कच्चा चिट्ठा खोलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कच्चा चिट्ठा खोलना मुहावरे का अर्थ kachcha chittha kholna muhavare ka arth – गुप्त भेद खोलना

दोस्तो जब कोई किसी के बारे मे ऐसी बात सबके सामने ला देता है जो गुप्त हो यानि जो लोगो से छुपी हो । तो ऐसी बाते अगर कोई लोगो के सामने लोने की कोशिश कर रहा हो और समय आने पर वह लोगो के ‌‌‌सामने ला देता है । तो इस तरह से गुप्त बातो को किसी के सामने लोने को ही कच्चा चिट्ठा खोलना कहते है ।

कच्चा चिट्ठा खोलना मुहावरे का अर्थ और वाक्य मे प्रयोग

कच्चा चिट्ठा खोलना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌जब तुम्हारा कच्चा चिट्ठा सबके सामने खुलूगा तब तुम्हे पता चलेगा की तुमने ‌‌‌मैंरे साथ झगडा कर कर क्या किया है ।
  • भाई यह तो चाहता ही है की हम दोनो लडे और अपना ही कच्चा चिट्ठा दुनिया के सामने खोल दे ।
  • समय के साथ साथ हर किसी का कच्चा चिट्ठा खुल जाता है ।
  • रमेश ने तुम्हारा कच्चा चिट्ठा हमारे सामने खोल ‌‌‌है अब तुम हमे बेवकूफ नही बना सकते हो ।
  • जब तक तुम इस मिशन को पूरा नही कर पाते हो तुम्हारा कच्चा चिट्ठा लोगो के साने न आए तो अच्छा है ।
  • एक लडके ने आपका कच्चा चिट्ठा लोगो के सामने खोल दिया है अबकी बार आप चुनाव मे नही जित पाओगे ।
  • आखिर कमिश्नर के सामने उसके ही ओफिसर का कच्चा चिट्ठा खुल ही गया।

कच्चा चिट्ठा खोलना ‌‌‌मुहावरे पर कहानी Idiom story

प्राचिन समय की बात है किसी नगर मे ‌‌‌घनश्याम और धर्मवीर नाम के दो आदमी रहते थे । वे दोनो ही बहुत धनवान थे और लोगो मे उनका नाम भी बहुत था । इस कारण से लोग उनके पास ही जाते थे और उनसे ही मदद मागते थे । पर वे दोनो लोगो की मदद न कर कर उनका फायदा उठाते और उन्हे ही हडप लेते थे ।

‌‌‌इस तरह से वे दोनो लोगो को हडपते रहते थे और लोगो को उनके बारे मे पता भी नही था । वे दोनो इतने पक्के मित्र थे की लोग भी उनकी मित्रता की मिसाल देते थे । ‌‌‌जब भी कोई आपस मे ‌‌‌झगडता तो गाव के लोग धर्मवीर और घनस्याम की तरह रहना चाहिए ऐसा कहते थे ।

उसी गाव मे एक मुखिया रहता था जो लोगो की मदद करता था । धर्मवीर उसी मुखिया का बेटा था । इसी कारण से गाव के लोग उसे ज्यादा मनते थे । जब मुखिया मर गया तो वह गाव का मुखिया बन गया था और लोगो की मदद करने के बाहने उनसे ही काम कराता था ।

अगर धर्मवीर लोगो से कुछ कह देता था तो लोग उसकी बातो पर आंख मिच कर विश्वास कर लेते थे । यही कारण था की धर्मवीर को ‌‌‌लोगो को ठगने मे बढावा मिलता रहता था । उस गाव मे कोई भी पडा लिखा नही था पर समय के साथ कुछ लडके ही गाव मे पढे थे ।

उनमे से ही एक महावीर था जो बहुत ही होसिया था । एक बार की बात है महावीर का किसी के साथ झगडा हो गया था । तो वह मुखिया के पास गया और अपने झगडे का निवारण करवाने लगा था । तब धर्मवीर ‌‌‌का फैसला सुनकर महावीर को लगा की यह लोगो को ठगता है । ‌‌‌साथ ही धर्मवीर को ही वहां पर गलत ठहराया गया था ।

इस कारण से उसने सोचा की क्यो न इसका कच्चा चिट्ठा लोगो को सामने ला दू । इसी कारण से धर्मवीर उसमे पास काम मागने के बाहने उसके पास जाने लगा था । जिसके कारण एक दिन धर्मवीर ने महावीर को काम दे दिया था । अब धर्मवीर के घर मे ही माहवीर रहता था और ‌‌‌उसके बारे मे जानने लगा । तब उसे पता चला की यह तो लोगो को ठगता है ।

इसी तरह से एक दिन महावीर ने देखा की धर्मवीर और उसका दोस्त घनश्याम दोनो मिलकर लोगो को उल्लू बनाकर उनके खेतो के कागजात माग रहे थे । यह देखकर महावीर को पूरा विश्वास हो गया था की ये लोग लोगो को ठगने मे लगते है ।

