देता है वही पर जंता भी उसी का साथ देती है और यह प्रत्येक गाव, शहर में होता है ।

तो इसका मतलब हुआ की अगर कोई ऐसा व्यक्ति है तो उसका गाव में या शहर में रंग जमा हुआ है या प्रभाव जमा हुआ है ।

अगर कोई इस तरह से प्रभाव जमाना चाहता है की लोग उसकी इज्जत करे और उसकी बात करे तो उसे कुछ नेक काम करने होगे जो की लोगो को पसंद आ जाए और इस तरह से रंग जमाना या प्रभाव जमाना को ही धाक जमाना कहते है और यह तो आपने उपर पढा ही है ।

‌‌‌निचे ऐसे मुहावरों की लिंक दी गई है जो ज्यादातर काम मे लिए जाते है ।

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Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।