तब उसने सोचा की ‌‌‌इनके बारे मे लोगो को बताना ही होगा इसी कारण से उसने कुछ लोगो को कहा तो लोग उसे ही गलत मानने लगे थे । पर जो लडके उसके साथ पढे थे उन्हे उसकी बात मे दम लग रहा था ।

इस कारण से वे सभी महावीर के साथ हो गए थे और योजना बनाने लगे की किस तरह से धर्मवीर और उसके दोस्त घनश्याम का कच्चा चिट्ठा खोले । ‌‌‌तब महावीर और उसके साथ जो लडके थे वे धर्मवीर और घनश्याम के बिच मे फुट डालने लगे थे । जिसके कारण से उनके बिच मे झगडा होने लगा था ।

इसी तरह से एक दिन उन दोनो मे झगडा हो रहा था तो वे दोनो अपने ही बारे मे ‌‌‌सब सच बताने ही लगे थे की उन्हे समझ मे आ गया की कोई है जो हमारे ही मुह से हमारा कच्चा चिट्ठा ‌‌‌खोलना चाहता है । इस कारण से ‌‌‌वे वापस एक साथ हो गए थे ।

कुछ दिनो के बाद वे दोनो गाव के लोगो के पास थे और उन्हे ठगने की कोशिश कर रहे थे । तब ‌‌‌महावीर और उसके साथ जो लडके थे वे धर्मवीर और घनश्याम को एक दुसरे के बारे मे गलत बताने लगे थे ।

उस दिन उन दोनो के बिच मे झगडा इतना बढ गया था की ‌‌‌दोनो ने अपना कच्चा चिट्ठा खोल दिया था । जब उन्होने ‌‌‌अपनी सचाई सब लोगो के सामने ला दी ‌‌‌तब महावीर और उसके साथी ने लोगो से कहा की इन दोनो की सचाई समाने लोने के कारण ही हमने इन दोनो मे झगडा करवाया था ।

कच्चा चिट्ठा खोलना ‌‌‌मुहावरे पर कहानी Idiom story

जिसके कारण आज इन दोनो की सचाई आपके सामने है । इस तरह से लोगो के सामन उन दोनो की सचाई आने से उन्हे ‌‌‌पता चल गया था की ये दोनो ‌‌‌हमे ठगत थे । और फिर गाव के लोग उनके पास मदद मागने के लिए नही जाते थे । इस तरह से आप समझ गए होगे की इस कहानी का अर्थ क्या है ।

कच्चा चिट्ठा खोलना मुहावरे पर निबंध Essay on idiom

साथियो जब किसी के बारे मे बचपन से लेकर आज तक वह है और वह जो काम करता आ रहा है ‌‌‌जो लोगो से छुपा हो अगर वह कोई लोगो के सामने लाने की कोशिश करता है या ला देता है तो इसे ही कच्चा चिट्ठा खोलना कहते है । इस तरह की सचाई मे उनके बारे मे पता चल जाता है की वे क्या काम ‌‌‌करते है और पहले कोन थे ।

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इस तरह से इस मुहावरे का प्रयोग वही किया जाता है जहां कोई किसी की सचाई सामने लाता है चाहे फिर वह सचाई कैसी भी हो । इस तरह से आपको यह तो ‌‌‌समझ मे आ गया होगा की इस मुहावरे का कहां पर प्रयोग होता है ।

और साथ ही दोस्तो ‌‌‌इस मुहावरे से यह भी साफ समझ मे आता है की जब कोई किसी की सचाई समाने ला देता है तो इसे ही इसका अर्थ कहा जाता है अर्थात् सचाई सामने ‌‌‌लाना । इस तरह से आप अर्थ भी समझ गए होगे ।

कच्चा चिट्ठा खोलना मुहावरे का तात्पर्य क्या होता है || What is the meaning of kachcha chittha kholna in Hindi

दोस्तो kachcha chittha kholna एक ऐसा मुहावरा है जिसके बारे में आपको अभी तक हमने इतना कुछ बता दिया है जिसके कारण से आप इस मुहावरे को अच्छी तरह से याद कर लिया है ।

दोस्तो आप kachcha chittha kholna नाम से ही यह समझ सकते है की यह कुछ ऐसी बातो को समाने लाने के बारे में कहा जा रहा है जिसके बारे में लोगो को पता नही होता है । और आपको पता है की इस तरह की जो बाते होती है उन्हे गुप्त बाते कहा जाता है । या फिर हम गुप्त भेद भी कह सकते है ।

और आप इस गुप्त भेद खोलने के नाम से यह समझ सकते हे है की इस मुहावरे का सही अर्थ यही है । क्योकी kachcha chittha kholna भी गुप्त भेद खोलने की तरह ही होता है और यह आप समझ सकते है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।